**राधास्वामी!! 07-01-2021- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) कहाँ लग कहूँ कुटिलता मन की। कान न माने गुरु के बचन की।। सतगुरु दया बिना नहिं होई। बिन बिबेक नहिं जावे खोई।।-(जो बल उसका पेश न जावे। तौ सतगुरु से बिनती लावे।।-(सारबचन-शब्द-पहला-पृ.सं.238)
(2) हाल जग देखो दृष्टि खोल।।टेक।। सब जग जात चला छिन छिन में। कोई वस्तु यहाँ नही अडोल।।-(राधास्वामी सरन धार अब मन में। सहज चलो धुर धाम अबोल।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-21-पृ.सं.382-383)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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