राधास्वामी!! - 28-07-2021-आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
सतगुरु प्यारे ने जगाया, अचरज भागा हो ।।टेक।।
बहु दिन सोई मोह नींद में।
मन सँग भरमी जुगन जुगन में।
धर भोगन में रागा हो।१। सतगुरु मिले मोहि बचन सुनाये।
सतसंगत में लीन लगाये।
बढत चरन अनुरागा हो।२। ध्यान धरत तन मन हुआ निश्चल।
भजन करत मेरा चित हुआ निरमल। जगत मोह अब त्यागा हो।३।
गुरु चरनन में प्रीति बढावत।
संशय तज परतीत द्दढावत।
मनुआँ धुन रस पागा हो।४।
मेहर करी राधास्वामी गुरु प्यारे।
तीन लोक के किया मोहि पारे।
सहज प्रेम रँग लागा हो।५। .
(प्रेमबानी-3-शब्द-15-पृ.सं.111,112 )
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
राधास्वामी!! - 28-07-2021-आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला पाठ:-
बिनती करुँ पुकार पुकारी। तीन ताप में जीव दुखारी।।••••••••
अधर धाम से तुम चल आए। जीव दया निज हृदे बसाए।१०।
मैं अति नीच निकाम नकारा। गहे आय तुम चरन दयारा।११।
अब क्यों देर लगाओ एती। उमर जाय मेरी छिन छिन बीती।१२।
दीन अधीन करूँ मैं बिनती।
।तुम दाता मेरे सतगुरू संती।१३।
भूल चूक अब बख्शो मेरी।
दमा मेहर अब करो घनेरी।१४। निर्मल कर मन सुरत चढाओ।
प्रेम दान दे चरन लगाओ।१५।
घट में मोहि निज दरशन दीजे।
तब मन सुरत प्रेम रँग भींजे।१६।
मैं अजान कुछ माँग न जाना।
अपनी दया से देव मोहि दाना।१७।
यह पुकार मेरी सुन लीजे।
मेहर दमा अब राधासस्वामी कीजे।१८। (प्रेमबानी-1-शब्द-5-पृ.सं.112,113)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
No comments:
Post a Comment