राधास्वामी!! 10-07-2021-आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
गुरु प्यारे के बचन अमोला, उर धार रहूँ।।टेक।।
निज घर का गुरु भेद जनाई। राधास्वामी महिमा अधिक सूनाई। हिये उमँग भरुँ।१।
सहज जोग स्रुत शब्द कहावा।
सो गुरु मेहर से मोहि समझावा। स्रुत तान रहूँ।२।
नित अभ्यास मैं करूँ सम्हारी।
हरखूँ घट में निरख उजारी। गुरु सेव करुँ।३।
प्रीति जगी अब मन में भारी।
गुरु सम रक्षक कोइ न बिचारी। नित ध्यान धरूँ।४।
दीन जान मो पै कीनी दाया।
राधास्वामी प्यारे अंग लगाया।
जस गाय रहूँ।५।
(प्रेमबानी-3-शब्द-24-पृ.सं.92,93)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
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