राधास्वामी!! - /13-08-2021-आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
सतगुरु प्यारे ने निभाई, खेप हमारी हो।।टेक।।
नइया मोर बहत मँझधारा। गुरु बिन कौन लगावे पारा। वही जीव हितकारी हो।१।
सतगुरु दीन दमाल हमारे। मेहर करी मोहि लीन सम्हारे। भौसागर पार उतारी हो।२।
बचन सुना दई अगम निशानी। सुरत शब्द मारग दरसानी। स्रुत गगना और सिधारी हो।३।
लख लख जोत सूर और चंदा। तोड अंड फोड़ा ब्रह्मांडा। भँवरगुफा धुन धारी हो।४।
मेहर हुई लखिया सत नूरा। अलख अगम की हो गई धूरा। राधास्वामी काज सँवारी हो।५।
(प्रेमबानी-3-शब्द-31-पृ.सं.128,129)
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
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