Sunday, December 3, 2023

सुंदर व्यवहार

 *गुरु मंत्र*


प्रस्तुति - उषा रानी / राजेंद्र प्रसाद सिन्हा 


एक सभा में लगभग 30 वर्षीय एक युवक ने एक प्रश्न पूछा, "गुरु जी, जीवन में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण क्या है?"


गुरुजी मुस्कराए और फिर उस युवक से पूछा, "आप मुम्बई में जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लडकी आ रही है, तो आप क्या करोगे?"


युवक ने कहा, "उस पर नजर जायेगी, उसे देखने लगेंगे।"


गुरु जी ने पूछा, "वह लडकी आगे बढ़ गयी, तो क्या पीछे मुडकर भी देखोगे?"


लडके ने कहा, "हाँ, अगर धर्मपत्नी साथ नहीं है तो।" (सभा में सभी हँस पड़े) 


गुरु जी ने फिर पूछा, "जरा यह बताओ वह सुन्दर चेहरा आपको कब तक याद रहेगा?"


युवक ने कहा, "5-10 मिनट तक, जब तक कोई दूसरा सुन्दर चेहरा सामने न आ जाए।"


गुरु जी ने उस युवक से कहा, " अब जरा कल्पना कीजिये... आप जयपुर से मुम्बई जा रहे हैं और मैंने आपको एक पुस्तकों का पैकेट देते हुए कहा कि मुम्बई में अमुक महानुभाव के यहाँ यह पैकेट पहुँचा देना।


आप पैकेट देने मुम्बई में उनके घर गए। उनका घर देखा तो आपको पता चला कि यह तो बड़े अमीर हैं। घर के बाहर गाडियाँ और चौकीदार खडे हैं।


आपने पैकेट की सूचना अन्दर भिजवाई, तो वह महानुभाव खुद बाहर आए। आप से पैकेट लिया। आप जाने लगे तो आपको आग्रह करके घर में ले गए। पास में बैठाकर गरम खाना खिलाया।


चलते समय आप से पूछा, "किसमें आए हो?"


आपने कहा, "लोकल ट्रेन में।"


उन्होंने ड्राइवर को बोलकर आपको गंतव्य तक पहुँचाने के लिए कहा और आप जैसे ही अपने स्थान पर पहुँचने वाले थे कि उन महानुभाव का फोन आया, "भैया, आप आराम से पहुँच गए.।"


अब आप बताइए कि आपको वह महानुभाव कब तक याद रहेंगे? "


युवक ने कहा, "गुरु जी! जिंदगी में मरते दम तक उस व्यक्ति को हम भूल नहीं सकते।"


गुरु जी ने युवक के माध्यम से सभा को सम्बोधित करते हुए कहा, "यह है जीवन की हकीकत। सुन्दर चेहरा थोड़े समय ही याद रहता है, पर सुन्दर व्यवहार जीवन भर याद रहता है।"


बस यही है जीवन का गुरु मंत्र... अपने चेहरे और शरीर की सुंदरता से ज़्यादा अपने व्यवहार की सुंदरता पर ध्यान दें... जीवन अपने लिए आनंददायक और दूसरों के लिए अविस्मरणीय प्रेरणादायक बन जाएगा...


                         ♾️


*"असल में आदर अपने अंदर के प्रेम का सार है। जब आप प्रेम पूर्ण दशा में होते हैं, यदि उस समय आपका शत्रु भी आपके सामने आ जाये, आप उसे कुछ ऐसे ढंग से देखेंगे कि वह भी महसूस करेगा," बहुत अच्छे हम अभी भी मित्र हैं। "लौटते समय में वह शत्रु नहीं रहेगा, उसका दिल बदल जाएगा।"*



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