Thursday, December 31, 2020

AADEIs की मीटिंग

 [1/1, 08:43] +91 97176 60451: आज  *(०१-०१-२०२१)*  AADEIs  की  मीटिंग  के  बाद  दो  पाठ  पढ़े  गए।  उसके  बाद  ग्रेसियस  हुज़ूर  ने  फरमाया 


 *राधास्वामी* 


आज  इवेंट्स  में  सिर्फ  ये  २  पाठ  करने  नहीं  शामिल  हैं, बल्कि  एक  अहम  दयालबाग  साइंस  ऑफ़  कन्शियसनेस  के  सैशन,  खासकर   कील  यूनिवर्सिटी - जर्मनी  और  यूनिवर्सिटी  ऑफ  वाटरलू  इत्यादि  की  सहभागिता से  भी  सतसंग  हॉल  में  टाइम  वगैरह,  स्वामी  दया  आपको  बता  देंगे, प्रसारित  होगे। क्योंकि   सट्रेंथ  को  लेकर  कोई  लिमिटेशन  नहीं  है,  और  वहां  आप  अपनी  राय  देना  चाहे  और  कॉन्फ्रेंस  के  सब्जेक्ट  मैटर  के  बारे  में  भी  सुन  लीजिएगा  पूरे  तरीके  से,  जिससे   जो  भी  उसमें  योगदान  देना  चाहेंगे,  आप  दे  सकेंगे। पहली  जनवरी  दयालबाग  के  इतिहास  में  हमेशा  से  एक  विशेष  महत्व  रखती  रही  है,  उसमें  ऐसी  कोई  बात  नहीं  है  कि  हम  वेस्टर्न  वर्ल्ड  के  नहीं  है, इसीलिए  हम  क्रिश्चियन  त्योहारों  को  नहीं  मनाते,  पहली  जनवरी  अपने  आप  में  एक  सुप्रसिद्ध  तारीख  रही  है।  जबकि  दयालबाग  के  रेजिडेंस,  एल्युमिनाई  और  उनके  फ्रेंडस  सबने  पार्टिसिपेट  किया  है, अंतरराष्ट्रीय  अंतराष्ट्रीय  स्तर  पर, तो  आपका  विशेष  स्वागत  है,  जो  भी  आपमें  से  ठहरे  हुए  हैं,  या  जहां  भी  आप  है  इस  वक्त,  वहां  के  ब्रांच  सेक्रेटरी  से  कोऑर्डिनेट  करेगे,  तो  आप  अपने  स्थान  से  ही,  इस  वर्च्युल  रियलिटी  मोड  से  इस  कॉन्फ्रेंस  में  सहभागिता  कर  सकेंगे।


 *राधास्वामी*

[1/1, 08:43] +91 97176 60451: *आज  *(01--01-2021)*  **AADEIs  की  मीटिंग  के  बाद  दो  पाठ  पढ़े  गए।  उसके  बाद  ग्रेसियस  हुज़ूर  ने  फरमाया-*


 *राधास्वामी* 


*आज  इवेंट्स  में  सिर्फ  ये  २  पाठ  करने  नहीं  शामिल  हैं, बल्कि  एक  अहम  दयालबाग  साइंस  ऑफ़  कन्शियसनेस  के  सैशन,  खासकर   कील  यूनिवर्सिटी - जर्मनी  और  यूनिवर्सिटी  ऑफ  वाटरलू  इत्यादि  की  सहभागिता से  भी  सतसंग  हॉल  में  टाइम  वगैरह,  स्वामी  दया  आपको  बता  देंगे, प्रसारित  होगे। क्योंकि   सट्रेंथ  को  लेकर  कोई  लिमिटेशन  नहीं  है,  और  वहां  आप  अपनी  राय  देना  चाहे  और  कॉन्फ्रेंस  के  सब्जेक्ट  मैटर  के  बारे  में  भी  सुन  लीजिएगा  पूरे  तरीके  से,  जिससे   जो  भी  उसमें  योगदान  देना  चाहेंगे,  आप  दे  सकेंगे। पहली  जनवरी  दयालबाग  के  इतिहास  में  हमेशा  से  एक  विशेष  महत्व  रखती  रही  है,  उसमें  ऐसी  कोई  बात  नहीं  है  कि  हम  वेस्टर्न  वर्ल्ड  के  नहीं  है, इसीलिए  हम  क्रिश्चियन  त्योहारों  को  नहीं  मनाते,  पहली  जनवरी  अपने  आप  में  एक  सुप्रसिद्ध  तारीख  रही  है।  जबकि  दयालबाग  के  रेजिडेंस,  एल्युमिनाई  और  उनके  फ्रेंडस  सबने  पार्टिसिपेट  किया  है, अंतरराष्ट्रीय  अंतराष्ट्रीय  स्तर  पर, तो  आपका  विशेष  स्वागत  है,  जो  भी  आपमें  से  ठहरे  हुए  हैं,  या  जहां  भी  आप  है  इस  वक्त,  वहां  के  ब्रांच  सेक्रेटरी  से  कोऑर्डिनेट  करेगे,  तो  आप  अपने  स्थान  से  ही,  इस  वर्च्युल  रियलिटी  मोड  से  इस  कॉन्फ्रेंस  में  सहभागिता  कर  सकेंगे।**


 *राधास्वामी!!*

शिक्षा दिवस

 *शिक्षा दिवस 


🌹🌹*शिक्षा दिवस् व नव वर्ष के आगमन पर समस्त सतसंग जगत व प्राणी मात्र के सिर पर पर हुजूर राधास्वामी दयाल की दया व मेहर का हाथ सदा बना रहें वे दाता दयाल हम सब तुच्छ जीवों को "मिशन राधास्वामी" को पूरा व कामयाब बनाने में समर्पण भाव सहित भाग लेने की शक्ति प्रदान करें। "तन मन स्रुत सेवा में लगे और सेव तूम्हारी होय। दया दृष्टि हम सब पर रहे और न चाहत कोय।।" राधास्वामी दयाल दया करें।🌹🌹**

आज का दिन शुभ हो

 🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞 कृष्ण मेहता 

⛅ *दिनांक 01 जनवरी 2021*

⛅ *दिन - शुक्रवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शिशिर*

⛅ *मास - पौष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - मार्गशीर्ष)*

⛅ *पक्ष - कृष्ण* 

⛅ *तिथि - द्वितीया सुबह 09:33 तक तत्पश्चात तृतीया* 

⛅ *नक्षत्र - पुष्य रात्रि 08:15 तक तत्पश्चात अश्लेशा*

⛅ *योग - वैधृति शाम 01:38 तक तत्पश्चात विष्कम्भ*

⛅ *राहुकाल - सुबह 11:21 से दोपहर 12:42 तक*

⛅ *सूर्योदय - 07:17* 

⛅ *सूर्यास्त - 18:07* 

⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - 

 💥 *विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा  बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए* 🌷

👉 *02 जनवरी 2021 शनिवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 09:14)* 

🙏🏻 *शिव पुराण में आता हैं कि हर महिने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :*

🌷 *ॐ गं गणपते नमः ।*

🌷 *ॐ सोमाय नमः ।*

 🌞


🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷

📅 *वास्तु में पुराने कैलेंडर लगाए रखना अच्छा नहीं माना गया है। ये प्रगति के अवसरों को कम करता है। इसलिए, पुराने कैलेंडर को हटा देना चाहिए और नए साल में नया कैलेंडर लगाना चाहिए। जिससे नए साल में पुराने साल से भी औज्यादा शुभ अवसरों की प्राप्ति होती रहे।*

*अगर सालभर अच्छे योग और फायदे चाहते हैं तो घर में कैलेंडर को वास्तु के अनुसार ही लगाएं।*

👉🏻 *वास्तु अनुरुप कहां लगाएं कैलेंडर*

📅  *कैलेंडर उत्तर,पश्चिम या पूर्वी दीवार पर लगाना चाहिए। हिंसक जानवरों, दुःखी चेहरों की तस्वीरोंवाला ना हो। इस प्रकार की तस्वीरें घर में नेगेटिव एनर्जी का संचार करती है।*

📅 *पूर्व में कैलेंडर लगाना बढ़ा सकता हैं प्रगति के अवसर- पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य हैं , जो लीडरशिप के देवता हैं। इस दिशा में कैलेंडर रखना जीवन में प्रगति लाता है। लाल या गुलाबी रंग के कागज पर उगते सूरज, भगवान आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर हो।*

📅 *उत्तर दिशा में कैलेंडर बढ़ाता है सुख-समृद्धि- उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इस दिशा में हरियाली,फव्वारा, नदी,समुद्र, झरने, विवाह आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर इस दिशा में लगाना चाहिए। कैलेंडर पर ग्रीन व सफेद रंग का उपयोग अधिक किया हो।*

📅 *पश्चिम दिशा में कैलेंडर लगाने से बन सकते हैं रुके हुए कई कार्य- पश्चिम दिशा बहाव की दिशा है। इस दिशा में कैलेंडर लगाने से कार्यों में तेजी आती हैं। कार्यक्षमता भी बढ़ती है। पश्चिम दिशा का जो कोना उत्तर की ओर हो। उस कोने की ओर कैलेंडर लगाना चाहिए।*

📅  *कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए घर की दक्षिण दिशा में- घड़ी और कैलेंडर दोनों ही समय के सूचक हैं। दक्षिण ठहराव की दिशा है। यहां समय सूचक वस्तुओं को ना रखें। ये घर के सदस्यों की तरक्की के अवसर रोकता है। घर के मुखिया के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।*

📅  *मुख्य दरवाजे से नजर आता कैलेंडर भी नहीं लगाएं- मुख्य दरवाजे के सामने कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए। दरवाजे से गुजरने वाली ऊर्जा प्रभावित होती है। साथ ही तेज हवा चलने से कैलेंडर हिलने से पेज उलट सकते हैं । जो कि अच्छा नहीं माना जाता है।*


             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏

DB वचन और नाटक

 **परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज- बचन भाग 1- कल से आगे:-(2)- 12 अक्टूबर 1937:-


आज तीसरे पहर आर.ई.आई व टेक्निकल कॉलेज के सीनियर विद्यार्थियों का जलसा हुजूर की सदारत में हुआ। दो शब्दों का पाठ किया गया। एक शब्द था-                                 सुन सुन रह्या न जाय महिमा सतगुरु की।।टेक।। मछली पडी भँवर के माहीं बहती बेबस धार।                                                 ठहरन को कहिं ठौर न पावे मछुआ खडा रे किनार।।(प्रेमबिलास- शब्द 117)                 

   पाठ समाप्त होने पर हुजूर ने फरमाया- आजकल भारतवर्ष के युवकों की दशा बेकारी के कारण उपरोक्त कड़ी में लिखी हुई मछली की तरह हो रही है और वे बेचारे अत्यंत निराशा की दशा में है। अतः प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य हो जाता है कि वह अपने जीवन का लक्ष्य तुरंत निश्चित करले व उसकी प्राप्ति के लिए यथाशक्ति प्रयत्न करें और न केवल अपने बल्कि अपनी संगत के लिए लाभदायक सिद्ध हो।  हुजूर ने लगभग डेढ़ दर्जन छात्रों को खड़ा करवाया और उनमें से हर एक से पूछा कि "तुमने अपने जीवन के लिए क्या काम चुना है।"  उनमें से आधे विद्यार्थी ऐसे थे जिन्होंने अपने जीवन का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया था। हुजूर ने उनको समझाया कि यह लापरवाही की दशा अत्यंत खराब है ।                                      

  🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज-

【 शरण आश्रम का सपूत】

 कल से आगे:

- इटली में निहायत आला खानदान के लोगों को जबरदस्त सिफारिश पहुँचने पर भी यह ओहदा बमुश्किल तमाम मिलता है।( चियर्ज)।

आपने चार ही महीना काम किया था कि आपको एक जबरदस्त खतरे का मुकाबला करना पड़ा। मगर ऐ शेर मर्द! आफरीं सद आफरीं!  तूने अपनी जान हथेली पर रखकर एक अनार्किस्ट को मगलूब किया और शाह इटली की जान बचाई ( चियर्ज)  शाह इटली की तरफ से आपको एक लाख लायर्ज नगद (चियर्ज) और एक तमगा " ग्रैण्ड क्रास ऑफ न्यू इटली' का इनाम मिला।( चियर्ज) चूँकि अनाकिर्स्ट को मगलूब करते वक्त आपकी टाँग सख्त मजरुह हो गई थी इसलिए आप को एक साल वहीं रहना पड़ा।  सरकारे इटली ने आपकी उम्र भर के लिए पेंशन कर दी और आप को मौका दिया कि मसनूई रेशम का काम बखूबी सीख लें। आज सब काम शान के साथ सरअंजाम देकर आप एक जबरदस्त फत्ताह की तरह दयालबाग लौटे हैं ।(चियर्ज)।  हम सब लोग आप को इस बहादुरी व जाँफिशानी के लिए मुबारकबाद देते हैं ।(जोर से चियर्ज)। जो रुपया आपको इनाम में मिला वह सब आपने मसनूई रेशम के कारखाने के लिए मशीनरी में खर्च कर दिया ।(सुनो सुनो )। उम्मीद है कि अगले महीने सब मशीनरी यहाँ पहुँच जायगी और आपकी मदद से सभा इस काबिल होगी कि मसनूई रेशम की साख्त का काम मॉडर्न इंडस्ट्रीज में आला पैमाने पर शुरू कर दिया जाय।( सुनो सुनो )

प्रेमबिहारीलाल! आपकी इस जाँ फिसानी और कुर्बानी से जो फायदा सत्संगी आवाम को होगा वह लफ्जो में बयान करना मुश्किल ब्लिक नामुमकिन है। आप ने वह काम कर दिखाया कि जिसके लिए हर एक सत्संगी भाई और बहन जायज तौर पर फक्र महसूस करते हैं । सभा ने आपकी तालीम व परवरिश पर जरूर काफी रुपया सर्फ किया लेकिन आज आपने उसका हजार गुना- नहीं नहीं - लाख गुना एवज दे दिया है ।(चियर्ज) आप कि इस कुर्बानी की बरकत से सैकड़ों हजारों बच्चे शरणआश्रम में तालीम व प्रवेश पा सकेंगे और सत्संग- मंडली की एक अहम जरूरत बआसानी रवा हो जायगी क्रम से  

               

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**परम गुरु हुजूर महाराज

- प्रेम पत्र- भाग 1- कल से आगे:-( 5)


सवाल- जो मालिक सर्व समरथ है तो आप ही हमारे मन को बदल कर हम से परमार्थ की करनी क्यों नहीं करा लेवें?                                                  

   जवाब -मालूम होवे कि असल में बिना मालिक के हुकुम या मौज या मर्जी की कोई काम नहीं होता है । जो दयापात्र और अधिकारी जीव है , वह अपनी रोजमर्रा के हालत और दुनियाँ के, हाल को देखकर, आपही अपने मन में सोच विचार करके अच्छे काम और परमार्थ के खोज और कमाई में लग जाते हैं, और उनको मेहर और दया से मालिक बराबर तरक्की के वास्ते मदद देता जाता है । ऐसे लोग कुदरती किताब से बहुत करके हिदायत लेते हैं और फिर उनको, मौज और दया से निज भेद सच्चे मालिक और उससे मिलने की जुगत के बताने वाले सतगुरु भी मिल जाते हैं और उनका कारज दिन दिन बनता जाता है।।          

 और जो जीव कि आप से नहीं चेतते उनको मालिक अपनी मौज से चेते हुए जीवो की मारफत समझौती देकर होशियार करता है और उनका भी कारज आहिस्ता आहिस्ता बनना शुरू हो जाता है । क्रमशः।               

