**राधास्वामी!! 02-01-2021- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) कहाँ लग कहूँ कुटिलता मन की। कान न माने गुरु के बचन की।। गुरु समझावें सीख न मानें। मनमति अपनी फिर फिर ठानें।। -(तुम से काल जबर नहिं होई। काटो फंदा जम का सोई।।) (सारबचन-शब्द-पहला-पृ.सं.235)
(2) बचन गुरु मनुआँ लो आज मान।।टेक।। संसारी जीवन का सँग कर। क्यों तू गुरु से धरता मान।।-(चरन सरन दे अधर चढावें। राधास्वामी चरनन जाय समान।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-16-पृ.सं.379)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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