Friday, April 28, 2023

POWER of OM (ॐ)*

POWER  of  OM (ॐ)   

                                            

*एक घडी, आधी घडी,*

*आधी  में  पुनि  आध।*

*तुलसी चरचा राम की,*

*हरै   कोटि   अपराध।।*


 1     घड़ी  =   24 मिनट

 1/2 घडी़  =   12 मिनट

 1/4 घडी़  =   06 मिनट


*क्या ऐसा हो सकता है कि 6 मिनट में किसी साधन से करोडों विकार दूर हो सकते हैं।*


उत्तर है *हाँ   हो   सकते   हैं*

वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि......


सिर्फ   6   मिनट   *ॐ*   का उच्चारण करने से सैकडौं रोग ठीक हो जाते हैं जो दवा से भी इतनी जल्दी ठीक नहीं होते.........


👉 छः मिनट *ॐ* का उच्चारण करने से मस्तिष्क में विषेश वाइब्रेशन (कम्पन) होता है.... और ऑक्सीजन का प्रवाह पर्याप्त होने लगता है।


👉कई मस्तिष्क रोग दूर होते हैं.. स्ट्रेस और टेन्शन दूर होती है, स्मरण शक्ति बढती है..।


👉लगातार  सुबह  शाम  6 मिनट *ॐ* के तीन माह तक उच्चारण से रक्त संचार संतुलित होता है और रक्त में *ऑक्सीजन लेबल* बढता है।

*रक्त चाप, हृदय रोग, कोलस्ट्रोल* जैसे रोग ठीक हो जाते हैं....।


👉मात्र 2 सप्ताह दोनों समय *ॐ* के उच्चारण से *घबराहट, बेचैनी, भय, एंग्जाइटी* जैसे रोग दूर होते हैं।


👉कंठ में विशेष कंपन होता है *मांसपेशियों को शक्ति* मिलती है..।


*👉थाइराइड, गले की सूजन दूर होती है और स्वर दोष दूर होने लगते हैं..।*


👉एक माह तक दिन में तीन बार 6 मिनट तक *ॐ* के उच्चारण से *पाचन तन्त्र, लीवर, आँतों को शक्ति प्राप्त होती है,* और डाइजेशन सही होता है, सैकडौं *उदर रोग* दूर होते हैं..।


👉उच्च स्तर का प्राणायाम होता है, और फेफड़ों में विशेष कंपन होता है..।

*फेफड़े मजबूत* होते हैं, *स्वसनतंत्र की शक्ति* बढती है, *6 माह में  अस्थमा, राजयक्ष्मा (T.B.)* जैसे रोगों में लाभ होता है।


👉आयु बढती है।


ये सारे रिसर्च (शोध) विश्व स्तर के वैज्ञानिक स्वीकार कर चुके हैं।

*जरूरत है छः मिनट रोज करने की.....।*

    

