Tuesday, January 27, 2015

देव महोत्सव में मंत्रमुग्ध हो गए लोग




Dhiraj Kumar Pandey  3 new photos — with Alok Singh 
देवी के गीतों पर मन्त्रमुग्ध होकर झूमे श्रोता , शशि सुमन और रीमा घोष ने भी दी प्रस्तुति
पनिया भरण चलनी ,अंगुली में डसले बिया नागिनिया , यारा ओ यारा ,सहित अइले मोरे राजा ,पर खूब झूमे दर्शक एवं श्रोता।
औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक सूर्य नगरी देव में भगवान सूर्य के जन्मोत्सव पर मनाया जाने वाला सूर्य [देव ] महोत्सव का पहला दिन समाप्त हो गया। पहले दिन के कार्यक्रम में मशहूर भोजपुरी गायिका देवी ने आज मंच संभाला और मंच पर आते ही निमिया के डाढ़ मैया के गानो ने माहौल को खुशनुमा बना दिया। उसके बाद अपनी गाये एक से एक गानो को इस अंदाज में गाया की दर्शक एवं श्रोता अपने हाथ को काबू में नहीं रख पाये और जमकर तालिया बजाते हुए खूब झूमे। दर्शक चाहते थे की देवी के गीत वो रात भर सुनते रहे , लेकिन जिला प्रशासन के समय अवधि के कारण देवी को कार्यक्रम समाप्त करना पड़ा। उसके बाद बॉलीवुड गायक शशि सुमन एवं गायिका रीमा घोष ने भी अपनी प्रस्तुति दी। मीडिया से बात करते हुए गायिका देवी ने कहा की उन्हें देव आकर अच्छा लगा और वो पुनः देव आना चाहेंगी
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Monday, January 26, 2015

देव महोत्‍सव




प्रसिद्ध देव महोत्‍सव का आज शाम आगाज हुआ । इस अवसर पर कई तरीके के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है ।  मौके पर प्रभारी मंत्री विनोद कुमार यादव,जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक समेत सभी गणमान्‍य लोग उपस्थित थे । विधायक रामादार सिंह ने कहा कि देव मेरी कर्मभूमि है । इसका विकास मेरी सर्वोच्‍च प्राथमिकता रही है । देव के विकास का नागर शैली में किया जायेगा । यह विकास बोधगया की भांति होगा । 25 करोड़ की प्रारंभिक राशि मिलेगी । जीटी रोड से देव जाने वाले सभी चार रास्‍तों में नागर शैली में ही स्‍वागत द्वार बनेगा । बिजली से रोशन करेंगे देव को । सभी तालाबों का सौंदर्यीकरण होगा । अन्‍य मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्‍ध करायी जाएगी । डिजाइनिंग का काम दिल्‍ली के आर्किटेक्‍ट कर रहे हैं । ‪#‎Aurangabad‬ ‪#‎Patna‬ ‪#‎Bihar‬ ‪#‎Gaya‬ ‪#‎Bihar2015‬ ‪#‎BJP‬
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Thursday, January 8, 2015

क्षत विक्षत हो रहा है ऐतिहासिक उमगा का सूर्य मंदिर, पढ़े


धवस्त होने के कगार पर है


जिला प्प्रशासन एवं पर्यटक विभाग के लापरवाही का भेट चढ़ सकता है यह मंदिर

खे तस्वीरों में कैसे धवस्त होने के कगार पर पहुँच गया है मंदिर का गुम्बद
धीरज पाण्डेय

