राधास्वामी!! 18-07-2021- आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
प्रीतम प्यारे से प्रीति लगी। मेरा दरशन को जियरा तरसे।१।
बेकल चित रहूँ बिरह दीवानी। नहिं कहिं मन सरसे।२।
नित्त उदास रहूँ घट अंतर। काँपत रहूँ कल डर से।३।
उलट पलट कर चढ गगना पर। तब पिया प्यारे का पद परसे।४।
दरशन रस लेउँ तब सुख पाऊँ। दिन दिन नया आनँद दरसे।५।
राधास्वामी हुए हैं सहाई। काढ़ लिया मोहि जम घर से।६।
दया मेहर के बादल छाये। प्रेम उमँग धारा बरसे।७।
भींज रही अब सुरत रँगीली। पिया सुख लेत अधर घर से।८।
राधास्वामी चरन अधारी। काट दिये कल मल जड़ से।९।
( प्रेमबानी-1- शब्द-5-पृ. सं.101,102)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
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