Monday, August 31, 2020

आज का दिन मंगलमय हो

 प्रस्तुति - कृष्ण  मेहता  (मोरनी )

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक 31 अगस्त 2020*

⛅ *दिन - सोमवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शरद*

⛅ *मास - भाद्रपद*

⛅ *पक्ष - शुक्ल* 

⛅ *तिथि - त्रयोदशी सुबह 08:48 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*

⛅ *नक्षत्र - श्रवण शाम 03:04 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*

⛅ *योग - शोभन दोपहर 01:23 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*

⛅ *राहुकाल - सुबह 07:46 से सुबह 09:20 तक* 

⛅ *सूर्योदय - 06:23* 

⛅ *सूर्यास्त - 18:54* 

⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - 

 💥 *विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *श्राद्ध पक्ष में अपनाए जाने वाले सभी मुख्य नियम*

➡ *01 सितम्बर 2020 मंगलवार से महालय श्राद्ध आरम्भ ।*

👉🏻 *1) श्राद्ध के दिन भगवदगीता के सातवें अध्याय का माहात्मय पढ़कर फिर पूरे अध्याय का पाठ करना चाहिए एवं उसका फल मृतक आत्मा को अर्पण करना चाहिए।*

👉🏻 *2) श्राद्ध के आरम्भ और अंत में तीन बार निम्न मंत्र का जप करें l*

➡ *मंत्र ध्यान से पढ़े :*

🌷 *ll देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च l*

*नमः स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव भवन्त्युत ll*

🙏🏻 *(समस्त देवताओं, पितरों, महायोगियों, स्वधा एवं स्वाहा सबको हम नमस्कार करते हैं l ये सब शाश्वत फल प्रदान करने वाले हैं l)*

👉🏻 *3) “श्राद्ध में एक विशेष मंत्र उच्चारण करने से, पितरों को संतुष्टि होती है और संतुष्ट पितर आप के कुल खानदान को आशीर्वाद देते हैं*

➡ *मंत्र ध्यान से पढ़े :*

🌷 *ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधादेव्यै स्वाहा|*

👉🏻 *4) जिसका कोई पुत्र न हो, उसका श्राद्ध उसके दौहिक (पुत्री के पुत्र) कर सकते हैं l कोई भी न हो तो पत्नी ही अपने पति का बिना मंत्रोच्चारण के श्राद्ध कर सकती है l*

👉🏻 *5) पूजा के समय गंध रहित धूप प्रयोग करें  और बिल्व फल प्रयोग न करें और केवल घी का धुआं भी न करें|*

🙏🏻 *श्राद्ध महिमा पुस्तक से* 

          🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞


🌷 *श्राद्ध में पालने योग्य नियम* 🌷

🙏🏻 *श्रद्धा और मंत्र के मेल से पितरों की तृप्ति के निमित्त जो विधि होती है उसे 'श्राद्ध' कहते हैं।*

🙏🏻 *हमारे जिन संबंधियों का देहावसान हो गया है, जिनको दूसरा शरीर नहीं मिला है वे पितृलोक में अथवा इधर-उधर विचरण करते हैं, उनके लिए पिण्डदान किया जाता है।*

*बच्चों एवं संन्यासियों के लिए पिण्डदान नहीं किया जाता।*

🙏🏻 *विचारशील पुरुष को चाहिए कि जिस दिन श्राद्ध करना हो उससे एक दिन पूर्व ही संयमी, श्रेष्ठ ब्राह्मणों को निमंत्रण दे दे। परंतु श्राद्ध के दिन कोई अनिमंत्रित तपस्वी ब्राह्मण घर पर पधारें तो उन्हें भी भोजन कराना चाहिए।*

🙏🏻 *भोजन के लिए उपस्थित अन्न अत्यंत मधुर, भोजनकर्ता की इच्छा के अनुसार तथा अच्छी प्रकार सिद्ध किया हुआ होना चाहिए। पात्रों में भोजन रखकर श्राद्धकर्ता को अत्यंत सुंदर एवं मधुर वाणी से कहना चाहिए कि 'हे महानुभावो ! अब आप लोग अपनी इच्छा के अनुसार भोजन करें।'*

🙏🏻 *श्रद्धायुक्त व्यक्तियों द्वारा नाम और गोत्र का उच्चारण करके दिया हुआ अन्न पितृगण को वे जैसे आहार के योग्य होते हैं वैसा ही होकर मिलता है। (विष्णु पुराणः 3.16,16)*

🙏🏻 *श्राद्धकाल में शरीर, द्रव्य, स्त्री, भूमि, मन, मंत्र और ब्राह्मण-ये सात चीजें विशेष शुद्ध होनी चाहिए।*

🙏🏻 *श्राद्ध में तीन बातों को ध्यान में रखना चाहिएः शुद्धि, अक्रोध और अत्वरा (जल्दबाजी नही करना)।*

*श्राद्ध में मंत्र का बड़ा महत्त्व है। श्राद्ध में आपके द्वारा दी गयी वस्तु कितनी भी मूल्यवान क्यों न हो, लेकिन आपके द्वारा यदि मंत्र का उच्चारण ठीक न हो तो काम अस्त-व्यस्त हो जाता है। मंत्रोच्चारण शुद्ध होना चाहिए और जिसके निमित्त श्राद्ध करते हों उसके नाम का उच्चारण भी शुद्ध करना चाहिए।*

*जिनकी देहावसना-तिथि का पता नहीं है, उनका श्राद्ध अमावस्या के दिन करना चाहिए।*

🙏🏻 *हिन्दुओं में जब पत्नी संसार से जाती है तो पति को हाथ जोड़कर कहती हैः 'मुझसे कुछ अपराध हो गया हो तो क्षमा करना और मेरी सदगति के लिए आप प्रार्थना करना।' अगर पति जाता है तो हाथ जोड़ते हुए पत्नी से कहता हैः 'जाने-अनजाने में तेरे साथ मैंने कभी कठोर व्यवहार किया हो तो तू मुझे क्षमा कर देना और मेरी सदगति के लिए प्रार्थना करना।'*

🙏🏻 *हम एक दूसरे की सदगति के लिए जीते जी भी सोचते हैं, मरते समय भी सोचते हैं और मरने के बाद भी सोचते हैं।*

🙏🏻 *क्या करें क्या न करें पुस्तक से*

         🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞


🌷 *श्राद्ध सम्बन्धी बातें* 🌷

➡ *श्राद्ध कर्म करते समय जो श्राद्ध का भोजन कराया जाता है, तो ११.३६ से १२.२४ तक उत्तम काल होता है l*

➡ *गया, पुष्कर, प्रयाग और हरिद्वार में श्राद्ध करना श्रेष्ठ माना गया है l*

➡ *गौशाला में, देवालय में और नदी तट पर श्राद्ध करना श्रेष्ठ माना गया है l*

➡ *सोना, चांदी, तांबा और कांसे के बर्तन में अथवा पलाश के पत्तल में भोजन करना-कराना अति उत्तम माना गया है l लोहा, मिटटी आदि के बर्तन काम में नहीं लाने चाहिए l*

➡ *श्राद्ध के समय अक्रोध रहना, जल्दबाजी न करना और बड़े लोगों को या बहुत लोगों को श्राद्ध में सम्मिलित नहीं करना चाहिए, नहीं तो इधर-उधर ध्यान बंट जायेगा, तो जिनके प्रति श्राद्ध सद्भावना और सत उद्देश्य से जो श्राद्ध करना चाहिए, वो फिर दिखावे के उद्देश्य में सामान्य कर्म हो जाता है l*

➡ *सफ़ेद सुगन्धित पुष्प श्राद्ध कर्म में काम में लाने चाहिए l लाल, काले फूलों का त्याग करना चाहिए l अति मादक गंध वाले फूल अथवा सुगंध हीन फूल श्राद्ध कर्म में काम में नहीं लाये जाते हैं l*



          🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

🙏🏻🌷🌻🌹🍀🌺🌸🍁💐🙏🏻

कड़वे नियम

 ●तीन कड़वे नियम सार 

 आप मुस्कुराते रहो तो दुनिया आपके कदमो में होगी, क्योंकि आंसुओ को तो आपकी खूबसूरत आँखे भी जगह नही देती है.. वैसे दोस्तों इस प्रकृति के तीन कड़वे नियम जो की बिल्कुल सत्य है..!!

1.  यदि खेत में बीज न डालें जाएं तो कुदरत उसे घास-फूस से भर देती हैं !!

👉 ठीक उसी तरह से दिमाग में सकारात्मक विचार न भरे जाएँ तो नकारात्मक विचार अपनी जगह बना ही लेते हैं !!

2- जिसके पास जो होता है, वह वही बांटता है !!

👉 सुखी सुख बांटता है, दुःखी दुःख बांटता है, ज्ञानी ज्ञान बांटता है, भ्रमित भ्रम बांटता है, भयभीत भय बांटता हैं।

3-  आपको जीवन से जो कुछ भी मिलें उसे पचाना सीखो क्योंकि भोजन न पचने पर रोग बढ़ते हैं!!

👉 पैसा न पचने पर दिखावा बढ़ता है, बात न पचने पर चुगली बढ़ती है, प्रशंसा न पचने पर अंहकार बढ़ता है, निंदा न पचने पर दुश्मनी बढ़ती है, राज़ न पचने पर खतरा बढ़ता है, दुःख न पचने पर निराशा बढ़ती है, और सुख न पचने पर पाप बढ़ता है।

आपने कभी ये महसूस किया है कि जैसे जैसे आप बगीचे की तरफ बढ़ते हैं, तो ठंडी हवाएं आनी शुरू हो जाती हैं, बगीचा ठंडी हवाएं नहीं भेजता है, और ऐसा भी नहीं है, कि जब बगीचे के पास से कोई नहीं निकलता, तो बगीचा अपनी ठंडी हवाएं रोक लेता हो, यह तो उस बगीचे का स्वभाव है, कि उसके आसपास ठंडी हवा होती है। इसी प्रकार परमात्मा भी मंगलदायी है, जैसे जैसे आप परमात्मा के निकट जाते हैं, आपको आनंद का अनुभव होता है। परमात्मा एक चैतन्य का विस्तार है, परमात्मा एक व्यक्ति नहीं है। अपितु एक चैतन्य है। इसीलिए आप हमेशा सार्वजनिक जीवन में मर्यादा से रहें। जिस प्रकार किसी को मनचाही स्पीड में गाड़ी चलाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि रोड सार्वजनिक है। ठीक उसी प्रकार किसी भी लड़की को मनचाही अर्धनग्नता युक्त वस्त्र पहनने का अधिकार नहीं है, क्योंकि जीवन सार्वजनिक है। एकांत रोड में स्पीड चलाओ, एकांत जगह में अर्द्धनग्न रहो। मगर सार्वजनिक जीवन में नियम मानने पड़ते हैं। भोजन जब स्वयं के पेट मे जा रहा हो तो केवल स्वयं की रुचि अनुसार बनेगा, लेकिन जब वह भोजन परिवार खायेगा तो सबकी रुचि व मान्यता देखनी पड़ेगी।

लड़कियों का अर्धनग्न वस्त्र पहनने का मुद्दा उठाना उतना ही जरूरी है,जितना लड़को का शराब पीकर गाड़ी चलाने का मुद्दा उठाना जरूरी है। दोनों में एक्सीडेंट होगा ही, अपनी इच्छा केवल घर की चहार दीवारी में उचित है। घर से बाहर सार्वजनिक जीवन मे कदम रखते ही सामाजिक मर्यादा लड़का हो या लड़की उसे रखनी ही होगी।

घूंघट और बुर्का जितना गलत है, उतना ही गलत अर्धनग्नता युक्त वस्त्र गलत है। बड़ी उम्र की लड़कियों का बच्चों की सी फ़टी निक्कर पहनकर छोटी टॉप पहनकर फैशन के नाम पर घूमना भारतीय संस्कृति का अंग नहीं है। जीवन भी गिटार या वीणा जैसा वाद्य यंत्र हो, ज्यादा कसना भी गलत है और ज्यादा ढील छोड़ना भी गलत है।

सँस्कार की जरूरत स्त्री व पुरुष दोनों को है, गाड़ी के दोनों पहिये में सँस्कार की हवा चाहिए, एक भी पंचर हुआ तो जीवन डिस्टर्ब होगा। नग्नता यदि मॉडर्न होने की निशानी है, तो सबसे मॉडर्न जानवर है जिनके संस्कृति में कपड़े ही नही है। अतः जानवर से रेस न करें, सभ्यता व संस्कृति को स्वीकारें, कुत्ते को अधिकार है कि वह कहीं भी यूरिंन पास कर सकता है, सभ्य इंसान को यह अधिकार नहीं है। उसे सभ्यता से बन्द टॉयलेट उपयोग करना होगा। इसी तरह पशु को अधिकार है नग्न घूमने का, लेकिन सभ्य स्त्री को  उचित वस्त्र का उपयोग सार्वजनिक जीवन मे करना ही होगा। अतः आपसे विनम्र अनुरोध है, सार्वजनिक जीवन मे मर्यादा न लांघें, सभ्यता से रहें। यदि आपको मेरे इस लेख में कही कुछ गलत लगा हो तो क्षमा चाहुगा, लेकिन आपको सही लगा है तो मुझे जरूर बताये ताकि मेरे लिखने का उद्देश्य यु ही बना रहे। प्रभु श्री राम से मेरी प्रर्थना है, की आप सदैव खुश रहें, हँसते मुस्कुराते रहे.. आपका मित्र बड़क साहब..✍️

सब एक समान

 ● मत परेशान हो मस्त रहो, व्यस्त रहो क्योंकि...?


1. चालीस साल की अवस्था में "उच्च शिक्षित" और "अल्प शिक्षित" एक जैसे ही होते हैं।

2. पचास साल की अवस्था में "रूप" और "कुरूप" एक जैसे ही होते हैं। (आप कितने ही सुन्दर क्यों न हों झुर्रियां, आँखों के नीचे के डार्क सर्कल छुपाये नहीं छुपते)

3. साठ साल की अवस्था में "उच्च पद" और "निम्न पद" एक जैसे ही होते हैं।(चपरासी भी अधिकारी के सेवा निवृत्त होने के बाद उनकी तरफ़ देखने से कतराता है)

4. सत्तर साल की अवस्था में "बड़ा घर" और "छोटा घर" एक जैसे ही होते हैं। (घुटनों का दर्द और हड्डियों का गलना आपको बैठे रहने पर मजबूर कर देता है, आप छोटी जगह में भी गुज़ारा कर सकते हैं)

5. अस्सी साल की अवस्था में आपके पास धन का "होना" या "ना होना" एक जैसे ही होते हैं। (अगर आप खर्च करना भी चाहें, तो आपको नहीं पता कि कहाँ खर्च करना है)

6. नब्बे साल की अवस्था में "सोना" और "जागना" एक जैसे ही होते हैं। (जागने के बावजूद भी आपको नहीं पता कि क्या करना है).

जीवन को सामान्य रुप में ही लें क्योंकि जीवन में रहस्य नहीं हैं जिन्हें आप सुलझाते फिरें, आगे चल कर एक दिन हम सब की यही स्थिति होनी है इसलिए चिंता, टेंशन छोड़ कर मस्त रहें, स्वस्थ रहें। यही जीवन है और इसकी सच्चाई भी चैन से जीने के लिए चार रोटी और दो कपड़े काफ़ी हैं, पर बेचैनी से जीने के लिए चार मोटर, दो बंगले और तीन प्लॉट भी कम हैं !!

आदमी सुनता है मन भर, सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर, और खुद ग्रहण नही करता कण भर ये कटु सत्य है।

मेरे एक करीबी डॉक्टर मित्र की क्लिनिक में... लिखी हुई एक बेहतरीन लाइन जो मुझे बहुत ही सटीक लगी।

"दवा में कुछ भी मजा नही है" और "मजे जैसी कोई दवा नही है।"

दोस्त जिन्दगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेके आती है, और जिन्दगी की हर शाम कुछ तर्जुबे देके जाती है। जीवन चाय बनाने जैसा है। सबसे पहले अपने अहम् को उबालिये, अपनी चिंताओं को भाप बना कर उड़ा दीजिये, अपने दुःखों को घुल जाने दीजिये, फिर अपनी गलतियों को छान लीजिये, अब बस खुशियों का स्वाद लीजिये।

दोस्त आप अपनी तुलना दूसरों से मत करो, क्योंकि हर फूल की खुशबू अलग होती है, जिसे तुम निभा न सको, ऐसा वादा कभी मत  करो, बातें अपनी हद से, ज्यादा मत करो, तमन्ना रखो, आसमान छू लेने की लेकिन औरो को गिराने का, कभी इरादा मत करो..!!आओ आप और मैं भगवान से एक दुआ मांगें जिंदगी जीने की एक अदा मांगे अपने लिए तो बहुत माँगा हमने आओ आज सबके लिए भला मांगे तो बोलो जय श्री राम..🚩

(आपको मेरा सादर प्रणाम प्रभु श्री राम आपको सदैव सहपरिवार खुश रखें, स्वस्थ रखें, आपका मित्र बड़क साहब..✍️)

सच्चा मालिक कौन औऱ कैसा?

