**राधास्वामी!! -
01-08-2021-(रविवार) आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाtला दूसरा पाठ:-
सतगुरु प्यारे में सुनाई, अचरज बानी हो।।टेक।।
भरमत रही जगत में बहु दिन। देवी देव करत रही पूजन। पाई न घर की निशानी हो।१।
वेद शास्त्र और स्मृत पुराना। तौरेत अंजील और कुराना। गुरु बिन भरम कहानी हो।२। सतगुरु मिले मेहर से आई। भेद सुनाय जुगत बतलाई। शब्द सुनूँ अस्मानी हो।३।
घट में अद्भुत लीला दरसे। मन और सूरत चरन जाय परसे। गुरु सरुप पहिचानी हो।४।गुरु की दया ले चाली आगे। पहुँची जहाँ बीन धुन जागे। सतगुरु रुप दिखानी हो।५।
परम पुरुष राधास्वामी प्यारे। उन चरनन में रहूँ सदा रे। आदि अनादि ठिकानी हो।६।
राधास्वामी धाम की महिमा भारी। सब रचना तिस के आधारी। सुरत शब्द की खानी हो।७।(प्रेमबानी-3- शब्द-19 पृ.सं.115, 116 ) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
: 🙏🙏🍀🎋🍀*राधास्वामी सुमिरन-ध्यान-भजन से*
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जनम सुफ़लतम कर ले !!🍀🎋🍀
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*🍀🎋🍀राधास्वामी सुमिर-सुमिर, ध्यान-भजन से*
*🍀🎋🍀! जनम सुफ़ल कर ले !! 🍀🎋🍀
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*🍀🎋🍀राधास्वामी सुमिर-सुमिर, ध्यान-भजन से*
*🍀🎋🍀!! जनम सुफ़लतम कर ले !!🍀🎋🍀
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*🍀🎋🍀राधास्वामी सुमिर-सुमिर, 🍀🎋🍀
*🍀🎋🍀 रूनझुन शब्द सुनाई हो !
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