**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज -रोजाना वाक्यात
-25, 26 जनवरी -1933 ,बुधवार और बृहस्पतिवार :-
ट्रेनिंग कॉलेज में सेंट जॉन एम्बुलेंस एसोसिएशन के जलसे में सम्मिलन की। जलसा दर्शनीय था। प्रेम विद्यालय दयालबाग की चार लड़कियों ने तमगे हासिल किये। उनकी टीम दोयम नम्बर पर रही। विक्टोरिया स्कूल टीम अव्वल नंबर पर रही। लड़कियों ने बतलाया कि वह सिर्फ एक नंबर की वजह से पिछड़ गई।
जलसा में मिस्टर मैकेन्जी से मुलाकात हुई ।गवर्नर साहब सद्र जलसा ने एक शील्ड के लिए व्यक्तिगत रुप से रुपया देना मंजूर फरमाया । मेरी राय में यह एसोसिएशन निहायत काबिलेतारीफ काम कर रही है। दयालबाग के कॉलेजों में भी शाखें कायम करने की कोशिश की जायेगी ।।
यू०पी० गवर्नमेंट कॉटेज इंडस्ट्रीज को उन्नति देने की फिक्र में है। सन 1930 ईस्वी में मैंने एक विस्तृत स्कीम पेश की थी जो दाखिल दफ्तर हो गई । मैंने दिखलाया था कि जहाँ जहाँ बिजली प्राप्त हो सकती है वहाँ बआसानी पॉवर लूम्स कॉटेज इंडस्ट्रीज के तौर पर चलाये जा सकते हैं।
अब किसी और साहब ने इसी किस्म की स्कीम पेश की है। और डायरेक्टर साहब ने मेरी राय तलब फरमाई है।मेरी राय बदस्तूर है। अभी चंद दिन हुए कि महकमा कृषि ने मुझसे राय तलब की थी आया नौजवानों को काश्तकारी में लगाने से उनके लिए पेट भरने कख मार्ग निकल सकता है?
मैंने जवाब नकारात्मक में दिया । मेरी राय है कि हिंदुस्तान की मुफलिसी व बेरोजगारी का गलाज इंडस्ट्रीज का कायम करना है। 35% हिंदुस्तानियों को इंडस्ट्रीज में लगाना चाहिए वरना सब को फाकामस्ती में दिन काटने होंगे।।
आज देहली में दयालबाग की निर्मत वस्तुओं की नुमायश का इराद त्याग कर दिया गया है। वजह यह है कि लोग चाहते हैं कि बीच फरवरी में नुमाइश करना और उस वक्त तक यहाँ तैयारी होनी नामुमकिन है।
🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**
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