 **परम गुरु हुजूर महाराज- प्रेम पत्र- भाग 1

- कल से आगे-( 18 )- 

यह ख्याल इन विद्यावान् और बुद्धिवान् लोगों का गलत है। सच्चा मालिक अरुप और अकर्त्ता भी है और रुपवान  और कर्ता भी है। जो वह आदि में रुप नहीं धरता, तो रचना में कोई रुप प्रगट नहीं होता।।     

                                         


(19)  अब ख्याल करो कि आदमी इस लोक की रचना में सबसे श्रेष्ठ और उत्तम है और उसको कुल इख्तियार और हुकूमत इस लोक में दी गई है । उसका जो रूप है वही रूप या  उसका नक्शा या खाका थोड़ी बहुत कमी के साथ सब जानदारों में जैसे चौपाये और परंद और कीड़े मकोड़े वगैरह में बराबर नजर आता है।  जब कि नीचे की रचना में इसी आदमी का रुप या उसका नक्शा या खाका बराबर चला गया है, तो अब दरयाफ्त करना चाहिए कि आदमी का रूप कहां से आया, यानी ऊपर के लोकों की रचना में यही रुप बढके दर्जे का जरूर होगा और कोई ऐसा स्थान रचना में जरूर है कि जहाँ आदि में आकार स्वरूप मालिक का प्रगट हुआ और फिर उससे नीचे की रचना में उसी का नक्शा या खाका दर्जे बदर्जे कमी के साथ बराबर चला आया है।

 क्रमशः             

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



चाणक्य बाबा

 चाणक्य ज्ञान धारा 

हमारा देश भारत हमेशा से ही ज्ञानियों का देश रहा है। हमारे देश में प्राचीन -काल से ही ज्ञान और अनुभव की कमी नहीं रही है ।लेकिन जब ज्ञान की बात आती है तो आचार्य चाणक्य का नाम सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।क्योंकि आचार्य चाणक्य अपने ज्ञान के कारण ही जाने जाते हैं।


उन्होंने अपने ज्ञान को अपने तक ही सीमित नहीं रखा है।बल्कि पूरी दुनिया में फैलाने के लिए पुस्तकों के माध्यम से हर विषय की जानकारी दी है।उन्होंने अपने ज्ञान के माध्यम से हमें जानकारी देते हुए यह बताया है कि हमें कभी भी भूल कर भी इनका अपमान नहीं करना चाहिए।


#पत्नी-


आचार्य चाणक्य ने पत्नी को लक्ष्मी का रूप माना है ।उनके अनुसार कभी भी किसी पुरुष को अपनी पत्नी का अपमान नहीं करना चाहिए। चाहे अपनी पत्नी का रंग रूप कैसा भी क्यों ना हो लेकिन कभी भी उसे अपमानित नहीं करना चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं माता लक्ष्मी उनसे सदा- सदा के लिए रुष्ट हो जाती है। इस दुनिया में सभी रिश्ते- नाते चाहे बेटा हो या बेटी माता हो या पिता सभी एक दिन बिछड़ जाते हैं।लेकिन अपनी पत्नी हमेशा -हमेशा के लिए साथ निभाती है। इसीलिए कभी भी अपनी पत्नी का अपमान नहीं करना चाहिए।


#भोजन


आचार्य चाणक्य ने खाने को प्रभु का प्रसाद माना है ।उनके अनुसार हमें कभी भी खाने का अनादर नहीं करना चाहिए ।जो लोग खाने में कमी निकालते हैं एक तरह से वे भगवान का अनादर कर रहे होते हैं। अन्न देवता उन लोगों से रुष्ट हो जाते हैं। इसीलिए हमें जैसा भी मिले हमें प्रभु की कृपा मानकर उसे ग्रहण कर लेना चाहिए।


#धन


आचार्य चाणक्य ने मेहनत और ईमानदारी से कमाए हुए धन का हमेशा सम्मान करने के लिए कहा है। उनके अनुसार हमें कभी भी छल -कपट से धन नहीं कमाना चाहिए। क्योंकि इस प्रकार का धन लंबे समय तक नहीं चलता है और वह किसी न किसी रूप में निकल जाता है। इसीलिए हमेशा मेहनत और ईमानदारी से ही धन कमाना चाहिए और अपने धन का हमेशा आदर करना चाहिए।


#घर


आचार्य चाणक्य के अनुसार हमें जैसा भी घर मिले हमें उसका हमेशा आदर करना चाहिए ।हमें कभी भी अपने घर को बुरा नहीं बताना चाहिए। इस तरह से अपने घर को बुरा बताने से हमेशा घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।


#संतान


आचार्य चाणक्य के अनुसार हमें जैसी भी संतान मिली हो हमेशा पूर्व जन्मों का रिश्ता समझ के उसका सम्मान करना चाहिए। हमें कभी भी अपनी संतान की दूसरे बच्चों से तुलना नहीं करनी चाहिए ।इससे हमारी संतान के साथ हमारे रिश्ते खराब हो जाते हैं।


#अतिथि


आचार्य चाणक्य के अनुसार अतिथि हमेशा ही भगवान का रूप होता है। हमारे घर में जो भी आए हमें उसे हमेशा भगवान का रूप मानकर उसका आदर करना चाहिए। जो लोग अतिथि का सम्मान नहीं करते हैं मानो वे लोग भगवान का अनादर कर रहे होते हैं।

परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज- रोजाना वाकिआत-

 कल से आगे :- 

3:00 बजे स्त्रियों का जलसा हुआ जिसमें करीबन 5 हजार बहने शरीक हुई और सहमति से चार रिजोल्यूशन पास हुए:

-(1) अब चूँकि संगत के लिए गुड़िया का खेल खेलने का जमाना नहीं रहा है, हर बहन आज से अपने स्वयं को सत्संग की मशीन का एक उपयोगी पुरजा कल्पना करेगी और कभी जुबान से ऐसा वाक्य न निकालेगी जिससे राधास्वामी दयाल, राधास्वामी सत्संग या किसी सत्संगी भाई की बुराई हो।।                                           

(2) घर में रहते हुए और घर के सब काम काज करते हुए हर बहन याद रखेगी कि वह राधास्वामी दयाल की सुपुत्री है, और अपने सब काम ऐसे तरीके और सलीके से करेगी जो राधास्वामी दयाल की सुपत्रियों को शोभा देता है।                                                    

( 3)  हर बहन अपनी औलाद को जिस्म की तंदुरुस्त व खूबसूरत, दिमाग की तेज दिल की साफ व भगतीवान बनाने की कोशिश करेगी।                                                            

(4) हर बहन हमेशा कोशिश करेगी कि उसके घर में जहां तक मुमकिन हो दयालबाग की निर्मित वस्तुएं प्रयुक्त हों। इसके बाद सब बहनों ने जोर से नारा लगाया " हम राधास्वामी दयाल की सुपुत्रियाँ है"  और जलशा बर्खास्त हुआ ।।                     शाम को मेडिकल स्कूल आगरा के प्रिसिंपल मिलने के लिए आये। परमार्थ के बड़े शौकीन है। दिल में दो सवाल लेकर आए थे ।  इत्तिफाक से उन्ही दो सवालों का जिक्र मेरी जबान से हो गया। इस तजर्बे से वह बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा जब बचपन के जमाने में हुजूर महाराज की खिदमत में हाजिर हुए थे उस वक्त भी ऐसा ही तजर्बा हुआ था।  मैंने समझाया कि परमार्थ में ऐसी बातों को ज्यादा अहमियत न दी जावे और दो किताबे अध्ययन करने का मशवरा दिया। उन्होंने यह भी बताया कि उनका दयालबाग आने का इरादा अर्सा से था लेकिन उनसे एक दोस्त ने कह दिया कि राधास्वामी मत  नास्तिक मत है । इसलिये वह बाज रहे। वाकई दोस्त हो तो ऐसे ही सतर्क हों। क्रमशः                         

🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**

परम गुरु हुजूर महाराज- 

प्रेम पत्र- भाग 1- कल से आगे-( 18 )- 

यह ख्याल इन विद्यावान् और बुद्धिवान् लोगों का गलत है। सच्चा मालिक अरुप और अकर्त्ता भी है और रुपवान  और कर्ता भी है। जो वह आदि में रुप नहीं धरता, तो रचना में कोई रुप प्रगट नहीं होता।।      

                                        

(19)  अब ख्याल करो कि आदमी इस लोक की रचना में सबसे श्रेष्ठ और उत्तम है और उसको कुल इख्तियार और हुकूमत इस लोक में दी गई है । उसका जो रूप है वही रूप या  उसका नक्शा या खाका थोड़ी बहुत कमी के साथ सब जानदारों में जैसे चौपाये और परंद और कीड़े मकोड़े वगैरह में बराबर नजर आता है।  

जब कि नीचे की रचना में इसी आदमी का रुप या उसका नक्शा या खाका बराबर चला गया है, तो अब दरयाफ्त करना चाहिए कि आदमी का रूप कहां से आया, यानी ऊपर के लोकों की रचना में यही रुप बढके दर्जे का जरूर होगा और कोई ऐसा स्थान रचना में जरूर है कि जहाँ आदि में आकार स्वरूप मालिक का प्रगट हुआ और फिर उससे नीचे की रचना में उसी का नक्शा या खाका दर्जे बदर्जे कमी के साथ बराबर चला आया है

। क्रमशः            

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


 **राधास्वामी!! 31-08-2020

- आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ

                   

  (1) मेरे लगी प्रेम की चोट। बिकल मन अति घबरावे।। कोई कछू कहे समझाय। चित्त में नेक न आवे।।-(पहुँची राधास्वामी धाम। मेहर से सतगुरु केरी।। दरशन राधास्वामी पाय। दया उन छिन छिन हेरी।।) (प्रेमबानी-3-शब्द-14,पृ.सं.353)                                                    

  (2) कहूँ क्या हाल मैं अपना सराहूँ भाग क्या अपने। मनोहर रुप प्यारे ने किया रोशन मेरे घट में।।-( बजुज इसके नहीं मुमकिन यह कहना मेरा तुम मानो। यही है हुक्म राधास्वामी समझ के धार चित अपने।।) (प्रेमबिलास-शब्द-44 ,पृ.सं.55-56)                                                   

 (3) यथार्थ प्रकाश-भाग पहला परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!                          

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**राधास्वामी!!                                        

 31-08 -2020- आज शाम के सतसंग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे-(95)

 - यह निर्विवाद है कि जब कोई व्यक्ति अपना कोई विचार लेखबद्ध किया चाहता है तो वह प्रथम उसे अपने मस्तिष्क में स्थिर करता है।  वे वाक्य, जिनके द्वारा कोई विचार लेखबद्ध होता है, ऐसे संकेत है जिन्हे सर्वसाधारण ने मान लिया है और जो सामान्यतः प्रचलित है। अतएव प्रत्येक पुस्तक देखने में कतिपय संकेतों की समष्टग(अनुभव)  होती है परंतु वास्तव में वह ग्रंथकर्ता के भावों की प्रदर्शनी है । इसी आधार पर कहा जाता है कि किसी व्यक्ति के प्रकाशित भावों की अनुभूति प्राप्त कर लेना एक बात है और उन भावों का तात्पर्य ग्रहण कर लेना दूसरी बात। किसी पुस्तक से ग्रंथकर्ता के भावों की अनुभूति वही व्यक्ति प्राप्त कर सकता है जिसके मस्तिष्क में पुस्तकअंकित वाक्यों को पढ़कर ग्रंथकर्ता से समानानुभूति एवं उसके से भाव दोहरानने अर्थात् उत्पन्न करने की योग्यता हो। और इसके लिए यह अनिवार्य है कि उसके मस्तिष्क की भूमि ग्रंथकर्ता के मस्तिष्क की सी स्वच्छ हो।

 अन्यथा ग्रंथकर्ता के मन में एक बात होगी और दूसरी बुद्धि वाला मनुष्य पुस्तक पढ़कर अपने मन में दूसरे ही भाव स्थापित करेगा। उदाहरणार्थ नीचे पंडित विश्वामित्र साहब सभासद आर्यसमाज दौलतपुर की 'राधास्वामी-मत- विचार ' नामक पुस्तक से एक अंश उद्धृत किया जाता है । सुयोग्य ग्रंथकर्ता राधास्वामी- मत पर कटाक्षों की बौछार करते हुए 108 और 109 पृष्ठों पर लिखते हैं- " गुरु ग्रंथ साहब म० 4 में से एक शब्द यह लोग (बेचारे राधास्वामी-मतानुयायी) वेद-निन्दा पर प्रस्तुत करके अर्थ करते हैं , 

यथा:- " संत की महिमा वेद न जानही।

 जेता जानहींं तेता विख्यानहीं।। 

अर्थ-- संतो की महिमा को वेद नहीं जानते । जितना जानते हैं उतना कहते हैं।  समीक्षक -इसी चौथे महला के कई बचन मैं लिख चुका हूँ जिनमें वेदों की भारी प्रशंसा की गई है फिर इस शब्द के अर्थ यह नहीं हो सकते कि गुरु महाराज वेदो की निंदा करते हों।  मैंने इस शब्द के अर्थ इस तरह समझे हैं कि गुरु महाराज अपनी पवित्र बानी द्वारा यह उपदेश देते है। शब्दार्थ -

संत अर्थात् नाममात्र के संत , की अर्थात् क्या,  महिमा अर्थात् प्रताप या महात्मय,वेदन अर्थात् वेदों की, जानहिं अर्थात् जानै। अर्थात् नामधारी संत,भग्वें पोश बेपढे वेद की महिमा क्या जानै। जितना जानते हैं उतना कहते हैं" ।                                          

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻     

          

 यथार्थ प्रकाश- भाग पहला - परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**

दयालबाग़ में सतसंग

 राधास्वामी!! 28-08-2020-

आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-     

                           

(1) मेरा जिया न माने सजनी। जाऊँगी गुरु दरबार।। प्रीति प्रतीति बढी अब हिये में। काल करम रहे हार।।-(आस भरोस धरो उन चरनन। घट में देख बहार।।) (प्रेमबानी-3-शब्द-12-पृ.सं.353-54)                                                             

(2) भाग मेरे जागे भारी। सतगुरु आये पाहुना।।टेक।। चुन चुन कलियाँ सेज साजी। कँवलन का बिछावना।। अंगनियाँ में चौकी डारी। सतगुरु बिठलावना।(अरब खरब मिल चन्द सूरा रोम एक न पावना।। ऐसे मेरे प्यारे सतगुरु राधास्वामी नावना।।) (प्रेमबिलास- शब्द-41,पृ.सं. 53)  

                                    

  (3) यथार्थ प्रकाश-भाग पहला-कल से आगे।।                  🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


**राधास्वामी!! 28-08- 2020 

-आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-

 कल से आगे:-(92)  

राधास्वामी-मत में संतों की वाणी के पाठ को बड़ा महत्व दिया जाता है अतएव आदेश है कि प्रत्येक सत्संगी समय निकालकर राधास्वामी दयाल तथा अन्य महापुरुषों की वाणी का समझ समझ कर पाठ करें । संतों की वाणी के पढ़ने से हृदय पर एक विशेष प्रकार का प्रभाव पड़ता है। यह वाणी प्रायः अत्यंत सरल और सुगम होती है और इसका प्रत्येक शब्द कुलमालिक के प्रेम से परिपूर्ण होता है अतएव थोड़े ही ध्यान के साथ इसका पाठ करने से मन की प्रवृति संसार से निवृति हो जाती है और चित्त में इस प्रकार का उल्लास उत्पन्न होता है कि  आप से आप सुमिरन और ध्यान बनना आरंभ हो जाता है। परंतु खेद है कि बहुत से लोग संतों की वाणी का इसलिए आदर नहीं करते कि उन्हें उसके अंतर्गत व्याकरण की अशुद्धिया ज्ञात होती है और उस कृत्रिम काव्यकला और वाक्यालंकारों का पता नहीं चलता जो लौकिक कविता की जान है ।।                 

🙏🏻राधास्वामी 🙏🏻           

                         


