Tuesday, July 26, 2022

राधा स्व आ मी का भावार्थ

. राधास्वामी (’रा-धा-स्व-आ-मी’) नाम का तथ्य (असलियत)

(परम पूज्य हुज़ूर प्रो. प्रेम सरन सतसंगी साहब द्वारा की गई व्याख्याः- रा-सहस्त्रदल कमल (निरंजन), 

धा- त्रिकुटी (ओम), 

स्व-सुन्न/महासुन्न मानसरोवर, झील, 

आ-विशुद्ध परमार्थिक गति, 

मी-अनामी पुरुष द्वारा संचालित अन्तिम परमार्थी यथार्थ (गतिशील परमार्थी लाभ से सुज्जित अलख पुरुष-अगम पुरुष एवं अतीव गतिशील निज-धाम राधास्वामी  दरबार )


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