ॐ का उच्चारण लम्बे स्वर में करें।।


*अति सुंदर अवश्य पढ़ें*    


💠 *स्वर्ग* में सब कुछ हैं लेकिन *मौत* नहीं है, 

*गीता* में सब कुछ हैं लेकिन *झूठ* नहीं है, 

*दुनिया* में सब कुछ हैं लेकिन किसी को *सुकून* नहीं है, 

                  और 

आज के *इंसान* में सब कुछ हैं लेकिन *सब्र* नहीं है।                   💐🙏🏻

Thursday, April 27, 2023

नृत्य नाटिकाएं और कार्यक्रम*




पवित्र यमुना नदी के पोहिया घाट स्थित बैकुंठधाम पर देररात सत्संगियों ने किए हर राज्य की संस्कृति पर आधारित नृत्य नाटिकाएं और कार्यक्रम*

~~~~~~

*प्रस्तुति सुरेखा  यादव 


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*आगरा,26 अप्रैल 2023। प्रकृति ने हमको जीवन यापन करने और अपने रहन सहन के साथ-साथ आध्यात्मिक स्तर पर अपने अगले जन्मो  को सुधारने के लिए भारी तादाद में प्राकृतिक संपदाए दी है। इनमे  पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि के साथ फल फूल और अन्न के भंडार भी सोपे हैं, लेकिन कुछ लोग समझते हैं की इन पर उन्हीं का अधिकार है बाकी इसमें से कुछ भी नहीं ले सकते, यह उनकी गलत सोच है।*

 *आज स्थानीय प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट, भारत सरकार और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल जैसी अदालतों के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए राधास्वामी सत्संग सभा द्वारा यमुना नदी के पोहया घाट स्थित सफाई अभियान में पलीता लगाने की पूरी कोशिश की। प्रशासन के कुछ लोग आए और* *धींगामुस्ती करते हुए उन्होंने वहां पर बैकुंठधाम के नाम पर लगे बोर्ड उखाड़ कर फेंक दिए। कुछ कनातो से बनी हुई एक झोपड़ी को हटाकर नेस्तनाबूद कर दिया।* *यह उनकी अपनी सोच और बहादुरी हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं कि वे हमेशा ऐसा ही करते रहेंगे। क्योंकि उनसे ऊपर भी कोई है और वह है देश की अदालतें।*

*हम आपको यहां बताना चाहते हैं कि अदालत खुद कहती हैं कि सफाई रखो।* *सफाई आसपास की नहीं, नदियों के लिए भी आदेश निर्गत हुए हैं। इसके तमाम उदाहरण हमारे पास है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तो यमुना नदी के संरक्षण के लिए बाकायदा आदेश जारी किया है कि सरकारें जहां घाटों पर भारी मात्रा में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं उन्हें साफ कराए और वह खुद साफ नहीं कर सकती तो किसी को दायित्व सौंपा जाए और घाटों को बनाकर ऐसे लोगों और सस्थाओं को सौंप दें जो घाटों का रखरखाव कर सके। जिससे आम जनमानस इन घाटों का सही से उपयोग अपने जीवन के लिए कर सके लेकिन स्थानीय प्रशासन कुछ लोगों की शिकायत पर ऐसा नहीं कर सका और उसने यमुना नदी के पोहिया घाट स्थित बैकुंठधाम पर हुई सफाई को अवैध कब्जा बताते हुए वहां लगे बोर्ड को उखाड़ कर फेंक दिया।* 

*इस बात से क्या फर्क पड़ता है कि बोर्ड उखाड़ फेंक दिए गए।  राधास्वामी सत्संग सभा इस तरह की घुड़कियों से डरने वाली नही है उसने अपना कार्यक्रम जारी रखा और रात को 8:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक वहां पर सत्संग सभा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम जो बच्चों के द्वारा किए जाते हैं उनका आयोजन किया। परम पूज्य रानी साहिबा के साथ पी एस सत्संगी साहब की देखरेख में वहां पर आज फिर भारत के हर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर माने जाने वाले लोकगीत, नृत्य नाटिकाएं प्रस्तुत की गई। सभी बच्चों ने इन कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और वे बच्चे  कार्यक्रम को करते हुए फूले नहीं समा रहे थे। क्या प्रशासन किसी को अपनी जिंदगी में ऐसे कार्यक्रम करने से रोक सकता है ? क्या धरती मां केवल प्रशासन की है ? सत्संगीयों की नहीं है या सफाई अभियान केवल प्रशासन ही चला सकता है क्या राधास्वामी सत्संग सभा सफाई नहीं करा सकती। इसलिए यहां पर प्रशासन को यह बताने में हमें बड़ी भारी प्रसन्नता हो रही है कि उनके अधिकारियों के द्वारा दिन में किए गए अभद्रता पूर्ण व्यवहार के बाद भी यहां पर बच्चों ने अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सभा ने कानून और लोक मर्यादा के साथ सभी कार्यक्रम पूरे किए।*

Wednesday, April 26, 2023

मेरिज पंचायत दयालबाग के सुझाव 🙏

 🙏🙏🙏🙏🙏 🙏



सुखी पारिवारिक जीवन जीने के लिए वर वधू व उनके माता पिता को मेरिज पंचायत दयालबाग के सुझाव 🙏


एक बहुमुल्य ओषधियाँ अनमोल नुक्से🙏


1- वर वधू दोनों के लिए सुझाव🙏


1- आप दोनों साफ पट्टी पर, सकारात्मक दिष्टकोण से, बिना किसी मतभेद के अपने वैवाहिक जीवन को शुरू करें|

2-

मुक्त रुप से वार्तालाप जारी रखें, और मतभेदों के बिना एक दूसरे से छिपाए, 


बात चीत कर सुलझाते रहे| छोटी_मोटी कमियों पर ध्यान न देकर एक दूसरे के गुणों की सरहाना करें|

3-

एक दूसरे के अधिकारों व भावनाओ का सम्मान करिये|

यदि पत्नी द्वारा नौकरी करने के प्रश्न का पहले से हल न लीया गया हो, तो एक दूसरे के अधिकारों का सम्मान करते हुए आपस में विचार विमर्श करके हल निकाले, 

ऐसी हालत में घर का काम और बच्चों के लालन पालन के विषय में भी विचार कर लें|

पत्नी को उसकी आय का कुछ हिस्सा अवश्य उपयोग करने दें|

4-

आप दोनों एक दूसरे के परिवारों का सम्मान करें|

उनसे सीखें और उनकी परामर्श और आलोचना को, यदि कुछ हो तो सही मनोभाव से मान ले|

5-

अन्तर्जातीय विवाह में सांस्कृतिक समायोजन के लिए समय व धैर्य की आवश्यकता होती है|

6-

बच्चों के पैदा हो जाने पर उनके समक्ष सही सतसंगी जीवन, विशेष सतसंग आर्दशों को जीने का उदाहरण प्रस्तुत करना, हर एक दम्पति का लक्ष्य होना चाहिए|

7-

समान रुचियां विकसित करनी चाहिए, जिससे कामों में हाथ बटाया जा सकें, 

पति पत्नी को एक दूसरे के काम और रोजगार में सकारात्मक रुचि लेनी चाहिए||🙏


2- वर के लिए सुझाव

               🙏


1-     

परिवार की धुरी होने के कारण आपको सर्तक, अच्छा, पक्षपात रहित सबकी सुनते हुए, बात चीत करते हुए, सभी परिवारजनों की इच्छा और आवश्यकता की पूर्ति, प्यार और धर्य से करते रहना होगा|

यह संतुलन बनाए रखने वाली क्रिया एक कठिन कार्य है, परन्तु इसे जीवन भर करना होगा|

2-

समझदारी और प्रेम से अपनी पत्नी की मदद इस प्रकार करें कि वह आपके परिवार में घुलमिल जाए, 

जिससे वह आपके माता पिता व परिवार के बीच संतुलन बनाए रखने में आपकी मदद कर सकें|

3-

परिवार की दो प्रमुख कुंजियां -आपकी माता और आपकी पत्नी है, 