यथार्थ प्रकाश -

भाग पहला- परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**

आज  (२८-०८-२०२०)  शाम  के  सत्संग  के  बाद  खेतों  में  हुई  अनाउंसमेंट* 


दयालबाग  में  कुछ  बुजुर्ग  भाई  व  बहने, जो  अकेले  रहते  हैं,  उनके  बीमार  पड़ने  व  हॉस्पिटल  में  भर्ती  होने  तक,  वॉलंटियर्स  की  आवश्यकता  पड़ती  है।  जिससे  उनकी  देख  बाल  सही  से  हो  सके।  सेवा  के  लिए  महिलाओं  व  पुरषों  की  आवश्यकता  है, जिनको  आवश्यकता  पड़ने  पर  ऐसे  लोगों  की  सेवा  करनी  होगी।  जो  सतसंगी  महिला  एवं  पुरुष  इस  सेवा  को  करना  चाहते  हैं  वह  अपने  जानकारी  पूर्ण  विवरण  के  साथ  एस ० एन ० सी ०  ऑफिस  में  एक  सप्ताह  के  अंदर  अथवा  ५  सितंबर  २०२०  तक  जमा  करा  दें।


 *राधास्वामी*


राधास्वामी!! 29-08-2020- 

आज सुबह के सतसंग में पढे गये पाठ-

                               

(1) जीव चिताय रहे राधास्वामी। सतपुर निज पुर अगम अधामी।। अपनी दया से गुरु दियो दाना। सेवक तो कुछ माँग न जाना।।-(राधास्वामी कहा बनाई। सदा रहे सतनाम सहाई।।) (सारबचन- शब्द-22-पृ.सं.159-60)                                   (2) आज गाजे सुरतिया अधर चढी।।टेक।। गुरु परताप चली अब घट में। सुरत शब्द की टेक धरी।।-( राधास्वामी चरन निहारे। हुई सुरत अब अजर अमरी।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-26,पृ.सं.298)                                 

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

रधास्वामी!! 30-08-2020

- आज सुबह के सतसंग में पढे गये पाठ-                                  (1) अतोला तेरी कर न सके कोई तोल।।टेक।। जिन पर मेहर मिले सतगुरु से। सतसँग में उन बनिया डोल।।-(राधास्वामी दरस मेहर से मिलिया। पाय गई पद अगम अडोल।।) ( प्रेमबानी-3-शब्द-2-पृ.सं.2)                                  (2) राधास्वामी चरनन आइया। जागे मेरे भाग।। दरशन कर हिये हरखिया। सतसँग में चित लाग।। -(राधास्वामी हुए प्रसन्न अब दृष्टि मेहर की कीन।प्रीति प्रतीति की दात दे। मोहि अपना कर लीन।।) 

(प्रेमबानी-1-शब्द-54,पृ.सं.214) सतसंग के बाद:-                                                        

   (1) लाग री मेरी सुरत सहेली, गुरु के चरन में लाग री।।टेक।।-(राधास्वामी दयाल मेहर से, पाओ अटल सुहाग री।।) (प्रेमबिलास-शब्द-20,पृ.सं.26)                               (2) कौन सके गुन गाय तुम्हारे। कौन सके गुन गाये जी।।टेक।।-( राधास्वामी दयाल चरन की। महिमा निस दिन गाय जी।।) (प्रेमबिलास-शब्द-24,पृ.सं.29)                                     (3) तमन्ना रही है कि जब तक जिऊँ। चलूँ या फिरुँ या कि मेहनत करूँ।। पढूँ या लिखूँ मुहँ से बोलूँ कलाम। न बन आये मुझसे कोई ऐसा काम।। जो मर्जी तेरी के मुआफिक न हो। रजा के तेरी कुछ मुखालिफ जो हो।।।                        🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

[8/31, 04:19] +91 97176 60451: **राधास्वामी!! 31-08-2020- आज सुबह के सतसंग में पढे गये पाठ-                               (1) रोम रोम मेरे तुम आधार। रग रग मेरी करत पुकार।। अंग अंग मेरा करे गुहार। बंद बंद से करुँ जुहार।। हे राधास्वामी अधम उधार। मैं किंकर तुम दीनदयार।। (सारबचन-शब्द-2-पृ.सं.162)                                                                (2) कोई निरखो अधर चढ पिछली रात।।टेक।। अमी धार पल पल हिये झिरती। घट में अती आनंद समात।।-( सात्वकी रहन रहत अस औसर। गुरु चरनन में लगन लगात।। ) (प्रेमबानी-2-पृ.सं. 298)              🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

Sunday, August 30, 2020

दयालबाग़ सतसंग 30/08

 **राधास्वामी!! 30-08-2020-


 आज.शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-                            

   

  (1) मनुआँ सिपाही चरनन लागा। घट परतीत पकाय।। सुन सुन धुन हरखत रहूँ मन में। निस दिन गुरु गुन गाय।।-(राधास्वामी चरनन पर बल जाऊँ। रहूँ नित सरन समाय।।) ( प्रेमबानी-3-शब्द-13 पृ.सं.355)                                              

   (2) जरा तुम होश में आओ हँसी और दिल्लगी छोडो। यह गफलत जहरे कातिल है जहाँ तक हो सके बचना।। मगर सूरत है इक ऐसी कि मुश्किल हल हों सब जिससे। सभी सामाँ मुयस्सर( प्राप्त) हों सहज हो रास्ता कटना।।-( खुशाबख्ता कि आखिर शुद मरा ईं जुम्ला दिक्कतहा। जे मेहरे राधास्वामी अम बदर रफ्तम् अजीं रखना।।) ( प्रेमबिलास-शब्द-42,पृ.सं.54)                                                                                           

(3) यथार्थ प्रकाश-भाग पहला- परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!                           

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

*राधास्वामी!!      

                                 

30-08 -2020


- आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन

कल से आगे -(94)


 राधास्वामी सत्संग में साधारण प्रथा है कि प्रेमीजन अपने घरों में प्रतिदिन, और यदि किसी स्थान पर दस पाँच सत्संगी रहते हैं तो यथावकाश सप्ताह में एक या कई बार, और सेंट्रल सत्संग दयालबाग में प्रतिदिन 2 बार सम्मिलित होकर पाठ करते हैं । पाठ के समय प्रत्येक व्यक्ति अपनी चित्तवृत्ति सुरत की बैठक के स्थान पर एकाग्र करता है और जब पाठ में अंतरी स्थानों का वर्णन आता है तो उन स्थानों की ओर ध्यान प्रवृत करता है। थोड़ा सा अभ्यास हो जाने पर इस प्रकार पाठ करने और सुनने से जो दशा प्रेमीजन के अंतर में प्रकट होती है वह अनिर्वचनीय है। कबीर साहब फरमाते हैं :-

 मूर्खजन कोई मरम न जाने। सत्संग में अमृत बरसे ।।            

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻 यथार्थ प्रकाश -भाग पहला परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**


आज का दिन मंगलमय हो .

 प्रस्तुति - कृष्ण  मेहता  


🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक 30 अगस्त 2020*

⛅ *दिन - रविवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शरद*

⛅ *मास - भाद्रपद*

⛅ *पक्ष - शुक्ल* 

⛅ *तिथि - द्वादशी सुबह 08:21 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*

⛅ *नक्षत्र - उत्तराषाढा दोपहर 01:52 तक तत्पश्चात श्रवण*

⛅ *योग - सौभाग्य दोपहर 01:59 तक तत्पश्चात शोभन*

⛅ *राहुकाल - शाम 05:09 से शाम 06:42 तक*

⛅ *सूर्योदय - 06:22* 

⛅ *सूर्यास्त - 18:55* 

⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*

 💥 *विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

💥 *रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *अनंत चतुर्दशी* 🌷

🙏🏻 *मंगलवार, 01 सितंबर को दस दिवसीय गणेशोत्सव का अंतिम दिन है। इस दिन की गई गणेश पूजा से घर में सुख-समृद्धि यानी रिद्धि और सिद्धि का प्रवेश होता है। गणेशजी की कृपा से सभी दुख दूर हो जाते हैं। यहां 01 सितंबर के लिए खास उपाय...*

🌷 *ऐसे करें गणेश पूजा* 🌷

 *सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद गणेशजी की पूजा करें। पूजा में श्रीगणेश को सिंदूर, चंदन, जनेऊ, दूर्वा, लड्डू या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं। धूप व दीप लगाकर आरती करें। पूजन में इस मंत्र का जप करें-*

🌷 *मंत्र- प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्।*

*तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय।।*

*प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्।*

*अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य।।*

🙏🏻 *इस मंत्र का अर्थ यह है कि मैं ऐसे देवता का पूजन करता हूं, जिनकी पूजा स्वयं ब्रह्मदेव करते हैं। ऐसे देवता, जो मनोरथ सिद्धि करने वाले हैं, भय दूर करने वाले हैं, शोक का नाश करने वाले हैं, गुणों के नायक हैं, गजमुख हैं, अज्ञान का नाश करने वाले हैं। मैं शिव पुत्र श्री गणेश का सुख-सफलता की कामना से भजन, पूजन और स्मरण करता हूं।*

🌷 *लक्ष्मी-विनायक मंत्र का जप करें* 🌷

*दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।*

*धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।*

*श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरदे सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।।*

 🙏🏻 *यदि आप लक्ष्मी कृपा चाहते हैं तो पूजा में इस लक्ष्मी-विनायक मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें। मंत्र जप के लिए कमल के गट्‌टे की माला का उपयोग करना चाहिए।*

💥 *ध्यान रखें मंत्र का जप सही उच्चारण के साथ करना चाहिए।*

 ➡ *यदि आप इस मंत्र का जप नहीं कर पा रहे हैं तो इन सरल मंत्रों का जप कर सकते हैं।*

🌷 *श्रीगणेश मंत्र- ॐ महोदराय नम:। ॐ विनायकाय नम:।*

🌷 *महालक्ष्मी मंत्र- ॐ महालक्ष्म्यै नम:। ॐ दिव्याये नम:*

         🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞


🌷 *अनंत चतुर्दशी* 🌷

➡ *01 सितम्बर 2020 मंगलवार को अंनत चतुर्दशी है ।*

🙏🏻 *भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को अनन्त चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन अनन्त भगवान की पूजा करके संकटों से रक्षा करने वाला अनन्तसूत्र बांधा जाता है।*

🙏🏻 *कहा जाता है कि जब पाण्डव जुएं में अपना सारा राज-पाट हारकर वन में कष्ट भोग रहे थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अनन्तचतुर्दशी का व्रत करने की सलाह दी थी। धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाइयों तथा द्रौपदी के साथ पूरे विधि-विधान से यह व्रत किया तथा अनन्तसूत्रधारण किया। अनन्तचतुर्दशी-व्रत के प्रभाव से पाण्डव सब संकटों से मुक्त हो गए।*

🙏🏻 *व्रत-विधान-व्रतकर्ता प्रात:स्नान करके व्रत का संकल्प करें। शास्त्रों में यद्यपि व्रत का संकल्प एवं पूजन किसी पवित्र नदी या सरोवर के तट पर करने का विधान है, तथापि ऐसा संभव न हो सकने की स्थिति में घर में पूजागृह की स्वच्छ भूमि पर कलश स्थापित करें। कलश पर शेषनाग की शैय्यापर लेटे भगवान विष्णु की मूर्ति  अथवा चित्र को रखें। उनके समक्ष चौदह ग्रंथियों (गांठों) से युक्त अनन्तसूत्र (डोरा) रखें। इसके बाद “ॐ अनन्तायनम:” मंत्र से भगवान विष्णु तथा अनंतसूत्र की षोडशोपचार-विधिसे पूजा करें। पूजनोपरांत अनन्तसूत्र को मंत्र पढकर पुरुष अपने दाहिने हाथ और स्त्री बाएं हाथ में बांध लें-*

🌷 *अनंन्तसागर महासमुद्रे मग्नान्समभ्युद्धर वासुदेव।*

*अनंतरूपे विनियोजितात्माह्यनन्तरूपाय नमो नमस्ते॥*

🙏🏻 *अनंतसूत्र बांध लेने के पश्चात किसी ब्राह्मण को नैवेद्य (भोग) में निवेदित पकवान देकर स्वयं सपरिवार प्रसाद ग्रहण करें। पूजा के बाद व्रत-कथा को पढें या सुनें। कथा का सार-संक्षेप यह है- सत्ययुग में सुमन्तु नाम के एक मुनि थे। उनकी पुत्री शीला अपने नाम के अनुरूप अत्यंत सुशील थी। सुमन्तु मुनि ने उस कन्या का विवाह कौण्डिन्यमुनि से किया। कौण्डिन्यमुनि अपनी पत्नी शीला को लेकर जब ससुराल से घर वापस लौट रहे थे, तब रास्ते में नदी के किनारे कुछ स्त्रियां अनन्त भगवान की पूजा करते दिखाई पडीं। शीला ने अनन्त-व्रत का माहात्म्य जानकर उन स्त्रियों के साथ अनंत भगवान का पूजन करके अनन्तसूत्र बांध लिया। इसके फलस्वरूप थोडे ही दिनों में उसका घर धन-धान्य से पूर्ण हो गया।*

🌷 *कथा* 

🙏🏻 *एक दिन कौण्डिन्य मुनि की दृष्टि अपनी पत्नी के बाएं हाथ में बंधे अनन्तसूत्र पर पडी, जिसे देखकर वह भ्रमित हो गए और उन्होंने पूछा-क्या तुमने मुझे वश में करने के लिए यह सूत्र बांधा है? शीला ने विनम्रतापूर्वक उत्तर दिया-जी नहीं, यह अनंत भगवान का पवित्र सूत्र है। परंतु ऐश्वर्य के मद में अंधे हो चुके कौण्डिन्यने अपनी पत्नी की सही बात को भी गलत समझा और अनन्तसूत्रको जादू-मंतर वाला वशीकरण करने का डोरा समझकर तोड दिया तथा उसे आग में डालकर जला दिया। इस जघन्य कर्म का परिणाम भी शीघ्र ही सामने आ गया। उनकी सारी संपत्ति नष्ट हो गई। दीन-हीन स्थिति में जीवन-यापन करने में विवश हो जाने पर कौण्डिन्यऋषि ने अपने अपराध का प्रायश्चित करने का निर्णय लिया। वे अनन्त भगवान से क्षमा मांगने हेतु वन में चले गए। उन्हें रास्ते में जो मिलता वे उससे अनन्तदेवका पता पूछते जाते थे। बहुत खोजने पर भी कौण्डिन्यमुनि को जब अनन्त भगवान का साक्षात्कार नहीं हुआ, तब वे निराश होकर प्राण त्यागने को उद्यत हुए। तभी एक वृद्ध ब्राह्मण ने आकर उन्हें आत्महत्या करने से रोक दिया और एक गुफामें ले जाकर चतुर्भुज अनन्तदेव का दर्शन कराया।*

🙏🏻 *भगवान ने मुनि से कहा-तुमने जो अनन्तसूत्र का तिरस्कार किया है, यह सब उसी का फल है। इसके प्रायश्चित हेतु तुम चौदह वर्ष तक निरंतर अनन्त-व्रत का पालन करो। इस व्रत का अनुष्ठान पूरा हो जाने पर तुम्हारी नष्ट हुई सम्पत्ति तुम्हें पुन:प्राप्त हो जाएगी और तुम पूर्ववत् सुखी-समृद्ध हो जाओगे। कौण्डिन्यमुनि ने इस आज्ञा को सहर्ष स्वीकार कर लिया। भगवान ने आगे कहा-जीव अपने पूर्ववत् दुष्कर्मो का फल ही दुर्गति के रूप में भोगता है।मनुष्य जन्म-जन्मांतर के पातकों के कारण अनेक कष्ट पाता है। अनन्त-व्रत के सविधि पालन से पाप नष्ट होते हैं तथा सुख-शांति प्राप्त होती है। कौण्डिन्यमुनि ने चौदह वर्ष तक अनन्त-व्रत का नियमपूर्वक पालन करके खोई हुई समृद्धि को पुन:प्राप्त कर लिया।*

             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏

एक दो तीन चार .........

 अगर आप संयुक्त परिवार  हैं तो अपने बच्चों को यह सब सिखाएं इससे उन्हें अल्पायु में ही हिंदू धर्म के विषय में ज्ञान हो सकेगा .......


