Tuesday, December 13, 2022

मेरे तो रा धा स्व आ मी दयाल , दूसरो न कोई ।।

 मेरे तो रा धा स्व आ मी दयाल , दूसरो न कोई। तेरे तो रा धा स्व आ मी दयाल , दूसरो न कोई।।                                             

     मेरे तो रा धा स्व आ मी दयाल , दूसरो न कोई। मेरे तो , तेरे तो , सबके तो रा धा स्व आ मी दयाल , दूसरो न कोई ।।                                                                                            

 धार नरदेह हुए प्रगट , परम पुरुष सोई। मेरे तो रा धा स्व आ मी दयाल , दूसरो न कोई ।। दया दृष्टि डारी मो पै , प्रेम बेल बोई अब तो बेल फैल गई , आनंद फल देई। 

मेरे तो रा धा स्व आ मी दयाल , दूसरो न कोई ।।                                                                                   


  छांड़ि दई मन की मानी , सुमिरन लीन होई सतगुरु ढिंग बैठि बैठि , जनम सुफल कियो री 

मेरे तो रा धा स्व आ मी दयाल , दूसरो न कोई ।। चरनन में दीनी ठौर , भाग मोर जगो री हाथ निज धरा सिर पर , तार लियो मोही।

 मेरे तो रा धा स्व आ मी दयाल , दूसरो न कोई मेरे तो , तेरे तो , सबके तो रा धा स्व आ मी दयाल , दूसरो न कोई ।।

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