**राधास्वामी!! 05-07-2021- परम गुरु हुज़ूर डा० एम०बी०लाल साहब जी- आरती के अवसर पर पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
आरत सतगुरु की अब करहूँ छिन छिन सुरत शब्द में धरहूँ।१।
आरत सामाँ सजूँ बनाई। थाल सुचेती कर में लाई।२।
जोति सुजानी लीन जगाई। रुप सुदर्शन घट में पाई।३।
सतसंगी सब मीत सुमीता। घट परताप बढा मन जीता।४।
भक्ति भाव सँग भोग लगाऊँ। अमी सिंध जल अमृत लाऊँ।५।
बैठ सिंघासन सतगुरु गाजे। जोति निरंजन दोनों लाजे।६।
अब आरत सनमुख मैं फेरी। कृपादृष्टि से सतगुरु हेरी।७।।
•••पुरुष पाठ पार्टी•••
कहाँ लग महिमा उनकी गाऊँ। बार बार चरनन बलि जाऊँ।८।
मैं अति दीन हीन अधीनी। वे दयाल किरपाल क़दीमी।९।
सुरत शब्द मारग दिया पूरा। घट में बजने लगा तँबूरा।१०।
नौबत छिन छिन झडने लागी। सुरत निरत चढ चढ अब जागी।११।
घाट त्रिवेनी किये अस्नाना।सुन्नमँडल चित जाय समाना।१२।
आरत सब विधी पूरी धारी।राधास्वामी किरपा कीन्ही भारी।१३।।
•••महिला पाठ पार्टी••• (सारबचन-शब्द-5-पृ.सं.182,183)**
No comments:
Post a Comment