*दो लिंग :* 

नर और नारी ।

*दो पक्ष :* 

शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।

*दो पूजा :* 

वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।

*दो अयन :* 

उत्तरायन और दक्षिणायन।


*तीन देव :* 

ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।

*तीन देवियाँ :* 

महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी।

*तीन लोक :* 

पृथ्वी, आकाश, पाताल।

*तीन गुण :* 

सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।

*तीन स्थिति :* 

ठोस, द्रव, गैस ।

*तीन स्तर :* 

प्रारंभ, मध्य, अंत।

*तीन पड़ाव :* 

बचपन, जवानी, बुढ़ापा।

*तीन रचनाएँ :* 

देव, दानव, मानव।

*तीन अवस्था :* जागृत, मृत, बेहोशी।

*तीन काल :* 

भूत, भविष्य, वर्तमान।

*तीन नाड़ी :* 

इडा, पिंगला, सुषुम्ना।

*तीन संध्या :* 

प्रात:, मध्याह्न, सायं।

*तीन शक्ति :*

 इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।


*चार धाम :* 

बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।

*चार मुनि :*

 सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।

*चार वर्ण :* 

ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।

*चार निति :* 

साम, दाम, दंड, भेद।

*चार वेद :* 

सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।

*चार स्त्री :* 

माता, पत्नी, बहन, पुत्री।

*चार युग :* 

सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।

झ*चार समय :*

 सुबह,दोपहर, शाम, रात।

*चार अप्सरा :*

 उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।

*चार गुरु :* 

माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।

*चार प्राणी :* 

जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।

*चार जीव :* 

अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।

*चार वाणी :*

 ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।

*चार आश्रम :*

 ब्रह्मचर्य, ग्रहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।

*चार भोज्य :* 

खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।

*चार पुरुषार्थ :* 

धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।

*चार वाद्य :* 

तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।


*पाँच तत्व :* 

पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।

*पाँच देवता :* 

गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।

*पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ :*

 आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।

*पाँच कर्म :* 

रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।

*पाँच  उंगलियां :*

 अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।

*पाँच पूजा उपचार :*

 गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य।

*पाँच अमृत :* 

दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।

*पाँच प्रेत :* भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।

*पाँच स्वाद :* 

मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।

*पाँच वायु :* 

प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।

*पाँच इन्द्रियाँ :* 

आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।

*पाँच वटवृक्ष :*

 सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (Prayagraj), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।

*पाँच पत्ते :* 

आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।

*पाँच कन्या :*

 अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।


*छ: ॠतु :* 

शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।

*छ: ज्ञान के अंग :*

 शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।

*छ: कर्म :* 

देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।

*छ: दोष :* 

काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच),  मोह, आलस्य।

*सात छंद :* 

गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।

*सात स्वर :* 

सा, रे, ग, म, प, ध, नि।

षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।

*सात चक्र :* 

सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मूलाधार।

*सात वार :* 

रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।

*सात मिट्टी :*

 गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।

*सात महाद्वीप :*

 जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।

*सात ॠषि :* 

वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।

*सात धातु*(शारीरिक) :

रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।

*सात रंग :* 

बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।

*सात पाताल :*

 अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल।

*सात पुरी :* 

मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।

*सात धान्य :* 

गेहूँ, चना, चांवल, जौ मूँग,उड़द, बाजरा।


*आठ मातृका :*

 ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।

*आठ लक्ष्मी :*

आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।

*आठ वसु :* 

अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।

*आठ सिद्धि :*

अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।

*आठ धातु :* 

सोना, चांदी, तांबा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।


*नवदुर्गा :* 

शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।

*नवग्रह :* 

सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।

*नवरत्न :* 

हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।

*नवनिधि :* 

पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।


*दस महाविद्या :*

 काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।

*दस दिशाएँ :* 

पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।

*दस दिक्पाल :* 

इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।

*दस अवतार*(विष्णुजी)

मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।

*दस सती :* 

सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।                        🕉


*नोट : कृपया उपर्युक्त पोस्ट को बच्चों को कण्ठस्थ करा दें।*👏👏

🌷🥀#जय_श्री_राधे 🌷🥀

Thursday, August 27, 2020

चेतन चौहान की चेतना / राकेश थपलियाल

 My Tribute to late Chetan Chauhan ji and Sir Don Bradman.


स्वर्गीय चेतन चौहान ने बताई थी राज की बात


सचिन को ब्रेडमैन के रिकॉर्ड सपना लगते हैं 

राकेश थपलियाल

भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री रहे चेतन चौहान का कुछ दिन पूर्व कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया। चेतन चौहान बड़े जीवट वाले खिलाड़ी रहे और कड़ी मेहनत से क्रिकेटर, चयनकर्ता, मैनेजर, प्रशासक, सांसद, विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनट मंत्री बने। वह क्रीडा भरती के राष्टट्रीय अध्यक्ष भी थे। उनकी सफलता का राज मेहनत करना और जिम्मेदारी की भवना रखना रहा। मेरे उनके साथ बहुत अच्छे संबंध रहे थे। क्रिकेट के मैदान और फिरोजशाह कोटला स्थित उनके कमरे में क्रिकेट और क्रिकेटरों के बारे में उनके साथ काफी चर्चा होती थी।

चेतन अपने करियर में कभी टेस्ट शतक नहीं बना सके। एक बार मैं और चेतन चौहान क्रिकेट मैच की कमेंट्री के दौरान आॅल इंडिया रेडियो के एक शो में मौजूद थे। एंकर ने पूछा चेतन जी आप कभी टेस्ट मैचों में शतक क्यों नहीं बना पाए? इससे पहले कि चेतन कुछ बोलते मैंने कहा, ‘ये कभी टेस्ट शतक नहीं बना पाए इसलिए क्रिकेटर के रूप में रिटायर होने के वर्षों बाद भी ये आज तक इतने मशहूर हैं। अगर एक शतक बना दिए होते तो आज इस पर चर्चा नहीं हो रही होती। भारतीय क्रिकेट में एक टेस्ट शतक लगाने वाले अनेक क्रिकेटर हैं उन्हें कोई नहीं पूछता है।’ चेतन का टेस्ट क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ स्कोर 97 रन का रहा है।

 एक बार मैंने सचिन तेंदुलकर की खासियतों के बारे में पूछा तो चेतन चौहान ने बताया, ‘यह 2001 में भरतीय क्रिकेट टीम के जिम्बाब्वे के दौरे की बात है। मैं भारतीय टीम का मैनेजर था। एक दिन सचिन ब्रेडमैन के बारे मे लिखी एक किताब पढ़ रहे थे। सर डॉन के रिकॉर्ड पढ़ने के बाद सचिन तेंदुलकर ने मुझसे कहा, ‘यह रिकॉर्ड देख लगता है कि यह सपना है। ऐसा लगता ही नहीं कि वास्तव में ऐसा हुआ होगा। यह संभव ही नहीं लगता।’ उन दिनोंं सचिन के रन कुछ ज्यादा नहीं बन रहे थे। मैंने उनकी जुबान से ब्रेडमैन का जिक्र सुना तो मैंने सोचा उन्हे ब्रेडमैन का ही उदाहरण देता हूं। मैंने कहा, ‘सचिन आपको मैं पिछल कई वनडे और टेस्ट मैचों में देख रहा हूं और यह नोट किया है कि आप हवा में ज्याद शॉट खेल रहो। इस वजह से बार-बार कैच आउट हो रहे हो। आपकी तुलना ब्रेडमैन के साथ होती है, लेकिन मैंने जितनी भी रिकॉर्डिंग में उन्हें बल्लेबाजी करते देखा है, उनमें वह कभी हवा में ऊंचे शॉट खेलते नहीं दिखाई दिए हैं। वह यह तो लेट कट कर रहे होते हैं, कवर ड्राइव मार रहे होते हैं या फिर पुल शॉट मार रहे होते हैं। आपको मेरी सलाह है कि हवा में शॉट खेलना बंद कर दो इससे आपके रन 15 से 20 प्रतिशत बढ़ जाएंगे।’ मेरी बात सुनने के बाद सचिन ने कोई जवाब तो नहीं दिया, लेकिन सारी बात को बड़े ध्यान से सुना था। वह सीनियर क्रिकेटरों की बहुत इज्जत करने वाले खिलाड़ी हैं। उनका व्यवहार जूनियर और सीनियर सभी क्रिकेटरों के साथ बहुत ही अच्छा रहता है, इसलिए सभी उनका सम्मान करते हैं।

यहां एक बात बतानी जरूरी है कि ब्रैडमैन ने अपने 52 टेस्ट के करियर में केवल  छह छक्के जमाए।

चेतन ने एक और किस्सा सुनाते हुए कहा, ‘कई बार ऐसा होता है कि कोई खिलाड़ी रन बहुत बनाता है, अच्छा परफार्म करता है, लेकिन मिलनसार नहीं होता। इसलिए टीम में उन्हें ज्यादा सम्मान नहीं मिल पाता। मुझे याद है कि आस्ट्रेलिया के पर्थ में कुछ बच्चे एक स्टैंड में खड़े होकर बहुत सचिन-सचिन चिल्ला रहे थे। जब सचिन की पारी खत्म हो गई तो मैंने कहा, ‘सचिन अगर आप इन बच्चों से बात कर लोगे तो इन्हें अच्छा लगेगा और यह पब्लिक रिलेशन की अच्छी एक्सरसाइज रहेगी।’ सचिन तुरंत मान गए। काफी देर तक सचिन ने बच्चों को आटोग्राफ दिए, कुछ दर्शकों ने अपने मोबाइल से उनके फोटो भी खींचे। इसके बाद सभी ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। ’

चेतन ने कहा, यह किस्सा बताने के पीछे मेरा मकसद यह दर्शाना है कि सचिन अपने सीनियरों की हर बात को बड़े ध्यान से सुनते हैं, इसीलिए वह इतने महान हैं। 

चेतन महान क्रिकेटर और शानदार व्यक्तित्व के धनी के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे।

(लेखक खेल टुडे पत्रिका के संपादक हैं)

Wednesday, August 26, 2020

आज 27/08 का दिन मंगलमय हो

 प्रस्तुति - कृष्ण मेहता: 

*🕉️🟢 ॐ गं 🟢🕉️*

🌞 *पञ्चाङ्ग 27 अगस्त,2020* प्रस्तुति पं0कृषण मेहता  *दिन - बृहस्पतिवार *विक्रम संवत - 2077 प्रमादी* *शक संवत - 1942 शार्वरी* *अयन - दक्षिणायन* *ऋतु - शरद*

⛅ *मास -भाद्रपद*

🌕 *पक्ष - शुक्ल* 

⛅ *तिथि -नवमी 09:25 तक ततपश्चात दशमी तिथि*

🌟 *नक्षत्र - ज्येष्ठा 12:37 तक तत्पश्चात मूल*

⛅ *योग -विष्कुंभ शाम 05:36 तक तत्पश्चात प्रीति*

⛅ *करण -कौलव 09:25 तक तत्पश्चात तैतिल*

🌑 *राहुकाल - दोपहर 02:00 से  03:35 तक* 

🌞 *सूर्योदय - 06:01*

🌒 *सूर्यास्त - 06:56* 

🌜 *चंद्र राशि -वृश्चिक 12:36 तक तत्पश्चात धनु राशि*

💫 *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*

🦜 *व्रत पर्व विवरण -अदु:ख/ श्री चंद्र नवमी, गौरी विसर्जन 12:37 के उपरांत*


*बृहस्पतिवार 🟡के शुभा$शुभ मुहूर्त*


राहू काल 02:00- 03:35 अशुभ

यमगण्ड 06:02-07:38 अशुभ

गुलीक काल 09:13 - 10:50 अशुभ


*अभिजित 12:06 -12:56 शुभ*


दूर मुहूर्त 00:41- 00:44 अशुभ.      00:54-00:56


🌞 *दिन का चौघड़िया*

*शुभ 06:01 - 07:36 शुभ*

रोग 07:36- 09:13 अशुभ

उद्वेग 09:16- 10:49अशुभ

*चर 10:49- 12:25 शुभ*

*लाभ 12:25- 13:59शुभ*

*अमृत 13:59 - 15:34 शुभ*

काल 15:34- 17:09अशुभ

*शुभ 17:09- 18:44 शुभ*


🌒 *रात का चौघड़िया*

*अमृत 18:44- 20:09शुभ*

*चर 20:09 - 21:34शुभ*

रोग 21:34 - 23:00अशुभ

काल 23:00- 24:26 अशुभ

*लाभ 24:26 - 25:49 शुभ*

उद्वेग 25:49- 27:13अशुभ

*शुभ 27:13- 28:38 शुभ*

*अमृत 28:38 - 30: 02 शुभ*


🌞 *दिन का होरा*

बृहस्पति 06:01- 07:06

मंगल 07:06- 08:10

सूर्य 08:10- 09:12

शुक्र 09:12 - 10:17

बुध 10:17 - 11:22

चन्द्र 11:22- 12:25

शनि 12:25 - 13:27

बृहस्पति 13:27- 14:34

मंगल 14:34- 15:34

सूर्य 15:34 - 16:37

शुक्र 16:37- 17:41

बुध 17:41 - 18:44


🌒 *रात का होरा*

चन्द्र 18:44- 19:41

शनि 19:41- 20:37

बृहस्पति 20:37- 21:34

मंगल 21:34 - 22:34

सूर्य 22:34- 23:27

शुक्र 23:27- 24:27

बुध 24:27- 25:22

चन्द्र 25:22 - 26:16

शनि 26:16 - 27:14

बृहस्पति 27:14 - 28:10

मंगल 28:10- 29:07

सूर्य 29:07- 30:02


🕉️: ⚜!!श्री् हरि् !!⚜

                           

            ✦•••  _जय श्री हरि_  •••✦ ..........

  •••••✤••┈••पं0 कृषण मेहता✦•┈••••✤•••••

 27 अगस्त 2020 भाद्रपद शुक्ल पक्ष की उदया तिथि नवमी और गुरुवार का दिन है। नवमी तिथि आज सुबह 9 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। उसके बाद दशमी तिथि लग जायेगी।  शाम 9 बजकर 26 मिनट तक स्थिर योग रहेगा। स्थिर योग के दौरान किसी भी तरह की  स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिये किये गये उपाय बड़े ही कारगर साबित होते हैं। साथ ही पूरा दिन पूरी रात सभी कार्यों में सफलता सुनिश्चित करने वाला रवि योग रहेगा। योगों में रवि योग बहुत ही शुभ माना जाता है। इस योग के दौरान कोई भी काम शुरू करने से उसमे अवश्य सफलता मिलती है। गुरुवार दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा। उसके बाद मूल नक्षत्र शुरू हो जायेगा, जो शुक्रवार दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। जानिए राशिनुसार क्या उपाय करना होगा शुभ।

       अगर आप अपनी बहन के साथ रिश्तों में सुधार लाना चाहते हैं, तो आज के दिन तोते को हरी मिर्च खिलाएं। अगर तोता न मिले तो उसकी तस्वीर को देखकर प्रणाम करें। बहन के साथ आपके रिश्ते में जल्द ही सुधार देखने को मिलेंगे।

      अगर आपके बनते हुए काम अचानक से बिगड़ जाते हैं और सफलता से कुछ ही कदम पहले आप असफल हो जाते हैं, तो आज  मिट्टी  के  बर्तन में साबुत मूंग की दाल भरकर, उस पर ढक्कन लगा कर मंदिर में दान कर दें। आज  ऐसा करने से आपके सारे काम बनेंगे और सफलता मिलना शुरू हो जाएगी।

       अगर आपको लगता है कि आपकी सोचने-समझने की शक्ति कुछ कमजोर पड़ गई है। कोई भी फैसला लेने में आपको बहुत वक्त लगता है और आपका ध्यान भी बार-बार भटक जाता है, तो आज स्नान करके माँ दुर्गा को लाल फूल अर्पित करें और सवा किलो मसूर की दाल लाल कपड़े में बांधकर देवी के चरणों में अर्पित कर दें। आज ऐसा करने से आपकी सोचने-समझने की शक्ति मजबूत होगी,  एकाग्रता बढ़ेगी और सही समय पर सही फैसला लेने में भी समर्थ होंगे।       अगर आप  दोस्ती के रिश्ते को मजबूत करना चाहते हैं और उसमें मिठास भर देना चाहते हैं, तो आज के दिन किसी पेड़ से 7 हरी पत्तियां लाकर, उन पर थोड़ी साबुत मूंग की दाल रखकर अपने दोस्त को दे दें । आज ऐसा करने से आपकी दोस्ती मजबूत होगी।

       आज अपनी बौद्धिक क्षमता बढ़ने के लिये आपको चीड़ के पेड़, की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। साथ ही  इस बात का ध्यान , चीड़ के पेड़ को कोई नुकसान न पहुंचाएं ,  उसकी लकड़ी से बने फर्नीचर आदि का इस्तेमाल करने से भी बचें । आपको चीड़ का पेड़ कहीं आस-पास न मिले, तो  इंटरनेट पर चीड़ के पेड़ की फोटो देखकर, उसको प्रणाम कर लें। । आज के दिन ऐसा करने से आपकी बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी  होगी।