एक ने आपको जन्म दिया है, और दूसरी आपका भविष्य है, उन दोनों को किसी की अवहेलना किए बगैर, खुश रखें, जिससे वह दोनों अन्य सभी की देखभाल करें, 

इस बारे में हुजूर मेहता जी महाराज के दिए परामर्श का पालन करें|

4-

 ईमानदारी व परिश्रम से कमाई करें, 

अपनी पत्नी के माता पिता से कुछ भी मागना हेय है, चाहे व माग किसी भी प्रकार की हो, 

आपके माता पिता जो  वुर्जग हो रहे हैं, उनकी पूरी तरह से देख भाल करें|

उनको आपके धन से अधिक आपके प्रेम व समय की आवश्यकता होती हैं||🙏


3- वर की माता के लिए सुझाव 🙏


1-

वधू का स्वागत खुले मन व खुले दिंमाक से करें|

अपनी पुत्री के समान करें, 

दहेज की बात कदापि न करें|

वधू के अवगुणों को नजरअंदाज करते हुए उसके गुणों की प्रशंसा करें, 

और बहुत जल्दी अधिक आशाएँ न करें|

2-

नवविवाहित दम्पति के निजी जीवन में दखल दिए बिना, वधू को प्रेम व दयालुता और धैर्य से अपने परिवार में सामिल होने में सहायता करेे|

और यह स्वीकार करें कि अब आपके पुत्र  के प्रेम की भागीदार आपके साथ साथ उसकी पत्नी भी है|

3-

दम्पति के निजी सम्बन्धों में हस्तक्षेप न करें||🙏


4- वर के पिता के लिए सुझाव🙏


1-

अपने परिवार में होने वाली समस्याओं पर नजर रखें, 

 2-

अपने पुत्र व पुत्र वधू को समान दृष्टि से देखें||🙏


5-

वधू के माता व पिता दोनों के लिए सुझाव

           🙏


1- 

आप अपनी पुत्री को ऐसी शिक्षा दें, 

जिससे वह अपने पति के परिवार में पुरी तरह से समायोजन कर सकें|

अपने सच्चे प्रयासों, धैर्य, दीनता और बडो़ के प्रति सम्मान द्वारा उनका प्रेम व दिल जीत सकें|

2-

अपनी पुत्री के पारिवारिक मामलों में कदापि हस्तक्षेपं ना करे, 

और यदि जरुरी हो तो उसे अपना पूरा भावात्मक संरक्षण दें और अपनी हेसियत के अनुसार आथिर्क संरक्षण भी दें||🙏


6- वधू के लिए सुझाव

             🙏


1- केवल अपने पति के प्रति ही नहीं बल्कि उनके सभी परिवार के साथ एकरूपता बनाए रखें|

2-

अपनी सासु मां के साथ अपनी माँ के समान ही प्यार मुहब्बत करें|

यह भी सुनिश्चित करें कि आप या आपके पति उनके माता पिता या अन्य परिवारजनों की अपेक्षा तो नहीं कर रहे हैं, 

3-

अपने पति के परिवार का अंग बनते हुए उनके सभी घरेलू काम में हाथ बटायें,और यदि आप कामकाजी महिला है तो बिना कुछ छुपाऐ अपने बच्चों के साथ भविष्य के लिए कुछ बचत करते हुए परिवार में अपेक्षित आर्थिक योगदान दें

4-

आप कभी भी अपने माता पिता के परिवार की परम्पराओं अथवा सुविधाओं का शादी के बाद कभी बखान न करें||🙏


नोट:- तो इस तरह से यह  सामान्य व अचुक बातें हैं नुक्से है 

इन पर गौर व अमल करते हुए अपनाये जाए तो हर घर की हर प्रकार की समस्या का समाधान है 

किसी प्रकार का कोई झगड़ा नहीं किसी प्रकार का कोई मन मुटाब नहीं कोई अलगाव नहीं कोई तलाक नहीं 

बस होगा तो सब अमन चेंन सुख शांति और एक आदर्श परिवार तो सभी इस नुक्से को अपनावे और सुखी जीवन जीए

🙏🌹🙏🌹🙏

निवेदक 🙏

जी०एस०पाठक

Monday, April 24, 2023

सूचना

 

*दयालबाग  रोड, सड़क  पर  कई  दुकानें  हैं, जैसे  उदाहरण  के  तौर  पर  भानामल  की  या  और  कंफेक्शनरी  की  शॉप्स  हैं  या  और  इस  तर ह के  स्ट्रीट  फूड  वेंडर्स  हैं  और  मिसलेनियस आइटम्स  जैसे  ड्रैस  बनाते  हैं,  टेलर्स  वगारेह  हैं,  वहां  जाकर  आप  लोग  उनके  रिश्तेदार  होने  के  नाते  वहां  जाकर  सेवन  करते  हैं  चीजे,  सतसंग  की  रीति  के  खिलाफ  हैं। सतसंग  आपको  यह  सिखाता  हैं, कि  अपना  भोजन  १०%  के  हिसाब  से  कम  करते  रहिए, लेकिन  आप  तो  दोगुना,  तीनगुना  जाकर  के  वहां  पर  १०० - १००  प्लेट  लेकर  के  खाते  हैं। तो  अपना  डिसीजन  सोच  समझ  कर  लीजिए,  यह  बैटर  वर्लिनेस  नही  हैं, यह  ग्रास  वर्लिनेस  हैं। आप  पर  कर्मो  का  भार  इससे  बढेगा और  वो  सारे  करम  आपके  ऊपर  कटेगे।*




 *24/4/23 का कैस्केड अनाउंसमेंट*

Sunday, April 23, 2023

रोजाना वाकिआत-परम गुरु हुज़ूर साहबजी महाराज!*

 *रा धा स्व आ मी*



*19-04-23-आज शाम सतसंग में पढ़ा गया बचन-कल से आगे:-*




*(7-7-31-मंगल)* 




*इमसाल(इस वर्ष)हमारी इंस्टीट्यूट के इण्टरमीडिएट जमाअत(कक्षा)के नतायज(फल) तो अच्छे निकले यानी 70 सत्तर फीसदी लड़के पास। दो फ़र्स्ट डिवीजन में और पास-शुद-गान(सफल हुए) के अलावा 3 कम्पार्टमेन्ट में । लेकिन हाई स्कूल के नतायज ख़राब निकले। आज हाई स्कूल की जमाअतों के उस्तादों की मीटिंग कराई गई। तहकीकात(जांच) से मालूम हुआ कि खराब नतायज हिस्ट्री व उर्दू की पढ़ाई में नुक्स(दोष) की वजह से वाके(घटित) हुए है। लड़कों को हिस्ट्री ऑफ़ इंगलैण्ड पढ़नी तो पड़ी अंग्रेजी जबान में और जवाब लिखने पड़े उर्दू में। इस वजह से फेल हो गये। मालूम हुआ कि अब एक अच्छी तवारीखे-इंग्लिस्तान(इंग्लैंड का इतिहास) उर्दू जबान में छप गई। है। उर्दू पढ़ाने वाले मुंशी जी के इम्तिहान इण्टरमीडिएट में तो कुल तुलबा(विद्यार्थी)पास हो गये लेकिन हाई स्कूल में 22 में से सिर्फ़ 7 पास हैं। जिसकी वजह समझ में नहीं आती। बाद मीटिंग के फ़ैसला किया गया। मास्टर मिश्रीलाल साहब को मुस्तकिल(स्थायी) सेक्रेटरी मुकर्रर किया जावे ताकि निगरानी(देखरेख) का काम बखूबी(भली प्रकार)हो। बिला कामिल(पूरी) निगरानी के सब काम बिगड़ जाते हैं। क्रमशः- -------*   



  

                                                                                                                           *🙏🏻रा धा स्व आ मी🙏🏻*

Wednesday, April 19, 2023

दयलबाग इधर भी है और उधर भी है


 सत्संगी साहब ने यमुना नदी पार  अधिकारियों की बैठक में  कहा कि दयलबाग इधर भी है और उधर भी है

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सुरेखा  यादव 


आगरा। दयालबाग और राधास्वामी सत्संग का दायरा बढ़ाने की तैयारियां  मत के मुख्यालय दयालबाग में चल पड़ी हैं। इसकी कमान परम पूज्य गुरु महाराज प्रेम सरन सत्संगी साहब ने खुद संभाल रखी है। पर दयालबाग के अधिकारी कुल मालिक के इन संकेतों समझ नहीं रहे और समयबद्ध तरीके से कार्यों को अंजाम नही दे रहे है। 

आज रात फिर सत्संगी साहब एक नहीं तीन तीन  नाव लेकर यमुना नदी की सैर पर निकले। उन्होंने नदी की सैर करने से पहले तमाम दिशा निर्देश दिए और कई अधिकारियों को तलब कर दिशा भी दी और उसके बाद बे खुद नाव में सवार होकर मदनपुर घाट वाले खादर की ओर बढ़ गए।