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


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एक जनवरी 2021 सुबह सतसंग

 **राधास्वामी!! 01-01-2021- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-                                    

 (1) कहाँ लग कहूँ कुटिलता मन की। कान न माने गुरु के बचन की।। है गुरू बहिन और गुरु भाई। तिन में निसदिन होत लडाई।।-(गुरु ताडें सतसंगी झीखें। काल लगाई ऐसी लीकें।।)            (सारबचन-शब्द-11वाँ-पृ.सं.234,235 )                                         

(2) आज मन मित्रा भक्ति कमाय।।टेक।। जगत संग कुछ लाभ न पावे। दुख सुख में क्यों बैस बिताय।।-(चरन सरन गह पार सिधारो। राधास्वामी राधास्वामी निस दिन गाय।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-15,पृ.सं.378) 

सतसंग के बाद शिक्षा दिवस के अवसर पर पढे  गये पाठ:-

 (1) तन मन धन से भक्ति करो री।।टेक।। -(राधास्वामी  मेहर करें जब अपनी। भौसागर से सहज तरो री।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-57-पृ.सं.405)                                       

(2) कोई करो प्रेम से गुरु का संग।।टेक।। मन से कपट और मान तियागो। प्रेमी जन का धिरो ढंग।।-(राधास्वामी दया दृष्टि से हेरा। बिरोधी हो गये आपहि तंग।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-67-पृ.सं.333,334) दयालबाग में रहने वाली एलुमिनाई महिला सदस्यों द्वारा।                                                  

 (ग्रैशस हुजूर जी - फरमाया गया मुबारक बचन)                                                      

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

DSC Winter Session* :

🗣🔊 *DSC  Winter Session* :

  *https://www.dei.ac.in/dei/DSC2021/*


Kindly  register  for  the  conference


 *Conference  Schedule* 


*06:00  pm - 06.15 pm  IST* -  Welcome  Institute  prayer  and  about  the  Institute


*06:15  pm - 06.55 pm  IST* -  *Keynote Talk*  ( Religion,  Leadership  and  Consciousness:  Interactions  and  Opportunities) By  Dr.  Andrew  Davies


*06:55  pm - 07.10 pm  IST* -  *Invited  Talk*  By Dr. Dayal Pyari Anoop Srivastava


*07:10  pm - 07.55 pm IST* -  *Keynote  Talk* (Panpsychism  as  a  theory  of  Consciousness)   By  Dr.  Philip  Golf


*07:50  pm - 08.30 pm  IST* -  Break


*08:35  pm - 08.50 pm  IST* -  *Invited  Talk*  By  Dr. Bani  Dayal  Dheer


*08:50  pm - 09.05 pm  IST* -  *Invited  Talk*  By  Dr. Shiroman  Prakash


*09:05  pm - 09.45 pm  IST* -  *Keynote  Talk*  By  Dr. Sabir  Sachdev


*09:45  pm - 10.05 pm  IST* -  Break


*10:10  pm - 10.25 pm  IST* -  *Invited  Talk*  By  Dr. Anju  Bhatnagar


*10:25  pm - 11.05 pm  IST* -  *Keynote  Talk*  By  Dr. Bruce  Damer


*11:05  pm - 11.35 pm  IST* -  Panel  Discussion

[12/31/2020, 14:01] +91 97176 60451: Note:- Start- Indain std. Time 6:00 pm🙏🏻🙏🏻

 [12/30, 05:26] Morni कृष्ण मेहता: 🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक 30 दिसम्बर 2020*

⛅ *दिन - बुधवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शिशिर*

⛅ *मास - मार्गशीर्ष*

⛅ *पक्ष - शुक्ल* 

⛅ *तिथि -  पूर्णिमा सुबह 08:57 तक तत्पश्चात प्रतिपदा* 

⛅ *नक्षत्र - आर्द्रा शाम 06:55 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*

⛅ *योग - ब्रह्म शाम 03:44 तक तत्पश्चात इन्द्र*

⛅ *राहुकाल - दोपहर 12:41 से दोपहर 02:03 तक*

⛅ *सूर्योदय - 07:16* 

⛅ *सूर्यास्त - 18:06* 

⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - 

 💥 *विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *बिल्ली रास्ता काट जाये तो* 🌷

🐈 *बिल्ली रास्ता काट जाये तो अपशकुन मत मानो ....राहु का वाहन है बिल्ली.... बिल्ली रास्ता काट जाये तो राहु देवता आ रहे हैं पीछे-पीछे मेरी मदद करने के लिए ...मेरा मनोबल बढाने के लिए एक बार मन में बोल दो " ॐ रहवये नमः " ...राहु का मंत्र है ...राहु भी खुश हो जायेंगे ।*


              🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷

🏡 *गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास माना जाता है ।घर-दुकान या मंदिर में या उत्तर-पूर्व दिशा में गाय की तस्वीर लगाने से दुर्भाग्य खत्म होता है ।*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *कर्पूर मिश्रित जल* 🌷

👉🏻 *गो चंदन अगरबत्ती गाय के घी में डुबो के जला देते तो भी गाय के गोबर के कंडे जैसा परिणाम देगा …. कभी मै उस में कपूर भी रख देता…. कभी कभी कर्पूर मिश्रित जल कमरे में छिटक देना भी हितकारी माना जाता है ….कपूर पानी में डाल के वो पानी कमरे में छिटक दे…..*


             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏

[12/30, 05:55] Morni कृष्ण मेहता: .                   *_⚜!!श्री् हरि् !!_*⚜

           *_⊰᯽⊱┈──╌❊╌──┈⊰᯽⊱_*

                  🙏🏻 *_नमस्कार_* 🙏🏻

*_ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि आपके एवं आपके पूरे परिवार के लिए हर दिन शुभ एवं मंगलमय हों।_*


👉🏼 *_30 दिसम्बर 2020 मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा और बुधवार का दिन है। पूर्णिमा तिथि सुबह 8 बजकर 58 मिनट तक ही रहेगी उसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। दोपहर 3 बजकर 43 मिनट तक ब्रह्म योग रहेगा। साथ ही शाम 6 बजकर 55 मिनट से कल सुबह सूर्योदय तक कुमार योग रहेगा। इसके अलावा शाम 6 बजकर 55 मिनट तक आर्द्रा नक्षत्र रहेगा। जानिए  राशिनुसार कैसा बीतेगा आपका दिन।_*


🐑 *_मेष राशि परिवार वालों की मदद आपको कुछ कम ही मिल पायेगी। ऑफिस के काम में सीनियर्स की हेल्प से आपके रूके हुए काम पूरे हो सकते हैं। किसी रिश्तेदार के आने की खुशी में घर का माहौल पार्टी जैसा बना रहेगा। आपको पारिवारिक विवादों से बचना चाहिए। इससे जीवन में तरक्की मिलेगी। इस राशि के इंजीनियर्स के लिए आज का दिन फायदेमंद रहेगा। आपकी सभी परेशानियां दूर होगी। साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जीवनसाथी के साथ समय बिताने सें आपको अच्छा महसूस होगा, आप उनसे अपने दिल की कोई बात भी कह सकते है।_*


🐂 *_वृष राशि किसी मित्र के साथ घूमने का प्लान बना सकते हैं। परिवार के सदस्यों के साथ टाइम स्पेंड करने से सबके बीच अंडरस्टैंडिंग बनेगी। ऑफिस में किसी सहकर्मी से आपको मदद मिल सकती है। इस राशि के कला और साहित्य से जुड़े  लोगों के लिए दिन फायदेमंद रहेगा। कुछ सुनहरे अवसर आपको प्राप्त हो सकते हैं। कही से अचानक ढेर सारा धन मिलेगा। सभी जरूरी काम आपकी  योजनाओं के अनुसार पूरे होते जायेंगे। छात्रों के लिए दिन बहुत ही अच्छा है वो अपनी पढ़ाई पर ज्यादा धयान देंगे।_*


👨‍❤️‍👨 *_मिथुन राशि आपका दिन शानदार रहेने वाला है। ऑफिस में आप अपने सभी कामों  को पूरा करने में पूरी तरह से सक्षम होंगे। इस राशि के लॉ की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए दिन बहुत बढ़िया रहेगा। किसी नामी वकील के साथ इंटर्नशिप करने का मौका भी  मिल सकता है। करियर में आप नए आयाम स्थापित करेंगे। आप जिससे भी मदद की उम्मीद करेंगे, उससे आपको समय पर मदद मिल जायेगी। लम्बे समय से चली आ रही आपकी सभी परेशानियों का अंत होगा। आप की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। ससुराल से सम्बन्ध अच्छे होंगे।_*


🦀 *_कर्क राशि खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे। इस राशि के विद्यार्थियों के लिए दिन बेहतर है। प्रेम-प्रसंग में आपको सफलता मिल सकती है। आपका दाम्पत्य जीवन में कुछ अड़चनें आ सकती हैं। आपको अपना  व्यवहार नियंत्रित रखना होगा। मन में उलझन बनी रहेगी। आपके आसपास चहल-पहल रहेगी। अगर कोई वाहन खरीदना चाह रहे है, तो दिन शुभ है। आपको एक साथ कई काम संभालने पड़ सकते हैं। परिवार के साथ कहीं जाने का कार्यक्रम बन सकता है। काम और मेहनत ज्यादा रहेंगे, लेकिन आपको सफलता मिल सकती है। आपकी सभी इच्छाएं पूरी होगी।_*


🦁 *_सिंह राशि आपका दिन उत्तम रहेगा। इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए दिन महत्वपूर्ण है, उन्हें कोई बड़ी उपलब्धि मिल सकती है। रोजमर्रा के कामों में आपको भारी फायदा  होगा। कारोबार में रूका हुआ पैसा आपको जल्दी वापस मिलेगा। नियमित कामकाज में आपका मन खूब लगेगा। कुछ लोग आपसे ज्यादा ही अपेक्षाएं रखेंगे। आप उनकी अपेक्षाओं पर खरे भी उतरेंगे। आपका कई महत्वपूर्ण काम पूरा हो जायेंगे। कोई नई जिम्मेदारी आपको मिल सकती है, जल्दी ही आप के घर में नन्हा मुन्ना आ सकता है। जिसमें आपको प्रसन्नता मिलेगी।आर्थिक समस्यायें खत्म होंगी। सेहत पहले से अच्छी  रहेगी।_*


👰🏻 *_कन्या राशि आपका दिन मिला-जुला रहेगा। आपका कहीं अटका हुआ पैसा  मिल सकता है। तीव्र गति से अनवरत धन आगमन होता रहेगा। जिससे आप काफी आनंदित रहेंगे।ऑफिस में किसी नए प्रोजेक्ट पर लम्बी बहस हो सकती है। अपने अपने विचारों से आप सभी को मंत्रमुग्ध कर देंगे। जीवनसाथी के साथ कहीं हिल स्टेशन पर घूमने की प्लांनिग कर सकते हैं। किसी काम में अनुमान से ज्यादा ही लाभ हो सकता है। आप रिश्तों में सुधार लाने की कोशिश कर सकते हैं। कोई भी फैसला आपको सोच-समझ लेना बेहतर रहेगा। आपके साथ सब अच्छा होगा। विदेश यात्रा पर जाने का योग बन रहा है।_*


⚖️ *_तुला राशि आपका दिन अच्छा रहेगा। आपका उधार दिया हुआ पैसा वापस मिलने की संभावना है। आप की बड़ा काम करने की सोच सकते हैं, जो आपको आगे धन लाभ के अवसर देंगा। आपका मन पूजा-पाठ में अधिक लग सकता है। छोटे उद्योग वाले लोगों को उम्मीद से ज्यादा फायदा होगा। आपको जीवन में नया एंगिल देखने को मिलेगा। किसी कठिन परिस्थिति में आपको अपने बड़े भाई से मदद मिल सकती है। आपके भौतिक सुख-साधनों में बढ़ोतरी होगी। आपको किस्मत का सहयोग मिलेगा। जीवन साथी का स्वस्थ पहले से बेहतर होगा।_*


🦂 *_वृश्चिक राशि आपका दिन बेहतरीन रहेगा। घर पर किसी रिश्तेदार का आगमन होगा। जिससे  परिवार में खुशी का माहौल बना रहेगा। उनके साथ मनोरंजन के लिए कहीं घूमने जाने का प्लान भी बना सकते है। बच्चों को उनके मन पसंद का खाना खाने को मिलेगा। आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर रहेगी। जीवन मे तरक्की के नये रास्ते खुलेंगे। अपना व्यापार विदेश में फैलाने के साधन बनेंगे। परिवार के साथ बेहतर समय बीतेगा। सोचे हुए कुछ जरूरी काम पूरे होंगे। आपकी आमदनी में भरी  बढ़ोतरी होगी। सेहत का ख्याल रखें और ठंडा खाने से बचें।_*


🏹 *_धनु राशि आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। ऑफिस में सीनियर आपके काम से खुश होकर आपको कुछ गिफ्ट कर सकते है। एक तरफा सोच आपको परेशानी में डाल सकती है। आपको अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए। किसी काम में आप बहुत हद तक व्यस्त हो सकते हैं। किसी बात को लेकर आपको ज्यादा जिद करने से बचना चाहिए। फालतू विवाद भी आपके सामने आ सकते हैं। आपके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। बच्चों की सफलता से आपको गर्व की अनुभूति हो सकती है। विदेश यात्रा का योग है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।_*


🐊 *_मकर राशि आपका दिन सामान्य रहेगा। माता-पिता की सलाह आपके लिए कारगर साबित होगी। संतान के साथ विवाद होने की संभावना बन रही है। किसी मामले को आपको बातचीत और शांति से सुलझाने की कोशिश करना चाहिए। कुछ मामलें उलझ भी सकते हैं। आप थोड़े भावुक हो सकते हैं। किसी काम में जल्दबाजी करने से आपको बचाना चाहिए। आपकी शादी की बात कही छिड़ सकती है। लवमेटस भी अपने रिश्ते के बारे में परिवार वालों को बता सकते है।_*


⚱️ *_कुंभ राशि आपका दिन बढ़िया रहेगा। शुभ समाचार मिलने के योग नजर आ रहे हैं। किसी ऐसे पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है, जिससे आपको भविष्य में बड़े फायदे हो सकते हैं। आपका पूरा ध्यान अपने करियर को आगे बढ़ाने पर रहेगा। किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करके आपको काफी अच्छा महसूस होगा। दोस्तों के साथ बातचीत से आपकी कुछ टेंशन खत्म हो सकती है धन धान्य की वृद्धि होती है। आपको मन समाजिक कार्यों में भी लगेगा। लोगों में आपका सम्मान बढ़ेगा।_*


🐬 *_मीन राशि आपका दिन फेवरेबल रहेगा। आपको अचानक धन लाभ होगा। आपके कई योजनाएं समय से पूरे हो जायेंगे। आपके परिवार में खुशी का माहौल बना रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपको अच्छी-खासी सफलता मिलेगी। अपनी उर्जा से आप बहुत कुछ हासिल कर लेंगे। आपके मन की इच्छा पूरी होगी। आर्थिक मामलों में आपको लाभ मिलेगा। भविष्य को बेहतर बनाने के लिए आप नये कदम उठायेंगे। बच्चे आपको गर्व करने की वजह देंगे। कार्यक्षेत्र में सिनियरस का सहयोग मिलता रहेगा।_*

चलती का नाम जीवन / तेज बहादुर

 Recorded पाण्डेमिक्स


430 BC -Peloponnesian war 

165 AD - Antonine  Plague

250 AD - Cyprian Plague

541 AD - Justinian Plague

11th Century - Leprosy

1350 - The black death(Bubonic Plague)

