**राधास्वामी!! 23-07-2021- आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
सतगुरु प्यारे ने दृढाया,
निज नाम पियारा हो।।टेक।।
वह निज नाम है राधास्वामी नामा।
ऊँच से ऊँच है तिस का धामा।
कुल रचना का अधारा हो।१।
जहँ नहिं पारब्रह्म और माया।
काल करम नहिं और नहिं काया।
वह पद सब से न्यारा हो।२।
जहँ धुन नाम रसीली बोले।
सुन सुन स्रुत आनँद से फूले।
लख पद अपर अपारा हो।३।
जहाँ हंसन का सदा बिलासा।
पुरुष दरस बिन और न आसा।
तज दिये भोग असारा हो।४।
मैं अति दीन पड़ी गुरु चरना।
सब बल तज गही राधास्वामी सरना।
नहिं कोइ और सहारा हो।५।
(प्रेमबानी-3-शब्द-11-पृ.सं.106,107) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
: **राधास्वामी!! 23-07-2021-
आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु। मेरी सुरत चुनरिया रँग दो।१।
प्रेम सिंध तुम अगम अपारा। मोहिं प्रेम दिवानी कर दो।२।
रंग भरे रँग ही बरसावो। मेरे मन की कलसिया भर दो।३।
मन मोहन निज रुप तुम्हारा। मेरे हिये मुकर में धर दो।४।
मन माया से अलग बचा कर। मोहि अजर अमर धुर घर दो।५।
बहु दिन बीते करत पुकारा। मेरी आसा पूरन कर दो।६।
काल करम मोहि बहु भरमावत। पाँचो चोर पकड़ दो।७।
जित जाऊँ तित काल भुलावत । चरनन में चित मोर जकड दो।८।
तुम दाता क्यों देर लगावो। अब तो जल्दी कर दो।९।
कहाँ लग कहूँ कहन नहिं आवे। माँगू सो मोहि बर दो।१०।
राधास्वामी प्रीतम प्यारे। मोहि नित नित अपना सँग दो।११।
(प्रेमबानी-1-शब्द-3-पृ.सं.107,108)
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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