**राधास्वामी!! 01-07-2021- आज शाम सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
ऐसा को है अनोखा दास।
जापै सतगुरु हुए हैं दयाल री।१।
सुमिरन भजन ध्यान में तकड़ा।
मारा मन और काल री।२।
सेवा करें उमँग से भारी।
छिन छिन चरन सम्हार री।३।
प्रेम प्रीति सतगुरु से लागीl
नहिं भावे धन माल री।४।
भाव भक्ति नित प्रती बढावत।
चले अनोखी चाल री।५।
नाम तेग़ यह जूझत मन से।
धार चरन की ढाल री।६।
अधर चढे गुरु दर्शन पावे।
पीए अमीं रस हाल री।।
राधास्वामी अंग लगाया।
मोहि कीना आज निहाल री।७।
(
प्रेमबानी-1-शब्द 5 -पृ.सं.82, 83 ) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
No comments:
Post a Comment