*राधास्वामी!! -
30-07-2021-आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
सतगुरु प्यारे ने छुडाई, आवागवन की डोरी है।।टेक।।
सतसँग में मोहि सार बुझाया। निज घर का सब भेद सुनाया। करम भरम किये दूरी हो।१।
गुरु सरूप का धारा ध्याना। धुन सँग किया ब्रह्मंड पयाना।
श्याम कंज दल फोडी हो।२। काल करम बहु अटक लगाये।
माया भी नये चरित्र दिखाये। गुरु बल उन मुख मोडी हो।३। त्रि
कुटी जाय सुनी गुरु बानी। सतपुर सतगुरु रुप पहिचानी। अलख अगम स्रुत जोड़ी हो।४।
राधास्वामी निज किरपा धारी। सुरत हुई उन चरनन प्यारी। कुल जग से अब तोडी हो।५।
(प्रेमबानी-3-शब्द-17-पृ.सं.113,114)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
राधास्वामी!! -
30- 07-2021-आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
करूँ बेनती राधा स्वामी आगे। गहिरी प्रीति चरन में लागे।१।
मन चंचल को थिर कर लीजे। दृढ परतीत चरन में दीजे।२।
भोग बासना सब छूट जावे। करम भरम संशय हट जावे।३।
मन होय दीन सूरत लौलीना। गुरु चरनन में सदा अधीना।४।
नित्त नवीन प्रीति हिये आवे। सेवा भजन करत रस पावे।५।
सत्सँग की चाहत रहे निस दिन। हरख हरख नित गावे तुम गुन।६।
काल करम से लेव बचाई। सुरत शब्द की करूँ कमाई।७।
यह अर्जी मेरी सुन लीजे। किरपा कर मोहि ज़ीबख़्शिश दीजे।८।
राधास्वामी दाता दीनदयाला । अपनी दया से करो निहाला।९।
मैं बलहीन नहीं गुन कोई। चरन तुम्हारे पकड़े सोई।१०।
सरन अधार जिऊँ दिन-राती। राधास्वामी २ हिये बिच गाती।११।
राधास्वामी मात पिता पति मेरे। राधास्वामी चरनन सुख घनेरे।१२।
राधास्वामी बिना कोई नहिं बाचे। राधास्वामी हैं गुरु सतगुरु साँचे।१३।
राधास्वामी दया करें जिस जन पर। सोई बचे शब्द धुन सुन कर।१४।
दीनदयाल जीव हितकारी। राधास्वामी पर छिन २ बलिहारी।१५।
(प्रेमबानी-1- शब्द-7- पृ.सं.114 ,115,116)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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