🌹राधास्वामी🌹/ बच्चे अधखिले फुल का एक गुलदस्ता🌷
🌹परम पूज्य हुज़ूर डा. लाल साहब का संदेश, 1-2-1990 एक अंश ❄️
❄️बच्चे नन्ही कलीयां अधखिले फुलों का एक गुलदस्ता आपके सामने पेश है,
❄️अब इन फुलों को कैसे और खिलाया जाय, और बड़ा कीया जाय ताकि यह फल दायक वृक्ष हो सकें, और उनसे सतसंग को आगे फैला सकें,
❄️यह कहने में कोई हर्ज नहीं है कि इस बात की जिम्मेदारी सभा मेम्बर, और रीजनल मेम्बर की ही नहीं बल्कि हर एक सतसंगी भाई बहन के ऊपर है,
❄️इन बच्चों को बाताबरण ऐसा मिले, रक्षा इनकी ऐसी हो शिक्षा इनकी ऐसी हो, कि यह आगे चलकर एक उत्तम सतसंगी बन सकें,
❄️तो बच्चे तो बडो़ की ही मिशाल का अनुकरण कर सकते हैं, उनके पदचिह्न पर चल सकते हैं, उन्ही का हुक्म मान सकते हैं,
❄️यह तभी होगा जब बडे़ अपने विचार और आचरण और सामाजिक आर्थिक ब्यवहार से ऐसी मिशाल पेश करें, कि बच्चे उससे प्रभावित हो करके और आगे बडे़,
❄️हमको हुज़ूर मेहताजी महाराज ने यह संदेश दिये है, सबको मिलजुल करके मेहनत के साथ काम करना चाहिए, हर एक को परिश्रमी, दयावान, और विचारशील और हुज़ूर राधास्वामी दयाल के सच्चे भक्त बनना चाहिए,
❄️अनुशासन की भी सख्त जरुरत इन कामों में पडती है,
❄️किसी भी संस्था को किसी भी संगठन को, किसी भी संगत को आगे बढ़ना चाहते हैं तो इन सब बातों पर अमल करना जरूरी है
🙏🌷राधास्वामी
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