1492 - Small pox, Measles and Bubonic Plague

1665-66 - The great plague of London

1817 - 1st Cholera Pandemic

1855 - The 3rd Plague pandemic

1875 - FIJI Measles Pandemic

1889 - Russian Flu

1918 - Spanish Flu

1957 - Asian Flu

1981 - HIV/ AIDS

2003 - SARS

2019 - COVID 19


परिवर्तन, आवृति एवम आचरण पठनीय।


फिर भी


जीवन अनवरत।


सुख - दुःख

दिन - रात

प्रातः - संध्या

बारिस - ठंढ - गर्मी 


ये सभी प्रकृति के अनवरत घटित स्वरूप हैं जो कालचक्र के साथ इंसान को कई संदेस देती हैं जिसे हम आत्मसात करें और अपने वांछित उद्देश्य की ओर अग्रसर हों। परंतु हमारे अंदर बैठे पांच शैतान हमें इन चक्रों से कुछ सीखने को प्रेरित करने के बजाय हमें इनसे जितने में उलझा देते हैं और रचयिता को pandemic जैसे शब्द का सहारा लेना पड़ता है।


स्वाभाविक रूप से मौजूद विपरीत परिस्थितियों ने भी हमें कुछ न कुछ खास सिखाने  का ही प्रयास किया है।


अतः आइये आज इस वर्ष के अंतिम दिन पर कुछ विशेष सीख देने हेतु इसे धन्यवाद करें तथा आने वाले नववर्ष को प्रकृति का स्वाभाविक देन समझ स्वीकार करें।


साथ ही इस  नवीन मौके पर 


कुलमालिक के चरण कमल में प्रार्थना है कि आप अपने ब्यापक परिवार के साथ स्वस्थ, सकुशल एवम सामान्य रहें। ईश्वर आगामी वर्ष में आपके समस्त वांछित इक्षाओं को गति एवम समर्थन प्रदान करें।


तेज बहादुर एवम परिवार

Tuesday, December 29, 2020

सतसंग सुबह DB 30/12

राधास्वामी!! 30-12-2020- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-                                   

(1) नाम रस चखा गुरु सँग सार। काम रस छोडा देख असार।। नाम का परदा दिया उघाड। कहूँ मैं तुमसे कर अति प्यार।।-(सुरत अब पाया निज घरबार। मिले राधास्वामी पुरुष अपार।।) (सारबचन-शब्द-दूसरा-पृ.सं.233)                                                         

(2) धार नर देह किया क्या आय।।टेक।। सत करतार का मरम न चीन्हा। मन माया सँग रहा लिपटाय।।-(राधास्वामी चरन सरन गह अबकी। जस तस अपना काज बनाय।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-13-पृ.सं.376,377)    

                              

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

राधास्वामी 

आज से हम परम गुरु हुजूर मेहता जी महाराज के बचन भाग 1- शुरू करने जा रहे हैं l हजूर राधास्वामी दयाल के चरणों में प्रार्थना है कि हम प्रयासरत है कि हमसे टाइपिंग करते समय कोई गलती न हो अनजाने में कोई गलती हो जाये तो उसके लिये वे दाता दयाल तुच्छ जीवों को क्षमा करें।

🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻🌹🌹     

                                                  

परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज]-

भाग 1- बचन नंबर 1:- 13 सितंबर 1937

 परम गुरु हुजूर मेहताजी महाराज ने आज छात्रों के सत्संग में फरमाया- प्यारे बच्चों , मुझे खुशी है कि आज मुझे पहली बार आप सब विद्यार्थियों के साथ इकट्ठा बैठने का अवसर मिला है । आपको याद होगा कि हुजूर साहबजी महाराज ने 23 जून, 1937 को शाम के वक्त मद्रास में समुंदर के किनारे तशरीफ़ रखते हुए फरमाया था कि मैंने अपनी जिंदगी में अपने कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों को सरंजाम देने में कभी कोताही नहीं की। हजूर साहबजी महाराज के इस बचन से मालूम होता है कि उनकी मंशा यह थी कि राधास्वामी सत्संग सभा और सब सत्संगी यह याद रक्खें कि वे अपने कर्तव्यों को न भूलें और उनके पालन करने में पूरी तनदेही (तन मन ) के साथ अमल करें।                                                       

 शायद आपको मालूम नहीं कि मैं अपनी पूज्य माता जी और उसके कुछ अर्से बाद अपने पिताजी के देहांत के समय मौजूद न था। इस वास्ते मैं खूब जानता हूँ कि बच्चों के लिए अपने माँ-बाप की जुदाई कितनी नागवार होती है और ऐसी हमेशा की जुदाई उनके नर्म और नाजुक दिलों पर गहरे असर छोड़ जाती हैं और उनको या तो बड़ी मायूसी (निराशता) की ओर ले जाती है यह बाज औकात (कभी-कभी) बड़े-बड़े काम करने के लिये उकसाती है।

हमारी मौजूदा हालत में भी हममें से अधिकतर भाई हमारे परम पिता हुजूर साहबजी महाराज के देहांत के वक्त मद्रास में मौजूद नहीं थे, इसलिये मैं महसूस करता हूँ कि उपरोक्त प्रकार के असरात( प्रभाव) हम सब सतसंगी भाइयों और बहिनों , छोटों और बड़ों , सबके दिल व दिमाग पर बड़े गहरे नक्श कर गये होंगे। क्रमशः                                                             🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज -

【शरण आश्रम का सपूत】

 कल से आगे:-                     

शोभावंती- यह तुम्हारी गलती है। तुमने कोई बुरा काम नहीं किया। वह औरत तुमसे मोहब्बत करती है और उसकी आदतें तुम्हें पसंद है और उसने मुश्किल के वक्त तुम्हारी मदद की और अब तुम से शादी किया चाहती है इस गरज से तुम्हारे हमराह चली आई है , इसमें तुम्हारा क्या कसूर है। तुम जाओ, बेधड़क भाभी जी को ले आओ। मैं सब ठीक कर दूँगी।

( प्रेमबिहारी होटल जाता है। शोभावंती सेक्रेटरी साहब के पास जाती है) 

शोभावंती- सेक्रेटरी साहब! प्रेमबिहारी आ गये हैं । सेक्रेटरी- हैं!- कब ? कहाँ है वह?

शोभभवंती- अभी आये हैं लेकिन एक काम से फिर बाहर चले गये हैं। कल जो उनकी शादी की निस्बत जिक्र था वह अपनी मर्जी की एक लड़की हमराह लाये हैं मगर बहुत कुछ घबराये हुए हैं कि यहाँ के लोग बुरा न मानें। उस लड़की ने उनकी बहुत मदद की है और वह बड़े अमीर घर की लड़की है और उपदेश लेने के लिए रजामंद है। 

सेक्रेटरी- इसमें घबराने की क्या बात है ? प्रेमबिहारी के चाल चलन की निस्बत हरगिज कोई शुबह न करेगा।  वह सतसंग का एक सपूत है। वह लड़की कहाँ है?  शोभावंती एक होटल में छोड़ आये हैं- अब मेरे कहने से उसे लिवाने गये हैं । सेक्रेटरी- अगर आपकी राय हो तो आज शाम ही को उनकी शादी हो जाय ताकि प्रेमबिहारीलाल के दिल से परेशानी दूर हो- अगर कहो तो इजाजत हासिल कर लूँ?  शोभावंती- इससे अच्छी और क्या बात हो सकती है मगर पहले उपदेश हो जाय तो अच्छा है।  सेक्रेटरी- बेहतर है।( शोभावंती चली जाती है)       

        क्रमशः🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**


**परम गुरु हुजूर महाराज-

 प्रेम पत्र -भाग-1-

 कल से आगे :-

(4 )


सवाल:- मालिक जो रहीम और दयाल है तो ऐसी सख्ती और तकलीफ जैसे अकाल और मरी वगैरह जीवो पर क्यों रवा (जारी) होती है?                           जवाब:- सच्चा मालिक सदा दयाल है और तीन लोक की रचना की कार्रवाई सुपुर्द कालपुरुष यानी ब्रह्म के हैं। वह जैसी जिसकी करनी होती है, उसी मुआफिक उसके साथ बर्ताव करता है।।  

                          

जब जीव अधिकता से बिल्कुल संसारी भाव में बर्ताव करके और मालिक को भूल कर अपनी तमाम तवज्जह भोग बिलास और देह के पालन पोषण में खर्च करते हैं और इस सबब से नीचे की जोनों में कसरत से जीव उतरते जाते हैं, तब वह मालिक दया करके अकाल डालता है।

 उस वक्त सब जीवों की हालत मय जानवरों के भूखे प्यासे और चिंता और दुःख में परेशान और व्याकुल होकर  बदलती है, यानी जिस रीति से तन मन और इंद्रियाँ शिथिल और निर्बल होकर ऊपर की तरफ तवज्जह करें या उनका ऊपर की तरफ को खिंचाव होवे और थोड़ी बहुत सुरत की ताकत जागे, उस ढंग में यह सब जीव लाचार होकर आप ही बरतते है और इस तरह सब की सुरत यानी रूहो का घाट बदलता है यानी नीचे से ऊँचे को चढाई होती है। और सिलसिलेवार सब जीवों को इस तरह दर्जे बदर्जे फायदा पहुँचता है, यानी ज्यादा सुख का स्थान पाते है। क्रमशः    

                                                 

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

पंचांग / आज का दिन मंगलमय हो

कृष्ण मेहता: 🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞



⛅ *दिनांक 30 दिसम्बर 2020*

⛅ *दिन - बुधवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शिशिर*

⛅ *मास - मार्गशीर्ष*

⛅ *पक्ष - शुक्ल* 

⛅ *तिथि -  पूर्णिमा सुबह 08:57 तक तत्पश्चात प्रतिपदा* 

⛅ *नक्षत्र - आर्द्रा शाम 06:55 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*

⛅ *योग - ब्रह्म शाम 03:44 तक तत्पश्चात इन्द्र*

⛅ *राहुकाल - दोपहर 12:41 से दोपहर 02:03 तक*

⛅ *सूर्योदय - 07:16* 

⛅ *सूर्यास्त - 18:06* 

⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - 

 💥 *विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *बिल्ली रास्ता काट जाये तो* 🌷

🐈 *बिल्ली रास्ता काट जाये तो अपशकुन मत मानो ....राहु का वाहन है बिल्ली.... बिल्ली रास्ता काट जाये तो राहु देवता आ रहे हैं पीछे-पीछे मेरी मदद करने के लिए ...मेरा मनोबल बढाने के लिए एक बार मन में बोल दो " ॐ रहवये नमः " ...राहु का मंत्र है ...राहु भी खुश हो जायेंगे ।*


              🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷

🏡 *गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास माना जाता है ।घर-दुकान या मंदिर में या उत्तर-पूर्व दिशा में गाय की तस्वीर लगाने से दुर्भाग्य खत्म होता है ।*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *कर्पूर मिश्रित जल* 🌷

👉🏻 *गो चंदन अगरबत्ती गाय के घी में डुबो के जला देते तो भी गाय के गोबर के कंडे जैसा परिणाम देगा …. कभी मै उस में कपूर भी रख देता…. कभी कभी कर्पूर मिश्रित जल कमरे में छिटक देना भी हितकारी माना जाता है ….कपूर पानी में डाल के वो पानी कमरे में छिटक दे…..*


             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏

[12/30, 05:55] Morni कृष्ण मेहता: .                   *_⚜!!श्री् हरि् !!_*⚜

           *_⊰᯽⊱┈──╌❊╌──┈⊰᯽⊱_*

                  🙏🏻 *_नमस्कार_* 🙏🏻

*_ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि आपके एवं आपके पूरे परिवार के लिए हर दिन शुभ एवं मंगलमय हों।_*


👉🏼 *_30 दिसम्बर 2020 मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा और बुधवार का दिन है। पूर्णिमा तिथि सुबह 8 बजकर 58 मिनट तक ही रहेगी उसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। दोपहर 3 बजकर 43 मिनट तक ब्रह्म योग रहेगा। साथ ही शाम 6 बजकर 55 मिनट से कल सुबह सूर्योदय तक कुमार योग रहेगा। इसके अलावा शाम 6 बजकर 55 मिनट तक आर्द्रा नक्षत्र रहेगा। जानिए  राशिनुसार कैसा बीतेगा आपका दिन।_*


🐑 *_मेष राशि परिवार वालों की मदद आपको कुछ कम ही मिल पायेगी। ऑफिस के काम में सीनियर्स की हेल्प से आपके रूके हुए काम पूरे हो सकते हैं। किसी रिश्तेदार के आने की खुशी में घर का माहौल पार्टी जैसा बना रहेगा। आपको पारिवारिक विवादों से बचना चाहिए। इससे जीवन में तरक्की मिलेगी। इस राशि के इंजीनियर्स के लिए आज का दिन फायदेमंद रहेगा। आपकी सभी परेशानियां दूर होगी। साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जीवनसाथी के साथ समय बिताने सें आपको अच्छा महसूस होगा, आप उनसे अपने दिल की कोई बात भी कह सकते है।_*


🐂 *_वृष राशि किसी मित्र के साथ घूमने का प्लान बना सकते हैं। परिवार के सदस्यों के साथ टाइम स्पेंड करने से सबके बीच अंडरस्टैंडिंग बनेगी। ऑफिस में किसी सहकर्मी से आपको मदद मिल सकती है। इस राशि के कला और साहित्य से जुड़े  लोगों के लिए दिन फायदेमंद रहेगा। कुछ सुनहरे अवसर आपको प्राप्त हो सकते हैं। कही से अचानक ढेर सारा धन मिलेगा। सभी जरूरी काम आपकी  योजनाओं के अनुसार पूरे होते जायेंगे। छात्रों के लिए दिन बहुत ही अच्छा है वो अपनी पढ़ाई पर ज्यादा धयान देंगे।_*


👨‍❤️‍👨 *_मिथुन राशि आपका दिन शानदार रहेने वाला है। ऑफिस में आप अपने सभी कामों  को पूरा करने में पूरी तरह से सक्षम होंगे। इस राशि के लॉ की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए दिन बहुत बढ़िया रहेगा। किसी नामी वकील के साथ इंटर्नशिप करने का मौका भी  मिल सकता है। करियर में आप नए आयाम स्थापित करेंगे। आप जिससे भी मदद की उम्मीद करेंगे, उससे आपको समय पर मदद मिल जायेगी। लम्बे समय से चली आ रही आपकी सभी परेशानियों का अंत होगा। आप की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। ससुराल से सम्बन्ध अच्छे होंगे।_*


🦀 *_कर्क राशि खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे। इस राशि के विद्यार्थियों के लिए दिन बेहतर है। प्रेम-प्रसंग में आपको सफलता मिल सकती है। आपका दाम्पत्य जीवन में कुछ अड़चनें आ सकती हैं। आपको अपना  व्यवहार नियंत्रित रखना होगा। मन में उलझन बनी रहेगी। आपके आसपास चहल-पहल रहेगी। अगर कोई वाहन खरीदना चाह रहे है, तो दिन शुभ है। आपको एक साथ कई काम संभालने पड़ सकते हैं। परिवार के साथ कहीं जाने का कार्यक्रम बन सकता है। काम और मेहनत ज्यादा रहेंगे, लेकिन आपको सफलता मिल सकती है। आपकी सभी इच्छाएं पूरी होगी।_*


