राधास्वामी!! 03-07-2021- शाम सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
2p21 आधास्वामी
सखी री मेरे दिन प्रति आनँद होय।।टेक।। अगनित जीव उबार लिए हैं। पाप पुन्य सब डारे धोय।९।
दास निकाम भरमता जग में। अपनी दया से दिया दरशन मोहि।१०।
करम भरम के बंधन काटे। जन्म जन्म के पातक खोय।११।
जैसी लीला राधास्वामी धारी। ऐसी जग में हुई है न होय।१२।
बारम्बार करूँ मैं बिनती माँगू दान सो दीजे मोहि।१३।
दरशन बचन अमी परशादी। चरणामृत मुखअमृत दोय।१४।
प्रेम भक्ति और बिलास नवीना। दिन प्रति मोहि परापत होय।१५।
कभी न बिछड़ूँ चरन सरन से। यही दास को बख्शिश होय।१६।
राधास्वामी प्यारे दुखहर मेरे। अब नह़ि बिछडन होय।१७।
(प्रेमबानी-1-शब्द-6-पृ.सं.84,85) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
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