: **राधास्वामी!! - 29-07-2021-आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
सतगुरु प्यारे ने सिखाई, भक्ति रीती हो।।टेक।।
सब जिव भूल रहे जग माहीं। बिन गुरू को घर भेद सुनाई। को लावे परतीती हो।१।
जब गुरु मिलें भाग से पूरे। करम भरम सब होवें दूरे। चरनन में दें प्रीति हो।२।
सतसँग कर नित प्रीत बढाना। सेवा कर नई उमँग जगाना। छूटे जग बिपरीति हो।३।
शब्द भेद दे सुरत चढावें।भौसागर के पार पहुँचावें। काल करम दल जीती हो।४। राधास्वामी
चरन मिला बिसरामा। दूर हुए सब अर्थ और कामा। हुई सुफल उमरिया बीती हो।५।
(प्रेमबानी-3-शब्द-16-पृ.सं.112,113)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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*राधास्वामी सुमिरन-ध्यान-भजन से*
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जनम सुफ़लतम कर ले !!🍀🎋🍀
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*🍀🎋🍀राधास्वामी सुमिर-सुमिर, ध्यान-भजन से*
*🍀🎋🍀! जनम सुफ़ल कर ले !!
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राधास्वामी सुमिर-सुमिर, ध्यान-भजन से*
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! जनम सुफ़लतम कर ले !!
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राधास्वामी सुमिर-सुमिर,
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रूनझुन शब्द सुनाई हो ! 🍀🎋🍀
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राधास्वामी!!* *
*29 -07-2021-आज शाम में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
मेरे प्यारे गुरु दातार। मँगता द्वारे खड़ा।१।*
**मैं रहा पुकार पुकार ।मेहर कर देखो जरा।२।
मोहे दीजे भक्ति दान। काल दुख बहुत दिया।३।
मेरे तड़प उठी हिये माहिं। दरस को तरस रहा।४।*
*बरसावो घटा अपार। प्रेम रँग दीजे बहा।५।*
*स्रुत भींजे अमी रस धार। तन मन होवे हरा।६।*
*मेरा जन्म सुफल हो जाय। तुम गुन गाऊँ सदा।७।* *
मैं नीच अधम नाकार तुम्हारे द्वारे पड़ा।८।* *
मेरी बिनती सुनो धर प्यार। घट उमगावो दया।९।
राधास्वामी पिता हमार। जल्दी पार किया है।१०।* *(
प्रेमबानी-1- शब्द-6 ,पृ.सं. 113,114)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻*
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