      अगर आप घर में अन्न-धन का आगमन बनाये रखना चाहते हैं, तो आज 11 सफेद कौड़ियों को मंदिर में रखकर उनकी  पूजा करें,  पूजा के बाद उन्हें एक लाल कपड़े में बांधकर अपने घर की तिजोरी में रख लें। आज  ऐसा करने से आपके घर में अन्न-धन का आगमन बना रहेगा।

अगर आपकी संतान को बिजनेस में किसी तरह की परेशानी आ रही  है, तो उससे छुटकारा पाने के लिए आज उन्हें  सिद्ध किया हुआ बुध यंत्र पहनाना चाहिए। आज  ऐसा करने से आपकी संतान के बिजनेस में आ रही सभी  परेशानियां दूर होंगी।

    अगर  जीवनसाथी से  किसी न किसी बात को लेकर हमेशा खींचतान बनी रहती है, तो आज  किसी छोटी बच्ची को हरे रंग का कपड़ा भेंट करें। साथ हो उसका आशीर्वाद भी लें। आज  ऐसा करने से आपको खींचतान की स्थिति से बाहर निकलने में मदद मिलेगी और आप दोनों का रिश्ता  बेहतर होगा।

   अगर आपको मनचाहा जीवनसाथी पाना  है , तो आज  मिट्टी का एक खाली घड़ा लें और ध्यान रखें कि उसके ऊपर ढक्कन भी लगा होना चाहिए। अब इस खाली मिट्टी के घड़े को किसी मन्दिर में दान कर दें। साथ ही संभव हो तो आज चीड के पेड़ के दर्शन भी करें। आज  ऐसा करने से आपको जल्द ही मनाचाहा जीवनसाथी मिलेगा।

  अगर आज आप किसी विशेष  काम के लिये घर से बाहर जा रहे हैं, उदाहरण के लिये अगर आप अपने बच्चों का स्कूल या कॉलेज में एडमिशन करवाने जा रहे हैं या अपनी किसी बिजनेस मीटिंग के लिये जा रहे हैं या अन्य किसी काम से बाहर जा रहे हैं, तो आज के दिन सुबह उठने के बाद सबसे पहले फिटकरी से अपने दांत साफ करें। साथ ही नहाने के बाद किसी छोटी कन्या का आशीर्वाद लेकर उसे गिफ्ट के रूप में एक फूल दें या एक सिक्का दें। आज ऐसा करने से आपको सभी कामों में  सफलता जरूर मिलेगी।

     ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ         

ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि आपके एवं आपके पूरे परिवार के लिए हर दिन शुभ एवं मंगलमय हों।

  27 अगस्त 2020 भाद्रपद शुक्ल पक्ष की उदया तिथि नवमी और गुरुवार का दिन है। नवमी तिथि सुबह 9 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। उसके बाद दशमी तिथि लग जायेगी। इसके साथ ही सुबह 9 बजकर 26 मिनट तक स्थिर योग रहेगा।  इसके अलावा  पूरा दिन पूरी रात सभी कार्यों में सफलता सुनिश्चित करने वाला रवि योग रहेगा। इसके साथ ही दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा। उसके बाद मूल नक्षत्र शुरू हो जायेगा, जो शुक्रवार दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। जानिए राशिनुसार कैसा रहेगा आपका दिन।

🐑 मेष राशि आज आपकी किस्मत आपका साथ देगी। आज के सारे काम आसानी से पूरे हो जाऐं। साथ ही अपने भविष्य के लिए एक योजना बनाऐंगे और सोच-विचार करेंगे। आज ज्यादातर आपका समय परिवारवालों और दोस्तों की इच्छाओं को पूरा करने में निकल जाएगा। इस राशि के बिजनेसमैन आज कुछ बड़े बिजनेसमैन से मिल सकते है। जिसका फायदा आपको भविष्य में अवश्य मिलेगा। जीवनसाथी के साथ पूराने किसी बात पर वाद-विवाद हो सकता है। अपने पार्टनर को मनाने के लिए आप उसे कोई रिंग गिफ्ट कर सकते है, इससे आपके रिश्ते में मिठास बढ़ेगी।

🐂 वृष राशि आज आपका दिन आपका उत्साह से भरा रहेगा। किसी नए रिश्ते की शुरुआत करने का मौका मिलने की संभावना है। साथ ही अपने नजदीकी रिश्तों को सुधारने की कोशिश करेंगे, हो सकता है सफलता मिल जाएं। इस राशि के बेरोजगार बैठे लोगों को आज किसी मल्टीनेशनल कंपनी से जॉब के ऑफर मिलने के चांस बन रहे है। साथ ही नौकरीपेशा वालों का आज ऑफिस में काम की तारीफ होगी। संतान के करियर को लेकर आप थोड़े चिंतित रहेंगे, आप अपने संतान के करियर के लिए उसके गुरु से बातचीत कर सकते है। लवमेट के लिए आज का दिन अच्छा है कहीं बाहर घूमने का प्लान बन सकता है।

👨‍❤️‍👨 मिथुन राशि आज का दिन अच्छा रहेगा। पहले से बनाई हुई योजनाओं के पूरा होने के योग बन रहे है, साथ ही नए काम की योजना बना सकते है। आज आप रिश्तों के प्रति भवना से परिपूर्ण रहेगे, हो सकता है कहीं बाहर घूमने की प्लानिंग भी बन जाएं। साथ ही आपकी संतान की इच्छाओं में वृद्धि से आप परेशान होंगे। इस राशि के आर्किटेक क्षेत्र से जुड़े लोगों को आज ऑफिस में किसी पूरानी गलती के कारण दांट पड़ सकती है और काम का प्रेशर ज्यादा हो सकता है। भैरव मंदिर में प्रसाद चढ़ाने से आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा।

🦀 कर्क राशि आज मेहनत से करे हुए सारे काम पूरे होंगे। बिजनेस के मामले में थोड़ी- सी सावधानी बरते। आपके पार्टनर आपसे किसी जरुरी दस्तावेज पर साइन करवाने आ सकते है, बेहतर होगा साइन करने से पहले दस्तावेज को अच्छे से पढ़ ले। और जल्दबाजी में कोई भी कार्य न करें। बिजनेस में जोखिम भरे सौदे करने से बचना होगा। इस राशि के जो नया वाहन खरीदना चाहते है, वो आज खरीद सकते है। आज का दिन शुभ है, और आपको डिस्काउंट भी मिलने की संभावना बन रही है। लवमेट अपने पार्टनर को नई ड्रेस गिफ्ट करेंगे।

🦁 सिंह राशि आज आपका मन लेखन कार्यों में रहेगा। पहले की कोई पूरानी कविता के कारण आपको कॉलेज में पुरस्कार भी मिल सकता है। इस राशि के जो स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई विदेश में करना चाहते है। अपनी पढ़ाई के मामले में विदेशी यूनिवर्सिटी से बातचीत करने के लिए आज अच्छा दिन है। साथ ही परिवार और दोस्तों का पूरा साथ मिलेगा। पैसों के लेन-देन के मामले में सावधानी बरते, हो सकता है आपका थोड़ा नुकसान हो। किसी काम में जितनी कोशिश आप करेंगे उससे कुछ कम सफलता मिलने से आप परेशान हो सकते है।

👰🏻 कन्या राशि आज का दिन आपका खुशनुमा रहेगा। आज बिजनेस के मामले में आपके नजदीकी दोस्त से समय पर आपको मदद मिल जाएगी, जिससे आपका मन प्रसन्न रहेगा। इस राशि के नवविवाहित के लिए आज रिश्ते आ सकते है, हो सकता है कि शादी फिक्स भी हो जाएं। साथ ही इस राशि के नौकरीपेशा लोगों का ट्रांसफर ऐसी जगह हो सकता है जहां से आपको अप-एंड-डाउन करने में आसानी होगी। आर्थिक पक्ष पहले की अपेक्षा मजबूत होगी। इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए आज का दिन पढ़ाई में मन लगाने का है, जितनी मेहनत करेंगे उतनी सफलता हासिल करेंगे। माता-पिता का आशीर्वाद लेने से आपको सारे कामों में सफलता मिलेगी।

⚖️ तुला राशि आज आपका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ और उम्मीदे भी ज्यादा रहेंगी। आज ऑफिस में काम का टारगेट पूरा होने से बॉस आपसे खुश होकर, आपको कोई उपयोगी वस्तु गिफ्ट कर सकते है। साथ ही आपको नए अवसर मिलने के चांस बन रहे है। टीचर्स के लिए आज का दिन अच्छा रहेगा, आज आपका प्रमोशन हो सकता है। दोस्तों के साथ बाहर के मौसम का लुफ्ट उठाओगे। साथ ही मूवी देखने का प्लान भी बन सकता है। लवमेट अपने पार्टनर को टाइम देंगे, जिससे रिश्तों में नजदीकियां बढ़ेंगी। लक्ष्मी मां के आगे घी का दीपक जलाने से आपके घर में सुख-समृद्धि बढ़ेगी।

🦂 वृश्चिक राशि आज का दिन दुख और सुख से मिला-जुला रहेगा। आज घरेलू चीजों को खरीदने पर आपके अधिक पैसे खर्च हो सकते है। आज आपको रोजगार के उचित अवसर प्राप्त होंगे। माता-पिता का आशीर्वाद आपको मंजिल तर पहुचाने में मदद करेंगे। राजनीति में आप सक्रीय भूमिका निभाएंगें। आप विरोधियों का सामना करेंगें। आज यात्रा कुछ ज्यादा होने की वजह से थकान महसूस करेंगे। इस राशि के लोगों को आज कानूनी मामलों से बचने की जरूरत है वरना आपको इसके बदले मोटी रकम चुकानी पड़ सकती है


🏹 धनु राशि आपकी ऊर्जा का स्तर अच्छा रहेगा।  बढ़े हुए ऊर्जा के साथ आप कोई काम करेगें तो कम समय में पूरा हो जाएगा। आज आपकी अन्दरूरनी ताक़त कार्यक्षेत्र में दिन को बेहतर बनाने में भी मददगार साबित होगी। आज उन लोगों से सावधान रहें जो आपको ग़लत राह पर ले जाने की सोचते हैं। जीवनसाथी के जीवन में बदलाव आने से खुशी का माहौल बनेगा। घर में चल रही विवाह संबंधी समस्या जल्द ही सॉल्व हो जाएगी। आज फर्नीचर का सामान खरीदेंगे तो आपके लिए दिन शुभ है। आप वैवाहिक जीवन में कुछ निजात की ज़रूरत है। आज किसी अन्य पर भरोसा न करें। बिजनेस में साझेदारी सोच-समझ कर ही करें साथ ही नयी योजनाओं को लागू करने से लाभ होगा। पुरानी जयजाद के क्रय-विक्रय के कार्यों में लाभ होगा। आज संतान के प्रति विश्वास बढ़ेगा।

🐊 मकर राशि आज का दिन  आपके लिए ठीक-ठाक रहेगा। ऑफिस में आज किसी बात को लेकर बॉस से आपको डांट पड़ सकती है। आज ज्यादा क्रोध करने से आपका काम बिगड़ सकता है। बेहतर होगा कि आज किसी भी बात जल्दी गुस्सा करने से बचें। आज पॉपर्टी में निवेश करने के लिए दिन शुभ है। परिवार में छोटे भाई से किसी बात पर तनाव हो सकता हैं। कालात्मक कार्यों में आज आपकी रूचि बढ़ेगी। पढ़ाई में छात्रों के लिए यह समय जी-जान लगाकर पढ़ने का है। आज नये प्रोजेक्ट पर काम करने से पहले मित्रों से सलाह लेना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। आज धार्मिक स्थलों की यात्रा जीवनसाथी के साथ जाने पर शुभफल होगी। इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए आज का दिन बेहतर है।

⚱️ कुंभ राशि वालों आज का दिन आपके लिए लाभप्रद रहने वाला है। आज आपको कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है। आज आपके जीवनसाथी के बीच थोड़ी अनबन हो सकती है। साथी को खुश करने के लिए कहीं घूमने का प्लान बना सकते है। आप आज जितना हो सकें दूसरों की राय लेकर ही किसी काम की शुरूआत करें सफलता मिलनी तय है। ऑफिस में आज आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आपका एक गलत कदम आपको परेशानी में डाल सकता है। इस राशि वाले छात्रों के लिए आज का दिन थोड़ा मायूसी भरा होगा।

🐬 मीन राशि आज का दिन सामान्य रहेगा। करियर के मामले में आप अपनी क्षमता से अधिक जिम्मेदारियां लेंगे। नतीजे के रूप में आपका तनाव बढ़ सकता है। आज आप जिससे भी बात करेंगे, उसे अपनी राय से सहमत कर देंगे। किसी खास मामले को लेकर आपकी सोच बदल सकती है।इसका समाधान ढूढ़ें और अपना वर्कलोड कम करें। खर्च बढ़ सकता है इसलिये सिर्फ़ जरूरी सामान की खरीदें। इस राशि के थिएटर से जुड़े लोगों के लिये आज का बढ़ीया है। कार्यक्षेत्र में उन्नति के नये रास्ते मिलेगें। किसी पुराने काम में कामयाबी मिलने के बाद आपको तारीफ से सराबोर कर देंगे। इस राशि के विवाहित आज घर में सभी के साथ बेहतरीन पल बीताएंगे।

Tuesday, August 25, 2020

आज का दिन मंगलमय हो

  प्रस्तुति ---कृष्ण मेहता: 

🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

*********|| जय श्री राधे ||*********

🌺🙏 *महर्षि पाराशर पंचांग* 🙏🌺

🙏🌺🙏 *अथ  पंचांगम्* 🙏🌺🙏

*********ll जय श्री राधे ll*********

🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺


*दिनाँक -: 26/08/2020,बुधवार*

अष्टमी, शुक्ल पक्ष

भाद्रपद

"""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)


तिथि ---------अष्टमी 10:38:59      तक

पक्ष ----------------------------शुक्ल

नक्षत्र -------अनुराधा 13:03:07

योग ------------वैधृति 19:30:54

करण -------------बव 10:38:59

करण ----------बालव 21:58:18

वार --------------------------बुधवार

माह -------------------------भाद्रपद

चन्द्र राशि    ------------------वृश्चिक

सूर्य राशि ----------------------सिंह

रितु -----------------------------वर्षा

आयन ------------------दक्षिणायण

संवत्सर -----------------------शार्वरी

संवत्सर (उत्तर) -------------प्रमादी

विक्रम संवत ----------------2077

विक्रम संवत (कर्तक)------2076

शाका संवत ----------------1942


वृन्दावन

सूर्योदय ----------------05:56:31

सूर्यास्त -----------------18:44:50

दिन काल --------------12:48:18

रात्री काल -------------11:12:09

चंद्रोदय ----------------13:23:12

चंद्रास्त -----------------24:13:11


लग्न ---- सिंह 9°6' , 129°6'


