**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज -
रोजाना वाक्यात- 4 फरवरी 1933- शनिवार:-
आज फैसला किया गया कि राजाबरारी चलें और वहाँ के लोगों का हाल-चाल देखें। 12 फरवरी को रवानगी का इरादा है। खबर आई है कि 1 गोंड को शेर ने मार डाला है और पाले ने फसलों को बहुत नुकसान पहुँचाया है।। क्लियोपैट्रा की जीवनी खत्म की। 320 पृष्ठ की किताब है। बड़ी शिक्षाप्रद दास्तान है। क्लियोपैट्रा मिश्र की मलिका थी। जूलियस सीजर और एन्टोनी दोनों एक के बाद दूसरा उसके प्रेमजाल में गिरफ्तार हुए । जुलियस सीजर तो ब्रूटस के हाथ से कत्ल हुआ और एंटोनी जिसने बड़ी-बड़ी बादशाहतें फतेह की और जूलीयस सीजर की मृत्यु के बाद रोम का झंडा ऊंचा रखा , एक बीमारे मोहब्बत की मौत मरा। संतुलन से गुजर जाने पर स्त्री, धन वगैरह की मोहब्बत दीन व दुनिया दोनों का सत्यानाश कर देती है।
अंततः क्लियोपैट्रा को एंटोनी के दुश्मन औक्टेवियस ने कैद कर लिया। लेकिन उसने अपने तई एक साँप से कटवा कर मुक्ति हासिल कर ली। किताब के पढ़ने से मालूम होता है कि बड़े-बड़े जनरल और बहादुर सिपाही अपने मन के वैसे ही गुलाम होते हैं जैसी मामूली आदमी । और उनके अंदरूनी जिंदगी वैसे ही कड़वी होती है जैसी मामूली आदमियों की ।
जो शख्स अपने मन की बागडोर तान कर रखता है और दुनिया के सामान से कारजमात्र ताल्लुक कायम करता है वही आजादी की जिंदगी बसर कर सकता है और वही दौरान जिंदगी में आयंदा के लिए कुछ कमाई कर सकता है। दुनिया की अमीरी गरीबी इस मामले में न मददगार होती है न बाधक।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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