 वहां जाकर उन्होंने खेती में काम आने वाली कुदाल की मांग की और कहा कि वे यहां कुदाल से खेत करेंगे। कुछ दूसरे प्रकार के कृषि यंत्र भी उनके समक्ष पेश किए गए लेकिन पूज्य गुरु महाराज ने मना कर दिया कि इनकी नही उनको कुदाल की जरूरत है। उनके साथ इस दौरे में पहली नाव से राधास्वामी सत्संग सभा के प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी और स्वामी दयाल पप्पू भाई के साथ कुछ अन्य लोग यमुना नदी दूसरे किनारे पर पहले भेजे गए। दूसरी नाव में पूज्य सत्संगी साहब खुद और साथ में  कुछ गिने चुने लोग ही रवाना हुए। 

उसके बाद कुछ लोगों की एक टीम तीसरी नाव से रवाना हुई बताई गई। सत्संगी साहब बहुत देर तक यमुना के दूसरे किनारे पर रहे और दयालबाग के अधिकारियों के साथ लंबी चर्चाएं की। इसी के साथ उन्होंने इससे पहले दयालबाग के राजाबरारी में कुछ समस्याओं को लेकर उठ रही बातों के समाधान के लिए वहां के अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान पूज्य गुरु महाराज के साथ रानी साहिबा भी मौजूद थीं।

 गुरु महाराज के इस दौरे से या यह कहें कि यमुना में विचरण से पोइया घाट का बैकुंठ धाम एक पर्यटन स्थल की ओर अग्रसर हो रहा है। क्योंकि आज जब हमने देखा तो सत्संग के अलावा भी शहर के कई इलाकों से बहुत सारे लोग कुल मालिक के दर्शन करने आए और उन्होंने यहां मेले जैसे नजारे का लुफ्त भी उठाया। ऐसे लोगों ने इस प्रतिनिधि से भी जानकारी हासिल करने की कोशिश की कि आखिर इतनी रात गए यहां इतने लोग केसे एकत्रित हुए हैं। इस दौरान "आज" हिंदी दैनिक की टीम भी वहां मौजूद रही और गुरु महाराज के आज के पवित्र यमुना में विचरण की कवरेज भी की।

सप्रेम रा धा स्व आ मी.......🙏🏻🙏🏻




Monday, April 17, 2023

ग्रेशस हुजूर पीएस सत्संगी साहब ने पवित्र यमुना नदी को ही नाप दिया:*

 




*ग्रेशस हुजूर पीएस सत्संगी साहब ने पवित्र यमुना नदी को ही नाप दिया:* 


*सुरेखा  यादव *


*आगरा, 17 अप्रैल। 


राधास्वामी मत के केंद्र दयालबाग में आज तो एक बड़ा करिश्मा ही हो गया। वक्त गुरु परम श्रद्धेय पी एस सत्संगी साहब ने पोहिया घाट स्थित बैकुंठ धाम से रात के 11:00 बजे पवित्र यमुना नदी को ही अपने कदमों से नाप डाला।*

 

*वे आज  एक नाव में बैठकर यमुना के दूसरी तरफ गए और वहां पर लगभग 30 मिनट बिताने के बाद 11:30 बजे वापस लौटे।  हुआ यह कि पीएस सत्संगी साहब आज 9:15 बजे खेतों के लिए रवाना हुए। पहले वे सिकंदरपुर स्थित गेहूं की चल रही कटाई का जायजा लेने पहुंचे और उसके बाद उन्होंने पोइया घाट का रुख किया।* 

*फिर क्या था एक बड़ा काफिला गुरु महाराज के पीछे पीछे पोइया घाट जा पहुंचा। सत्संगी साहब ने वहां पहुंचकर नाव में बैठकर यमुना की सैर करने की इच्छा जाहिर की। तत्काल एलोरा ब्रांच के कुछ सत्संगी भाई लोग जो नाव चलाने में काफी माहिर थे उनको बुलाया गया और सत्संगी साहब अपने साथ मात्र 5 लोगों को लेकर यमुना में मदनपुर घाट के लिए रवाना हुए।*


*बताया गया है कि वहां वे आधा घंटा रुके और वहां से उन्होंने एक पौधा लिया और इस पौधे को लेकर अपने साथ अपने निवास ले गए। पौधा किस प्रजाति का था यह तो पता नही चल सका। इस दौरान गुरु महाराज के साथ पवित्र यमुना नदी के किनारे सैकड़ों की तादाद में सत्संग जगत के लोग भी मौजूद थे। भारी भीड़ रा धा स्व आ मी नाम का जाप करती रही।*

 

*यह मौका "आज" हिंदी दैनिक की टीम को भी नसीब हुआ और उसने पूरा नज़ारा कैमरे में कैद किया। यमुना नदी मापने का यह दृश्य अपनी आंखों से देखा। नाव चलाने वाला भी बहुत ही काबिल व्यक्ति था वह एक बल्ली के जरिए नाव को धीरे धीरे आगे बढ़ा रहा था जिससे उसमें बैठे सवार गुरु महाराज सत्संगी साहब को कोई तकलीफ ना हो। अंत में सत्संगी साहब नाव से उतरे और अपनी बैटरी चालित गाड़ी में सवार हुए। उन्होनें वहां मौजूद दयालबाग के अधिकारियों को कुछ दिशा निर्देश जारी किए और वहां से उनका काफिला सीधे सत्संग हॉल की तरफ रवाना हो गया।*


*रा धा स्व आ मी*

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

Saturday, April 15, 2023

रोजाना वाकिआत परम गुरु हुज़ूर साहबजी महाराज!

 रा धा स्व आ मी 








14-04-23-आज शाम सतसंग में पढ़ा गया बचध-कल से आगे:-




 (3-7-31-शुक्र) 




आज तय हो गया कि बतारीख 9 जुलाई बोर्ड ऑफ़ इंडस्ट्रीज के जलसे(अधिवेशन )में शिरकत(सम्मिलित होना)के बाद बनारस चला जाये और वहां यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर डूंगर सिंह का काम देखा जाये। इंतजाम किया जा रहा है।    



रात भर बूंदा बांदी होती रही है क़रीबन 2 बजे सेहपहर(तीसरे पहर) को जोर से बारिश हुई। डेरी के सब पौधे खुश्क हो रहे थे। बड़े मौका से बारिश हुई। नहर बवजह टूट जाने के वक़्त पर पानी से जवाब दे गई। 



सुबह जदीद(नई) हस्पताल की इमारत देखने के लिये गये रास्ते में बहुत से टांगे मिले जिनपर गुजराती लोग सवार थे। एक टांगे की सवारियां मुझे देखकर उतर गई। उन्होंने रा धा स्व आ मी की मैने जवाब दिया। मालूम होता है कि इलाहाबाद से ताल्लुक(संबंध) रखने वाले सतसंगी है। इन बन्दगाने-ख़ुदा(खुदा के बंदो) को कोई बतलावे कि इलाहाबाद पार्टी की क्या क्या मसरुफ़ियते(व्यस्तताएं) हैं और उनके मुन्तजिमान(प्रबन्धको) के क्या क्या खयालात है। यह बेचारे अपनी तरफ से सतसंग में शरीक हुए लेकिन सतसंग से कोसों दूर है। रा धा स्व आ मी दयाल दया फ़रमायें! क्रमश:----------  





🙏🏻रा धा स्व आ मी🙏🏻

Thursday, April 13, 2023

योगी बनाम पौणाहारी

 



कान्हा!!  ओ कान्हा....O 


बोलो.... 


एक काम है... 


कहो.... 


यमुना पार एक योगी आया है बहुत दिनों से... 


तो...??? 


सब ने देखा है कि इतने दिन से तपस्या में लीन है..  कुछ खाने को भी ना है वहाँ...  तो हम चाहती हैं कि उस के लिए खाना लेकर जाएं.... 


ले जाओ.... 


एक समस्या है... 


क्या...??? 


आज खाना बनाया है , लेकर जाना था तो यमुना उफान पर है...   अब पार जाने का रास्ता बताओ... 


यमुना मैया को बोलना कि अगर कृष्ण योगी है, भोगी नहीं तो रास्ता दे दे.... 


हे हे हे हे....  सब गोपियां हंसने लगी....  कृष्ण और योगी...??? कौन सी गोपी से तुमने रास नहीं रचाया...??? 


बोल कर तो देखो.... 


अब कान्हा ने बोला तो देखना ही पड़ता... सब गोपियां थाल उठा कर चल दीं...  यमुना किनारे पहुँची... निवेदन किया...  हे यमुना मैया!!!  अगर कृष्ण योगी है तो रास्ता दे दो... 


उफनता वेग शाँत...  वही कल कल करती धीमे बहती यमुना.... घुटने घुटने पानी में गोपियों ने यमुना पार करी और पहुँच गई साधु के पास... 


कोलाहल सुन कर साधु महाराज ने आंखें खोली और आने का प्रयोजन पूछा.... 


महाराज!!!  आप के लिए खाना लेकर आईं हैं...  स्वीकार कर कृतार्थ करें.... 