🦁 *_सिंह राशि आपका दिन उत्तम रहेगा। इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए दिन महत्वपूर्ण है, उन्हें कोई बड़ी उपलब्धि मिल सकती है। रोजमर्रा के कामों में आपको भारी फायदा  होगा। कारोबार में रूका हुआ पैसा आपको जल्दी वापस मिलेगा। नियमित कामकाज में आपका मन खूब लगेगा। कुछ लोग आपसे ज्यादा ही अपेक्षाएं रखेंगे। आप उनकी अपेक्षाओं पर खरे भी उतरेंगे। आपका कई महत्वपूर्ण काम पूरा हो जायेंगे। कोई नई जिम्मेदारी आपको मिल सकती है, जल्दी ही आप के घर में नन्हा मुन्ना आ सकता है। जिसमें आपको प्रसन्नता मिलेगी।आर्थिक समस्यायें खत्म होंगी। सेहत पहले से अच्छी  रहेगी।_*


👰🏻 *_कन्या राशि आपका दिन मिला-जुला रहेगा। आपका कहीं अटका हुआ पैसा  मिल सकता है। तीव्र गति से अनवरत धन आगमन होता रहेगा। जिससे आप काफी आनंदित रहेंगे।ऑफिस में किसी नए प्रोजेक्ट पर लम्बी बहस हो सकती है। अपने अपने विचारों से आप सभी को मंत्रमुग्ध कर देंगे। जीवनसाथी के साथ कहीं हिल स्टेशन पर घूमने की प्लांनिग कर सकते हैं। किसी काम में अनुमान से ज्यादा ही लाभ हो सकता है। आप रिश्तों में सुधार लाने की कोशिश कर सकते हैं। कोई भी फैसला आपको सोच-समझ लेना बेहतर रहेगा। आपके साथ सब अच्छा होगा। विदेश यात्रा पर जाने का योग बन रहा है।_*


⚖️ *_तुला राशि आपका दिन अच्छा रहेगा। आपका उधार दिया हुआ पैसा वापस मिलने की संभावना है। आप की बड़ा काम करने की सोच सकते हैं, जो आपको आगे धन लाभ के अवसर देंगा। आपका मन पूजा-पाठ में अधिक लग सकता है। छोटे उद्योग वाले लोगों को उम्मीद से ज्यादा फायदा होगा। आपको जीवन में नया एंगिल देखने को मिलेगा। किसी कठिन परिस्थिति में आपको अपने बड़े भाई से मदद मिल सकती है। आपके भौतिक सुख-साधनों में बढ़ोतरी होगी। आपको किस्मत का सहयोग मिलेगा। जीवन साथी का स्वस्थ पहले से बेहतर होगा।_*


🦂 *_वृश्चिक राशि आपका दिन बेहतरीन रहेगा। घर पर किसी रिश्तेदार का आगमन होगा। जिससे  परिवार में खुशी का माहौल बना रहेगा। उनके साथ मनोरंजन के लिए कहीं घूमने जाने का प्लान भी बना सकते है। बच्चों को उनके मन पसंद का खाना खाने को मिलेगा। आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर रहेगी। जीवन मे तरक्की के नये रास्ते खुलेंगे। अपना व्यापार विदेश में फैलाने के साधन बनेंगे। परिवार के साथ बेहतर समय बीतेगा। सोचे हुए कुछ जरूरी काम पूरे होंगे। आपकी आमदनी में भरी  बढ़ोतरी होगी। सेहत का ख्याल रखें और ठंडा खाने से बचें।_*


🏹 *_धनु राशि आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। ऑफिस में सीनियर आपके काम से खुश होकर आपको कुछ गिफ्ट कर सकते है। एक तरफा सोच आपको परेशानी में डाल सकती है। आपको अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए। किसी काम में आप बहुत हद तक व्यस्त हो सकते हैं। किसी बात को लेकर आपको ज्यादा जिद करने से बचना चाहिए। फालतू विवाद भी आपके सामने आ सकते हैं। आपके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। बच्चों की सफलता से आपको गर्व की अनुभूति हो सकती है। विदेश यात्रा का योग है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।_*


🐊 *_मकर राशि आपका दिन सामान्य रहेगा। माता-पिता की सलाह आपके लिए कारगर साबित होगी। संतान के साथ विवाद होने की संभावना बन रही है। किसी मामले को आपको बातचीत और शांति से सुलझाने की कोशिश करना चाहिए। कुछ मामलें उलझ भी सकते हैं। आप थोड़े भावुक हो सकते हैं। किसी काम में जल्दबाजी करने से आपको बचाना चाहिए। आपकी शादी की बात कही छिड़ सकती है। लवमेटस भी अपने रिश्ते के बारे में परिवार वालों को बता सकते है।_*


⚱️ *_कुंभ राशि आपका दिन बढ़िया रहेगा। शुभ समाचार मिलने के योग नजर आ रहे हैं। किसी ऐसे पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है, जिससे आपको भविष्य में बड़े फायदे हो सकते हैं। आपका पूरा ध्यान अपने करियर को आगे बढ़ाने पर रहेगा। किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करके आपको काफी अच्छा महसूस होगा। दोस्तों के साथ बातचीत से आपकी कुछ टेंशन खत्म हो सकती है धन धान्य की वृद्धि होती है। आपको मन समाजिक कार्यों में भी लगेगा। लोगों में आपका सम्मान बढ़ेगा।_*


🐬 *_मीन राशि आपका दिन फेवरेबल रहेगा। आपको अचानक धन लाभ होगा। आपके कई योजनाएं समय से पूरे हो जायेंगे। आपके परिवार में खुशी का माहौल बना रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपको अच्छी-खासी सफलता मिलेगी। अपनी उर्जा से आप बहुत कुछ हासिल कर लेंगे। आपके मन की इच्छा पूरी होगी। आर्थिक मामलों में आपको लाभ मिलेगा। भविष्य को बेहतर बनाने के लिए आप नये कदम उठायेंगे। बच्चे आपको गर्व करने की वजह देंगे। कार्यक्षेत्र में सिनियरस का सहयोग मिलता रहेगा।_*

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सतसंग शाम DB 29/12

 **राधास्वामी!! 29-12-2020- आज शाम सतसंग में पढे गये पाठ:-                                   

 (1) तुम अब ही गुरु सँग रलो। हिये में प्रेम भरो।।-(राधास्वामी मेहर से पार लगावें। अस भौसागर सहज तरो।।) (प्रेमबानी-4-शब्द-7-पृ.सं.65)                                             

  (2) हे दयाल सद कृपाल हम जीवन आधारे। सप्रेम प्रीति और भक्ति रीति बन्दे चरन तुम्हारे।। दीन अजान इक चहें दान दीजे दया बिचारे। कृपख दृष्टि निज मेहर बृष्टि सब पर करो पियारे।। (प्रेमबिलास-भाड-4- शब्द-114-पृ.सं.171)                                                                             

(3) यथार्थ प्रकाश-भाग दूसरा-कल से आगे।।                                                

   सतसंग के बाद स्पेशल सतसंग में पढे गये पाठ:-                                                     

 (1) चली सुरत अब गगन चली री। मिली जाय अब पिया से अली री।।                                              

(2) कोइ कदर न जाने सतगुरु परम दयाल री।।

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**राधास्वामी!!                                            

 29- 12 -2020

आज शाम सत्संग में पढा गया बचन

- कल से आगे:-                                                       ( 105)-

महाराष्ट्र देश में समर्थ रामदास एक प्रसिद्ध तपस्वी हुए हैं।  शिवा जी आपके गुरुमुख शिष्य थे। उन्हीं की आज्ञा से शिवा जी ने मुगल साम्राज्य के विरुद्ध युद्ध आरंभ किया था।

बहुत से हिंदू उन्हे हनुमान जी का अवतार मानते हैं। जो हो, यह भक्ति-मार्ग के एक प्रसिद्ध प्रचालक थे।  लोकमान्य तिलक की भागवद्गीता के हिंदी अनुवाद की भूमिका में उनके बहुत से बचन साक्षीरूप से उपस्थित किये गये हैं।

 इस समय संयोगवश उनकी एक प्रमाणिक पुस्तक 'दासबोध' हाथ में आ गई है । उसमें स्थान स्थान पर गुरु और ब्राह्म की एकता के संबंध में बचन लिखें हैं। उदाहरणार्थ तीन मरहठी प्रश्नों का हिंदी अनुवाद नीचे लिखा जाता है:-

                                              

 (१) जीव बेचारा जो एकदेशी है उसे जो साक्षात ब्रह्म ही बना देता है और जो उपदेशमात्र से संसार के सारे संकट दूर करता है वह सतगुरु है"( दशक ५ समास २ , पृष्ठ १०६)                                                              

(२)" शास्त्र में परमात्मा और सतगुरु दोनों बराबर कहे गये हैं। अतएव परमात्मा की तरह सतगुरु से भी मित्रता करनी चाहिए"( दशक ४, समास, ८,पृष्ठ ९८)   

                                           

 (३) " मोक्ष की इच्छा रखकर तन मन और बचन से सतगुरु के चरणों की सेवा करना ही पाद- सेवन भक्ति है । जन्म मरण की यातनाएँ दूर करने के हेतु सद्गुरु के चरणो में अननन्यता रखने का ही नाम पाद-सेवन है। सतगुरुकृपा के बिना इस संसार में पार होने के लिये कोई उपाय नही है। इस कारण प्रेमपूर्वक सतगुरुचरणों की सेवा करनी चाहिए"( दशक ४, समास ४, पृष्ठ ८६)                              

 🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻 यथार्थ प्रकाश- भाग दूसरा -परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**


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दयालबाग़ सतसंग सुबह 29/12

 **राधास्वामी!! 29-12-2020-आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-                                     

(1) नाम रस चखा गुरु सँग सार। काम रस छोडा देख असार।। मान मद बैठे दोनों हार। नाम पद हुई सुरत गलहार।।-(नाम पद बरने देख बिचार। रहा नहिं धोखा खोला झाड।।) (सारबचन-शब्द-दूसरा-पृ.सं.232,233)                  

(2) ध्यान गुरु हिये में धरना जरुर।।टेक।।                                            

मन और सुरत सिमट रस पावें। देख रही सत नूर।।-(चरन सरन गह बैठी सूरत। राधास्वामी कीना कारज पूर।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-12-पृ.सं.376)                            

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


Monday, December 28, 2020

आज का दिन मंगलमय हो

 🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक 29 दिसम्बर 2020*

⛅ *दिन - मंगलवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शिशिर*

⛅ *मास - मार्गशीर्ष*

⛅ *पक्ष - शुक्ल* 

⛅ *तिथि -  चतुर्दशी सुबह 07:54 तक तत्पश्चात पूर्णिमा* 

⛅ *नक्षत्र - मॄगशिरा शाम 05:33 तक तत्पश्चात आर्द्रा*

⛅ *योग - शुक्ल शाम 04:13 तक तत्पश्चात ब्रह्म*

⛅ *राहुकाल - शाम 03:24 से शाम 04:45 तक*

⛅ *सूर्योदय - 07:16* 

⛅ *सूर्यास्त - 18:05* 

⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - व्रत पूर्णिमा, श्री दत्तात्रेय जयंती*

 💥 *विशेष - चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *कर्ज से मुक्ति* 🌷

🙏🏻 *कर्ज से शीघ्र मुक्ति पाने के लिए हर बुधवार के दिन वट वृक्ष के मूल में घी का दीप जला कर रख दें| इससे कर्जे से शीघ्र मुक्ति मिलेगी| और बुधवार के दिन खाने में मूँग या मूँग की दाल लें|*


               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *कारोबार में बरकत पाने के लिए* 🌷

🙏🏻 *जिनकी अपनी दुकान है, फैक्ट्री या कारोबार है वे लोग रोज नही तो हर बुधवार को गौ माता को हरा चारा खिलायें तो उन्हें लाभ होगा ओर गौ सेवा भी होगी ।*


            🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *शारीरिक कमजोरी* 🌷

💪🏻 *10 ग्राम काले तिल चबा लो, और ठंडा पानी पियो; 2 घंटे तक कुछ खाओ पियो नहीं l इससे शरीर की कमजोरी मिटकर शरीर मजबूत होगा l दांत व मसूड़े मज़बूत होंगे, मस्तक मज़बूत होगा ।*

💥 *विशेष - रात को तिल की चीजे नहीं खानी चाहिए ।*



            🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🙏🏻🌷🌻🌹🍀🌺🌸💐🍁🙏🏻

तिलक का महत्व

 #तिलक का #धार्मिक_वैज्ञानिक आधार


 धर्मशास्त्रों के अनुसार यदि तिलक धारण किया जाता है* तो सभी पाप नष्ट हो जाते है सनातन धर्म में शैव, शाक्त, वैष्णव और अन्य मतों के अलग-अलग तिलक होते हैं । 


#शिव चंदन का तिलक लगाने से पापों का नाश होता है, 

व्यक्ति संकटों से बचता है, उस पर लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है, ज्ञानतंतु संयमित व सक्रिय रहते हैं।

तिलक कई प्रकार के होते हैं - मृतिका, भस्म, चंदन, रोली, सिंदूर, गोपी आदि। 


यदि वार अनुसार तिलक धारण किया जाए तो

उक्त वार से संबंधित ग्रहों को शुभ फल देने वाला बनाया जा सकता है।


तिलक किस दिन किसका लगाये !! 


#सोमवार = सोमवार का दिन भगवान शंकर का दिन होता है तथा इस वार का स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं।चंद्रमा मन का कारक ग्रह माना गया है। मन को काबू में रखकर मस्तिष्क को शीतल और शांत बनाए रखने के लिए आप सफेद चंदन का तिलक लगाएं। इस दिन विभूति या भस्म भी लगा सकते हैं।


#मंगलवार = मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना गया है। इस दिन का स्वामी ग्रह मंगल है।मंगल लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन लाल चंदन या चमेली के तेल में घुला हुआ सिंदूर का तिलक लगाने से ऊर्जा और कार्यक्षमता में विकास होता है। इससे मन की उदासी और निराशा हट जाती है और दिन शुभ बनता है।


#बुधवार = बुधवार को जहां मां दुर्गा का दिन माना गया है वहीं यह भगवान गणेश का दिन भी है।इस दिन का ग्रह स्वामी है बुध ग्रह। इस दिन सूखे सिंदूर (जिसमें कोई तेल न मिला हो) का तिलक लगाना चाहिए। इस तिलक से बौद्धिक क्षमता तेज होती है और दिन शुभ रहता है।


#गुरुवार  =गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। बृहस्पति ऋषि देवताओं के गुरु हैं। इस दिन के खास देवता हैं ब्रह्मा। इस दिन का स्वामी ग्रह है बृहस्पति ग्रह।गुरु को पीला या सफेद मिश्रित पीला रंग प्रिय है। इस दिन सफेद चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर लेप को माथे पर लगाना चाहिए या टीका लगाना चाहिये हल्दी या गोरोचन का तिलक भी लगा सकते हैं। इससे मन में पवित्र और सकारात्मक विचार तथा अच्छे भावों का उद्भव होगा जिससे दिन भी शुभ रहेगा और आर्थिक परेशानी का हल भी निकलेगा। 


#शुक्रवार= शुक्रवार का दिन भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मीजी का रहता है। इस दिन का ग्रह स्वामी शुक्र ग्रह है।हालांकि इस ग्रह को दैत्यराज भी कहा जाता है। दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य थे। इस दिन लाल चंदन लगाने से जहां तनाव दूर रहता है वहीं इससे भौतिक सुख-सुविधाओं में भी वृद्धि होती है। इस दिन सिंदूर भी लगा सकते हैं।


#शनिवार = शनिवार को भैरव, शनि और यमराज का दिन माना जाता है। इस दिन के ग्रह स्वामी है शनि ग्रह।शनिवार के दिन विभूत, भस्म या लाल चंदन लगाना चाहिए जिससे भैरव महाराज प्रसन्न रहते हैं और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होने देते। दिन शुभ रहता है।


#रविवार = रविवार का दिन भगवान विष्णु और सूर्य का दिन रहता है। इस दिन के ग्रह स्वामी है सूर्य ग्रह जो ग्रहों के राजा हैं।इस दिन लाल चंदन या हरि चंदन लगाएं। भगवान विष्णु की कृपा रहने से जहां मान-सम्मान बढ़ता है वहीं निर्भयता आती है।


1.तिलक करने से व्यक्त‍ित्व प्रभावशाली हो जाता है. दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्त‍ि के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है.


2. ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है. व्यक्ति शांति व सुकून अनुभव करता है. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है.


3. दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है.


4. इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है.


5. हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है. हल्दी में एंटी बैक्ट्र‍ियल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है.


6. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है. लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है.


7. माना जाता है कि चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है. 


तिलक लगाने का मंत्र....


केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम ।

पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।।

कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् ।

ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम्....

🙏🏻🙏🏻🙏🏻

अमरूद खाए रोग भगाए* /

 

 *अमरूद खाए रोग भगाए* /


प्रस्तुति  - कृष्ण मेहता 


 *अमरूद में विटामिन सी और शर्करा काफी मात्रा में होती है। अमरूद में पेक्टिन की मात्रा भी बहुत अधिक होती है।*

*अमरूद का पेड़ आमतौर पर भारत के सभी राज्यों में उगाया जाता है। उत्तर प्रदेश का इलाहाबादी अमरूद विश्वविख्यात है। यह विशेष रूप से स्वादिष्ट होता है। इसके पेड़ की ऊंचाई 10 से 20 फीट होती है। टहनियां पतली-पतली और कमजोर होती हैं। इसके तने का भाग चिकना, भूरे रंग का, पतली सफेद छाल से आच्छादित रहता है। छाल के नीचे की लकड़ी चिकनी होती है। इसके पत्ते हल्के हरे रंग के, खुरदरे, 3 से 4 इंच लंबे, आयताकार, सुगंधयुक्त और डंठल छोटे होते हैं।*


          *अमरूद लाल और पीलापन लिए हुए हरे रंग के होते हैं। बीज वाले  और बिना बीज वाले तथा अत्यंत मीठे और खट्टे-मीठे प्रकार के अमरूद आमतौर पर देखने को मिलते हैं। सफेद की अपेक्षा लाल रंग के अमरूद गुणकारी होते हैं। सफेद गुदे वाले अमरूद अधिक मीठे होते हैं। फल का भार आमतौर पर 30 से 450 ग्राम तक होता है।*


           *आमतौर पर देखा जाता है कि जब लोग फल खरीदने जाते हैं तो उनकी नज़र में केला, सेब, अंगूर तथा आम आदि फल ही पोशक तत्वों से भरपूर नज़र आते हैं। अमरूद जैसा सस्ता तथा सर्वसुलभ फल उन्हें बेकार और गरीबों के खाने योग्य ही लगता है, पर वास्तव में ऐसा नहीं है। अमरूद में सेब से भी अधिक पोशक तत्व होते हैं। इसीलिए इसे `गरीबों का सेब´ भी कहा गया है। अमरूद मधुर और रेचक (दस्त लाकर पेट साफ करने वाला) फल है तथा इसके नियमित प्रयोग से मल अवरोध तो दूर होता ही है, साथ ही वात-पित्त, उन्माद (पागलपन), मूर्छा (बेहोशी), मिर्गी, पेट के कीडे़, टायफाइड और जलन आदि का नाश होता है। आयुर्वेद में इसे शीतल, तीक्ष्ण, कसैला, अम्लीय तथा शुक्रजनक (वीर्यवर्द्धक) बताया गया है। यहां सेब और अमरूद में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की तुलना की जा रही है जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अमरूद कितना अधिक पौष्टिक है।*


रासायनिक संगठन :


अमरूद


सेब


तत्त्व


मात्रा


तत्त्व


मात्रा


पानी


76.1 प्रतिशत


जल


85.9


प्रोटीन


1.5 प्रतिशत


प्रोटीन


0.3


वसा


0.2 प्रतिशत


वसा


0.1


खनिज पदार्थ


7.8 प्रतिशत


खनिज पदार्थ


0.3


विटामिन-सी


लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग/100 ग्राम


विटामिन-सी


2 प्रतिशत


कार्बोहाइड्रेट


14.6 प्रतिशत


कार्बोहाइड्रेट


13.4 प्रतिशत


कैल्शियम


0.01 प्रतिशत


कैल्शियम


0.01


फास्फोरस


0.44 प्रतिशत


फास्फोरस


0.02


रेशा


6.9 प्रतिशत


रेशा


नहीं होता


          *अमरूद में विटामिन सी और शर्करा काफी मात्रा में होती है। अमरूद में पेक्टिन की मात्रा भी बहुत अधिक होती है। अमरूद को इसके बीजों के साथ खाना अत्यंत उपयोगी होता है, जिसके कारण पेट साफ रहता है। अमरूद का उपयोग चटनियां, जेली, मुरब्बा और फल से पनीर बनाने में किया जाता है।*


हानिकारक प्रभाव:


          *शीत प्रकृति वालों को और जिनका आमाशय कमजोर हो, उनके लिए अमरूद हानिकारक होता है। वर्षा के सीजन में अमरूद के अंदर सूक्ष्म धागे जैसे सफेद कीडे़ पैदा हो जाते हैं जिसे खाने वाले व्यक्ति को पेट दर्द, अफारा, हैजा जैसे विकार हो सकते हैं। इसके बीज सख्म होने के कारण आसानी से नहीं पचते और यदि ये एपेन्डिक्स में चले जाए, तो एपेन्डिसाइटिस रोग पैदा कर सकते हैं। अत: इनके बीजों के सेवन से बचना चाहिए। इसकी दो किस्में होती हैं:- पहला सफेद गर्भवाली और दूसरा लाल-गुलाबी गर्भवाली। सफेद किस्म अधिक मीठी होती है। कलमी अमरूद में अच्छी किस्म के अमरूद भी होते हैं। वे बहुत बड़े होते हैं और उसमें मुश्किल से 4-5 बीज निकलते हैं। बनारस (उत्तर प्रदेश) में इस प्रकार के अमरूद होते हैं।*


विभिन्न रोगों में सहायक :


1. शक्ति (ताकत) और वीर्य की वृद्धि के लिए : अच्छी तरह पके नरम, मीठे अमरूदों को मसलकर दूध में फेंट लें और फिर छानकर इनके बीज निकाल लें। आवश्यकतानुसार शक्कर मिलाकर सुबह नियमित रूप से 21 दिन सेवन करना धातुवर्द्धक होता है।


2. पेट दर्द :


नमक के साथ पके अमरूद खाने से आराम मिलता है।

अमरूद के पेड़ के कोमल 50 ग्राम पत्तों को पीसकर पानी में मिलाकर छानकर पीने से लाभ होगा।

अमरूद के पेड़ की पत्तियों को बारीक पीसकर काले नमक के साथ चाटने से लाभ होता है।

अमरूद के फल की फुगनी (अमरूद के फल के नीचे वाले छोटे पत्ते) में थोड़ा-सी मात्रा में सेंधानमक को मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से पेट में दर्द समाप्त होता है।

यदि पेट दर्द की शिकायत हो तो अमरूद की कोमल पित्तयों को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से आराम होता है। अपच, अग्निमान्द्य और अफारा के लिए अमरूद बहुत ही उत्तम औषधि है। इन रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को 250 ग्राम अमरूद भोजन करने के बाद खाना चाहिए। जिन लोगों को कब्ज न हो तो उन्हें खाना खाने से पहले खाना चाहिए।

3. बवासीर (पाइल्स) :


सुबह खाली पेट 200-300 ग्राम अमरूद नियमित रूप से सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है।

पके अमरुद खाने से पेट का कब्ज खत्म होता है, जिससे बवासीर रोग दूर हो जाता है। 

कुछ दिनों तक रोजाना सुबह खाली पेट 250 ग्राम अमरूद खाने से बवासीर ठीक हो जाती है। बवासीर को दूर करने के लिए सुबह खाली पेट अमरूद खाना उत्तम है। मल-त्याग करते समय बांयें पैर पर जोर देकर बैठें। इस प्रयोग से बवासीर नहीं होती है और मल साफ आता है।

4. सूखी खांसी :


गर्म रेत में अमरूद को भूनकर खाने से सूखी, कफयुक्त और काली खांसी में आराम मिलता है। यह प्रयोग दिन में तीन बार करें।

एक बड़ा अमरूद लेकर उसके गूदे को निकालकर अमरूद के अंदर थोड़ी-सी जगह बनाकर अमरूद में पिसी हुई अजवायन तथा पिसा हुआ कालानमक 6-6 ग्राम की मात्रा में भर देते हैं। इसके बाद अमरूद में कपड़ा भरकर ऊपर से मिट्टी चढ़ाकर तेज गर्म उपले की राख में भूने, अमरूद के भुन जाने पर मिट्टी और कपड़ा हटाकर अमरूद पीसकर छान लेते हैं। इसे आधा-आधा ग्राम शहद में मिलाकर सुबह-शाम मिलाकर चाटने से सूखी खांसी में लाभ होता है।

5. दांतों का दर्द :


अमरूद की कोमल पत्तियों को चबाने से दांतों की पीड़ा (दर्द) नष्ट हो जाती है।

अमरूद के पत्तों को दांतों से चबाने से आराम मिलेगा।

अमरूद के पत्तों को जल में उबाल लें। इसे जल में फिटकरी घोलकर कुल्ले करने से दांतों की पीड़ा (दर्द) नष्ट हो जाती है।

अमरूद के पत्तों को चबाने से दांतों की पीड़ा दूर होती है। मसूढ़ों में दर्द, सूजन और आंतों में दर्द होने पर अमरूद के पत्तों को उबालकर गुनगुने पानी से कुल्ले करें।

6. आधाशीशी (आधे सिर का दर्द) :


आधे सिर के दर्द में कच्चे अमरूद को सुबह पीसकर लेप बनाएं और उसे मस्तक पर लगाएं।

सूर्योदय के पूर्व ही सवेरे हरे कच्चे अमरूद को पत्थर पर घिसकर जहां दर्द होता है, वहां खूब अच्छी तरह लेप कर देने से सिर दर्द नहीं उठने पाता, अगर दर्द शुरू हो गया हो तो शांत हो जाता है। यह प्रयोग दिन में 3-4 बार करना चाहिए।

7. जुकाम :


रुके हुए जुकाम को दूर करने के लिए बीज निकला हुआ अमरूद खाएं और ऊपर से नाक बंदकर 1 गिलास पानी पी लें। जब 2-3 दिन के प्रयोग से स्राव (बहाव) बढ़ जाए, तो उसे रोकने के लिए 50-100 ग्राम गुड़ खा लें। ध्यान रहे- कि बाद में पानी न पिएं।

सिर्फ 3 दिन तक लगातार अमरूद खाने से पुरानी सर्दी और जुकाम दूर हो जाती है।

लंबे समय से रुके हुए जुकाम में रोगी को एक अच्छा बड़ा अमरूद के अंदर से बीजों को निकालकर रोगी को खिला दें और ऊपर से ताजा पानी नाक बंद करके पीने को दें। 2-3 दिन में ही रुका हुआ जुकाम बहार साफ हो जायेगा। 2-3 दिन बाद अगर नाक का बहना रोकना हो तो 50 ग्राम गुड़ रात में बिना पानी पीयें खा लें।

8. मलेरिया :


मलेरिया बुखार में अमरूद का सेवन लाभकारी है। नियमित सेवन से तिजारा और चौथिया ज्वर में भी आराम मिलता है।

अमरूद और सेब का रस पीने से बुखार उतर जाता है।

अमरूद को खाने से मलेरिया में लाभ होता है।

9. भांग का नशा : 2-4 अमरूद खाने से अथवा अमरूद के पत्तों का 25 ग्राम रस पीने से भांग का नशा उतर जाता है।


11. मानसिक उन्माद (पागलपन) : :


सुबह खाली पेट पके अमरूद चबा-चबाकर खाने से मानसिक चिंताओं का भार कम होकर धीरे-धीरे पागलपन के लक्षण दूर हो जाते हैं और शरीर की गर्मी निकल जाती है।

250 ग्राम इलाहाबादी मीठे अमरूद को रोजाना सुबह और शाम को 5 बजे नींबू, कालीमिर्च और नमक स्वाद के अनुसार अमरूद पर डालकर खा सकते हैं। इस तरह खाने से दिमाग की मांस-पेशियों को शक्ति मिलती है, गर्मी निकल जाती है, और पागलपन दूर हो जाता है। दिमागी चिंताएं अमरूद खाने से खत्म हो जाती हैं।

12. पेट में गड़-बड़ी होने पर : अमरूद की कोंपलों को पीसकर पिलाना चाहिए।


13. ठंडक के लिए : अमरूद के बीजों को पीसें और लड्डू बनाकर गुलाब जल में शक्कर के साथ पियें।


14. अमरूद का मुरब्बा : अच्छी किस्म के तरोताजा बड़े-बड़े अमरूद लेकर उसके छिलकों को निकालकर टुकड़े कर लें और धीमी आग पर पानी में उबालें। जब अमरूद आधे पककर नरम हो जाएं, तब नीचे उतारकर कपड़े में डालकर पानी निकाल लें। उसके बाद उससे 3 गुना शक्कर लेकर उसकी चासनी बनायें और अमरूद के टुकड़े उसमें डाल दें। फिर उसमें इलायची के दानों का चूर्ण और केसर इच्छानुसार डालकर मुरब्बा बनायें। ठंडा होने पर इस मुरब्बे को चीनी-मिट्टी के बर्तन में भरकर, उसका मुंह बंद करके थोड़े दिन तक रख छोड़े। यह मुरब्बा 20-25 ग्राम की मात्रा में रोजाना खाने से कोष्ठबद्धता (कब्जियत) दूर होती है।


15. आंखों के लिए :


अमरूद के पत्तों की पोटली बनाकर रात को सोते समय आंख पर बांधने से आंखों का दर्द ठीक हो जाता है। आंखों की लालिमा, आंख की सूजन और वेदना तुरंत मिट जाती है।

16. कब्ज :


250 ग्राम अमरूद खाकर ऊपर से गर्म दूध पीने से कब्ज दूर होती है।

अमरूद के कोमल पत्तों के 10 मिलीलीटर रस में थोड़ी शक्कर मिलाकर प्रतिदिन केवल एक बार सुबह सेवन करने से 7 दिन में अजीर्ण (पुरानी कब्ज) में लाभ होता है।

अमरूद को नाश्ते के समय कालीमिर्च, कालानमक, अदरक के साथ खाने से अजीर्ण, गैस, अफारा (पेट फूलना) की तकलीफ दूर होकर भूख बढ़ जाएगी। नाश्ते में अमरूद का सेवन करें। सख्त कब्ज में सुबह-शाम अमरूद खाएं।

अमरूद को कुछ दिनों तक नियमित सेवन करने से 3-4 दिन में ही मलशुद्धि होने लग जाती है। कोष्ठबद्धता मिटती है एवं कब्जियत के कारण होने वाला आंखों की जलन और सिर दर्द भी दूर होता है।