सूर्य नक्षत्र -------------------रजत

चन्द्र नक्षत्र ----------------अनुराधा


*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*


नू ----अनुराधा 07:14:10


ने ----अनुराधा 13:03:07


नो ----ज्येष्ठा 18:53:48


या ----ज्येष्ठा 24:46:13


*💮🚩💮  ग्रह गोचर  💮🚩💮*


        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

========================

सूर्य=सिंह 09°22 '    मघा    ,      3  मू

चन्द्र = वृश्चिक 12°23 ' अनुराधा'     3    नू

बुध = सिंह 17°57 ' पू oफा o '   1    मो

शुक्र= मिथुन 23°55, पुनर्वसु  '     2   को

मंगल=मेष  02°30'      अश्विनी ' 1    चु

गुरु=धनु  24°22 '   पू oषा o ,    4   ढा

शनि=मकर 04°43' उ oषा o   ' 3   जा

राहू=मिथुन 01°40  '  मृगशिरा ,   3  का

केतु=धनु  01 ° 40 '       मूल    , 1    ये


*🚩💮🚩शुभा$शुभ मुहूर्त🚩💮🚩*


राहू काल 12:21 - 13:57 अशुभ

यम घंटा 07:33 - 09:09 अशुभ

गुली काल 10:45 - 12:21   अशुभ

अभिजित 11:55 -12:46 अशुभ

दूर मुहूर्त 11:55 - 12:46 अशुभ


🚩गंड मूल 13:03 - अहोरात्र अशुभ


💮चोघडिया, दिन

लाभ 05:57 - 07:33 शुभ

अमृत 07:33 - 09:09 शुभ

काल 09:09 - 10:45 अशुभ

शुभ 10:45 - 12:21 शुभ

रोग  12:21 - 13:57 अशुभ

उद्वेग 13:57 - 15:33 अशुभ

चर 15:33 - 17:09 शुभ

लाभ 17:09 - 18:45 शुभ


🚩चोघडिया, रात

उद्वेग 18:45 - 20:09 अशुभ

शुभ 20:09 - 21:33 शुभ

अमृत 21:33 - 22:57 शुभ

चर 22:57 - 24:21* शुभ

रोग 24:21* - 25:45* अशुभ

काल 25:45* - 27:09* अशुभ

लाभ 27:09* - 28:33* शुभ

उद्वेग 28:33* - 29:57* अशुभ


💮होरा, दिन

बुध 05:57 - 07:01

चन्द्र 07:01 - 08:05

शनि 08:05 - 09:09

बृहस्पति 09:09 - 10:13

मंगल 10:13 - 11:17

सूर्य 11:17 - 12:21

शुक्र 12:21 - 13:25

बुध 13:25 - 14:29

चन्द्र 14:29 - 15:33

शनि 15:33 - 16:37

बृहस्पति 16:37 - 17:41

मंगल 17:41 - 18:45


🚩होरा, रात

सूर्य 18:45 - 19:41

शुक्र 19:41 - 20:37

बुध 20:37 - 21:33

चन्द्र 21:33 - 22:29

शनि 22:29 - 23:25

बृहस्पति 23:25 - 24:21

मंगल 24:21* - 25:17

सूर्य 25:17* - 26:13

शुक्र 26:13* - 27:09

बुध 27:09* - 28:05

चन्द्र 28:05* - 29:01

शनि 29:01* - 29:57


*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।


*💮दिशा शूल ज्ञान-------------उत्तर*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पिस्ता अथवा  पान खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*


*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*


  8 + 4 + 1 =  13 ÷ 4 = 1 शेष

 पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l


*💮    शिव वास एवं फल -:*


    8 + 8 + 5 =  21 ÷ 7 = 0 शेष


शमशान वास  = मृत्यु कारक


*🚩भद्रा वास एवं फल -:*


*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*


*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


* श्री राधाष्टमी व्रत(श्री जी प्राकट्योत्सव)


* श्री हरिदास जयन्ती


* गरुण गोविन्द जी मेला छटीकरा


* दधीचि जयन्ती


*सर्वार्थ सिद्धि योग 13:03 तक


*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


बंधनानि खलु सन्ति बहूनि प्रेमरज्जुकृतबन्धनमन्यत् ।

दारुभेदनिपुणोऽपिषण्डघ्निर्निष्क्रियोभवति पंकजकोशे ।।

।।चा o नी o।।


   दुनिया में बाँधने के ऐसे अनेक तरीके है जिससे व्यक्ति को प्रभाव में लाया जा सकता है और नियंत्रित किया जा सकता है. सबसे मजबूत बंधन प्रेम का है. इसका उदाहरण वह मधु मक्खी है जो लकड़ी को छेड़ सकती है लेकिन फूल की पंखुडियो को छेदना पसंद नहीं करती चाहे उसकी जान चली जाए.


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -: राजविद्याराजगुह्ययोग अo-09


यान्ति देवव्रता देवान्पितृन्यान्ति पितृव्रताः ।,

भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपि माम्‌ ॥,


देवताओं को पूजने वाले देवताओं को प्राप्त होते हैं, पितरों को पूजने वाले पितरों को प्राप्त होते हैं, भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होते हैं और मेरा पूजन करने वाले भक्त मुझको ही प्राप्त होते हैं।, इसीलिए मेरे भक्तों का पुनर्जन्म नहीं होता (गीता अध्याय 8 श्लोक 16 में देखना चाहिए)॥,25॥,


*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

प्रयास सफल रहेंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नौकरी में नई जिम्मेदारी मिल सकती है। सामाजिक काम करने की इच्छा प्रबल होगी। मान-सम्मान मिलेगा। वाणी में संयम रखें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। कारोबार में वृद्धि होगी।


🐂वृष

घर में अतिथियों का आगमन होगा। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। दूर से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें। धन प्राप्ति सु्गम होगी।


👫मिथुन

कोई बड़ी धनहानि की आशंका है। लापरवाही न करें। भावना को वश में रखें। मन की बात किसी को न बतलाएं। नौकरी में अपेक्षाएं बढ़ेंगी। धैर्यशीलता की कमी रहेगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। भागदौड़ होगी।


🦀कर्क

शत्रु सक्रिय रहेंगे। चुगलखोरों से सावधान रहें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। नई आर्थिक योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। काफी समय से रुके काम पूर्ण हो सकते हैं। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। प्रमाद न करें।


🐅सिंह

घर-परिवार की चिंता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। कोर्ट-कचहरी व सरकारी कार्यालय के काम मनोनुकूल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से बचें।


🙎‍♀️कन्या

किसी मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। विद्यार्थी वर्ग अपने शिक्षण-अध्ययन संबंधी कार्य में सफलता प्राप्त करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। जल्दबाजी में कोई कार्य न करें तथा विवाद की स्थिति न आने दें। कोई अरुचिकर घटना संभव है।


⚖️तुला

बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है।


🦂वृश्चिक

पुराना रोग उभर सकता है। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में लापरवाही न करें। शारीरिक हानि हो सकती है। किसी भी तरह के विवाद में भाग न लें। स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। कुसंगति से बचें। महत्वपूर्ण निर्णय टालें।


🏹धनु

आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा। घर के वृद्धजनों के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कोई बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। भय रहेगा। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होकर उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। लाभ होगा।


🐊मकर

कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। दांपत्य जीवन में आनंद रहेगा। कोर्ट व कचहरी तथा सरकारी कार्यालयों में रुके कार्य मनोनुकूल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।


🍯कुंभ

भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग बनते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़ी समस्या का हल मिल सकता है। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। धनार्जन होगा।


🐟मीन

किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। आय में कमी होगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आ सकते हैं। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आशा व निराशा के भाव रहेंगे। खर्च से हाथ तंग रहेगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेंगे। जोखिम बिलकुल न उठाएं।


🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺

*

[8/26, 05:18] Morni कृष्ण मेहता: !🌴🌹﹏*)🌼(*﹏🌹🌴!


                       *गोपीगीत*


  *पुष्प-*🌹2️⃣5️⃣6️⃣🌹



 *सुरतवर्धनम् शोक नाशनम् स्वरित वेणुना सुष्ठु चुम्बितम् ।* *इतररागविस्मारणं नृणां वितर वीर नस्तेऽ-धरामृतम्।।1️⃣4️⃣।।*



🌹     नारदजी ने भक्ति सूत्र में भक्ति के छह लक्षण बतलाये हैं उनमें से एक है कामनारहितं'। भक्तों की तो बस एक ही कामना होती है. 'प्रेमास्पद को आनन्द प्रदान करने की और अपने प्रेमास्पद को सुखी बनाने की। प्रियजन का आत्मा ही प्रेमास्पद बनता है। उस आत्मा को आनन्दित बनाने की अभिलाषा ही 'सुरति' है।


🌹    एक बार श्री यमुना तट पर नटनागर नंदकिशोर मुरली बजा रहे थे, और गोपिका ताल दे रही थी। नटनागर कहने लगे 'सखि ! मैंने मुरली बजा ली अब तुम मुझे अपना मधुर गीत सुना दो। भावना के आवेश से भरी हुई वह गोपी तो अपने कलकंठ से मधुर गीत गाने लगी। नन्दकिशोर इस गीत माधुरी को सुनकर प्रसन्न हो गये। उनके नेत्रों में आनन्द छा गया । कृपालु कृष्ण ने गोपी को आशीर्वाद दिया, 'बोलो सखि ! आज मैं बहुत प्रसन्न हूं, तुम्ह जो वरदान मांगना हो वह माँग लो।' उस गोपी के नेत्रों में अश्रुविन्दु छलक आये।


🌹     'श्याम सुन्दर ! आप मुझे वरदान मांगने का कहते हैं; परन्तु मुझे तो कुछ भी याद नहीं आ रहा है। गोविंद जी हंस पड़े, 'सखि ! मुझे तो तुम्हें वरदान देना ही है, तुम वरदान मांगो तो मुझे आनन्द होगा। वह गोपी का तो भगवान के चरणों में लिपट गई, उसने अपने नेत्रों की अश्रुधारा से भगवान के चरणों का प्रक्षालन किया उसने हाथ जोड़कर कहा, प्यारे मेरे सिर पर हाथ रखकर मुझे वरदान दीजिये, मेरे जीवन का एक-एक पल आपके आनन्द के लिये व्यतीत हो । मेरे हृदय का एक-एक स्वाद आपकी प्रसन्नता के लिये हो। अरे, मेरे शरीर की चमड़ी (खाल) भी आपकी प्रसन्नता के लिये हो। मेरा समग्र जीवन आपका बन जावे। मेरी समग्र वाणी आपमें गुंफित रहे। मेरा मन सदैव आपके सुख की कामना किया करे ।


 "पूज्या श्रीइंदिरा बेटीजी कृत श्रीगोपीगीत भावानुवाद "  

           क्रमशः.......

                 ✍🏻 _*मालिनी*_ 


     €﹏^°*)🌼(*°^﹏€

            *🌴🌹🌴*

   *)🌼कृष्णमयीरात्रि🌼(*

*°🌹श्रीकृष्णाय समर्पणं 🌹°*

   *)🌼जैश्रीराधेकृष्ण (*

             *🌴 🌹🌴*

      €﹏^°*)🌼(*°^﹏€


!🌴🌹﹏*)🌼(*﹏🌹🌴!

[8/26, 05:25] ⚜!!श्री् हरि् !!⚜

𖡼•┄•𖣥𖣔𖣥•┄•𖡼प्रस्तुति𖡼•┄•𖣥𖣔𖣥•┄•𖡼

                  

🙏🏻 पं0कृषण मेहता  🙏🏻

*_ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि आपके एवं आपके पूरे परिवार के लिए हर दिन शुभ एवं मंगलमय हों।

26 अगस्त 2020 आज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और बुधवार का दिन है। अष्टमी तिथि आज सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक रहेगी। उसके बाद नवमी तिथि लग जायेगी।  आज शाम 7 बजकर 32 मिनट तक वैधृति योग रहेगा और दोपहर 1 बजकर 4 मिनट से लेकर कल पूरा दिन पूरी रात रवि योग भी रहेगा । इसके साथ ही आज दोपहर 1 बजकर 4 मिनट तक अनुराधा नक्षत्र रहेगा। आज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है और हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी से सोलह दिवसीय महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है। अतः महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत आज के दिन से की जायेगी। ये सोलह दिवसीय महालक्ष्मी व्रत  आज से शुरू होकर 10 सितम्बर तक चलेंगे। आइए जाने राशिनुसार कैसा रहेगा आपका आज का दिन

🐑 _मेष राशि आज का दिन आपके लिए खुशनुमा रहेगा। आज आपका पूरा समय परिवार  के साथ बीतेगा। घर के कामों में आज जीवनसाथी का हाथ बटाएंगे। साथ ही बच्चों के करियर के लिए उनके गुरु से परामर्श लेंगे। इस राशि के जो लोग धर्म-कर्म के काम से जुड़े हैं, उन्हें आज किसी बड़े समारोह में जाने का मौका मिल सकता है। वहां लोग आपका सम्मान करेंगे। आज दाम्पत्य संबंधों में छोटी-मोटी नोंक-झोंक हो सकती है। अपनी बात संभलकर जीवनसाथी के सामने रखें।

🐂 वृष राशि आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा। अपने स्वतंत्र विचारों को अभिव्यक्त कर दें। आज विवादों में पड़ने की बजाय विवादों से दूर ही रहें । इस राशि के बिजनेस मैन आज ऐसी परियोजना के भागीदार बन सकते हैं, जिससे आपके करियर की दिशा परिवर्तित हो सकती है।ये परियोजना विदेश से संबंधित भी हो सकती है । स्वास्थ्य के मामले में दिन अच्छा रहेगा।

👨‍❤️‍👨 _मिथुन राशि आज करियर संबंधी किए गए प्रयासों का फल मिलने वाला है। आज कोई बड़ी सफलता हाथ लग सकती है। जिससे आपका मन प्रसन्न रहेगा। इस राशि के जो लोग आर्किटेक के क्षेत्र से जुड़े हैं, उनकी आज ऑफिस में किसी काम को लेकर बहस हो सकती है। गुस्सा भी आ सकता है। आज हल्का फुल्का खाएं नही तो पेट की समस्या हो सकती है। मेडिटेशन करने से स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

🦀 कर्क राशि आज आपका झुकाव कुछ हद तक आध्यात्मिकता की ओर रहेगा। आज आपका मन साहित्यिक चीज़ों को पढ़ने में लगेगा, जिससे आपको अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिये कुछ नये विचार आ सकते हैं। इस राशि के स्टूडेंट्स आज अपनी पढ़ाई की योजनाओं में बदलाव कर सकते है। जिससे आपका बेहतर करियर बन सके। आज पार्टनर के लिए सरप्राईज पार्टी प्लान कर सकते है। जिससे आपके बिगड़ते रिश्ते बन जाऐंगे।

🦁 _सिंह राशि आज आपके जीवन में नई ऊर्जा का प्रवेश होगा। आज आपके लिये परिवार और करियर के बीच संतुलन बनाना काफी आसान होगा। इस राशि के जो लोग एक नये बिजनेस की शुरुवात करना चाहते है उनके लिए आज का दिन शुभ है। आपके द्वारा बढ़ाया गया एक कदम आपके भविष्य के लिए फायदेमंद साबित होगा। आज रास्ते में  किसी पुराने दोस्त से मुलाकात हो सकती है। जीवनसाथी के साथ कहीं बाहर घूमने का प्लान बन सकता है ।

👰🏻 _कन्या राशि आज आपका दिन खास रहेगा। आज आप जो काम हाथ में लेंगे उसे पूरे मन से करेंगे। जिससे आपको सफलता हासिल होगी। कुछ दिनों से आपके अंदर जो निराशा की भावना भरी हुई थी आज वो गायब हो जाएगी। इस राशि के जो लोग स्टील के बर्तन का बिजनेस करते है।  उन्हें आज धनलाभ के आसार नजर आ रहे है। इस राशि के नवविवाहित आज अपने पार्टनर की बातों को समझने की कोशिश करेंगे  ताकि भविष्य की परेशानी को टला जा सके न हो ।

⚖️ तुला राशि आज आपके मन में नए-नए विचार आऐंगे। आज नई योजना की शुरुवात कर सकते है। जिसमें  परिवार का पूरा सहयोग मिलेगा। इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए आज का दिन अच्छा है। पढ़ाई में मन लगेगा। आज टाईम टेबल मे चेंजस भी कर सकते है। आज आपको दूसरों की लव लाईफ के ड्रामे का हिस्सा बनाने की कोशिश की जाएगी। बेहतर होगा आप उन लोगों से बचे।

🦂 _वृश्चिक राशि आज आपका दिन बहुत अच्छा रहेगा। आज बिजनेस पार्टनर के साथ एक जरुरी मीटिंग करने के बाद रात को डिनर के लिए किसी अच्छे रेस्टोरेंट में जा सकते हैं। आज किसी पूरानी बात को लेकर  आप तनाव में रहने वाले है। आज अपने किसी मित्र से आर्थिक  मदद  ले सकते है । ऑफिस के कामों में आज  कई चुनौतियां  आएगी। धैर्य से निर्णय लेने से सफलता के मार्ग  खुलेंगे। आज आप अपने लक्ष्य से भ्रमित भी हो सकते है, किन्तु अपनो का साथ आपको सही दिशा में ले जाएगा।

🏹 _धनु राशि आज आपका दिन फायदेमंद रहेगा। इस राशि के सरकारी एग्जाम की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को आज जॉब के कुछ अच्छे ऑफर मिल सकते है। आज  जरुरत पड़ने पर  समझौता करन के लिए तैयार रहें।   पारिवारिक परेशनियां आज खुद-ब-खुद दूर हो जाएगी। जिससे आफ आनन्द महसूस करेंगे। आपका  कोई करीबी इन  खुशियों को दोगुना कर देगा। लवमेट के साथ लॉग ड्राईव पर जाने का प्लान कर सकते है।

