Tuesday, November 14, 2023

परम पूज्य हुज़ूर डा, लाल साहब जी

 पांच महत्वपूर्ण बातें

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प्रस्तुति - गुरुदास जी डेढ़गांव 


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18 अगस्त 1979 को सुबह रीजनल एसोसिएशन के प्रेसीडेन्ट, सेक्रेटरी, और ब्रांच सतसंग के सेक्रेटरी को हुज़ूर ने फरमाया---

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पहली बात---

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परम पूज्य हुज़ूर ने इस पर अधिक जोर दिया फरमाया कि मै ब्रांच सतसंगों के सेक्रेटरी को ज्यादा महत्वपूर्ण ब्यक्ति और उनको ब्रांच में सभा का प्रतिनिधि खयाल करता हूँ, 

इस वास्ते इस पद के मुतअल्लिक यह उनका पवित्र फर्ज है कि वह देखें कि ब्रांच के तमाम काम बहुत अच्छी तरह हो रहें हैं कि नहीं, 

ब्रांच सतसंग की समस्याएं चाहे वह सतसंगीयों के आपसी झगड़े की हो, सेहत की खराबी की हो या रा-धा-स्व-आ-मी मत के बारे में हो, 

खुद ही सुलझा लेनी चाहिए, दयालबाग को लिख कर नहीं भेजनी चाहिए, 

सेक्रेटरी को अपने ब्रांच सतसंग में ब्रांच के सतसंगीयों में खूब रलमिल कर उनकी समस्याओं को समझना चाहिए और उनका हल निकालना चाहिए।। 


दूसरी बात---

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फरमाया कि अब तक का अनुभव है कि उपदेश फार्म बहुत लापरवाही से अधूरे और घसीट कर भरे जाते हैं, 

जो पढने में भी नहीं आते हैं, 

उपदेश सतसंगी की जिंदगी की एक महान बात है, 

ऐसी महान बात की शुरुआत ऐसी लापरवाही से फार्म भरकर की जाती है, 

तो कोई शख्स उसके बहुत अच्छे नतीजे की उम्मीद किस तरह कर सकता है, 

सेक्रेटरी को चाहिए कि फार्म अपने समाने भरवायें और देखें कि तमाम पूछी गई बातें पूरी और सही भरी गई है और साफ व खुशखत लिखी गई है।। 


तीसरी बात----

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सभी ब्रांच सेक्रेटरी साहिबान अपनी ब्रांच में शादी के लायक लडके व लडकियों की फेहरिस्त तैयार करें, 

और अपने रीजनल प्रेसीडेन्ट के पास भेजें, 

जिससे कि प्रेसीडेन्ट के पास अपने अपने रीजन के ऐसे तमाम लडकों व लडकियों की पूरी जानकारी हो, 

ताकि शादियों की बातचीत और तय करने में वह सहायता कर सकें, 

सभी ब्रांच सेक्रेटरी को मशविरा दिया कि वह इस सिलसिले में अपनी पूरी कोशिश करें, 

ताकि शादियों का एक बहुत अच्छा और अनुकरणीय उदाहरण स्थापित हो जाय।। 


चौथी बात----

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ब्रांच सतसंग को सतसंग के इंडस्ट्रीयल प्रोग्राम को आगे बढाने में हिस्सा लेना चाहिए, 

यह दयालबाग के बने हुए माल की बिक्री से और अपने क्षेत्र में नुमाइश करने से कीया जा सकता है।। 


पांचवीं बात----

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फरमाया कि ब्रांच सतसंगों को 5 से 10 साल की उम्र के बच्चों के ग्रुप के लिए छोटे छोटे स्कूल जारी करने चाहिए, 

अगर यह मुमकिन ना हो तो सतसंगीयों को खुद ही बच्चों को पढाने का इन्तजाम करना चाहिए

बच्चों को सतसंग, दयालबाग और रा-धा-स्व-आ-मी क्यो कहते हैं, 

आदि बातों की A B C के बारे में जानकारी देनी चाहिए।। 


🙏रा-धा-स्व-आ-मी

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