Friday, February 3, 2023

सत्संगी होने के फर्ज

 रा धा स्व आ मी


सत्संगी होने के नाते हम सभी का फर्ज बनता है अपने सत्संग में जितना हो सके योगदान दें चाहे किसी प्रकार की सेवा हो या सत्संगी भाई बहन बच्चों को किसी प्रकार की शिक्षा जैसे सिलाई बुनाई पढ़ाई संगीत पाक कला आदि सिखाने की सेवा हो । job के लिए भी विशेष ध्यान दें ।


यदि आप सतसंग में किसी पद पर हैं तो लोगों को जोड़ने और आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहें  ।


कोई सत्संगी आगे बढ़ कर शिक्षा सेवा देना चाहे तो प्रस्ताव स्वीकार करें अपने से बड़े पदाधिकारी से बात करे ना की सेवा का हाथ बढ़ाने वाले व्यक्ति को ये कहे की आप स्वयं उच्चाधिकारी से बात कर लें 😄


ऐसा ही बोलना है तो आप बीच में क्या सिर्फ पोस्ट पर बैठने भर के लिए हैं ?😒


अधिकार पोस्ट मिलते ही याद हो जाते हैं और कर्तव्य भूल जाते हैं तो आप सतसंग में सेवा योग्य नही हैं ।👎


ब्रांच में किसी से मनमुटाव होने के कारण भी यदि ब्रांच का नुकसान किए बिना आप सब को साथ ले कर चलते हैं विन्रम रहते हैं तभी आप मालिक द्वारा दी गई सेवा में उत्त्रीण  होते हैं ।👍



रा धा स्व आ मी🙏

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