🐊 _मकर राशि आज आर्थिक स्थिति सामान्य बनी रहेगी। इस राशि वालों का बिजनेस आज सामान्य रहेगा। आज सामने आयी चुनौतियों को आसानी से निपटा लेंगे। आज आपको  अपनी किसी बड़ी गलती का अहसास होगा , आप  इससे सबक लेकर इन्हें दुबारा नहीं दोहराएंगे। आज किसी अजनबी पर भरोसा न करें। इस राशि वाले छात्रों को आज अपनी पढ़ाई में कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।

⚱️ कुम्भ राशि आज आपका दिन सामान्य रहेगा। आज आपको थोड़ी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। आज परिवार के किसी सदस्य से अनबन हो सकती है, जिससे आपके कामों में रूकावटे आ सकती हैं। इस राशि के लोगों को आज ऑफिस में इनकी कड़ी मेहनत के चलते पदोन्नति मिल सकती है  | आज आप अपने जीवनसाथी के फिजूल खर्च से बचें। इस राशि के लोगों को आज व्यापार में आंशिक रूप से हानि हो सकती है।

🐬 _मीन राशि मन आज शांत रहने वाला है। आज आप अपना ज्यादा से ज्यादा समय घर पर  व्यतीत करेंगे, इस राशि वाले लोगों को आज उनकी मेहनत का फल मिलने वाला है। आज आपका दिन ऑफिस कार्यों के प्रति अनुकूल रहने वाला है साथ ही सीनियर्स आपकी बात को गंभीरता से लेंगे। ऑफिस में पदोन्नति की सम्भावना भी बन सकती है। आज आपके जीवन में कई दिनों से चली आ रही पैसों की दिक्कतें खत्म होने वाली है। धन की प्राप्ति के नये मार्ग खुलेगें। माता-पिता का आशीर्वाद लेने से आपके सामने सफलता के नए मार्ग खुलेंगे।

        : इन महिलाओं को तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिये----

                                    हिन्दु धर्म में तुलसी सर्वश्रेष्ठ और पूजनीय है, शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा नहीं होता है तो वहां पर नकारात्मकता वास करती है। आपको बता दें कि तुलसी ना केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी बहुत ही गुणकारी मानी जाती है। तुलसी में अनेकों औषीय गुण पाये जाते हैं। और तुलसी कई प्रकार की होती है। जैसे रामा तुलसी, श्यामा तुलसी, वाना तुलसी, कपूर तुलसी आदि। लेकिन घरों में मुख्य रूप से रामा और श्यामा तुलसी पायी जाती है। अन्य तुलसियों को घर में रखना शास्त्रों के अनुसार उचित नहीं माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार कुछ महिलाओं को तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों में कुछ ऐसी महिलाएं बताई गई हैं जिन्हें तुलसी के आसपास भी नहीं भटकना चाहिए। वरना भयंकर पाप लगता है। तो आइए जानते हैं कि तुलसी की पूजा किन महिलाओं को नहीं करनी चाहिए।

प्रतीकात्मक तस्वीर

हिन्दु धर्म में तुलसी सर्वश्रेष्ठ और पूजनीय है, शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा नहीं होता है तो वहां पर नकारात्मकता वास करती है। आपको बता दें कि तुलसी ना केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी बहुत ही गुणकारी मानी जाती है। तुलसी में अनेकों औषीय गुण पाये जाते हैं। और तुलसी कई प्रकार की होती है। जैसे रामा तुलसी, श्यामा तुलसी, वाना तुलसी, कपूर तुलसी आदि। लेकिन घरों में मुख्य रूप से रामा और श्यामा तुलसी पायी जाती है। अन्य तुलसियों को घर में रखना शास्त्रों के अनुसार उचित नहीं माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार कुछ महिलाओं को तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों में कुछ ऐसी महिलाएं बताई गई हैं जिन्हें तुलसी के आसपास भी नहीं भटकना चाहिए। वरना भयंकर पाप लगता है। तो आइए जानते हैं कि तुलसी की पूजा किन महिलाओं को नहीं करनी चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह को सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। तुलसी विवाह से ना केवल शुभ फलों की प्राप्ति होती है, बल्कि कन्यादान जैसे बड़े पुण्य की भी प्राप्ति होती है।

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को तुलसी का पूजन नहीं करना चाहिए। इस संदर्भ में महाभारत कालीन एक कथा आती है। जब युधिष्ठिर द्रोपदी समेत समस्त पांडवों को जुआ में हार गए थे। और दुर्योधन ने उस दौरान द्रोपदी को सभा भवन में बुलाया था तो उसे समय द्रोपदी रजस्वला स्थिति यानि मासिक धर्म के दौरान एक कपड़े में लिपटी अन्य स्त्रियों से अलग रह रही थी। उस समय उसने किसी तरह की पूजा तो दूर, अपने किसी बड़े से आशीर्वाद लेने के लिए भी नहीं गई थी। प्राचीनकाल में ऐसी स्थिति में महिलाओं को ऐसी स्थिति में सबसे अलग रहना पड़ता था। इसलिए मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को तुलसी पूजा नहीं करनी चाहिए। ऐसी स्थिति में पूजा करने वाली महिलाओं को पाप लगता है।

सुहागिन महिलाओं के लिए तुलसी पूजा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। तुलसी विवाह को भी पूर्णरूप से करने से वैवाहिक जीवन सफल हो जाता है। और ऐसा करने वालों को सात जन्मों तक का साथ मिल जाता है। लेकिन अगर आपने हिन्दु धर्म के अनुसार विवाह के दौरान सात फेरे नहीं लिए हैं तो ऐसी महिलाओं को भी तुलसी के आसपास गलती से भी नहीं जाना चाहिए। ऐसी महिलाओं को तुलसी पूजा नहीं करनी चाहिए। बगैर सात फेरे लेने वाली महिलाएं तुलसी से दूर ही रहना चाहिए। अगर आपने कोर्ट मैरिज भी की है तो भी आप तुलसी पूजा करने की अधिकारी नहीं हैं। ऐसी महिलाएं पहले अपने पति के साथ सात फेरे लें और उसके बाद तुलसी की पूजा करें। अगर आप ऐसा नहीं करती हैं तो आप पाप की भागीदार बन सकती हैं। और माता तुलसी आपसे नाराज हो सकती हैं। भले ही कुवांरी कन्या तुलसी पूजन कर लें, लेकिन बिना सात फेरे लिए विवाह रचाने वाली महिलाएं बिलकुल भी तुलसी का पूजन ना करें।


चरित्रहीन व्यक्ति और मन में गंदे विचार रखने वाली महिलाओं को भी तुलसी के पौधे से दूर ही रहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति की पूजा तुलसी माता कभी भी स्वीकार नहीं करती हैं। शास्त्रों के अनुसार अगर आपके मन में गलत विचार आते हैं, और दूसरे लोगों के प्रति आपके मन में गलत भावना है तो आपको तुलसी के पौधे से दूर ही रहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को तो तुलसी विवाह में भी शामिल नहीं होना चाहिए। माता तुलसी ऐसे लोगों से हमेशा क्रोधित रहती हैं। और ऐसे व्यक्ति की पूजा भी माता तुलसी कभी स्वीकार नहीं करती हैं। अगर आपका मन सच्चा है तो तभी आपको तुलसी की पूजा करनी चाहिए।n


राधास्वामी

 *🙏🚩💥 जय श्री राम 💥🚩🙏*

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          राम  *!रामरामराम!*  राम

          राम        *राम*          राम

          राम        🙏         राम

          राम        *राम*          राम

          राम        *राम*          राम

          राम        *राम*          राम

          राम        🙏         राम

          राम    *रामरामराम*  राम

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    *रामरामरामरामरामरामरामरामराम*

*रामरामरामरामरामरामरामरामरामराम*


    *🔔🙏 !! जय श्री राम !!🙏🔔*

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                        ☆ॐ☆

25/08 को सतसंग के पाठ औऱ वचन

 राधास्वामी!! 25-08-2020- 

आज.सुबह के सतसंग में पढे गये पाठ-                            


  (1) गुरुमुख प्यारा गुरु अधारा। आरत धारा री।। तन अहंकारा काम लबारा। पडा उजाडा री।।-( सुन्न परे महासुन्न अँधारा।देखा भँवर उजारा री।। ) (सारबचन-शब्द-21वाँ,पृ.सं.157)                                                                     

(2) आज बाजे सुन्न में साँरग सार।।टेक।। उठत मधुर धुन अमीरस भीनी। सुनत पिरेमी कोई धर प्यार।।-(कर आरत उन हुई मगन मैं। बैठी राधास्वामी सरन सम्हार।।) (प्रेमबानी-2-शब्द-22,पृ.सं.294)                                

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


 राधास्वामी!! 25-08-2020

- आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-     

                           

(1) उमर सारी बीत गई जग में। भरम मेरे धस रहे रग रग में।।-(रहूँ नित गुरु चरनन दासा। चरन में राधास्वामी पाऊँ बासा।।) (प्रेमबानी-3- शब्द-10 ,पृ.सं.351)                    

(2) मेरे सतगुरु दीन दयालः अरज इक सुन लीजे। मेरे समरथ पुरुष सुजान। चरन में मोहि लीजे।।-(राधास्वामी गुरु दयाल। दरद मेरा लेव बूझे। तुम बिन और दुवार। कोई नहिं मोहिं सूझे।।) (प्रेमबिलास-शब्द-38,पृ.सं.51)                                                     

  (3) यथार्थ प्रकाश-भाग पहला - कल से आगे।                 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


राधास्वामी 25- 08 -2020 

-आज शाम के सतसंग में पढ़ा गया बचन -कल से आगे-( 89) 

मन की दशा घड़ी के लटकन की सी है । यह एक बार प्रेरित होकर घंटों आप से आप चलायमान रहता है, और उसके चलायमान रहने से मनुष्य के अंतर में भाँति भाँति के संकल्प और विकार उत्पन्न होते रहते हैं।

और जोकि परमार्थ के प्रेमी का मुख्य कर्तव्य मन को संकल्पों और विकारों से मुक्त रखना है इसलिए उसकी वह प्रत्येक क्रिया, जिससे मन धक्का खा कर चलायमान होता है, कठिनाई और संकट की दशा उत्पन्न करती है। एवंम विकारी अंगों में बर्तने वालों का स्पर्श किया हुआ या उनसे दिया हो भोजन अंगीकार करने , और मन के विकारी अंगों में निरंकुश बर्तने वालों की चेष्टाओ में सम्मिलित होने से भी मन में प्रबल क्षोभ उत्पन्न हो जाता है। 

इसलिए राधास्वामी -मत में प्रत्येक प्रेमी परमार्थी को आदेश है जहाँ कि तक संभव हो गाढे पसीने और धर्म की कमाई में निर्वाह करें और संसारी जनों के संग कम से कम संसर्ग रक्खें और जीविकोपार्जन के संबंध में जब संसारी जनों के संसर्ग में आना पड़े तो अपनी चित्तवृती को बारंबार अंतर्मुख करके संभालता रहे। 

क्योंकि जैसे किसी वस्त्र को बारंबार झाड़ते रहने से उस पर वायुमंडल की धूल जमने नहीं पाती ऐसे ही बारंबार चित्तवृति को  अंतर्मुख करने के अभ्यास से परमार्थी के मन पर सांसारिक कामकाज और संग-साथ का प्रभाव दृढ होने नहीं पाता । और संभवतः यही नियम दृष्टि में रखकर प्राचीन काल के ब्राह्मण हर किसी के हाथ और घर का भोजन और हर किसी का संसर्ग अंगीकार नहीं करते थे। 

🙏🏻राधास्वामी 🙏🏻

                                

यथार्थ प्रकाश- भाग पहला -

परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!


Monday, August 24, 2020

प्रेरणा?

 🙏🏻🙏🏻


         *जीवन का प्रेरणा दायक बनना बहुत अच्छी बात है मगर बिना प्रेरणा लायक बने यह कैसे संभव हो सकता है ? हम दूसरों को प्रेरणा दें उससे पूर्व यह आवश्यक हो जाता है कि हम दूसरों से प्रेरणा भी लें।* 


         *प्रेरणा पर्वत से लेनी चाहिए जिसके मार्ग में अनेक आंधी और तूफान आते हैं मगर उसके स्वाभिमान मस्तक को नहीं झुका पाते। प्रेरणा लहरों से लेनी चाहिए जो गिरकर फिर उठ जाती हैं और अपने लक्ष्य तक पहुँचे बगैर रूकती नहीं। प्रेरणा बादलों से लेनी चहिये जो समुद्र से जल लेते हैं और रेगिस्तान में बरसा देते हैं।*


        *प्रेरणा हमें वृक्षों से लेनी चाहिए, फल लग जाने के बाद जिनकी डालियाँ स्वतः झुक जाया करती हैं। और प्रेरणा उन फूलों से लेनी चाहिए जो खिलते भी दूसरों के लिए और टूटते भी दूसरों के लिए हैं। जो व्यक्ति प्रेरणा लेना जानता है उसका जीवन एक दिन स्वतः प्रेरणा दायक भी बन जाता है।*


*शब्दों के कोई भार नही,*

*पर अर्थों के होते हैं*

*आत्मा ही आहत होती है,*

*शरीर तो बस रोते हैं ....*



*जय श्री कृष्ण*

Sunday, August 23, 2020

आज 24/08 का दिन मंगलमय हो

 प्रस्तुति -कृष्ण मेहता: ( मोरनी )

 🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक 24 अगस्त 2020*

⛅ *दिन - सोमवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शरद*

⛅ *मास - भाद्रपद*

⛅ *पक्ष - शुक्ल* 

⛅ *तिथि - षष्ठी दोपहर 02:31 तक तत्पश्चात सप्तमी*

⛅ *नक्षत्र - स्वाती शाम 03:20 तक तत्पश्चात विशाखा*

⛅ *योग - ब्रह्म रात्रि 12:30 तक तत्पश्चात इन्द्र*

⛅ *राहुकाल - सुबह 07:45 से सुबह 09:20 तक* 

⛅ *सूर्योदय - 06:21* 

⛅ *सूर्यास्त - 19:00* 

⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - सूर्य षष्ठी*

 💥 *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *लक्ष्मी प्रप्ति व्रत* 🌷

➡ *25 अगस्त 2020 मंगलवार से महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ*

🙏🏻 *भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से आश्विन कृष्ण अष्टमी तक घर में अगर कोई महालक्ष्मी माता का पूजन करे और रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे तो उस के घर में लक्ष्मी बढ़ती जाती है…*

➡ *इस वर्ष ये योग 25 अगस्त 2020 मंगलवार से 10 सितम्बर 2020 गुरुवार तक है…*

🙏🏻 *1) महालक्ष्मी का पूजन करें .*

🌙 *2)रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देना कच्चे दूध(थोडासा) से फिर पानी से.. .*

🙏🏻 *3)महालक्ष्मी का मन्त्र जप करना.*

🌷 *ॐ श्रीं नमः*

🌷 *ॐ विष्णु प्रियाय नमः*

🌷 *ॐ महा लक्ष्मै नमः*

➡ *इन में से कोई भी एक जप करे..*


             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *घर में सदैव आर्थिक परेशानी रहती है तो* 🌷

🙏🏻 *स्कंदपुराण और दूसरे ग्रंथों में बात आयी है कि जिन लोगों के घर में सदैव आर्थिक परेशानी रहती है उनके लिए भाद्र शुक्ल अष्टमी (25 अगस्त, मंगलवार) के दिन से लेकर आश्विन कृष्ण अष्टमी (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी) माने 10 सितम्बर, गुरुवार तक महालक्ष्मी माता का पूजन विधान स्कंदपुराण, आदि ग्रंथो में बताया गया है और इस सरल विधान के अनुसार 17 दिनों में - 25 अगस्त से 10 सितम्बर तक नित्य प्रात: लक्ष्मी माता का सुमिरन करते हुए – ॐ लक्ष्‍मयै नम: ॐ लक्ष्‍मयै नम: ॐ लक्ष्‍मयै नम: मंत्र का 16 बार प्रति दिन जप करें और फिर लक्ष्मीमाता का पूजन करते हुए एक श्लोक पाठ करें  । इससे समय, शक्ति खर्च नहीं होगी उल्टा  पुण्य भी  बढ़ेगा | श्लोक इस प्रकार है-*

🌷 *धनं धान्यं धराम हरम्यम, कीर्तिम आयुर्यश: श्रीयं,*

*दुर्गां दंतीन: पुत्रां, महालक्ष्मी प्रयच्‍छ मे '*

 *"ॐ श्री महालक्ष्मये नमः" "ॐ श्री महालक्ष्मये नमः"*



             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏

 ⚜!!श्री् हरि् !!⚜

𖡼•┄•𖣥𖣔𖣥•┄•𖡼प्रस्तुति𖡼•┄•𖣥𖣔𖣥•┄•𖡼

                  🙏🏻 पं0 कृषण मेहता  🙏🏻

ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि आपके एवं आपके पूरे परिवार के लिए हर दिन शुभ एवं मंगलमय हों।

