Thursday, August 19, 2021

ग्रेसियस हुज़ूर डॉ. सत्संगी साहेब पर डॉ. अन्ना होरात्शेक की कविता:-*

 *Dr. Anna Horatschek’s Poem to Gracious Huzur*



**No, You do not have the eyes of the Buddha,*

**Watching the indifferent world.*

*Unseen, unseen.*


*Yours are two pools, clear and still,**

*Tenderly shaded by lashes.*

*As butterfly’s wings, silkily breathing the sun.*

**Yours are two chasms of fire and pain,*

**Once they send shafts of light at my soul,**

*In a flash of mutual recognition.👆**


🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼



**ग्रेसियस हुज़ूर पर डॉ. अन्ना होरात्शेक की कविता:-*



 *नहीं, तुम्हारे पास बुद्ध की आंखें नहीं हैं,*

 *उदासीन दुनिया देखना।*

 *अनदेखा, अनदेखा।*

 *आपके दो ताल हैं, साफ़ और स्थिर,*

 *चमक से कोमलता से छायांकित।*

 *तितली के पंखों की तरह सूरज की रेशमी सांस लेते हुए।*

 *तेरी आग और दर्द की दो खाई हैं,*

 *एक बार वे मेरी आत्मा पर प्रकाश की किरणें भेजते हैं,*

 *आपसी मान्यता के एक फ्लैश में।*

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