साधु महाराज ने भोजन शुरु किया... छप्पन भोग... खाने वाला एक...  चिंता हुई कि इतना भी कम ना हो जाए... सारा भोजन खत्म होने के बाद बर्तन समेटे, प्रणाम किया, वापिस आने लगी...  समस्या फिर वही... यमुना फिर उफान पर...  उधर तो कान्हा था... इधर कौन...??? साधु महाराज....  


अब उनसे बिनती की... 


यमुना को बोलो कि अगर फलाना साधु पौणाहारी (पवन आहारी,  जो सिर्फ़ हवा पर जिंदा रह सकता हो)  है, तो रास्ता दे दे.... 


ही ही ही... मन ही मन हंसते हुए सोचा...  इतने खाने से तो बैल भी मुँह मोड़ दे.... पौणाहारी...??? 


खैर.... 


यमुना जी के पास पहुंच कर बिनती करी कि अगर ये साधु पौणाहारी है तो रास्ता दे दे...  यमुना जी ने फिर रास्ता दे दिया.... 


अब वापिस आने पर मन में दुविधा.... कृष्ण योगी कैसे....???  साधु पौणाहारी कैसे...??? हल किसके पास...??? 


फिर कृष्ण को पकड़ा.... बताओ....


कृष्ण योगी कैसे....???  साधु पौणाहारी कैसे...???


पहले किस का पूछोगी...??? 


साधु का बता...  तुम तो हमेशा पास हो.... 


इतने दिन से उसे कुछ खाते देखा...??? 


नहीं.... 


तुम गई खाना लेकर...  तुम्हारी श्रद्धा थी तो खाया उसने...  नहीं भी जाती तो उसे कोई फर्क नहीं था.... 


उसका तो हो गया...  अब अपनी बताओ...  तुम योगी कैसे...??? 


ये जो भी रास करता हूँ,  ये सब तुम्हारे मन के लिए... तुम्हें खुश करने के लिए..  अगर मेरे मन में कुछ हो तो मैं भोगी...  मेरे मन में तो कुछ है ही नहीं, इसलिए मैं योगी....

खेतों में हुए कुछ Announcements

 रा धा स्व आ मी

 12.04.2023 शाम Transmission के दौरान 


खेतों में हुए कुछ Announcements -*


*▪️25 साल तक के जो youth हैं वो खूब Nutritious खाना खाइये , अच्छा खाना खाइये । च्यवनप्राश खाइये , दयालबाग का butter खाइये ।*


*▪️और भी जो औषधियाँ हैं दयालबाग की, सर्व रोग नाशक है, काश नाशक प्लस है ,  पोमेड vaselin , हरा बाम , दंत मंजन  , Digestive चूर्ण है , ये मेडिकल officer दे देंगे आपको ।*


*▪️25 से 50 साल तक में आपका food 10% कम हो जाना चाहिए । उसके बाद आधा हो जाएगा जब तक 75 साल के होंगे ।*


*▪️अगर आप ऐसा करेंगे तो आपकी सुरत तेजी से ऊपर जाएगी जब जाना होगा तो पता ही नहीं लगेगा आपको । गुरु महाराज की गोद में बैठकर जायेंगे , गुरु महाराज की गोद में बैठकर धुर धाम जायेंगे , पता ही नहीं लगेगा आप लोगों को ।*


*रा धा स्व आ मी 🙏*


शिक्षक की श्रेष्ठ सलाह🖋️

 



🤣🤣🤣🤣🤣 शुक्ला जी शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त  हुए हैं। वह और उनकी पत्नी भोपाल के एक  फ़लैट में रहते हैं। उन्होंने दशहरा में शिमला मनाली जाने की योजना बनाई। बाहर जाने से पहले शुक्ला जी ने सोचा कि अगर उनकी गैरमौजूदगी में कोई चोर घुस गया तो वो घर की सारी अलमारी और पेटी तोड़ कर क्षतिग्रस्त कर देंगे क्योंकि कोई नकद नहीं मिलेगा। इसलिए उन्होने घर को बर्बाद होने से बचाने के लिए 1000 रुपये टेबल पर रख दिए। एक संवाद के साथ जिसमें लिखा था: *हे अजनबी, मेरे घर में प्रवेश करने के लिए आपने कड़ी मेहनत की इसके लिए मेरी हार्दिक बधाई।* *लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है की हम शुरू से मध्यम वर्गीय परिवार हैं और हम NPS कर्मचारी रहे है। हमे नेताओं की तरह पेंशन नही मिलती, और न ही कोई ऊपरी आमदनी रही है।हमारा परिवार किसी तरह  चलता है। इसलिए हमारे पास कोई अतिरिक्त नकदी नहीं है।* *मुझे सच में बहुत शर्म आ रही है कि आपकी मेहनत और आपका कीमती समय बर्बाद हो रहा है।* *इसलिए मैंने आपकी पैरों की धूल के सम्मान में यह थोड़े से पैसे मेज पर छोड़ दिए हैं।* *कृपया इसे स्वीकार करें।* *और मैं आपको आपके बिजनेस को बढ़ाने के कुछ तरीके बता रहा हूं।* *आप कोशिश कर सकते हैं।* *सफलता मिलेगी।* *मेरे फ्लैट के सामने आठवीं मंजिल पर एक बहुत प्रभावशाली मंत्री रहता है।* *नामी प्रॉपर्टी डीलर सातवें माले में रहता है।* *सहकारी बैंक के अध्यक्ष छठे तल पर रहते हैं।* *पांचवी मंजिल पर प्रमुख उद्योगपति।* *चौथी मंजिल पर नामी महाराज जी हैं।* *व तीसरी मंजिल पर एक भ्रष्ट राजनीतिक नेता हैं।* *उन सबका घर गहनों और नकदी से भरा है।* *मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं की आपकी व्यावसायिक सफलता उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएगी और उनमें से कोई भी पुलिस को रिपोर्ट नहीं करेगा।* यात्रा के बाद जब शुक्ला जी और उनकी पत्नी वापस लौटे तो उन्हें टेबल पर एक बैग रखा मिला। बैग में 10 लाख रुपए नकद और एक पत्र रखा देखकर वह हैरान रह गये। पत्र पर लिखा था: *आपके निर्देश और शिक्षा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सर।*🙏 *मुझे इस बात का अफ़सोस है की मैं पहले क्यों आपके करीब नहीं आ पाया।* *आपके निर्देशानुसार मैंने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया।* *मैंने इस छोटी सी राशि को धन्यवाद के रूप में छोड़ दिया है।* *भविष्य में भी मैं आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन की कामना करता हूँ*


Friday, April 7, 2023

🌱🌱 बहुत बलवान

 🌱🌱😌😌🌱🌱


प्रस्तुति - संत / रीना



अभिमन्यु के पुत्र ,राजा परीक्षित थे। राजा परीक्षित के बाद उन के लड़के जनमेजय राजा बने। एक दिन जनमेजय वेदव्यास जी के पास बैठे थे। बातों ही बातों में जन्मेजय ने कुछ नाराजगी से वेदव्यास जी से कहा.. कि,"जहां आप समर्थ थे ,भगवान श्रीकृष्ण थे, भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य कुलगुरू कृपाचार्य जी, धर्मराज युधिष्ठिर, जैसे महान लोग उपस्थित थे.....फिर भी आप महाभारत के युद्ध को होने से नहीं रोक पाए और देखते-देखते अपार जन-धन की हानि हो गई। यदि मैं उस समय रहा होता तो, अपने पुरुषार्थ से इस विनाश को होने से बचा लेता"।


अहंकार से भरे जन्मेजय के शब्द सुन कर भी, व्यास जी शांत रहे।


 उन्होंने कहा," पुत्र अपने पूर्वजों की क्षमता पर शंका न करो। यह विधि द्वारा निश्चित था,जो बदला नहीं जा सकता था, यदि ऐसा हो सकता तो श्रीकृष्ण में ही इतनी सामर्थ्य थी कि वे युद्ध को रोक सकते थे। 


जन्मेजय अपनी बात पर अड़ा रहा और बोला,"मैं इस सिद्धांत को नहीं मानता। आप तो भविष्यवक्ता है,  मेरे जीवन की होने वाली किसी होनी को बताइए...मैं उसे रोककर प्रमाणित कर दूंगा कि विधि का विधान निश्चित नहीं होता"।


व्यास जी ने कहा,"पुत्र यदि तू यही चाहता है तो सुन...."।


