*राधास्वामी! 29-08-2021(रविवार)-
आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-*
*सतगुरु प्यारे ने सुनाई ।
प्रेमा बानी हो ॥ टेक ॥
सुन सुन बचन प्रेम भरा मन में ।
फूली नाहिं समाऊँ तन में ।
हरख हरख हरखानी हो ॥१ ॥
मन और सुरत सिमट कर आये ।
गुरु मूरत हिये में दरसाये ।
हुई चरनन मस्तानी हो ॥२ ॥
छिन छिन मन अस उमँग उठाई ।
दरशन रस ले रहूँ अघाई ।
चरनन पर कुरबानी हो ॥ ३ ।।*
*बिन दरशन मोहि चैन न आये ।
मुमिर मुमिर पिया जिया घवरावे ।
भावे अन्न न पानी हो ॥४ ॥
बिनय सुनो राधास्वामी प्यारे
चरनन में मोहि राखो सदारे ।
तुम समरथ पुरुष सुजानी हो ॥५।।**
*(प्रेमबानी-3-शब्द-45-पृ.सं.146,147)*
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