औरंगाबाद के ऐतिहासिक , पौराणिक एवं धार्मिक द्रिस्टीकोण से अति महत्वपूर्ण एवं मदनपुर प्रखंड के उमगा पहाड़ी पर अवस्थित सूर्य मंदिर इन दिनों धीरे धीरे ध्वस्त होने के कगार पर है , बताते चले की इस सूर्य मंदिर के पत्थरो पर यूँ कहे तो पूरे मंदिर पर ही छोटे छोटे पौधे उग आये है और मंदिर के गुम्बद के पास की पत्थर धीरे धीरे अपनी जगह को छोड़कर हट रही है जिससे मंदिर के गुम्बद गिरने की सम्भावना बढ़ गई है , जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार द्वारा इसके विकास एवं इसकी सौंदर्यीकरण के लिए कई बार घोषनाये की है मगर आज तक उसको अमली जाम नहीं पहनाया गया है। इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है की पुरातत्व विभाग , पर्यटन बिभाग एवं जिला प्रशासन ने इसकी कभी लेनी की कोशिस भी नहीं की जिसके कारण उमगा मंदिर का अस्तित्व खतरे में पड़ा हुआ है , बताते चले की पिछले दिनों देव सूर्य मंदिर के पिछले हिस्से से पत्थर का एक टुकड़ा टूट जाने से जिला पप्रशासन एवं न्यास समिति की नींद उड़ गई थी , लेकिन यहाँ तो मंदिर के गुमबद ध्वस्त होने के कगार पर पहुँच चूका है। अब सवाल यह उठता है की आखिर इस मंदिर का काया कल्प होगा भी या धीरे धीरे यह अपने अस्तित्व को खो देगा।
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Tuesday, January 6, 2015

उमगा का सूर्य मंदिर / गर्भ गृह में भगवान विष्णु लक्ष्मी मां और गणेश





ऐतिहासिक है उमगा का सूर्य मंदिर - पार्ट -२
गर्भ गृह में भगवान विष्णु , माता लक्ष्मी श्री गणेश के साथ है विराजमान , करे आप भी दर्शन
धीरज पाण्डेय
ऐतिहासिक , धार्मिक , पौराणिक द्रिस्टीकोण से अति महत्वपूर्ण उमगा की पहाड़ी जहाँ कण कण में बसते है भगवान , क्योकि जैसे ही आप पर्वत पर जायेंगे तो मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही ठीक सामने भगवान विष्णु जो अष्टदल कमल पर विराजमान है साथ ही उनकी बाई ओर माता लक्ष्मी एवं दाई ओर प्रथम पुजय्नीय भगवान श्री गणेश की प्रतिमा विराजमान है। गर्भ गृह के बाहर अर्थात मंदिर के अंदर ही भगवान भोलेनाथ स्वयं नटराज के रूप में विराजमान है एवं मंदिर के कोने कोने में भगवान श्री राम माता जानकी एवं भाई लक्ष्मण के साथ विराजमान है , साथ की भगवान गणेश एवं विष्णु सहित कई देवी देवताओ की मूर्तियां विराजमान है ,
आगे पढ़े , जहाँ कण कण में है भगवान -
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उमगा का ऐतिहासिक सूर्य मंदिर


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 धीरज पाण्डेय
ऐतिहासिक , धार्मिक , पौराणिक द्रिस्टीकोण से अति महत्वपूर्ण उमगा का सूर्य मंदिर अपनी भव्यता , कलात्मकता एवं महता के कारण औरंगाबाद ही नहीं बल्कि बिहार के कोने कोने में इसकी प्रसिद्धि व्यापत है। दंतकथा के अनुसार देवशिल्पी भगवान विष्वकर्मा ने एक रात्रि में तीन मंदिरो का निर्माण किया था , जिसमे देव का सूर्य मंदिर , देवकुंड का मंदिर एवं उमगा का सूर्य मंदिर है। यह मंदिर पहाड़ के उचाईयो पर होने के कारण इसकी आकर्षकता एवं भव्यता बढ़ जाती है ,यह मंदिर अपने आप में इतिहास को समेटे हुई है।
इस मंदिर से जुडी खबर क्रमबद्ध जारी रहेगी -
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पूज्य हुज़ूर का निर्देश

  कल 8-1-22 की शाम को खेतों के बाद जब Gracious Huzur, गाड़ी में बैठ कर performance statistics देख रहे थे, तो फरमाया कि maximum attendance सा...