Friday, May 26, 2023

रोजाना वाकिआत-परम गुरु गुरु जी महाराज!*

 *रा धा स्व आ मी* 




*26-05-23-आज शाम सतसंग में पढ़ा गया बचन-कल से आगे:-*




*(3-8-31-सोम)*




*मिस्टर फोर्ड की नई किताब Go Forward (बढ़े चलो) काबिलेदीद(देखने योग्य है) है। 

मिस्टर फोर्ड चूंकि दौलत(धन) में दुनिया का सबसे बड़ा आदमी है इसलिये इक्तिसादीयात(अर्थ व्यवस्था )में उसकी राय बड़ा वजन(महत्तव) रखती है। वह कहता है कि हर कारखाने वाला हमेशा यह कोशिश करे कि मजदूरों को तनख्वाह खूब दी जाये और चीजों के दाग कम से कम रखे जावें। उसकी राय है कि हर मुल्क में असली काम करने वाले 3 शख्स हैं। अव्वल - खेती करने वाला, दोयम- चीजें बनाने वाला और सोयम- चीजों व जिंसों(अनाजों) को एक मक़ाम से दूसरे मक़ाम(स्थान) पर पहुंचाने वाला। इसके अलावा सब खाने वाले(उपभोक्ता )हैं। इसलिये वह सिर्फ agriculture, manufacture, transport तीन ही कामों को अहमियत(महत्व )देता है। लोगों का बड़ा एतराज यह है कि कलों ने बड़ी आफत यह पैदा कर रखी है कि आज एक कल ईजाद(आविष्कृत )होती है, चन्द लोग लाखों रुपया लगाकर एक कम्पनी जारी करते हैं जिसमें उस कल का फायदा उठाया जाता है। दो बरस के बाद एक और कल ईजाद हो जाती है जिसके लिये दूसरी कम्पनी जारी होती है। दोनों का आपस में मुक़ाबला होता है। पहली कम्पनी शिकस्त(मात) खाती है और मर जाती है। लाखों रुपये बरबाद होते हैं। गरज किसी कल या किसी कारखाने को अपनी जिन्दगी का भरोसा नहीं है। जवाब में फ़ोर्ड कहता है मगर ज़िन्दगी का भी किसको भरोसा है? दुनिया में हर चीज में तगय्युर(परिवर्तन )होता है। बड़ी बड़ी हुकूमतें(शासन) और सल्तनते(राज्य) नेस्त व नाबूद(तहस नहस) हो जाती हैं। इसलिये कलों के जिम्मे ख़ास तौर इल्जाम(आरोप) क्यों लगाया जाता है। इसके अलावा उसका बयान है कि कलें मेहनत बचाने वाली (labour saving) चीजें नहीं हैं बल्कि (labour serving) मजदूरों की खिदमत-गुजार (सेवा करने वाली) चीजें हैं। महात्मा गांधी कलों के जितने खिलाफ़(प्रतिकूल )हैं फ़ोर्ड उतना ही उनके हक़(अनूकूल )में है।*


*क्रमशः ----------*


*🙏🏻रा धा स्व आ मी🙏🏻*

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