अमरूद खाने से आंतों में तरावट आती है और कब्ज दूर हो जाता है। इसे खाना खाने से पहले ही खाना चाहिए, क्योंकि खाना खाने के बाद खाने से कब्ज करता है। कब्ज वालों को सुबह के समय नाश्ते में अमरूद लेना चाहिए। पुरानी कब्ज के रोगियों को सुबह और शाम अमरूद खाना चाहिए। इससे पेट साफ हो जाता है।

अमरूद खाने से या अमरूद के साथ किशमिश के खाने से कब्ज़ की शिकायत नहीं रहती है।

17. कुकर खांसी, काली खांसी (हूपिंग कफ) :


एक अमरूद को भूभल (गर्म रेत या राख) में सेंककर खाने से कुकर खांसी में लाभ होता है। छोटे बच्चों को अमरूद पीसकर अथवा पानी में घोलकर पिलाना चाहिए। अमरूद पर नमक और कालीमिर्च लगाकर खाने से कफ निकल जाती है। 100 ग्राम अमरूद में विटामिन-सी लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग आधा ग्राम तक होता है। यह हृदय को बल देता है। अमरूद खाने से आंतों में तरावट आती है। कब्ज से ग्रस्त रोगियों को नाश्ते में अमरूद लेना चाहिए। पुरानी कब्ज के रोगियों को सुबह-शाम अमरूद खाना चाहिए। इससे दस्त साफ आएगा, अजीर्ण और गैस दूर होगी। अमरूद को सेंधानमक के साथ खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है।

एक कच्चे अमरूद को लेकर चाकू से कुरेदकर उसका थोड़ा-सा गूदा निकाल लेते हैं। फिर इस अमरूद में पिसी हुई अजवायन तथा पिसा हुआ कालानमक 6-6 ग्राम की मात्रा में लेकर भर देते हैं। इसके बाद अमरूद पर कपड़ा लपेटकर उसमें गीली मिट्टी का लेप चढ़ाकर आग में भून लेते हैं पकने के बाद इसके ऊपर से मिट्टी और कपड़ा हटाकर अमरूद को पीस लेते हैं। इसे आधा-आधा ग्राम की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम रोगी को चटाने से काली खांसी में लाभ होता है।

एक अमरूद को गर्म बालू या राख में सेंककर सुबह-शाम 2 बार खाने से काली खांसी ठीक हो जाती है।

18. रक्तविकार के कारण फोड़े-फुन्सियों का होना : 4 सप्ताह तक नित्य प्रति दोपहर में 250 ग्राम अमरूद खाएं। इससे पेट साफ होगा, बढ़ी हुई गर्मी दूर होगी, रक्त साफ होगा और फोड़े-फुन्सी, खाज-खुजली ठीक हो जाएगी।


19. पुरानी सर्दी : 3 दिनों तक केवल अमरूद खाकर रहने से बहुत पुरानी सर्दी की शिकायत दूर हो जाती है।


20. पुराने दस्त : अमरूद की कोमल पत्तियां उबालकर पीने से पुराने दस्तों का रोग ठीक हो जाता है। दस्तों में आंव आती रहे, आंतों में सूजन आ जाए, घाव हो जाए तो 2-3 महीने लगातार 250 ग्राम अमरूद रोजाना खाते रहने से दस्तों में लाभ होता है। अमरूद में-टैनिक एसिड होता है, जिसका प्रधान काम घाव भरना है। इससे आंतों के घाव भरकर आंते स्वस्थ हो जाती हैं।


21. कफयुक्त खांसी : एक अमरूद को आग में भूनकर खाने से कफयुक्त खांसी में लाभ होता है।


22. मस्तिष्क विकार : अमरूद के पत्तों का फांट मस्तिष्क विकार, वृक्क प्रवाह और शारीरिक एवं मानसिक विकारों में प्रयोग किया जाता है।


23. आक्षेपरोग : अमरूद के पत्तों के रस या टिंचर को बच्चों की रीढ़ की हड्डी पर मालिश करने से उनका आक्षेप का रोग दूर हो जाता है।


24. हृदय : अमरूद के फलों के बीज निकालकर बारीक-बारीक काटकर शक्कर के साथ धीमी आंच पर बनाई हुई चटनी हृदय के लिए अत्यंत हितकारी होती है तथा कब्ज को भी दूर करती है।


25. हृदय की दुर्बलता :


अमरूद को कुचलकर उसका आधा कप रस निकाल लें। उसमें थोड़ा-सा नींबू का रस डालकर पी जाए।

अमरूद में विटामिन-सी होता है। यह हृदय में नई शक्ति देकर शरीर में स्फूर्ति पैदा करता है। इसे दमा व खांसी वाले न खायें।

26. खांसी और कफ विकार :


यदि सूखी खांसी हो और कफ न निकलता हो तो, सुबह ही सुबह ताजे एक अमरूद को तोड़कर, चाकू की सहायता के बिना चबा-चबाकर खाने से खांसी 2-3 दिन में ही दम तोड़ देती है।

अमरूद का रस भवक यन्त्र द्वारा निकालकर उसमें शहद मिलाकर पीने से भी सूखी खांसी में लाभ होता है।

यदि बलगम खूब पड़ता हो और खांसी अधिक हो, दस्त साफ न हो हल्का बुखार भी हो तो अच्छे ताजे मीठे अमरूदों को अपनी इच्छानुसार खायें।

यदि जुकाम की साधारण खांसी हो तो अधपके अमरूद को आग में भूनकर उसमें नमक लगाकर खाने से लाभ होता है।

27. वमन (उल्टी) : अमरूद के पत्तों के 10 मिलीलीटर काढ़े को पिलाने से वमन या उल्टी बंद हो जाती है।


28. तृष्ण (अधिक प्यास लगना) : अमरूद के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर पानी में डाल दें। कुछ देर बाद इस पानी को पीने से मधुमेह (शूगर) या बहुमूत्र रोग के कारण तृष्ण में उत्तम लाभ होता है।


29. अतिसार (दस्त) :


बच्चे का पुराना अतिसार मिटाने के लिए इसकी 15 ग्राम जड़ को 150 मिलीलीटर पानी में ओटाकर, जब आधा पानी शेष रह जाये तो 6-6 ग्राम तक दिन में 2-3 बार पिलाना चाहिए।

कच्चे अमरूद के फल उबालकर खिलाने से भी अतिसार मिटता है।

अमरूद की छाल व इसके कोमल पत्तों का 20 मिलीलीटर क्वाथ पिलाने से हैजे की प्रारिम्भक अवस्था में लाभ होता है।

30. प्रवाहिका : अमरूद का मुरब्बा प्रवाहिका एवं अतिसार में लाभदायक है।


31. गुदाभ्रंश (गुदा से कांच का निकलना) :


बच्चों के गुदभ्रंश रोग पर इसकी जड़ की छाल का काढ़ा गाढ़ा-गाढ़ा लेप करने से लाभ होता है।

तीव्र अतिसार में गुदाभ्रंश होने पर अमरूद के पत्तों की पोटली बनाकर बांधने से सूजन कम हो जाती है और गुदा अंदर बैठ जाता है।

आंतरिक प्रयोग के लिए अमरूद और नागकेशर दोनों को महीन पीसकर उड़द के समान गोलियां बनाकर देनी चाहिए।

अमरूद के पेड़ की छाल, जड़ और पत्ते, बराबर-बराबर 250 ग्राम लेकर पीसकर रख लें तथा 1 किलो पानी में उबालें, जब आधा पानी शेष रह जायें, तब इस काढ़े से गुदा को बार-बार धोना चाहिए और उसे अंदर धकेलें। इससे गुदा अंदर चली जायेगी।

अमरूद के पेड़ की छाल 50 ग्राम, अमरूद की जड़ 50 ग्राम और अमरूद के पत्ते 50 ग्राम को मिलाकर कूटकर 400 मिलीलीटर  पानी में मिलाकर उबाल लें। आधा पानी शेष रहने पर छानकर गुदा को धोऐं। इससे गुदाभ्रंश (कांच निकलना) ठीक होता है।

अमरूद के पत्तों को पीसकर इसके लुगदी (पेस्ट) गुदा को अंदर कर मलद्वार पर बांधने से गुदा बाहर नहीं निकलता है।

32. घुटनों के दर्द में : अमरूद के कोमल पत्तों को पीसकर गठिया के वेदना युक्त स्थानों पर लेप करने से लाभ होता है।


33. विषम ज्वर या मलेरिया बुखार : अमरूद को खाने से इकतारा तथा चातुर्थिक ज्वर में लाभ होता है।


34. बुखार : अमरूद के कोमल पत्तों को पीस-छानकर पिलाने से ज्वर के उपद्रव्य दूर होते है।


35. विदाह (पित्त की जलन) में : अमरूद के बीज निकालकर पीसकर गुलाब जल और मिसरी मिला कर पीने से अत्यंत बढ़े हुए पित्त और विदाह की शांति होती है।


36. भांग या धतूरे का नशा : अमरूद के पत्तों के स्वरस को भरपेट पिलाने से या अमरूद खाने से भांग, धतूरा आदि का नशा दूर हो जाता है।


37. पेट की गैस बनना : अदरक का रस एक चम्मच, नींबू का रस का आधा चम्मच और शहद को डालकर खाने से पेट की गैस में धीरे-धीरे लाभ होता हैं।


38. मुंह के छाले :


रोजाना भोजन करने के बाद अमरूद का सेवन करने से छाले में आराम मिलता है।

अमरूद के पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।

39. दस्त :


अमरूद के पेड़ की कोमल नई पत्तियों को पानी में उबालकर, छानकर थोड़ी-थोड़ी-सी मात्रा में पकाकर पीने से अतिसार का आना रुक जाता है।

अमरूद में मिश्री डालकर या अमरूद और मिश्री का सेवन करने से दस्त का आना बंद हो जाता हैं।

अमरूद के पेड़ की 10 पत्तियां, नींबू की 2 पत्तियां, तुलसी की 3 पत्तियों को लेकर एक कप पानी में डालकर काढ़ा बनाकर पीने से राहत मिलती है।

40. मुंह का रोग : मुंह के रोग में जौ, अमरूद के पत्ते एवं बबूल के पत्ते। इस सबको जलाकर इसके धुंए को मुंह में भरने से गला ठीक होता है तथा मुंह के दाने नष्ट होते हैं।


41. अग्निमान्द्यता (अपच) के लिए : अमरूद के पेड़ की 2 पत्तियों को चबाकर पानी के साथ सेवन करने से आराम होता हैं।


42. प्यास अधिक लगना : अमरूद, लीची, शहतूत व खीरा खाने से प्यास का अधिक लगना बंद हो जाता है।


43. मधुमेह के रोग : पके अमरूद को आग में डालकर उसे निकाल लें, और उसका भरता बना लें, उसमें अवश्कतानुसार नमक, कालीमिर्च, जीरा, मिलाकर सेवन करें। इससे मधुमेह रोग से लाभ होता है।


44. योनि की जलन और खुजली : अमरूद के पेड़ की जड़ को पीसकर 25 ग्राम की मात्रा में लेकर 300 मिलीलीटर  पानी में डालकर पका लें, फिर इसी पानी को साफ कपड़े की मदद से योनि को साफ करने से योनि में होने वाली खुजली समाप्त हो जाती है।


45. गठिया रोग : गठिया के दर्द को सही करने के लिए अमरूद की 5-6 नई पत्तियों को पीसकर उसमें जरा-सा काला नमक डालकर प्रतिदिन सेवन करने से रोगी को लाभ मिलता है।


46. फोड़े-फुंसियों के लिए : अमरूद की थोड़ी सी पत्तियों को लेकर पानी में उबालकर पीस लें। इस लेप को फुंसियों पर लगाने से लाभ होता है।


47. विसर्प-फुंसियों का दल बनना : 4 हफ्तों तक रोजाना दोपहर में 250 ग्राम अमरूद खाने से पेट साफ होता है, पेट की गर्मी दूर होती है, खून साफ होता है जिससे फुंसिया और खुजली भी दूर हो जाती है

Sunday, December 27, 2020

दयालबाग़ सतसंग सुबह 28/12

 **राधास्वामी!! 28-12-2020- आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-                                     

(1) नाम रस चखा गुरु सँग सार। काम रस छोडा देख असार।। नाम धुन सुनी सुन्न दस द्वार। नाम पद मिला महासुन पार।।-(करो अब सतसंग जग को जार। होय घट भीतर नाम उजार।। (सारबचन-शब्द-दूसरा-पृ.सं.232)                                                         

 (2) चरन गुरु मनुआँ हो जावो दीन।।टेक।। भोगन में क्यों उमर गँवाता। बल पौरुष नित होते छीन।।-(शब्द भेद दे अधर चढावें। राधास्वामी चरनन जाय बसीन।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-11-पृ.सं.373)                                       

  🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**परम गुरु हुजूर महाराज-

 प्रेम पत्र -भाग 1- कल से आगे:-

 जो वे भी होशियारी और एहतियात के साथ प्रेमीजन के मुआफिक उन भोगों को सच्चे मालिक और उसके भक्तों को अर्पण करके और प्रसादी करा के आपस में बाँटकर भोगते हैं, तो बजाय दूरी और दुःख के, मालिक के नजदीकी और विशेष दया हासिल करके, महासुख को प्राप्त होते हैं।                                                  

 जाहिर है कि कुल भोग मन और इंद्रियों के जड़ है और जिस किसी का उनमें मोह और वासना रही, वह दिन दिन उनके संग से मनुष्य की निस्बत कम चैतन्य और ज्यादा कम चैतन्य और बहुत ही ज्यादा कम चैतन्य  जोनों में उतर जावेगा।  इस सबब से भोगी और रागी जीव अपनी नादानी और मन हठ करके आपही अपना नुकसान करते हैं।

क्रमशः

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज-

【 शरण आश्रम का सपूत】

कल से आगे:-         

  [ छटा दृश्य]-( वक्त सुबह- शरण आश्रम के चबूतरे पर शोभावंती एक बच्चे को खिलाती है और गाती है)                                                    

 ●● गाना ●●                                             

 यह बालक दीन बेचारा है, मुझे लागे अधिक पियारा है।                                               

  बिन सतगुरु कौन सहारा है, वह मात-पिता है सबके जी।

 वह मात-पिता.....                     

   मैं हरविधि इसे संभालूँगी, हित चित से देखूँ भालूँगी। गुरुआज्ञा निस दिन पालूँगी। वह मात पिता है सबके जी। वह मात पिता..... 

 मेरे भाई प्रेमबिहारी हैं, वचनों के सच्चे भारी हैंl

 सतगुरु के आज्ञाकारी है , वह मात पिता है सबके जी। वह मात पिता......                                             

अब काम सीख कर आवेंगे, सत्संग की शान बढ़ावेंगे। मेरे सतगुरु आज मिलावेंगे, वह मात पिता है सबके जी । वह मात पिता.....

( प्रेम बिहारी दाखिल होता है)             

               

शोभभवन्ती- आइये भाई साहब! राधास्वामी- आइये।

( दोनों गले से मिलते हैं)

मैं अभी दिन गिन रही थी- तुम्हें यूरोप गये आज 5 दिन कम 3 वर्ष हुए हैं। 

प्रेमबिहारी- शुक्र है कि मैं वादे के अंदर आ गया। यह नन्हा बच्चा किसका है? 

