*राधास्वामी!! 04-07-2021- आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
सखी री मेरे राधास्वामी परम पियारे।।टेक।।
अपने गुरु पै मैं बल बल जाऊँ।
आप आय मोहि तारे।१। मैं अनजान भरम बस रहता। भेद दिया मोहि सारे।२।
काल करम को छिन में टारा। जग से किया मोहि न्यारे।३।
सहज जोग की जुगत बताई। सूरत शब्द लगा रे।४।
चढी सुरत गगना पर धाई। झाँक रही दस द्वारे।५।
वहाँ से चली अधर पद प्यारी। पहुँची सत दरबारे।६।
राधास्वामी चरन सरन पर। मैं छिन छिन बलिहारे।७।
(प्रेमबानी-1-शब्द-7-पृ.सं.85,86)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
: *भक्ति आग की तरह है* |
*सुमिरन घी की तरह है* |
*यदि हम चाहते हैं कि भक्ति की आंच धीमी ना पड़े, तो...*
*साँस- साँस में सुमिरन का घी डालते रहें* |
राधा स्वामी जी 🙏🏻
🙏🙏 राधास्वामी 🙏🙏
🙏राधास्वामी 🙏
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