👉🏼 24 अगस्त 2020 भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि और सोमवार का दिन है। षष्ठी तिथि दोपहर 2 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। उसके बाद सप्तमी तिथि लग जायेगी। रात 12 बजकर 29 मिनट तक ब्रह्म योग रहेगा और साथ ही दोपहर 3 बजकर 20 मिनट तक रवि योग रहेगा। इसके अलावा दोपहर 3 बजकर 20 मिनट तक स्वाती नक्षत्र रहेगा। जानकारी के लिये बता दूं कि आकाशमंडल में कुल 27 नक्षत्र स्थित हैं, जिसमें से स्वाती 15वां नक्षत्र है। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, इसलिए के दिन को सूर्य षष्ठी व्रत के रूप में मनाया जाता है। इसे लोलार्क षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन षष्ठी देवी का भी पूजन आदि किया जाता है। षष्ठी देवी संतान की रक्षा करती है, उसे सुरक्षा प्रदान करती हैं और उसे दीर्घायु का आशीर्वाद देती है। जानिए  कैसा रहेगा आपका दिन।

🐑 मेष राशि दिन की शुरूआत अच्छी होगी। परिवार में सामांजस्य बना रहेगा। छात्रों को कोई शुभ सूचना मिलने वाला है। जिससे करियर में बदलाव आयेगा। अगर आप नया वाहन खरिदना चाह रहे हैं तो दिन शुभ है। पुराने समय को भूलकर आगे बढ़ेंगे तो सफल हो जाएंगे। आपकी सोच में बदलाव आयेगा। यह बदलाव आपके लिए शुभ फल देने वाला होगा। नियमित खान-पान पर ध्यान देनने की आवश्यकता है।

🐂 वृष राशि दिन उत्साह भरा होगा। इस राशि के लोगों को अपने विरोधियों से जीत हासिल होगी। आप अपनी सेहत के लिए धूल-मिट्टी से बचाव के साथ ही धूप से भी बचाव करना होगा। आप अपने जीवनसाथी को खुश करने के लिए कहीं घूमने लेकर जा सकते हैं। आपको कर्जमाफी से लाभ भी मिल सकता है। हो सके तो आप नये कामों को शुरूआत कर दें। ऑफिस के कामों के प्रति अपने मत रखने में दिक्कतें आयेंगी, बेहतर यही होगा की आप अपनी राय देने से बचें।

👨‍❤️‍👨 मिथुन राशि लेखकों के लिए दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। परिवार के किसी सदस्य से नये वस्त्रों की प्राप्ति होगी। दिन अनुकूल रहने वाला है।, साथ ही जो भी काम करना चाहेंगे उसमें सफलता मिलेगी। किसी कार्य को पूरा करने के लिए मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। आप नई चुनौतियों के लिए तैयार रहेंगे। आप अपने जीवनसाथी के साथ कहीं घूमने जा सकते है।

🦀 कर्क राशि लोगों के लिए दिन लाभ देने वाला है। इस राशि के लोगों को धन की प्राप्ति हो सकती है। परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहेगा। इस राशि वाली महिलाओं के लिए आज का दिन बहुत ही अच्छा है। उन्हें अपने ननिहाल या मायके की तरफ से खुशखबरी मिल सकति है। आपके विचारों को ऑफिस में सीनीयर्स की तरफ से पॉजीटिव रिसपॉन्स मिलेगा। इस राशि के लोग भविष्य के लिए कोई खास निर्णय ले सकते हैं।

🦁 सिंह राशि लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। संतान की सफलता आपको खुश कर सकती है। इस राशि के लोगों से अनुरोध है की आप किसी पर आंख बंद करके भरोसा न करें। ऐसा करने से आपको असफलता का सामना करना पड़ सकता है,| आज घर में परिवर्तन संबंधी कोई निर्णय लेना चाहते है तो आपके लिए दिन अच्छा है। बिजनेसमैन के लिए भी दिन शुभ है। इस राशि के लोगों का आज झुकाव अपने परिवारजनों के प्रति होगा।

👰🏻 कन्या राशि जीवन व्यस्तता में बीतेगा। आपके करीबी अचानक से गिफ्ट देकर आपको चकित कर सकते हैं। विवादों के मामलों में आपको सफलता हासिल होगी। आप अपने बच्चों के साथ समय व्यतीत कर सकते है। इस राशि के लोग बिजनेस में सोच-समझकर कर फैसला लें छात्रों को अपने करियर के प्रति अच्छी खबर मिल सकती है। आपको अपने लोगों के बीच अपनी छवि बनाने का पूरा मौका मिलेगा। दुश्मन आपसे दूर ही रहेंगे। अपनों के साथ अनबन हो सकती है।

⚖️ तुला राशि दिन आपके लिए ठीक रहने वाला है। आप किसी बात को लेकर थोड़ा परेशान रहेंगे। आपके मन में कुछ नया करने की इच्छायें जागृत होंगी। अपनों से धन की प्राप्ति होगी। अपना पैसा किसी धार्मिक काम में लगाएंगे। आपके जरूरी कामों में जीवनसाथी का योगदान कारगर साबित होगा। इस राशि वाले छात्रों के लिए फार्म भरने संबंधी कार्य के लिए दिन शुभ है। वाहन का प्रयोग सावधानी पूर्वक करना चाहिए।

🦂 वृश्चिक राशि आपका दिन राहतपूर्ण रहने वाला है। आपके जीवन में उत्साह का माहौल रहेगा। इस राशि वाले कलाकारों के लिए दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण रहने वाला है। आपको अपनी प्रतिभाओं के लिए पुरूस्कार भी मिल सकता है। इस राशि के लवमेट के लिए दिन शुभ है। इस राशि के कारोबारियों के लिए दिन लाभदायक रहेगा। आपकी कंपनियों को नेशनल और इंटरनेशनल के आयात-निर्यात में लाभ की प्राप्ति होगी। आप मित्र के साथ घूमने जा सकते हैं।

🏹 धनु राशि दिन आपके लिए अच्छा रहेगा। इस राशि वाले अगर नई योजनायें शुरू करना चाह रहें है तो उसे टाले नहीं शुरू कर दे। आप जो भी कार्य करेंगे उसमें आपको सफलता अवश्य मिलेगी। नौकरीपेशा लोगों को अपने सहकर्मियों का पूर्ण योगदान प्राप्त होगा। पास आये नए मौको को हांथ से न जाने दें। व्यापार में लाभ हो सकता है। इस राशि वाले लवमेट के लिए दिन काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है।

🐊 मकर राशि आपका दिन उत्साह परिपूर्ण रहेगा। इस राशि के लोग आज मानसिक रूप से खुश रहेंगे। समय भाई-बहनों के साथ बितेगा। आपको समारोह में जाने का अवसर प्राप्त हो सकता है। लवमेट का अपने साथी के प्रति अन्य दिन की अपेक्षा अधिक झुकाव रहेगा। छात्रों के लिए दिन सामान्य रहने वाला है। आप पिछले दिनों हुई गलतियों को सुधार कर रूके हुए कामों में आगे बढ़ा सकते है।

⚱️ कुम्भ राशि आपके लिए लाभप्रद  है। आपको कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है। जीवनसाथी से अनबन हो सकती है। आप जितना हो सकें दूसरों की राय लेकर ही किसी काम की शुरूआत करें सफलता मिलनी तय है। ऑफिस में आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आपका एक गलत कदम आपको परेशानी में डाल सकता है। इस राशि वाले छात्रों के लिए दिन थोड़ा मायूसी भरा होगा।

🐬 मीन राशि दिन सामान्य रहेगा। करियर के मामले में आप क्षमता से अधिक जिम्मेदारियां लेंगे। तनाव बढ़ सकता है। आप जिससे भी बात करेंगे, उसे अपनी राय से सहमत कर देंगे। किसी खास मामले को लेकर आपकी सोच बदल सकती है। इसका समाधान ढूढ़ें और अपना वर्कलोड कम करें। खर्च बढ़ सकता है इसलिये सिर्फ जरूरी सामान की खरीदें। इस राशि के थिएटर से जुड़े लोगों के लिये बढ़िया है। कार्यक्षेत्र में उन्नति के नये रास्ते मिलेगें। किसी पुराने काम में कामयाबी मिलने के बाद आपको तारीफ से सराबोर कर देंगे।

                  📿ॐ नमः शिवाय📿

 👉🏼 24 अगस्त 2020 भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, इसलिए सूर्य षष्ठी व्रत के रूप में मनाया जाता है | इसे लोलार्क षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। षष्ठी देवी का  पूजन  किया जाता है। षष्ठी देवी संतान की रक्षा करती है और उसे दीर्घायु का आशीर्वाद देती है। ये पर्व भगवान सूर्यदेव की आराधना से संबंध रखता है। आज से 16 दिनों तक काशी के लोलार्क कुण्ड में स्नान करने का महत्व बताया गया है।

     आज के दिन संतान की प्राप्ति के लिये या संतान की खुशी के लिये सूर्य भगवान के निमित्त व्रत किया जाता है, उनकी पूजा की जाती है और उनके मंत्रों का जाप किया जाता है। इस दिन जो व्यक्ति भक्ति भाव और विधिवत तरीके से सूर्य भगवान की आराधना करते हैं, उन्हें अच्छी संतान और संतान की खुशहाली के साथ ही आरोग्य और धन की प्राप्ति भी होती है | इसके अलावा परिवार में  सुख-समृद्धि बनी रहती है।

🌞 सूर्य षष्ठी व्रत के दिन विभिन्न राशि वालों को क्या उपाय करने चाहिए। जानिए पं0कृषण मेहता  से इन उपायों के बारे में।

    किसी पवित्र  नदी  में स्नान करना चाहिए। अगर आप किसी कारणवश नदी  में स्नान न कर पायें, तो घर पर ही स्नान के पानी में गंगा का जल मिला कर स्नान कर  लीजिये | स्नान करके प्रणाम करते हुए चावल, तिल, दूर्वा, चंदन आदि मिले हुए जल से भगवान को अर्घ्य दीजिये। फिर शुद्ध घी का दीपक और कपूर, धूप, लाल पुष्प आदि से भगवान सूर्य का पूजन कीजिये।  साथ ही सूर्यदेव के मंत्र का जाप कीजिये। सूर्यदेव का मंत्र है-

ऊँ घृणिः सूर्याय नमः' 

ऐसा करने से आपको मनचाहे फलों की प्राप्ति होगी | इस प्रकार पूजा के बाद  सामर्थ्य अनुसार  ब्राह्मणों को कुछ दान स्वरूप दीजिये।

🐑 मेष राशि आज के दिन आपको घर में सूर्य यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। यंत्र की फोटो हम आपको टी.वी स्क्रीन पर दिखा रहे हैं। आप चाहें तो ठीक ऐसा यंत्र तांबे की धातु पर बनवाकर अपने घर में स्थापित कर सकते हैं और अगर ये आपके लिये संभव नहीं है तो आप सफेद कोरे कागज पर लाल पेन से इस यंत्र को स्वयं बनाकर, उसकी धूप-दीप, गंध आदि से पूजा करके अपने घर में स्थापित कर सकते हैं। इससे आपकी संतान की तरक्की होगी और आपके भाग्य में वृद्धि होगी।

🐂 वृष राशि आज एक सूखा नारियल घिसकर, उसमें एक बूंद बादाम का तेल मिलाकर किसी मन्दिर या धर्मस्थल पर दान कीजिये। इससे आपकी संतान को करियर में सफलता मिलेगी और आपके बिजनेस में बढ़ोतरी होगी।

👨‍❤️‍👨 मिथुन राशि आज  सुबह स्नान  के बाद सूर्यदेव के तंत्रोक्त मंत्र का जाप कीजिये। मंत्र इस प्रकार है- 'ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम: ।' इस मंत्र का 11 बार जाप कीजिये और जाप के बाद मन्दिर में गेहूं के दलिये का दान कीजिये। इससे आपकी संतान हमेशा अव्वल रहेगी और अगर आप संतान पाने की इच्छा रखते हैं, तो आपको जल्द ही संतान की प्राप्ति होगी।

🦀 कर्क राशि आज आप किसी गाय को अपने हाथों से पानी पिलाएं और अपने दाहिने हाथ से गाय का माथा छूकर अपने माथे पर लगाएं। साथ ही अगर घर में कोई बड़ा भाई है तो उनको नमस्कार कीजिये।  ऐसा करने से आपकी संतान की आयु में वृद्धि होगी और आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।

🦁 सिंह राशि आज आप सुबह स्नान  के बाद सूर्यदेव का दर्शन करके सूर्य गायत्री मंत्र का 21 बार जाप करें। मंत्र इस प्रकार है - ॐ आदित्याय विद्महे सहस्त्र किरणाय धीमहि। तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्।  आज के दिन ऐसा करने से आपकी संतान के जीवन में खुशियां भरी रहेंगी और आपका दाम्पत्य जीवन भी खुशहाल रहेगा।

👰🏻 कन्या राशि आज  आप सुबह स्नान के बाद  सूर्यदेव के इस मंत्र का जाप कीजिये। मंत्र इस प्रकार है- 'ऊँ घृणिः सूर्याय नमः।'   इस प्रकार 51 बार सूर्यदेव के मंत्र का जाप करने के बाद गऊ माता को कुछ मीठा खिलाइए। आज के दिन ऐसा करने से आपकी संतान के जीवन में सुख बना रहेगा और उसे सुखी देखकर आप भी सुखी रहेंगे।

⚖️ तुला राशि आज आप अपने सामने एक कटोरी गेहूं रखकर बैठिये और साथ में एक साफ कपड़ा बिछाकर रखिये। अब उस कटोरी में से एक चुटकी गेहूं निकालिये और ये मंत्र पढ़िये- 'ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम: ।' मंत्र पढ़ने के बाद उन गेहूं को उस कपड़े में डाल दीजिये।.... इस प्रकार आपको 11 बार हाथ में गेहूं लेकर मंत्र पढ़ना है और पढ़ने के बाद उन्हें वहां रखे कपड़े में डाल देना है। इस तरह जब 11 बार हो जाये तो कपड़े में रखें उन गेहूं को किसी मन्दिर में दान कर दीजिये और कटोरी में बचे गेहूं को अपने घर में इस्तेमाल कर लीजिये। आज  ये उपाय करने से  संतान की मनचाही इच्छा जरूर पूरी होगी।

🦂 वृश्चिक राशि आज पक्षियों को रोटी का चूरमा बनाकर डालिये और उनके लिये मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर रखिये। साथ ही सूर्यदेव को हाथ जोड़कर प्रणाम कीजिये। आज  ऐसा करने से आपकी संतान की बौद्धिक क्षमता का विकास होगा और आपके जीवन में उन्नति की राह खुलेगी।

🏹 धनु राशि आज एक लोटा जल में बाजरे के दाने और थोड़ी-सी खुशबू मिलाकर पूरे घर में छिड़किये। जल छिड़कने के बाद जो पानी बच जाये, उससे सूर्यदेव को अर्घ्य दीजिये।  ऐसा करने से आपकी संतान के जीवन में पॉजिटिविटी बनी रहेगी और आपको भी अपने कामों में पॉजिटिव रिस्पांस मिलेंगे।

🐊 मकर राशि आज के दिन आप गेहूं की मीठी रोटियां बनाकर किसी जरूरतमंद को खिलाइए। साथ ही 11 बार गायत्री मंत्र का जाप कीजिये। गायत्री मंत्र इस प्रकार है- ॐ भूर् भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ आज के दिन ऐसा करने से आपकी संतान को आर्थिक लाभ होगा और घर-परिवार का भी विकास होगा।

⚱️ कुंभ राशि आज  शरीर पर कोई सोने की या गोल्डन कलर की चीज़  धारण करें। अपने बच्चे को भी पहनने के लिये कहें।  इससे लोग आपसे और आपकी संतान से जल्द ही प्रभावित होंगे और आपके कामों में अपना सहयोग देंगे।

🐬 मीन राशि आज  तांबे का छल्ला खरीदकर अपने दायें हाथ की अनामिका उंगली में धारण करें और पहनते समय  सूर्यदेव के मंत्र का जाप करें-'ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम:।' आज  ऐसा करने से आपकी संतान आपकी हर बात मानेगी और आप दोनों के बीच अच्छी अंडरस्टैंडिंग होगी।


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सूर्य को जल चढ़ाने का अर्थ

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