*राधास्वामी!! -/ 16-08-2021-आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
सतगुरु प्यारे ने निकारे, मन के बिकारा हो।।टेक।।
सत्सँग में गुरु लीन लगाई ।
बचन सुना मेरी समझ बढ़़ाई।
मेहर से दीन सहारा हो।१।
अपने चरन की प्रीति बसाई ।
सुरत शब्द की राह बताई।
भेद दिया घट सारा हो।२।
कर अभ्यास मलिनता नाशी।
घट में शब्द किया परकाशी।
सुरत चढ़ी नौ पारा हो।३।
पाँच रंग निरखे तत सारा।
चमक बिजली चंद्र निहारा।
फोड़ा तिल का द्वारा हो।४।
गुरु पद लख निरखासत सूरा।
का अलख अगम का पाया नूरा।
राधास्वामी धाम निहारा हो।५।
(प्रेमबानी-3-शब्द-34- पृ.सं.132 )
🙏🏻राधास्वाम🙏🏼
राधास्वामी!! - / 16-08-2021-आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
छिन छिन मैं तुम्हरे आधारी।
पल पल तुम्हरी याद सम्हारी।
चरन तुम्हार हिये में धारी।
अंग अंग से करूँ पुकारी
। हे राधास्वामी पिता दयार। लीजे मुझ को आज उबार।१।
भरमत रही जगत के माहिंँ।
तुम से मिल अब पाई ठायँ।
दृढ कर पकड़ी तुम्हरी बाँह।
राखो मोहि चरन की छाँह।
हे राधास्वामी अगम अपार। मोहि दिखाओ निज दीदार ।२।
अनेक बिकार धरे थे मन में।
दुखित रही मैं निस दिन तन तन में।
दया तुम्हारी परख अपन में।
सुखी हुई और रहूँ मगन मैं।
हे राधास्वामी परम उदार। तुमरी दया का वार न पार।३।
•••••••कल से आगे••••••
मानत रही ब्रह्म और देवा।
बहु दिन करत रही उन सेवा।
जब तुम मिले परम सुख देवा।
तब पाया धुर घर का भेवा।
हे राधास्वामी किरपा धार। भेद दिया तुम निज घर बार।४।
मैं अति नीच निकाम नकार।
नख सिख औगुन भरे बिकार।
तुम दरशन दे लिया सम्हार।
तन मन के मेरे तुम रखवार।
हे राधास्वामी कुल दातार। मोहि निरगुन को लिया सुधार।५।
महिमा तुम्हरी क्योंकर गाई।
कहत कहत मैं कहत लजाई।
मेहर करी मोहि लिया अपनाई।
निज चरनन की दई सरनाई।
हे राधास्वामी कुल करतार। सब रचना तुम्हें आधार।६।
वाह वाह तुम सतगुरु पूरे।
वाह वाह तुम समरथ सूरे।
रूप तुम्हार सिंध सत नूरे।
सदा रहूँ तुम चरन हज़ूरे।
हे राधास्वामी दया बिचार। रखो मोहि निज चरनन लार।७।
(प्रेमबानी-1-शब्द-15-पृ.सं.130,131,132)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻 🙏🏼🙏🏼
🙏🏼🙏🏼
: राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफल कर ले।
राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफलतर कर ले।
राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफलतम कर ले।।
राधास्वामी सुमिर सुमिर ध्यान भजन से। जनम सुफलतर कर ले।
राधास्वामी सुमिर सुमिर ध्यान भजन से। जनम सुफलतम कर ले।।
राधास्वामी सुमिर सुमिर रूनझुन शब्द सुनाई हो।।
राधास्वामी सुमिर सुमिर रूनझुन शब्द सुनाई हो।।
राधास्वामी दोउ रिमझिम मेघा
एवं रूनझुन शब्द मिलाई हो।।
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*राधास्वामी सुमिरन-ध्यान-भजन से* 💥
*💥 🌹!! जनम सुफ़ल कर ले !!🌹 💥*
💥 *राधास्वामी सुमिरन-ध्यान-भजन से* 💥
*💥 🌹!! जनम सुफ़लतर कर ले !!🌹 💥*
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*💥 🌹!! जनम सुफ़लतम कर ले !!🌹 💥*
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*💥राधास्वामी सुमिर-सुमिर, ध्यान-भजन से*
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*💥राधास्वामी सुमिर-सुमिर, ध्यान-भजन से*
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*💥 💥 राधास्वामी सुमिर-सुमिर, 💥 💥*
*💥 💥 रुनझुन शब्द सुनाई हो ! 💥 💥*
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*💥 💥 रुनझुन शब्द सुनाई हो ! 💥 💥*
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*💥राधास्वामी दोऊ, रिमझिम मेघा !💥*
*💥 एवं रुनझुन शब्द मिलाई हो ! 💥 💥*
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*💥 एवं रुनझुन शब्द मिलाई हो ! 💥 💥*
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