प्रस्तुति - ममता शरण
[19/02, 20:13] Mamta Vodafone: **राधास्वामी!! 19-02- 2020 - आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे-( 62) बाज स्त्रियां प्रार्थना करती हैं कि उनके पति सत्संगी बन जाए उनका प्रार्थना करना बेजा नहीं है लेकिन उनके लिए मुनासिब है कि अपने पतियों के साथ ऐसा बर्ताव करें कि उनको यकीन हो जाए कि राधास्वामी दयाल की चरण चरण स्वीकार करने से उनका मन निर्मल हो रहा है। जब उनको इस तरह का विश्वास हो जाएगा तो जरूर उनको राधास्वामी- मत की शिक्षा जानने की इच्छा पैदा होगी और यह इच्छा पूरी करने के लिए जब मत की 2-1 पुस्तके ध्यान से पढ़ लेंगे तो अवश्य उनके मन में राधास्वामी- मत की सच्चाई व बुजुर्गी का विश्वास बैठ जाएगा। इस शिक्षा पर अमल करने से न सिर्फ स्त्रियों की अपने पतियों के बारे में इच्छा पूरी हो जाएगी बल्कि उनके घर में सुख शांति बढती जावेगी और उनके स्वभावों में निहायत खुशगवार तब्दीली होती जावेगी। किसी संबंधी को जबरदस्ती सत्संगी बनाने की चाह उठाना गलत व मुनासिब है । परमार्थ बारे में हर किसी को पूरी स्वतंत्रता रहनी चाहिए। इसके अलावा सभी जीव मालिक के बच्चे हैं और उसे अपने बच्चों की हमारे निस्बत कहीं अधिक फिक्र है। हम महज मोहबस उनकी उन्नति चाहते हैं मालिक अपने स्वभाव बस उनकी उन्नति की फिक्र करता है।🙏🏻 राधास्वामी 🙏🏻सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा**
[19/02, 20:13] Mamta Vodafone: मेरे सतगुरु जी
बन कर मेरा साया ....मेरा साथ निभाना
"मेरे सतगुरु "
मैं जहाँ - जहाँ जाऊं .......तुम
वही - वही आना
" मेरे सतगुरु "
साया तो छोड़ जाता है .....साथ अधेरें में..
लेकिन तुम अधेरें में, मेरा उजाला बन जाना
" मेरे सतगुरु
[19/02, 20:13] Mamta Vodafone: *ख़ुद मझधार में होकर भी जो औरों का साहिल होता है , राधास्वामी दयाल भी जिम्मेदारी उसी को देता हैं जो निभाने के क़ाबिल होता है.....*
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