प्रस्तुति - अरूण अगम यादव
*🌸पिता (Papa)🌸*
•पिता की *सख्ती को बर्दाशत* करो, ताकि काबिल बन सको,
•पिता की *बातें गौर से सुनो*, ताकि दुसरो की न सुननी पड़े,
•पिता के सामने *ऊंचा मत बोलो* ,वरना भगवान तुमको नीचा कर देगा,
•पिता का *सम्मान करो,* ताकि तुम्हारी संतान तुम्हारा सम्मान करे,
•पिता की *इज्जत करो,* ताकि इससे फायदा उठा सको,
•पिता का *हुक्म मानो* ताकि खुशहाल रह सको,
•पिता के सामने *नजरे झुका कर रखो*, ताकि भगवान तुमको दुनियां मे आगे करे,
• *पिता एक किताब है* जिसपर अनुभव लिखा जाता है,
• *पिता के आंसु तुम्हारे सामने न गिरे*, वरना भगवान तुम्हे दुनिया से गिरा देगा,
*पिता एक ऐसी हस्ती है ...!!!!माँ का मुकाम तो बेशक़ अपनी जगह है ! पर पिता का भी कुछ कम नही, माँ के कदमों मे स्वर्ग है पर पिता स्वर्ग का दरवाजा है, अगर दरवाज़ा ना ख़ुला तो अंदर कैसे जाओगे ?*
जो गरमी हो या सर्दी अपने बच्चों की रोज़ी रोटी की फ़िक्र में परेशान रहता है, *ना कोई पिता के जैसा प्यार दे सकता है ना कर सकता है, अपने बच्चों से !!*
*याद रख़े सूरज गर्म ज़रूर होता है मगर डूब जाए तो अंधेरा छा जाता है, !!*
आओ आज़ सब मिलकर उस अज़ीम हस्ती के लिए *प्रार्थना करें ..*
*हे भगवान मेरे पिता को अच्छी सेहत ओर तंदूरस्ती देना। उनकी तमाम परेशानी को दूर कर, और उन्हें हमेंशा हमारे लिए खुश रख़ना।*
*🙏इस संदेश को सभी बच्चों तक पहुंचाया जाए🙏*
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