**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज -रोजाना वाक्यात
- 29 जनवरी 1933- रविवार:-
सुबह 8:30 बजे दो शादियां की गई दोनों बिला लिहाज जात पाँत हुई । कन्याओं में से एक मेरी लड़की थी। परम गुरु महाराज साहब व सरकार साहब ने मुझसे वादा लिया था कि बच्चों की शादी गैर जात में करना। शुक्र है कि आज मेरे बच्चे की भी गैर जात में शादी करने में कामयाबी हो गई। अब दो बच्चे शादी के लिए बाकी है। एक लड़का है एक लड़की ।
मालिक दया फरमा कर उनकी शादियाँ भी गैर जात में करने की सामर्थ्य बख्से।।
बसंत पंचमी के त्यौहार के सिलसिले में दयालबाग में खूब चहल-पहल है । प्रेम विद्यालय में आज 3:30 बजे लड़की ने ड्रामा किया। मीराबाई की जिंदगी के कुछ वाकिआत दिखलाये गये। तबीयत पर बड़ा असर हुआ। दिल थामना मुश्किल हो गया। राजपुत्री को भक्ति मार्ग धारण करने पर क्या-क्या जुल्म बर्दाश्त करने पड़े। एक हम हैं कि हर तरह की सहूलियतें मुहैया हैं।
अंग्रेजों का राज्य है। मजहबी आजादी का जमाना है। किसी की मजाल नहीं की कुशाई ( होंठ खोलना या बोलना) करें । रात के सत्संग में कुछ लड़कियों ने शब्द गाये। कोई बातचीत नहीं हुई अलबत्ता तीसरे पहर विद्यार्थियों के सतसंग में उन्हें मशवरा दिया गया कि अभी से तय कर ले पढ़ाई से निवृत होने पर किस लाइन में काम मंजूर है।।
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**
No comments:
Post a Comment