**राधास्वामी!! 05-01-2021- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) कहाँ लग कहूँ कुटिलता मन की। कान न माने गुरु के बचन की।। जैसे सब जग में महा भिखारी। दीन गरीबी उन सब धारी।।-(हाहा खाओ चरन पखालो। आपस में तुम हिल मिल चालो।।) (सारबचन-शब्द-पहला-पृ.सं.236,237)
(2) आज चलो मनुआँ घर की ओर।।टेक।। निज घट का ले भेद गुरु से। जल्दी चाल़ घट में दौड।।-(राधास्वामी चरनन जाय समाओ। घट के सबही परदे फोड।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-19-पृ.सं.381)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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