**राधास्वामी!! 11-07-2021- (रविवार)-आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-
(1) गुरु चरन धूर कर अंजन। हिये नहीं न खुलें मन मंजन।ः(यह आरत दोना गावन। राधास्वामी किया बखानन।।) (सारबचन-शब्द-15 -पृ.सं. 199,200-विशाखापत्तनम दयालनगर ब्राँच-अधिकतम उपस्थिति-129)
(2) गुरु प्यारे की सरन सम्हारो, धर मन परतीत।।टेक।।
-(मुरली धुन सुन सतपुर धाई। अलख अगम के पार चढाई। गाऊँ राधास्वामी गीत।।) (प्रेमबानी-3-शब्द-25-पृ.सं.93,94)
सतसंग के बाद:-
(1) राधास्वामी मूल नाम।।
(2) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।
(3) बढत सतसंग अब दिन दिन। अहा हा हा ओहो हो हो।।(प्रे. भा. मेलारामजी)
सतसंग के बाद विद्यार्थियों के द्वारा पढे गये पाठ:-
(1) गुरु तारेंगे हम जानी। तू सुरत काहे बौरानी।।
-(चढ बैठो अगम ठिकानी। राधास्वामी कहत बखानी।।) (रत्नाञ्जली-पृ.सं.92-सारबचन)
(2) आज गुरु आये जग तारनः अहा हा हा ओहौ हो हो।।रुप उन धारा मनभावन। अहा हा हा ओहो हो हो।।-(रत्नाञ्जली-पृ.सं.119,120-प्रेमबानी-2)
(3) राधास्वामी झूलत आज हिंडोला। गगन मँडल धुन अद्भुत बोला।।(सारबचन-शब्द-4-पृ.सं.856,857)
(4) मन मोरा गुरु संग लाग हो।।टेक।। गुरु सँग प्रीति करो तुम ऐसु। जस जोती सँग नयना। पल बिसरे कुछ सूझे नाहीं। घोरमघोर ही रैना (हो)।।
(प्रेमबिलास-शब्द-111-पृ.सं.166,167)
(5) तमन्ना यही है कि जब तक जिऊँ।चलूँ या फिरुँ या कि मेहनत करूँ।। पढूँ या लिखूँ मुँह से बोलू कलाम। न बन आये मुझसे कोई ऐसा काम।। जो मर्ज़ी तेरी के मुवाफ़िक़ न हो। रज़ा के तेरी कुछ मुख़ालिफ़ जो हो।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
**सभी लोग कृपया ध्यान दें ,
जब भी आप दर्शन के लिए खड़े हो, आप अपना चश्मा उतार कर रखेगे हाथ में, तो उससे आई टू आई कांटेक्ट होगा, और उससे ज्यादा इंपैक्ट होगा।
(आज सुबह खेतों में बार बार एनाउस हुआ है।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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