🌹🌹राधास्वामी🌹🌹
राधास्वामी धरा नर रुप जगत में।
गुरु होय जीव चिताय।।
परम पुरुष पूरन धनी हुज़ूर स्वामीजी महाराज-राधास्वामी दयाल ने मोहल्ला पन्नीगली, आगरा में [24 अगस्त सन्1818 ई० ] को सोमवार आधी रात साढे बारह बजे स्वामीजी महाराज के रुप में अवतार लिया!
परम पुरुष पूरन धनी हुज़ूर स्वामीजी महाराज अवतारन दिवस् की समस्त सतसँग जगत व प्राणी मात्र को बहुत बहुत बधाई।
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: राधास्वामी! 24-08-2021-
आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
सतगुरु प्यारे ने सुनाई ,जुगत निराली हो ॥ टेक।।
सुन गुरु बचन हुई परतीती ।
गुरु ने सिखाई भक्ती रीती ।
लीना मोहि सम्हाली हो ॥१ ॥
सतसँग करत भाव बढ़ा दिन दिन । प्रीति लगी अब राधास्वामी चरनन । खुल गया भेद दयाली हो ॥२ ॥
उमँग उठी सेवा की भारी ।
तन मन धन गुरु चरनन वारी ।
हो गई आज निहाली हो ॥३ ॥
शब्द भेद गुरु दीन जनाई ।
धुन सँग सूरत उमँग लगाई ।
निरखा रूप जमाली हो ॥४ ॥
मन इच्छा गुरु दीन सुलाई ।
काल करम वल सबहि नसाई ।
बिघन बिकार निकाली हो ॥५ ॥ मेहर से दिया गुरु खेत जिताई ।
सरन धार गुरु चरन समाई ।
मिट गई खामखयाली हो ॥६ ॥
सतगुरु सुरत सिंगार कराया । राधास्वामी प्यार से गोद बिठाया ।
नित घट होत दिवाली हो ॥ ७ ॥
दरशन कर मेरी गति हुई कैसी ।
मीन मगन होय जल में जैसी ।
दूर हुए दुख साली हो ॥ ८ ॥
प्यारे राधास्वामी गुन कस कह गावा । मंत रूप धर काज बनावा ।
अटल जोत घट बाली हो ॥९ ॥
आओ रे आओ जिव सरनी आओ । राधास्वामी चरनन प्रेम बढ़ाओ ।
छूटे सबहि बेहाली हो ॥१० ॥
मेहर करें राधास्वामी गुरु प्यारे ।
छिन छिन तुमको लेहिं उबारे ।
गति पावो आज मराली हो ॥११ ॥
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
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