**राधास्वामी!! 06-01-2021- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) कहाँ लग कहूँ कुटिलता मन की। कान न माने गुरु के बचन की।।जो कोई जिससे रूठे भाई। सोई तिसको लेय मनाई।।-(कर बिबेक मन को समझावे। या सतगुरु की दया समावे।।) (सारबचन-शब्द-पहला-पृ.सं.237)
(2) जगत भय लज्जा तज देव मीत।।टेक।। कपट छोड कर सतसँग गुरु का। धारो मन में गुरु की नीत।।-(प्रेम सहित गुरु आरत धारो। राधास्वामी चरन बसाओ चीत।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-20-पृ.सं.382)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
No comments:
Post a Comment