Thursday, November 26, 2015

पाताल गंगा में श्रद्धालुओ का सैलाब





धीरज पांडेय


देव - धार्मिक ,पौराणिक एवं ऐतिहासिक पाताल गंगा में आज हजारो की संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं ने स्नान किया एवं यहाँ स्थित बांझन तालाब में स्नान कर महिलाओ ने पुत्र कामना भी किया। बताते चले की पूर्व के समय में इस इलाके में सुखाड़ हुआ तो देव राजा के कहने पर ज्ञानिननंद ब्रह्मचारी जी ने अपने चूटा से जमीन प्रहार किया था जिससे कारण धरती के गर्भ से जलधारा बह निकली और उसी जलधारा से इस इलाके की प्यास बुझी थी बाद में यह जलधारा को तालाब का रूप दे दिया गया जिसके बाद यह पातालगंगा के नाम से प्रसिद्ध हो गया और यहाँ प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को मेला लगता है जिसे पातालगंगा मेला के नाम से जाना जाता है । वहीँ यहाँ के ऐसा तालाब है जो वास्तुशास्त्र के मुताबिक़ तीन कोना का है यहाँ भी एक कथा प्रचलित है की इस त्रिकोणीय तालाब में वैवाहिक जीवन के बाद यदि संतान न है और इस तालाब में स्नान कर वस्त्र छोड़ा जाय तो उस महिला को एक वर्ष के अंदर संतान प्राप्ति होती है आज भी इस तालाब में सैकड़ो महिलाओ ने स्नान कर यहाँ स्थित राधा कृष्ण और भगवान् शिव का दर्शन पूजन किया । यह पातालगंगा मेला को लोग बुढ़वा मेला के नाम से भी जानते है और यहाँ इस दिन मिटटी के बने बूढ़ा और अन्य खिलौने बिकते है ।

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