शोभावंती- हमारे जैसा ही मुसीबतजदा है। अभी दो दिन हुए आश्रम में आया हैं। तीन वर्ष की उम्र है कि माँ-बाप दोनों मर गये।                                      

प्रेमबिहारी-देखना प्यार से रखना- हमारे वादों में फर्क न आवे।

  शोभावंती- में अभी एक गीत गा रही थी- अगर आप ने सुना होता तो मेरे दिल का हाल आज ही मालूम हो जाता। कहो- अच्छी तरह तो आये। आप के तार में लिखा था कि मालिक की दया से सब काम दुरुस्ती से अंजाम पा गया है।  एक लाख की मशीनरी और अनार्किस्ट के पकड़ने का इनाम - दयालबाग भर में इसकी धूम मच रही है । आज शाम को तुम्हारे स्वागत के लिए जल्सा- होगा सब भाई और बहनें जमा होंगी - वह देखो शामियाना इसीलिये लगा है।

 क्रमशः                 

                   

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज

 -रोजाना वाकिआत-1 अप्रैल 1933- शनिवार :-   

   आज साल समाप्त हो गया । सुबह का कुल वक्त आइंदा साल के बजट की जांच में सर्फ हुआ।  शुक्र है दया से सब कामों के लिए धनराशियाँ मुहैया हो गई ।और गत वर्ष के पिछले कुछ माह में उम्मीद व अनुमान से ज्यादा आमदनी हो जाने से कोई कर्जा नहीं लेना पड़ा हालाँकि बजट में 20 हजाल कर्जे के लिए इंतजाम किया गया था।।                         

 पैम्फलेट का नया एडिशन आज मेंबरान सभा के भेंट किया गया। छपाई काबिले तारीफ है । प्रेमी भाई हर नारायण साहब बी० ए०  एल ० एल० बी हजारों रुपए साल के आमदनी छोड़कर बिना प्रतिपल (क्षतिपूर्ति) प्रेस की मजदूरी करते हैं। और काम ऐसा सुंदर करते हैं कि अंग्रेजी छापेखाने भी उसे देखकर चकित हो जायें। सेवा करना इसी को कहते हैं । प्रेमी भाई हरनारायण जिंदाबाद ।     

                             

 रात के सत्संग में एक भाई ने सवाल किया जबकि यह बयान किया जाता है कि मालिक एक सादा हरकत है फफिर यह कैसे माना जावेगा कि माजिद अडिग व अडोल है। जवाब दिया गया कि स्थूल देश में हरकत करने वाले वस्तु व हरकत पृथक बातें हैं। और हरकत किसी वस्तु की जगह  परिवर्तन करने को कहते हैं लेकिन निर्मल चेतन या अवस्था में सिवाय चेतन शक्ति के और कुछ नहीं है। वहाँ सिर्फ प्रेम रूपी हरकत है और वे हरकत शक्ति के केंद्र से शक्ति की धार के जारी होने की है। शक्ति का केन्द् स्थान परिवर्तन नहीं करता। वह बदस्तूर अडिग व अडोल कायम है। उससे शक्ति की धार प्रकट होती है। यही  धार उनकी हरकत है।।                                                    

 शाम के वक्त एक कंपनी के एजेंट हम्बर कार बेचने के लिए आये। मुझे ताज्जुब हुआ कि एजेन्ट साहब को दयालबाग की सब मोटरकारों का खानदानी हालत बखूबी मालूम है। मैंने कहा आज ही बजट बना है आराम के सामान पर खर्च करने के लिए इस वर्ष एक पाई भी नहीं है।  आपने जवाब दिया आइंदा साल कीमत अदा कर देना। मैंने कहा कर्जे की मोटर कार की सवारी से पैदल चलना अच्छा। इतने में एक और कंपनी के ऐजेंट तशरीफ लाये। आप की फर्म कोलकाता में बल्ब यानी बिजली के लैंप बनाती है।  आप चाहते हैं की सभा उस कंपनी के कुछ हिस्से खरीदें। जवाब दिया गया कि सभा अपना रुपया दयालबाग ही में खर्च करना पसंद करती है।  एजेंट साहब ने कहा तो फिर दयालबाग की में शाख जारी कर दी जावे।  जवाब दिया गया अगर कोई ऐसी तजवीज निकल आवे तो जरूर सभा गौर कर सकती है।                                

 बाहर लोगों लोगों को शुबह हो रहा है कि दयालबाग में बहुत रुपया है इसलिए लोग बड़ी बड़ी उम्मीदें लेकर आते हैं लेकिन हकीकत परिचित होने पर मुरझाए दिल लौटते है। मोटर कार के ऐजेंट साहब ने बहुत जोर दिया कि एक मर्तबा हंबर कार की सवारी करके तो देख लो। 

मैंने यही जवाब दिया -जब हम्बर कार से ताल्लुक ही पैदा करना मंजूर नहीं है तो सवारी के लिए दिल नहीं उमंगता। उन्होंने कहा मैं दिल्ली से कार आपकी सवारी के लिये  लाया हूँ जरा इस बात का तो ख्याल फरमा लिया जाये। मैंने कहा इस इनायत के लिए शुक्रिया सौ बार शुक्रिया। लेकिन जब सौदा करने की सलाह नहीं है तो सवारी करने सवारी का लालच फिजूल है।

🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**


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मानवीय नज़रिया

 *🌺👉🏿सच्चा दृष्टिकोण 🏵️

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                                         . 

एक 6 वर्ष का लडका अपनी 4 वर्ष की छोटी बहन के साथ बाजार से जा रहा था।

 अचानक से उसे लगा कि, उसकी बहन पीछे रह गयी है। 


वह रुका, पीछे मुड़कर देखा तो जाना कि, उसकी बहन एक खिलौने के दुकान के सामने खडी कोई चीज निहार रही है।


लडका पीछे आता है और बहन से पूछता है, "कुछ चाहिये तुम्हें?" लडकी एक गुड़िया की तरफ उंगली उठाकर दिखाती है।


बच्चा उसका हाथ पकडता है, एक जिम्मेदार बडे भाई की तरह अपनी बहन को वह गुड़िया देता है। बहन बहुत खुश हो गयी ।


दुकानदार यह सब देख रहा था, बच्चे का व्यवहार देखकर आश्चर्यचकित भी हुआ ....


अब वह बच्चा बहन के साथ काउंटर पर आया और दुकानदार से पूछा, "कितनी कीमत है इस गुड़िया की ?"


दुकानदार एक शांत और गहरा व्यक्ति था, उसने जीवन के कई उतार देखे थे, उन्होने बड़े प्यार और अपनत्व से बच्चे से पूछा,

 "बताओ बेटे, आप क्या दे सकते हो ??"


बच्चा अपनी जेब से वो सारी सीपें बाहर निकालकर दुकानदार को देता है जो उसने थोड़ी देर पहले बहन के साथ समुंदर किनारे से चुन चुन कर बीनी थी !!!


दुकानदार वो सब लेकर यूँ गिनता है जैसे कोई पैसे गिन रहा हो।


सीपें गिनकर वो बच्चे की तरफ देखने लगा तो बच्चा बोला,"सर कुछ कम हैं क्या ??"

दुकानदार :-" नहीं - नहीं, ये तो इस गुड़िया की कीमत से भी ज्यादा है, ज्यादा मैं वापस देता हूँ " यह कहकर उसने 4 सीपें रख ली और बाकी की बच्चे को वापिस दे दी।


बच्चा बड़ी खुशी से वो सीपें जेब मे रखकर बहन को साथ लेकर चला गया।


यह सब उस दुकान का कामगार देख रहा था, उसने आश्चर्य से मालिक से पूछा, " मालिक ! इतनी महंगी गुड़िया आपने केवल 4 सीपों के बदले मे दे दी ?"


दुकानदार एक स्मित संतुष्टि वाला हास्य करते हुये बोला, 


"हमारे लिये ये केवल सीप है पर उस 6 साल के बच्चे के लिये अतिशय मूल्यवान है और अब इस उम्र में वो नहीं जानता, कि पैसे क्या होते हैं ?


पर जब वह बडा होगा ना...


और जब उसे याद आयेगा कि उसने सीपों के बदले बहन को गुड़िया खरीदकर दी थी, तब उसे मेरी याद जरुर आयेगी, और फिर वह सोचेगा कि,,,,,,

 *"यह विश्व अच्छे मनुष्यों से भी भरा हुआ है।"*


*यही बात उसके अंदर सकारात्मक दृष्टिकोण बढानेे में मदद करेगी और वो भी एक अच्छा इंन्सान बनने के लिये प्रेरित होगा....*      

                                           


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सतसंग शाम 27/12 दयालबाग़

 **राधास्वामी!! 27-12-2020- आज शाम सतसंग में पढे गये पाठ:-                                     

(1) तुम अब ही गुरु से मिलो। जगत की लज्या तजो।।-(मेहर दया सतगुरु की लेकर। राधास्वामी चरनन जाय रजो।।)-(प्रेमबानी-4-शब्द-5-पृ.सं.64)                                                             

(2) कंठ करी कुछ साखियाँ पढे ज्ञान के ग्रंथ। जो इतने ज्ञानी बने सुगवा बडा महन्त।।-(तन सम मन में भेद हैं मोटा पतला होय। जैसा मन जाका रहे परगट दीसे सोय।।) (प्रेमबिलास-शब्द-113-ज्ञान-पृ.सं.169,170)                                                       

 (3) यथार्थ प्रकाश-भाग दूसरा-कल से आगे।।       🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**राधास्वामी!!            

                                   

27- 12- 2020 -

आज शाम सत्संग में पढ़ा गया बचन-

कल से आगे-(100)-

अब विचार का विषय है कि क्या ऐसा पुरुष कल्याण के लिए तड़पते हुए जीवो के लिए ईश्वर ठहरा या कुछ और ?  क्या मनुष्य अपने पाप कर्मों का मन और माया के रुकावटों पर अपने बल से विजय प्राप्त कर सकता है ? क्या ऐसे महापुरुष को, जिसकी वाणी में यह सकती हो कि प्रबल से प्रबल रुकावटों को आकाश में उड़ते हुए बादल के समान टुकड़े-टुकड़े कर दे, केवल अल्पज्ञ जीव कहा जायगा ? और क्या उसे साधारण मनुष्यों के समान हाड मास चाम के बंदीगृह में बंद और भूख प्यास और रोग आदि मानवी विकारो से व्याप्त समझा जायगा ? और यदि सर्वसाधारण के लिये अपने माता पिता और शिक्षक की सेवा करना धर्मानुकूल और उचित है और लकड़ी और धातु की मूर्तियों की पूजा ईश्वर की पूजा है तो ऐसे महान् आत्मा के चरणों में यथायोग्य आदर सत्कार के भाव रखना और उनकी सेवा शुश्रूषा करना तथा आज्ञाकारी होकर उनके आशीर्वाद प्राप्त करने की चेष्टा करना धर्म- विरुद्ध अथवा अनकेश्वरवाद या मनुष्य पूजा समझा जायगा ?  आप से अधिक विचारशील तो इसाई भाई हैं जो हजरत मसीह के इस संबंध में दिये हुए आदेशों को बिना तर्क वितर्क के यथार्थ मानते हैं। हजरत मशीह अपने समय के पैगंबर थे, और उनकी भाषाशैली अत्यंत ओजस्विनी थी। योहन्ना की इन्जील के १४ वें में बाब में आप अपने शिष्यों को संतोषजनक उपदेश देते हुए फरमाते हैं:- " राह हक और जिंदगी मैं हूँ। कोई मेरे वसीले के बगैर बाप के पास नहीं आता (६)।  अगर तुमने मुझे जाना होता तो मेरे बाप को भी जानते। अब उसे जानते हो और देख लिया है(७)।  फिलिप्स ने उससे कहा ' ऐ खुदावन्द बाप को हमें दिखा, यही हमें काफी है' (८)।   यसू ने उससे कहा- ऐ  फिलिप्स! मैं इतनी मुद्दत से तुम्हारे साथ हूँ, क्या तू मुझे नहीं जानता?  जिसने मुझे देखा उसने बाप को देखा। तू क्योंकर कहता है कि बाप को हमें दिखा (९)। क्या तू यकीन नहीं करता कि मैं बाप में हूँ और बाप मुझमें है।  ये बातें मैं तुमसे कहता हूँ अपनी तरफ से नहीं कहता लेकिन बाप मुझमें रहकर अपने काम करता है(१०)।  मेरा यकीन करो कि मैं बाप में हूँ और बाप मुझमें है" (११)। इसके उउउअतिरिक्त इसी इंजील के दसवें बाब में लिखा है-" मेरी भेडें मेरी आवाज सुनती हैं और मैं उन्हें जानता हूँ और वह मेरे पीछे पीछे चलती है (२७)।  और मैं उन्हें हमेशा की जिंदगी बख्शता हूँ और वह अबद तक कभी हलाक न होंगी और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा(२८)। मेरा बाप जिसने मुझे वह दी है सबसे बड़ा है और कोई उन्हें बाप के हाथ से नहीं छीन सकता(२९)। मैं और मेरा बाप एक है(३०)।   

                        

🙏🏻राधास्वामी 🙏🏻

यथार्थ प्रकाश- भाग दूसरा-

 परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**

🙏🙏🙏🙏✌️✌️✌️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

सतसंग सुबह 27/12

 **राधास्वामी!! 27-12-2020- (रविवार) आज सुबह सतसंग में पढे गये पाठ:-                             

(1) नाम रस चखा गुरु सँग सार। काम रस छोडा देख असार।।-(नाम धन पाया गगन निहार। मगन होय बैठी तज अहंकार।।) (सारबचन-शब्द-दूसरा-पृ.सं.231,232)             

 (2) दरस गुरु निस दिन करना सही।।टेक।।                                                     

जो तन से गुरु संग न पावे। ध्यान धार चित चरन पई।।-(राधास्वामी परम गुरु सुखदाता। निज चरनन की सरन दई।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-10-पृ.सं.375)                       सतसंग के बाद विद्यार्थियों व बच्चो के पाठ:-                                                   (1) धन्य धन्य सखी भाग हमारे धन्य गुरु का संग री।।-(प्रेमबिलास-शब्द-126-पृ.सं.185)                                             (2)  सतगुरु प्यारी चरन अधारी। खुन २ करती आई हो।।(प्रेमबानी-4-शब्द-16-पृ.सं.102)                                                         

(3) राधास्वामी दया प्रेम घट आया। बंधन छूटे भर्म गँवाया।।(सारबचन-शब्द-सोलहवाँ-पृ.सं.145)                                                                

 (4) सुन सुन रह्या न जाय महिमा सतगुरु की।।(प्रेमबिलास-शब्द-117-पृ.सं.174)                       (5) तमन्ना यही है कि जब तक जिऊँ। चलूँ या फिरूँ या कि मेहनत करूँ।। पढूँ या लिखूँ मुहँ से बोलूँ कलाम। न बन आये मुझसे कोई ऐसा काम।। जो मर्जी तेरी के मुवाफिक न हो। रजा के तेरी कुछ मुखालिफ जो हो।।।                       

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज

-रोजाना वाकिआत- 31 मार्च 1933- शुक्रवार :-


  मालूम हुआ कि दयालबाग में चंद ऐसे आदमी है जो बाल बच्चों वाले या बूढे हैं। और आमदनी कम होने से डेरी का दूध नहीं खरीद सकते। चुनाँचे आज फेहरिस्त पेश हुई जिसमें 101 आदमियों के नाम दर्ज थे। फैसला किया गया कि इन भाइयों को रियायती कीमत से दूध दिया जाये (रियायती  कीमत डेड आना प्रति सेर मुकर्रर की गई )। और डेरी का घाटा दूसरे तरीके से पूरा कर दिया जाये।  

                                             