*कुछ वर्ष बाद तू काले घोड़े पर बैठकर  शिकार करने जाएगा दक्षिण दिशा में समुद्र तट पर पहुंचेगा...वहां  तुम्हें एक सुंदर स्त्री मिलेगी.. जिसे तू महलों में लाएगा, और उससे विवाह करेगा। मैं तुम को मना करूँगा कि ये सब मत करना लेकिन फिर भी तुम यह सब करोगे। इस के बाद उस  लड़की के कहने पर तू एक यज्ञ करेगा..। मैं तुम को आज ही चेता कर रहा हूं कि उस यज्ञ को तुम वृद्ध ब्राह्मणो से कराना.. लेकिन, वह यज्ञ तुम युवा  ब्राह्मणो से कराओगे.... और..*


जनमेजय ने  हंसते हुए व्यासजी की बात काटते हुए कहा कि,"मै आज के बाद काले घोड़े पर ही नही बैठूंगा..तो ये सब घटनाऐ घटित ही नही होगी। 


व्यासजी ने कहा कि,"ये सब होगा..और अभी आगे की सुन...,"उस यज्ञ मे एक ऐसी घटना घटित होगी....कि तुम ,उस रानी के कहने पर उन युवा ब्राह्मणों को प्राण दंड दोगे, जिससे तुझे ब्रह्म हत्या का पाप लगेगा...और..तुझे कुष्ठ रोग होगा..  और वही तेरी मृत्यु का कारण बनेगा। इस घटनाक्रम को रोक सको तो रोक लो"।


वेदव्यास जी की बात सुनकर जन्मेजय ने एहतियात वश शिकार पर जाना ही छोड़ दिया। परंतु जब होनी का समय आया तो उसे शिकार पर जाने की बलवती इच्छा हुई। उस ने  सोचा कि काला घोड़ा नहीं लूंगा.. पर उस दिन उसे अस्तबल में काला घोड़ा ही मिला। तब उस ने सोचा कि..मैं दक्षिण दिशा में नहीं जाऊंगा परंतु घोड़ा अनियंत्रित होकर दक्षिण दिशा की ओर गया और समुद्र तट पर पहुंचा वहां पर उसने एक सुंदर स्त्री को देखा, और उस पर मोहित हुआ। जन्मेजय ने सोचा कि इसे लेकर  महल मे तो जाउंगा....लेकिन शादी नहीं करूंगा। 

परंतु, उसे महलों में लाने के बाद, उसके प्यार में पड़कर उस से विवाह भी कर लिया। फिर रानी के कहने से जन्मेजय द्वारा यज्ञ भी किया गया। उस यज्ञ में युवा ब्राह्मण ही, रक्खे गए। 

किसी बात पर युवा ब्राह्मण...रानी पर हंसने लगे। रानी क्रोधित हो गई ,और रानी के कहने पर राजा जन्मेजय ने उन्हें प्राण दंड की सजा दे दी..,  फलस्वरुप  उसे कोढ हो गया।


अब  जन्मेजय घबरा गया.और तुरंत  व्यास जी के पास पहुंचा...और उनसे जीवन बचाने के लिए प्रार्थना करने लगा।


वेदव्यास जी ने कहा कि,"एक अंतिम अवसर तेरे प्राण बचाने का और देता हूं......., मैं तुझे महाभारत में हुई घटना का श्रवण कराऊंगा जिसे तुझे श्रद्धा एवं विश्वास के साथ सुनना है..., इससे तेरा कोढ् मिटता जाएगा। 

परंतु यदि किसी भी प्रसंग पर तूने अविश्वास किया.., तो मैं महाभारत का प्रसंग रोक दूंगा..,और  फिर मैं भी तेरा जीवन नहीं बचा पाऊंगा...,याद रखना अब तेरे पास यह अंतिम अवसर है।


अब तक जन्मेजय को व्यासजी की बातों पर पूरा विश्वास हो चुका था, इसलिए वह पूरी श्रद्धा और विश्वास से कथा श्रवण करने लगा। 


व्यासजी ने कथा आरम्भ करी और जब भीम के बल  के वे प्रसंग सुनाऐ ....,जिसमें भीम ने हाथियों को सूंडों से पकड़कर उन्हें अंतरिक्ष में उछाला...,वे हाथी आज भी अंतरिक्ष में घूम रहे हैं....,तब जन्मेजय अपने आप को रोक नहीं पाया,और बोल उठा कि ये कैसे संभव  हो सकता है। मैं नहीं मानता।


व्यास जी ने महाभारत का प्रसंग रोक दिया....और कहा..कि,"पुत्र मैंने तुझे कितना समझाया...कि अविश्वास मत करना...परंतु तुम अपने स्वभाव को  नियंत्रित नहीं कर पाए। क्योंकि यह होनी द्वारा निश्चित था"।


फिर व्यास जी ने अपनी मंत्र शक्ति से आवाहन किया..और वे हाथी पृथ्वी की आकर्षण शक्ति में आकर नीचे गिरने लगे.....तब व्यास जी ने कहा, यह मेरी बात का प्रमाण है"।


जितनी मात्रा में जन्मेजय ने श्रद्धा विश्वास से कथा श्रवण की,

उतनी मात्रा में  वह उस कुष्ठ रोग से मुक्त हुआ परंतु एक बिंदु रह गया और  वही उसकी मृत्यु का कारण बना।

2

सार :-

 पहले बनती है तकदीरे फिर बनते हैं शरीर। 

कर्म हमारे हाथ मे है...लेकिन उस का फल हमारे हाथों में नहीं  है।


गीता के 11 वें अध्याय के 33 वे श्लोक मैं श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं,"उठ खड़ा हो और अपने कार्य द्वारा यश प्राप्त कर। यह सब तो मेरे द्वारा पहले ही मारे जा चुके हैं तू तो केवल निमित्त बना है।


होनी को टाला नहीं जा सकता लेकिन नेक कर्म व ईश्वर नाम जाप से होनी के प्रभाव को कम किया जा सकता है अर्थार्थ रोग आएंगे परंतु पीड़ा नहीं होगी।

  

   *जय श्री कृष्णा*


🌹🙏

आवश्यक सूचना

 

*आवश्यक सूचना* 


APRIL के भंडारे के पावन अवसर पर अनुमति प्राप्त क्षेत्रों से आई महिला एसोसिएशनस द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था शाम के खेतों में उपस्थित सभी भाइयों व बहनों के लिए की जा रही है l


बिक्री दिनांक 07.04.2023 को शाम के खेतों में 2:00 से 3:00 बजे के बीच होगी l यदि ग्रेशस हुजूर जल्दी तशरीफ लाते हैं तो सेल बीच में ही रोकी जा सकती है l इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बिक्री के कारण खेतों में काम का नुकसान नहीं होना चाहिए l सेल पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगी l यदि सामान शेष रह जाता है तो सेल इसी प्रकार अगले दिन 08.04.2023 को भी इसी समय पर आयोजित की जाएगी l 


कृपया सेल के लिए खुले पैसे साथ लेकर आएं एवं अनुशासन बनाए रखें l प्रत्येक स्टॉल की अलग लाइन लगाई जाएगी, कृपया लाइन में लगकर ही सामान लें l सभी लोग हेलमेट एवं मास्क लगाकर रखें एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें l इस बात का विशेष ध्यान रखें कि की कटाई का महापर्व चल रहा है अतः सेल के बाद सभी लोग खेतों की सेवा में अवश्य भाग लें 



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मेट्रो से बजरंग बली की 108 फीट ऊंची मूर्ति को देखना /vivek Shukla

 

विवेक शुक्ल  

वह साल था 1945। महंत नागाबाबा सेवा गिरी दिल्ली आए थे। वे पूर्वांचल से थे। उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से पैदल ही करोल बाग का रुख किया। तब पहाड़गंज के बाद आबादी नाम मात्र की ही थी। वे कुछ और पैदल चले तो उन्हें Kउस स्थान पर एक छोटा सा हनुमान मंदिर मिला जिसे उ.नके निजी प्रयासों से आगे चलकर भव्यता मिली। उन्होंने वहां पर 108 फीट ऊंची बजरंग बली की मूर्ति स्थापित करवाई। इसकी नींव 40 फीट गहरी है। उनकी देखरेख में हनुमान जी की मूर्ति करीब एक दर्जन मूर्तिशिल्पियों ने 13 सालों की मेहनत के बाद तैयार की थी। 


करोल बाग के करीब सिद्ध हनुमान मंदिर में हनुमान जन्मोत्सव का माहौल बीते  कई दिनों से बन गया है। ज्ञानी जन कह रहे हैं कि हनुमान जी की जयंती नहीं हो सकती। वे तो चिरंजीव हैं। बहरहाल, यहां पर सैकड़ों भक्त आ रहे हैं। भंडारा चल रहा है। दिल्ली मेट्रो में सफर करते हुए इस मंदिर के बाहर लगी विशाल मूर्ति को देखना अपने आप में एक रोमांचकारी अनुभव होता है। बजरंग बली की इस विशाल मूर्ति को ‘इश्क जादे’, ‘बजरंगी भाईजान’, ‘दिल्ली-6’ वगैरह फिल्मों में दिखाया भी गया है। इस बीच, हनुमान जी  विशाल प्रतिमाएं छतरपुर मेट्रो स्टेशन के करीब और तिलक ब्रिज से सटे हनुमान मंदिर के बाहर भी स्थापित है।


