राधास्वामी!! 02-07-2021- आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
गुरु प्यारे चरन में भाव,लाओ मन से प्यारी।। टेक।।
जगत बडाई धोखा जानो।
भोगन को बिष रुप पहिचानो। इनसे होय फिर दुख भारी।१।
गुरु सत्संग की महिमा जानो।
सुन सुन बचन चित्त में आनो।
इक दिन होय जग से न्यारी।२।
जो यह काम करो नहिं अब के।
माया संग रहो नित अटके। जनम जनम रहो दुखियारी।३।
याते कहन हमारी मानो।
गुरु चरनन में आरत ठानो।
हित चित से सेवा धारी।४।
मेहर से गुरु तोहि भेद लखावें।
शब्द संग तेरी सूरत चढ़ावें।
निरखे घट में उजियारी।५।
सुन सुन धुन सुर्त घट में रीझे।
काल करम बल छिन छिन छीजे।
जावे गगन शिखर पारी।६।
सत्त शब्द धुन सुन हरखानी।
अलख अगम की सुन लई बानी।
मिल राधास्वामी हुई सुखियारी।७।
( प्रेमबानी- भाग-3- शब्द -18- पृ.सं. 85, 86) 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
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