Saturday, October 3, 2020

प्रकृति का रहस्य

 प्रकृति का रहस्य अनसुलझा है


प्रस्तुति  - कृष्ण  मेहता 


प्रकृति का रहस्य भी अनोखा है आज का इंसान इसे जितना सुलझाता है यह और उलझता जाता है | मानव  विकास  क्रम में विज्ञानं की दुनिया को अनोखा बनाया सारी सुविधाए हासिल की पर अभी तक बहुत सी ऐसी चीजे है जो मानव्  से दूर है मानव्  आज तक यह नही बता पाया कि मनुष्य बौने के रूप में जन्म क्यों लेता है यह आज भी अनुत्तरित प्रश्न है -- आइये आज बौनों की दुनिया में चलते है ------------------------------- 


रहस्य अभी सुलझा नही है कि क्यों दुनिया में बौने पैदा होते है | लेकिन इससे जुड़े तमाम किस्से सुर्खियों में रहते है | बौनों को लेकर अनेक चर्चित कहानिया भी लिखी गयी है | दुनिया के कुछ चर्चित बौनों की जिन्दगी पर कुछ बाते 

इस दुनिया में बहुत से '' बौने '' ऐसे भी हुए है जो अपने आपमें बेमिशाल रहे | आप देखे 17 वी शताब्दी में आस्ट्रेलिया में '' फ्रेबा '' नामक ऐसे बौना हुआ जिसकी लम्बाई मात्र दस इंच थी , उसके गंजे सिर पर हरे रंग के आठ - दस बाल थे उसका वजन मात्र नौ किलो था | यह बौना एक सर्कस में काम करता था और दर्शको के सामने हैरत अंगेज भरे करतब करता था , वह कभी - कभी शेर और भालू से कुश्ती भी लड़ता था और उसकी पीठ पर खड़े होकर सवारी भी करता था | 


आज से 250 वर्ष पूर्व जर्मनी के हेनर्ब शहर में एक अनोखा बौना पैदा हुआ था | जन्म से ही उसके हाथ - पैर न थे | उसके दोनों कन्धो से बिना नाख़ून के उगलियों जैसे मांस के कुछ टुकड़े उभर आये थे | उन्ही से वह उगलियों और हाथो का काम लेता था | हैरत की बात है , हाथ न होते हुए भी वह दाढ़ी बना लेता | पिस्तौल में गोली भरकर हवाई फायर भी कर देता था | यही नही , वह एक अच्छा चित्रकार  भी था | जर्मनी के कई घरो की बैठको में इसकी हँसती मुस्कुराती तस्वीरे आज भी उस जगह की शान बनी हुई है  | 

स्पेन का '' जेनफर '' बौना सन 1802 में पैदा हुआ था उसकी मौत 1884 को हुई | मृत्यु के समय इस बौने की लम्बाई सिर्फ नौ इंच थी | जेनफर ने अदभुत प्रेम कविताएं लिखी थी जो आज भी स्पेन के प्रेमियों के लिए अविस्मर्णीय यादगार तोहफे के रूप में अमर- कृति बनी हुई है | संसार  का सबसे चर्चित बौना 9 अगस्त 1815 को इंग्लैण्ड के '' विर्चा '' गाँव में पैदा हुआ था | 15 वर्ष की आयु में उसका वजन मात्र 28 किलो पौंड तथा कद सिर्फ सवा सात इंच था | यह बौना अक्सर अपना दादा जी की लम्बी कोट में बैठकर घुमने जाता था | न्यूयार्क का '' हडसन  रौबरी '' तो इतिहास का प्रसिद्द अनोखा चरित्र है | वह चार्लुस प्रथम की गुप्तचर सेना में जासूस था | उसकी लम्बाई 12 इंच तथा वजन 42 पौंड था | इसकी मुछो की लम्बाई 13 इंच थी | वह अक्सर अपनी मुछो को बांधकर रखता था | पुरुषो की तरह महिलाये भी बौनी होती है , सिसली की मिस ' रोलिना '' का कद 18 इंच था | वह 10 वर्ष तक जीवित रही | उसका अस्थि पंजर आज भी लन्दन के '' कालेज आफ सर्जन '' में एक कांच के जार में सुरक्षित है | 


मिस ' एकर्स कैरी '' विश्व की सबसे मोती बौनी महिला थी | उनका कद 16 इंच था , लेकिन वजन 260 पौंड था | अपने दोहरे आकर्षण के कारण वह अपने समय की एक चर्चित महिला बन गयी थुई | 

रूस की बौनी युवती ' ब्रेनी '' तो खुबसूरत तो थी ही | उसकी लम्बाई 26 इंच थी वह 18 वर्ष तक जीवित रही | वह अपने सलोने बदन पर हमेशा ऐसे परिधान पहनती कि राह चलते लोग उसे मुड- मुडकर बार - बार देखा करते ------- 

प्रस्तुति सुनील दत्ता कबीर   -----साभार दैनिक '' आज ''

No comments:

Post a Comment

बधाई है बधाई / स्वामी प्यारी कौड़ा

  बधाई है बधाई ,बधाई है बधाई।  परमपिता और रानी मां के   शुभ विवाह की है बधाई। सारी संगत नाच रही है,  सब मिलजुल कर दे रहे बधाई।  परम मंगलमय घ...