24X7 होता मानस का पाठ


सिद्ध हनुमान मंदिर में 24X7 राम चरित मानस का अखंड पाठ चलता है। इसमें भक्त जुड़ते रहते हैं। राजधानी का संभवत: यह एकमात्र हनुमान मंदिर है जहां पर दिन-रात राम चरित मानस का पाठ जारी रहता है। हालांकि हनुमान चालीसा तो कनॉट प्लेस के प्राचीन हनुमान मंदिर तथा कश्मीरी गेट के हनुमान मंदिरों में चलता रहता है। करोल बाग के सिद्ध हनुमान मंदिर के महंत गिरी बताते हैं कि यहां पर 24X7 राम चरित मानस का अखंड पाठ का श्रीगणेश नागाबाबा सेवा गिरी जी ने ही शुरू करवाया था। वह परंपरा यहां पर जारी है। इसी के साथ यहां पर हनुमान चालीसा को पढ़ते हुए हर वक्त भक्त मिल जाते हैं। सिद्ध हनुमान मंदिर का मैनेजमेंट एक ट्रस्ट देखता है। 78 साल के आईपी एक्सटेँशन निवासी पी.एल.शर्मा को याद है जब इस मंदिर के आगे सड़क तक नहीं थी 1950 के दशक के शुरू में। फिर एक पतली सड़क बनी। अब इस सड़क पर दिन-रात हैवी ट्रैफिक चलता है।


 जात-पात से घृणा; गुरु चरन सरोज रज...


महंत नागाबाबा सेवा गिरी जात-पात के विचार को खारिज करते थे। उन्होंने सिद्ध हनुमान मंदिर में अपने साथ पुजारियों और दूसरे सेवकों को जोड़ते हुए उनकी जाति के संबंध में कभी नहीं पूछा। वे मानते थे कि यदि कोई व्यक्ति पुजारी के कार्य करने में सक्षम है तो उसे वे तुरंत अपने साथ जोड़ना चाहेंगे। उन्हें किसी की जाति से कोई सरोकार नहीं है। यहां पर सब जातियों के लोग कार्यरत हैं। पुजारी के पदों पर किसी जाति विशेष की नियुक्ति का कोई नियम नहीं है। इस बीच, यहां पर मंगलवार और शनिवार को हजारों भक्त पूजा अर्चना के लिए आते हैं। सबसे अच्छी बात ये लगी कि यहां पर अव्यवस्था कहीं नजर नहीं आती। सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है। मंदिर परिसर में कुछ नौजवान हनुमान चालीसा अकेले बैठकर पढ़ रहे हैं। जैसे कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर के बाहर खाने-पीने की ढेरों दुकानों हैं, यहां पर प्रसाद के अलावा कोई दुकान नजर नहीं आती।


कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में ‘श्रीराम जयराम जय-जयराम’ 


कौन सा दिल्ली वाला होगा जो कनॉट प्लेस के प्राचीन हनुमान मंदिर में कभी नहीं गया होगा। इसके बाहर से दर्शन तो सबने किए ही हैं। आज हनुमान जयंती या जन्मोत्सव पर इधर लगभग एक लाख भक्त पूजा अर्चना के लिए आएंगे। इधर प्रतिदन ही मेले वाला वातावरण बना रहता है। यहां भक्त पांच बार, सात या इससे भी अधिक बार हनुमान चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा भाव के साथ करते हुए मिलेंगे। 


आज सामूहिक हनुमान चालीसा भी पढ़ा जाएगा। इसके बाद करीब तीन बजे मंदिर से एक शोभा यात्रा निकलेगी। हनुमान जन्मोत्सव के लिए यहां के तमाम महंत भी कई दिनों से तैयारी कर रहे होते हैं। हनुमान मंदिर के अधिकतर महंत मंदिर परिसर ही में ही रहते हैं।  इनका संबंध जयपुर से है। पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और श्रीमती इंदिरा गांधी भी इसी हनुमान मंदिर में आकर हनुमान चालीसा पढ़ते थे। इधर 1 अगस्त, 1964 से ‘श्रीराम जयराम जय-जयराम’ मंत्र का अटूट जाप आरंभ हुआ था।  यहां पर स्वयंभू हनुमान की मूर्ति प्रकट हुई थी। इसमें हनुमान जी दक्षिण दिशा की ओर देख रहे हैं। इधर इस मूर्ति के प्रकट होने के बाद यहां पर हनुमान मंदिर का निर्माण हुआ।


मरघट वाला हनुमान मंदिर 


दिल्ली कश्मीरी गेट के हनुमान मंदिर को मरघट वाला हनुमान मंदिर भी कहती है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों के समय हुआ था। हनुमान मंदिर मौजूदा स्वरूप में करीब 125 साल पहले ही आया। लूडलो कैसल स्कूल में पढ़े महंत वरूण शर्मा कहते हैं कि उनकी सातवीं पीढ़ी इस सिद्ध मंदिर से जुड़ी हुई हैं। उनसे पहले उनके पिता महंत महावीर प्रसाद शर्मा और दादा मंहत बनारसीदास शर्मा और बाकी बुजुर्ग यहां के महंत रहे। उनका परिवार रोहतक से दिल्ली आया था। 

कश्मीरी गेट हनुमान मंदिर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सपरिवार पूजा अर्चना के लिए आते रहते हैं। इस बीच, राजधानी में यूं तो अनगिनत हनुमान मंदिर हैं, पर पंचमुखी हनुमान की मूर्तियां गिनती के ही मंदिरों में मिलती हैं। पटेल नगर के हनुमान मंदिर में पंचमुखी हनुमान की मूर्ति में मारुति नंदन का कठोर रूप दिखाया गया है। यह अपने आप में दुर्लभ कलारूपों में एक हैं, जहां वे किसी राक्षस का वध कर रहे हैं। शेष में हनुमान जी अपने राम की भक्ति में नजर आते हैं। कनॉट प्लेस और और ओखला के हनुमान मंदिरों में भी पंचमुखी रूप में हनुमान जी हैं।


हनुमान मंदिर आईटीओ से तुगलक रोड पर 


राजधानी में हनुमान मंदिर चप्पे-चप्पे पर हैं। आईटीओ पर हनुमान जी की विशाल मूर्ति के रोज लाखों दिल्ली वाले दर्शन करते हैं। इस मूर्ति के पीछे हनुमान मंदिर है। आज हनुमान जन्मोत्सव पर यहां सुबह से रात कर सुंदर कांड, हनुमान चालीसा और राम चरित मानस का पाठ होता रहेगा। इस बीच, तुगलक रोड पर भी एक सिद्ध हनुमान मंदिर है। इसे मंगलवार वाला हनुमान मंदिर भी कहा जाता जाता है। इसमें लाल बहादुर शास्त्री, बाबू जगजीवन राम, कमालापति त्रिपाठी से लेकर लालू यादव, राबड़ी देवी समेत हजारों-लाखों हनुमान भक्त आते रहे हैं। जिन दिनों लालू यादव को तुगलक रोड पर सरकारी आवास मिला हुआ था,तब राबड़ी देवी यहां नियमित रूप से आती थीं। यह मंगलवार और शनिवार को गुलजार हो जाता है।

. इन दोनों दिनों में इधर सुबह से देर रात तक बजरंग बली के सैकड़ों भक्त कुछ पलों के लिए रूकते हैं। पूजा अर्चना करके या प्रसाद चढ़ा कर निकल लेते हैं। इन दोनों दिनों में मंदिर के बाहर कारों का आना-जाना लगा रहता है। इसमें आने वाले अधिकतर श्रद्धालु साउथ दिल्ली से होते हैं। ये शाम को घर वापस जाते समय इधर रूक जाते हैं। यह हनुमान मंदिर 1950 के आसपास स्थापित हुआ। इसकी स्थापना की थी पंडित सालिग राम शर्मा ने। वह चिराग दिल्ली रहते थे। इधर हनुमान जी और शिव परिवार की मूर्तियां हैं।


Vivek Shukla Navbharattimes 6 April 2023

Thursday, April 6, 2023

आवश्यक सूचना*

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APRIL के भंडारे के पावन अवसर पर अनुमति प्राप्त क्षेत्रों से आई महिला एसोसिएशनस द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था शाम के खेतों में उपस्थित सभी भाइयों व बहनों के लिए की जा रही है l


