: राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफल कर ले।
राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफलतर कर ले।
राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से। जनम सुफलतम कर ले।।
राधास्वामी सुमिर सुमिर ध्यान भजन से। जनम सुफलतर कर ले।
राधास्वामी सुमिर सुमिर ध्यान भजन से। जनम सुफलतम कर ले।।
राधास्वामी सुमिर सुमिर रूनझुन शब्द सुनाई हो।।
राधास्वामी सुमिर सुमिर रूनझुन शब्द सुनाई हो।।
राधास्वामी दोउ रिमझिम मेघा
एवं रूनझुन शब्द मिलाई हो।।
As per announcement in khet
*Gracious Huzur ke vapsi ke baad satsang hall mein preeti bhoj hoga*
: **राधास्वामी! 31-08-2021-आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
आनंद हरख अधिक हिये छाया ।
दास प्रेम रंग आरत लाया ॥१ ॥
प्रीति रीति का थाल सजाया ।
शब्द प्रतीति जोत जगवाया ॥२ ॥
बाजे अनहद सरस बजाया ।
मन अपंग को अधर चढ़ाया ॥ ३ ॥
गुरु चरनन में माथ नवाया ।
काल करम का दाव चुकाया ॥४ ॥
सतगुरु सेवा अति मन भाई ।
अमी सरोवर जल भर लाई ॥ ५ ॥
भँवरगुफा चढ़ सतपुर धाई ।
सत्तपुरुष धुन बीन सुनाई ॥६ ॥
अलख अगम के पार सिधाई ।
राधास्वामी के दरशन पाई ॥७ ॥
उमँग उमँग कर आरत गाई ।
दया मेहर परशादी पाई ॥८ ॥
प्रेम प्रीति चरनन में लागी ।
जगत भाव भय लज्जा त्यागी ॥९ ॥
रोग सोग संशय सब टारे ।
चरन कँवल मेरे प्रान अधारे ॥१० ॥
नित नित महिमा राधास्वामी गाऊँ । चरन कँवल पर बल बल जाऊँ ॥११ ॥
अब आरत यह हो गई पूरी । राधास्वामी चरनन रहूँ हजूरी ॥१२ ॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-9-पृ.सं.144,145)**
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