क्या खायें, क्या न खायें
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खाने पीने पर आपका नियंत्रण होना आवश्यक है । तभी आप स्वस्थ रह सकते हैं ।
अपने शरीर की प्रकृति को पहचानना स्वास्थ्य का पहला लक्षण है । जो व्यक्ति ऐसा कर पाता है, वह पूरे जीवन स्वस्थ रहता है और जो अपने को नहीं पहचान पाता, वही रोगी होता है, दुखी होता है और तकलीफें पाता है ।
कफवर्धक आहार
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घी, तेल, दूध, लस्सी,पनीर, दही। प्याज, आलू, उडद की दाल, चने की दाल, अरबी, शकरकन्दी, फूलगोभी, बंदगोभी, शिमला मिर्च, टमाटर, लहसुन, मशरुम।
संतरा, सेब, केला, ग्लूकोज, बिस्कुट, गेहूं का आटा, ब्रेड।
जिनको शरीर में कफ ज्यादा हो, कफ की प्रकृति हो । वे इन चीजों को ना खाएं ।
कफनाशक आहार
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अदरक, हल्दी, तुलसी, काली मिर्च, शिलाजीत, मुलेहठी, आमलकी रसायन, काला बांसा, जौ की रोटी, मूंग दाल, घीया, तोरई, जीरा, सेंधा नमक, मीठा अनार, चीकू, नारियल पानी।
पित्तवर्द्धक आहार
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चटपटे, नमकीन, मसालेदार और तीखे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन । ज्यादा मेहनत करना, हमेशा मानसिक तनाव और गुस्से में रहना । अधिक मात्रा में शराब का सेवन । सही समय पर खाना ना खाने से या बिना भूख के ही भोजन करना
ज्यादा सेक्स करना । तिल का तेल,सरसों, दही, छाछ खट्टा सिरका आदि का अधिक सेवन । गोह, मछली, भेड़ व बकरी के मांस का अधिक सेवन
पित्त नाशक आहार
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घी का सेवन सबसे ज्यादा ज़रुरी है। गोभी, खीरा, गाजर, आलू, शिमला मिर्च और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
सभी तरह की दालों का सेवन करें। एलोवेरा जूस, अंकुरित अनाज, सलाद और दलिया का सेवन करें। नारियल, तरबुज, खीरा, निम्बू, अंकुरित मूंग, छाछ, अलसी के बीज, पुदीना, नीम की पत्तियां ।
वात वर्द्धक आहार
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साबुत अनाज जैसे कि बाजरा, जौ, मक्का, ब्राउन राइस आदि के सेवन से परहेज करें। किसी भी तरह की गोभी जैसे कि पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली आदि से परहेज करें। जाड़ों के दिनों में ठंडे पेय पदार्थों जैसे कि कोल्ड कॉफ़ी, ब्लैक टी, ग्रीन टी, फलों के जूस आदि ना पियें। नाशपाती, कच्चे केले आदि का सेवन ना करें।
वात नाशक आहार
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घी, तेल और फैट वाली चीजों का सेवन करें।
गेंहूं, तिल, अदरक, लहसुन और गुड़ से बनी चीजों का सेवन करें। नमकीन छाछ, मक्खन, ताजा पनीर, उबला हुआ गाय के दूध का सेवन करें। घी में तले हुए सूखे मेवे खाएं या फिर बादाम,कद्दू के बीज, तिल के बीज, सूरजमुखी के बीजों को पानी में भिगोकर खाएं। खीरा, गाजर, चुकंदर, पालक, शकरकंद आदि सब्जियों का नियमित सेवन करें। मूंग दाल, राजमा, सोया दूध का सेवन करें।
बड़ी सौंफ, हींग, अजवाइन, हरड़, दालचीनी, मट्ठा, लौंग, नारियल, ककड़ी, लहसून, अदरक, पुदीना, अजमोठ, कद्दु, खट्टे फल :---खट्टे फलों की श्रेणी में संतरा, नींबू, अंगूर, मौसंबी, हरा नींबू और माल्टा शामिल है। ये फल विटामिन सी के अच्छे स्रोत होने के साथ ही ये सुगंध और स्वाद के लिए भी जाने जाते है |
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