बिक्री दिनांक 07.04.2023 को शाम के खेतों में 2:00 से 3:00 बजे के बीच होगी l यदि ग्रेशस हुजूर जल्दी तशरीफ लाते हैं तो सेल बीच में ही रोकी जा सकती है l इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बिक्री के कारण खेतों में काम का नुकसान नहीं होना चाहिए l सेल पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगी l यदि सामान शेष रह जाता है तो सेल इसी प्रकार अगले दिन 08.04.2023 को भी इसी समय पर आयोजित की जाएगी l 


कृपया सेल के लिए खुले पैसे साथ लेकर आएं एवं अनुशासन बनाए रखें l प्रत्येक स्टॉल की अलग लाइन लगाई जाएगी, कृपया लाइन में लगकर ही सामान लें l सभी लोग हेलमेट एवं मास्क लगाकर रखें एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें l इस बात का विशेष ध्यान रखें कि की कटाई का महापर्व चल रहा है अतः सेल के बाद सभी लोग खेतों की सेवा में अवश्य भाग लें l



🥼👚👕🧶👗🧤🧦🧣



                                         


   *पावन स्मृत्यालय के खुलने का दिन व समय भण्डारे के अवसर पर :-                                                                                      

*प्रेमिन बहिनों के लिये:-07-04-2023 प्रातः* *9:00 से 11:00 बजे तक*


*प्रेमी भाईसाहबान के लिये:-08-04-2023 प्रातः 9:00 से 11:00 बजे तक


 जिज्ञासु बहिनें, बच्चों के लिये:-10-04-2023 प्रातः 9:00 से 10:00 बजे तक*

*जिज्ञासु भाईसाहबान,15 बर्ष से बड़े लड़के* *10-04-2023 :-10:00 से 11:00 बजे तक कृपया दिन व समय का विशेष ख्याल रखें अन्दर शान्ति बनायें रखें!

                                                        

  *🙏🏻रा धा स्व आ मी🙏🏻*

झुमका गिरा रे ।......

 झुमका गिरा रे, बरेली के बाज़ार में ।  (2)

झुमका गिरा रे ।


अंगना में ढूँढूं, अटारी में ढूँढूं  । (2)

कहाँ ढूँढूं रे, कोई तो बतलावें  ।। (2) झुमका ....



सास मेरी पूछे, ननद मेरी पूछे । (2)

कहाँ खोया रे, बहू तूने झुमका  ।।

कहाँ खोया रे, भाभी तूने झुमका  ।।

कहाँ खोया रे, बरेली के बाज़ार में।। 


झुमका गिरा रे, बरेली के बाज़ार में। (2)

झुमका गिरा (3), रे , बरेली के बाज़ार में।

झुमका गिरा रे । 



सास मेरी रोवे, ननद मेरी रोवे  । 


(2)

सैय्याँ रोवे रे, गले में बैयां डाल के  ।। (2)

 झुमका ....



हमारे सांचे सैय्याँ 

रा धा स्व आ मी दयाल रे। 


हमारे प्यारे सैय्याँ 

रा धा स्व आ मी दयाल रे।


पार लगावें रे, दुनिया के इस भौसगर से (2)

पार लगावें रे, अब काहे का रोना रे । (2)

पार लगावें रे, हम पाये  पालनहार रे । (2)

पार लगावें रे

पार लगावें रे

पार लगावें रे ।।

Tuesday, April 4, 2023

जग जीवन थोड़ा रे 1

 🙏🙏🙏🙏🙏


मानत नहीं मन मोरा साधो |

मानत नहीं मन मोरा 

रे  टेक 

बार बार मै मन समझाउं, 

जग जीवन थोड़ा 

रे 1

या देही का गरव न कीजे, 

क्या सांवर क्या गोरा 

रे, 2

बिना भक्ति तन काम न आवे, 

कोटि सुगंध चमोरा

रे 3

या माया का गरव न कीजे, 

क्या हाथी क्या घोड़ा

रे     .. 4

जोड जोड धन बहुत बिगूचे, 

लाखन कोट करोडा

रे    .. 5

दुविधा दुरमति और चतुराई, 

जनम गयो नर बोरा

रे      .. 6

अजहुँ आन मिलो सतसंगत, 

सतगुरु मान निहोरा

रे    .. 7

लेत उठाय पडत भुई गिर गिर, 

जयो बालक बिन 

कोरा रे    ... 8

कहैं कबीर चरन चित राखो, 

जैसे सूई बिच डोरा रे     .. 9

🙏🌹🙏🌹🙏

Monday, April 3, 2023

अनादिकाल से सूर्य 'ॐ' का जाप कर रहा है

 


सूर्य से ॐ की ध्वनि निकल रही ह


सूर्य से निकलने वाली ध्वनि इतनी कम आवृत्ति की है कि हम इसे अपने कानों से नही सुन सकते। NASA ने इस ध्वनि को Record किया है। जब इसकी आवृत्ति को बढाकर सुना गया तो यह ॐ की ध्वनि पाई गई। यह आश्चर्य की बात है। हजारों वर्ष पूर्व वेद लिखने वालों ने इसे कैसे सुना, यह प्रश्न अनसुलझा है लेकिन यह वेदों की महत्ता और महानता को सिद्ध करता है।

नासा के वैज्ञानिकों ने अनेक अनुसंधानों के बाद डीप स्पेस में यंत्रों द्वारा सूर्य में हर क्षण होने वाली एक ध्वनि को रिकॉर्ड किया। उस ध्वनि को सुना तो वैज्ञानिक चकित रह गए, क्योंकि यह ध्वनि कुछ और नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति की वैदिक ध्वनि 'ॐ' थी। सुनने में बिलकुल वैसी, जैसे हम 'ॐ' बोलते हैं। इस मंत्र का गुणगान वेदों में ही नहीं, हमारे अन्य ग्रंथों में भी किया गया है।

आश्चर्य इस बात का था कि जो गहन ध्वनि मनुष्य अपने कानों से नहीं सुन सकता, उसको ऋषियों ने कैसे सुना। 

सामान्य व्यक्ति बीस मेगा हर्ट्स से बीस हजार मेगा हर्ट्स की ध्वनियों को ही सुन सकता है। इतनी ही हमारे कान की श्रवण शक्ति है। उससे नीचे या उससे ऊपर की ध्वनि को सुनना संभव ही नहीं है। इंद्रियों की एक सीमा है, उससे कम या ज्यादा में वे कोई जानकारी नहीं दे सकतीं।

वैज्ञानिकों का आश्चर्य असल में समाधि की उच्च अवस्था का चमत्कार था जिसमें ऋषियों ने वह ध्वनि सुनी, अनुभव की और वेदों के हर मंत्र से पहले उसे लिखा और 'महामंत्र' बताया। ऋषि कहते हैं, यह ॐ की ध्वनि परमात्मा तक पहुंचने का माध्यम है। यह उसका नाम है। महर्षि पतंजलि कहते हैं 'तस्य वाचकः प्रणव' अर्थात परमात्मा का नाम प्रणव है। प्रणव यानि 'ॐ'।

प्रश्न उठता है कि सूर्य में ये ही यह ध्वनि क्यों हो रही है? इसका उत्तर गीता में दिया गया है। भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं- जो योग का ज्ञान मैंने तुझे दिया, यह मैंने आदिकाल में सूर्य को दिया था। देखा जाए तो तभी से सूर्य नित्य-निरंतर केवल 'ॐ' का ही जाप करता हुआ अनादिकाल से चमक रहा है। यह जाप सूर्य ही नहीं, संपूर्ण ब्रह्मांड कर रहा है। 

ऋषियों ने कहा था यह ध्वनि ध्यान में अनुभव की जा सकती है, लेकिन कानों से सुनी नहीं जा सकती। इसी ध्वनि को शिव की शक्ति या उनके डमरू से निकली हुई प्रथम ध्वनि कहा जाता है, यही अनहद नाद है। ब्रह्मांड में ही नहीं, यह ध्वनि हमारी चेतना की अंतरतम गहराइयों में भी गूंज रही है। जब हम 'ॐ' का जाप करते हैं, तब सबसे पहले मन विचारों से खाली होता है।

उसके बाद भी जब ये जाप चलता रहता है, तब साधक के जाप की फ्रीक्वेंसी उस ब्रह्मांड में गूंजती 'ॐ' की ध्वनि की फ्रीक्वेंसी के समान हो जाती है। उस समय साधक ध्यान की गहराइयों में चला जाता है। इस अवस्था को वननेस या समाधि या अद्वैत कहा जाता है। इस अवस्था में मन, चेतना के साथ लीन हो जाता है।




सूर्य को जल चढ़ाने का अर्थ

  प्रस्तुति - रामरूप यादव  सूर्य को सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य के ही चक्कर लगाते है इसलिए सभी ग्रहो में सूर्...