 हम लोग जरा सी परेशानी सर पर आते ही उदास हो जाते हैं और दो चार बातें उम्मीद व मर्जी के खिलाफ घटित मैं आने पर अपनी किस्मत पर आँसू बहाते हुए कोने में बैठना अख्तियार कर लेते हैं।  लेकिन आज अमेरिका के प्रेसिडेंट रूजवेल्ट का हाल पढा। आप अभी बड़ी धूमधाम के साथ प्रेसिडेंटी की कुर्सी पर आसीन हुए हैं। कुर्सीनशीनी के दिन का हाल मुलाहजा हो।  आसमान पर स्याह बादल छाये हुए थे गोया आसमान अमेरिकन मुरझाए दिलों की कैफियत जबानेहाल से पुकार पुकार सुना रहा था ।

48 में से 48 रियासतों में दीवाले निकल जाने के खौफ से सब बैंक गवर्नमेंट हुकुम से जबरन तातील बना रहे थे गोया मुल्क भर में रुपए का लेनदेन बंद था। और हर शख्स को फिक्र पकड़े था आया तातील खत्म होने (पर  जिंदगी की पूँजी बैंकों से वापस मिल जायेगी या भीख माँग कर गुजारा करना होगा। मुल्क के 2 सबसे बड़े शहरों में भूखे मजदूर टोलियाँ बाँधकर प्रदर्शन कर रहे थे । गर्जेकि अमरीकन अवाम का हर व्यक्ति यही महसूस कर रहा था कि मंदी की पराकाष्ठा हो रही है। इन हालात में मिस्टर रुजवेल्ट की कुर्सीनशीनी के लिये बंदोबस्त हो रहा था । 

आप कैपिटल की तरफ रवाना होने को थे कि एक पाजी ने रिवाल्वर से अचानक आप पर गोलियाँ बरसा दी। जैसे तैसे बचकर घर पहुँचे । कुर्सीनशीनी के जश्न का दिन आया तो आपका कैबिनेट के एक निहायत प्रतिष्ठित मेंबर के अचानक मौत हो गई। यह बेचारा जलसे में शिरकत के लिए आ रहा था रास्ते ही में उसकी रूह मानव शरीर से अलग हो गई । यह सब बातें थी लेकिन मिस्टर रुजवेल्ट ने हस्बे प्रोग्राम सद्रनशीनी की और धुआँधार स्पिच दी कि कुल महाद्वीप अमेरिका में तहलका मच गया।

  और हर मर्द व जन को मालूम हो गया कि उनका सद्र पझमुर्दा दिल नहीं है । वह मौजूदा मंदी बाजार से कतई नहीं घबराता। वह मर्दानावार मुल्क में नए सिरे से समृद्धि का दौर कायम करेगा। काश हमारे दिल भी ऐसा ही मजबूत हो।                                        

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज -

【शरण आश्रम का सपूत】 कल से आगे:-.   

             

 प्रेमबिहारी- काउन्टेस! मेरी मेहरबानी

 काउन्टेस! मैंने आश्रम से चलते वक्त प्रण कर लिया था कि शादी के मुतअल्लिक ख्यालात दिल में ना आने दूँगा। इसलिए मेरी तरफ से इस कदर सर्दमेहरी का इजहार हुआ। मैं हर तरह से हाजिर हूँ मगर बिलाइजाजत अपने इंडियन मुरब्बियान के मैं कुछ नहीं कर सकता। काउन्टेस-( जल्दी से) क्या उन लोगों के दिल सख्त हैं?

 प्रेमबिहारी- हरगिज़ नहीं- वह निहायत नर्मदिल और वसीअ व आजाद ख्याल लोग हैं। दयालबाग बहिश्त का एक छोटा नमूना है। तुम जरूर मेरे हमराह चलो और वहां की सैर देखो और अपने मुआमला पेश करो- मैं भी तुम्हारी सिफारिश करूँगा।(हँस देता है) काउन्टेस-( हाथ दबा कर ) शुक्रिया- हजार बार शुक्रिया -बार बार शुक्रिया- कुछ रुपया आश्रम के लिए भेज दो तो अच्छा है- केबल कर दो।  प्रेमबिहारी - मैने अपने इनाम की कुल रकम मशीनरी बनाने वाले के हवाले कर दी है ताकि हमारे पहुँचने तक मसनूई रेशम बनाने की कुल मशीनें तैयार हो जायें। काउन्टेस- मेरा मतलब उन लाख लायर्ज को छोड़ने से नहीं था- रीटा की सब दौलत आज से आप की है।  प्रेमबिहारी- वह लोग गैर मजहब वालों का रुपया नहीं लेते।  काउनटेस- तो मुझे तुम्हारा मजहब कबूल है- और कोई शर्त हो वह भी तय कर लो।  प्रेमबिहारी- इंडिया चल कर ही ये सब फैसले होंगे -अभी दिल की बातें दिल ही मैं रक्खों  और अगर नागवार न हो तो कोई बढ़िया गीत गाकर सुनाओ।( काउन्टेस खुशी से वायलेन मँगाती है और गाती है)                                          

◆◆गजल ◆◆                                     

     चल रही है जोरों की बादे बहारी इन दिनों । छा रही हरसू है मस्ती और खुमारी इन दिनों।।१।।                                                जिस तरफ देखो खुशी के महफिलें ही गर्म हैं। कर रही किस्मत हमारी भी है यारी इन दिनों।।२।।                                               गौहरे मकसूद मेरा आज मुझको मिल गया। रंज है न फिक्र है, न इंतजारी इन दिनों।।३।।                                                  जी चाहता है कि गाऊँ राग तेरी हम्द के। बात बिगड़ी मेहर से तूने सवाँरी इन दिनों।।४।।                                                  खिल उठो ऐ लाला ओ गुल! दामन अपने लो सँभाल। जल्वागर शाहे चमन की है सवारी इन दिनों।।५।।                                           लोग पूछे हैं खुशी की शक्ल क्या तस्वीर है। मिल कर बैठे देख लो मैं और बिहारी इन दिनों।।६।।                                                 प्रेमबिहारी -शुक्रिया -गजब का गाना है- दिल का थामना ही मुश्किल हो गया था। काउनटेस-क्या मेरा गाना पसंद आया?             ( मुस्कुरा कर ) प्रेमबिहारी- हद से ज्यादा- मगर अब चलने की तैयारी करना मुनासिब है। एक केबल भेजना चाहता हूँ ताकि आश्रम के मन्तजिमान को इत्तिला हो जाय।(काउन्टेस दौड कर कागज पेन्सिल लाती है और मुलाजिम को बुला कर सौ लायर्ज का नोट देती है) प्रेमबिहारी-(कुछ लिख कर) देखो यह लिखा है- इंडस्ट्रीज दयालबाग- राधास्वामी दयाल की दया से सब काम दुरुस्ती के साथ अन्जाम पा गया । 25 दिसंबर तक दयालबाग पहुँच जाऊँगा। एक लाख लायर्ज की मशीनरी हमराह लाता हूँ। यह रकम मुझे गवर्नमेंट इटली से इनाम में मिली थी। मैनें एक अनारकिस्ट को पकड़ा था और शाह इटली की जान बचाई थी। काम पूरी तरह से सीख लिया है।।                                   प्रेमबिहारीलाल                                           काउन्टेस -मेरा कुछ जिक्र नही किया। बढा न दो कि एक नफीस मछली इत्तिफाकन मेरे जाल में फँसी है, वह भी हमराह लाता हूँ। प्रेमबिहारीलाल-अफसोस! हिंदुस्तानी तहजीब इन बातों की इजाजत नहीं देती। अलावा इसके दयालबाग की मस्तूरात ज्यादा हैरान व खुश होंगी अगर तुम नामालूम तौर वहाँ पहुंचोगी। काउन्टेस- मैं तो योंही हँसी करती थी- मैं काहे को तुम्हारे जाल में फँसी -तुम ही मेरे जाल में फँसे। नौकर! देखो यह तार फौरन ले जाओ और नोट से दाम दो।  प्रेमबिहारी- न तुम मेरे जाल में फँसी और न मैं तुम्हारे जाल में। हम सब उस सच्चे मालिक के बच्चे हैं। " खेल खिलावें बाल समान- देखें मात पितू हरखान।"  जाहिरन् उन दयाल को यह मंजूर है कि हम दोनों से अपने दूसरे बच्चों की सेवा करावें।   (ड्राप सीन)  क्रमशः                                

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**परम गुरु हुजूर महाराज-

प्रेम पत्र- भाग-1- कल से आगे-( 2)

 सवाल- जो संसार में भोग पैदा किए हैं। तो वह जरूर रोकने के वास्ते पैदा हुए हैं।  फिर उन भोगों के हासिल करने और भोगने की वजह से  जीवों को क्यों सजा या दंड दिया जाता है, यानी नीची ऊँची जोनों में क्यों भरमाया जाता है?                                जवाब- जो भोग इस रचना में पैदा हुए हैं वह सच्चे मालिक ने प्रसन्न होकर अपने प्यारे भक्त और प्रेमीजन के लिए काल पुरुष और माया के हाथ से पैदा कराये। वे उन भोगों को प्रथम अपने सच्चे मालिक के सन्मुख (जब संत सतगुरु रूप धरकर जगत में प्रगट होवें) पेश करते हैं या उसके प्रेमी और भक्तजन के निमित्त तैयार करते हैं और फिर आप भी उन्हीं भोगों को प्रसादी कराकर भोगते हैं और उनका रस लेते हैं । और उनको इस भक्ति और भाव के बदले में दया मिलती है और प्रेम दिन दिन बढ़ता है और सच्चे मालिक के दिन दिन ज्यादा प्यारे होते जाते हैं।                                                                        ऐसे प्रेमियों की बदौलत संसारी जीव भी उन भोगों का भोग करते हैं , पर वे उनको अपने और अपने कुटुम्बियों के निमित्त तैयार करके निहायत लगन के साथ उनका रस लेते हैं और दूसरों को उसमें शरीक करना नहीं चाहते। और एक दूसरे की आपस में उन्हीं लोगों के सबब से ईर्षा करते हैं , और विरोध पैदा करके कभी-कभी आपस में एक दूसरे पर ज्यादती करते हैं । और ऐसा जबर बंधन उनका इन भोगों में हो जाता है कि उन्हीं को अपना सुखदाई मानते हैं और जो कोई उनको उन भोगों से छुड़ावे उसको बैरी के समान देखते हैं और उन लोगों की प्राप्ति के सबब से निहायत दर्जे का अहंकार और गफलत और बेपरवाही और सख्ती उनके मन में बढ़ती जाती है कि जिसके सबब से अपने सच्चे मालिक और निज घर को भूलकर दिन दिन उससे दूर होते जाते हैं और नीची ऊँची जोनों में अपनी करनी का फल भोगते हैं।

 क्रमशः                                                              🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

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नये साल 2021 का चाल चलन

 *⛳सनातन-धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है✍🏻*


*👉🏻लेख क्र.-सधस/२०७७/मार्गशीर्ष/शु/१३-२५९६*

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 *⛳🕉️🦚जय श्री बद्रीनाथ जी🦚🕉️⛳*


*⛳🔥हम क्यो नही मानते 1 जनबरी को नया साल?🔥⛳*


*🔥न ऋतु बदली.. न मौसम*

*🔥न कक्षा बदली... न  सत्र*

*🔥न फसल बदली...न खेती*

*🔥न पेड़ पौधों की रंगत*

*🔥न सूर्य चाँद सितारों की दिशा*

*🔥ना ही नक्षत्र।।*


*1 जनवरी आने से पहले ही सब नववर्ष की बधाई देने लगते हैं। मानो कितना बड़ा पर्व है।*


*⛳नया केवल एक दिन ही नही होता..*

*⛳कुछ दिन तो नई अनुभूति होनी ही चाहिए। आखिर हमारा देश त्योहारों का देश है।*


*🔥ईस्वी संवत का नया साल 1 जनवरी को और भारतीय नववर्ष (विक्रमी संवत) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। आईये देखते हैं दोनों का तुलनात्मक अंतर:🔥*


1. प्रकृति- 

1 जनवरी को कोई अंतर नही जैसा दिसम्बर वैसी जनवरी.. चैत्र मास में चारो तरफ फूल खिल जाते हैं, पेड़ो पर नए पत्ते आ जाते हैं। चारो तरफ हरियाली मानो प्रकृति नया साल मना रही हो I


2. वस्त्र- 

दिसम्बर और जनवरी में वही वस्त्र, कंबल, रजाई, ठिठुरते हाथ पैर.. 

चैत्र मास में सर्दी जा रही होती है, गर्मी का आगमन होने जा रहा होता है I


3. विद्यालयो का नया सत्र- दिसंबर जनवरी वही कक्षा कुछ नया नहीं.. 

जबकि मार्च अप्रैल में स्कूलो का रिजल्ट आता है नई कक्षा नया सत्र यानि विद्यालयों में नया साल I


4. नया वित्तीय वर्ष- 

दिसम्बर-जनबरी में कोई खातो की क्लोजिंग नही होती.. जबकि 31 मार्च को बैंको की (audit) कलोसिंग होती है नए वही खाते खोले जाते है I सरकार का भी नया सत्र शुरू होता है I


5. कलैण्डर- 

जनवरी में नया कलैण्डर आता है.. 

चैत्र में नया पंचांग आता है I उसी से सभी भारतीय पर्व, विवाह और अन्य महूर्त देखे जाते हैं I इसके बिना हिन्दू समाज जीबन की कल्पना भी नही कर सकता इतना महत्वपूर्ण है ये कैलेंडर यानि पंचांग I


6. किसानो का नया साल- दिसंबर-जनवरी में खेतो में वही फसल होती है.. 

जबकि मार्च-अप्रैल में फसल कटती है नया अनाज घर में आता है तो किसानो का नया वर्ष और उतसाह I


7. पर्व मनाने की विधि- 

31 दिसम्बर की रात नए साल के स्वागत के लिए लोग जमकर मदिरा पान करते है, हंगामा करते है, रात को पीकर गाड़ी चलने से दुर्घटना की सम्भावना, रेप जैसी वारदात, पुलिस प्रशासन बेहाल और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का विनाश.. 

जबकि *भारतीय नववर्ष व्रत से शुरू होता है पहला नवरात्र होता है* घर घर मे माता रानी की पूजा होती है I शुद्ध सात्विक वातावरण बनता है I


8. ऐतिहासिक महत्त्व- 1 जनवरी का कोई ऐतेहासिक महत्व नही है.. 

जबकि चैत्र प्रतिपदा के दिन महाराज विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत् की शुरुआत, भगवान झूलेलाल का जन्म, नवरात्रे प्रारंम्भ, ब्रहम्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना इत्यादि का संबंध इस दिन से है I


अंग्रेजी कलेंडर की तारीख और अंग्रेज मानसिकता के लोगो के अलावा कुछ नही बदला.. 

अपना नव संवत् ही नया साल है I


जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तिया, किसान की नई फसल, विद्यार्थी की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते है। जो विज्ञान आधारित है I


अपनी मानसिकता को बदले I विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचाने। स्वयं सोचे की क्यों मनाये हम 1 जनवरी को नया वर्ष..?


*"केबल कैलेंडर बदलें.. अपनी संस्कृति नहीं"*


*⛳आओ जागेँ जगायेँ, भारतीय संस्कृति अपनायेँ और आगे बढ़े I⛳*

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ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

*भगवान सूर्यदेव की जय🙏🏻🚩*

_*⛳⚜️सनातन धर्मरक्षक समिति*_⚜⛳

सूर्य को जल चढ़ाने का अर्थ

  प्रस्तुति - रामरूप यादव  सूर्य को सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य के ही चक्कर लगाते है इसलिए सभी ग्रहो में सूर्...