Monday, February 17, 2020

श्री चित्रगुप्ताय नम: यानी चितरई माह





*ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः*
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*जय चित्रांश*
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हिंदुओं के हिन्दी संवत् मास *चित्रमास* है जो *अपभ्रंश* होकर *चैत्रमास* हो गया है। यह मास *चित्रगुप्तजी* के नाम से है।  इसी *चित्रमास के पूर्णिमा* को *चित्र (चित्रा) नक्षत्र में ब्रह्माजी जी द्वारा 11000 साल* की तपस्या करने के उपरांत उनकी *काया* से श्री *चित्रगुप्तजी भगवान*  मध्यप्रदेश के *उज्जैन* जिले में *क्षिप्रा नदी* के तट पर उत्पन्न हुए थे।
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उज्जैन में ही काफी *पौराणिक चित्रगुप्त मंदिर* भी हैं जहाँ *प्रसाद* के रूप में *कलम, दवात* चढ़ाया जाता है जिससे प्रसन्न होकर श्री चित्रगुप्त भगवान अपने भक्तो को मनवांछित फल प्रदान करते हैं, साथ ही *कायस्थ* के *चार तीर्थो* में उज्जैनी नगरी में बसा श्री चित्रगुप्त भगवान का ये मंदिर *पहले नंबर* पर आता है।
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चित्रमास की पूर्णिमा *चित्र पूर्णिमा अर्थात् चित्रगुप्त पूर्णिमा* कही जाती है।
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*कांचीपुरम्* चेन्नई में *चित्रगुप्तजी* का प्राचीन मंदिर है। *पूरे दक्षिण भारत* में *चित्र पूर्णिमा* के दिन को *चित्रगुप्तजी का जन्मदिन* मनाया जाता है और *चित्र पूर्णिमा से वैशाख पूर्णिमा* तक यम नियम का पालन किया जाता है।
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इस पूरे *मास* को *चित्रगुप्तजी* के नाम से ही *चितरई मास* कहा जाता है।
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हो सके तो यह जानकरी सभी कायस्थों तक पहुंचाने का प्रयास करें🙏
🚩*जय श्री चित्रगुप्त नमः*🚩

 प्रस्तुति - स्वामी शरण / दीपा शरण


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