Wednesday, September 27, 2023

दयालबाग़ का सच / 2709 2023


1915 से तिनका तिनका जोड़ मालिक की दया व मेहर से सत्संगियों ने मेहनत से जोड़े ज़मीन के टुकड़े, जिन बंजर ज़मीनों पर दिन रात पाटा चलाके उसे उपजाऊ बनाया और मानव सेवा, शिक्षा और पर्यावरण के संतुलन की उद्ग़म दृष्टि सालों पहले ही सोच कर नित नवीन शोध के चलते दयालबाग़ की स्थापना हुई जिसमे आज शिक्षण संसथान, अस्पताल और इंडस्ट्रीज सब शामिल है।

 राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के "सेल्फ रेलिएन्ट" भारत के स्वप्न को जिस संस्था ने अपने बल पर बिना किसी बाहरी वित्त सहायता से साकार किया।

 इस पवित्र भूमि पर इंडिया के तत्कालीन वाइसराय, सरोजिनी नायडू, पूर्व भारतीय राष्ट्रपति श्री वी वी गिरी जी व राकेट मैन ऑफ़ इंडिया श्री डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी ने यहाँ आकर इस पवित्र भूमि व दयालबाग़ के सामजिक, वैज्ञानिक व आर्थिक अवधारणा को वंदन कर देश के लिए मिसाल बताया। यहाँ खेतों की हरियाली ने दयालबाग़ छेत्र को "ग्रीन बेल्ट ऑफ़ आगरा" की संज्ञा दिलाई जिसके चलते यहाँ का तापमान आगरा के मुक़ाबले तीन से चार डिग्री काम रहता है।

 श्री सैम पित्रोदा जी, जो वर्तमान समय में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, उनका यह रिकार्डेड कथन है- "भारत में हर जगह हों दयालबाग़ जैसी यूनिवर्सिटीज", उन्होंने यहाँ की संपूर्ण  मानव विकास की शिक्षा नीति को सराहा और विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है इस बात की अपने भाषण में पुष्टि की।

आज समाज में कहीं कहीं भेद भाव और जाति प्रथा के चलते समाज में विघटन देखने को मिलता है, किन्तु दयालबाग़ में खेतों और अन्य सेवाओं में निस्वार्थ भाव से सेवा होती है जहाँ मेहनती मज़दूर और एक काबिल अफसर साथ साथ हाथ बटाते हुए सेवा करते है। 

यहाँ 2 रुपए में अस्पताल में इलाज, 18000 में विवाह जो कि जाति मुक्त है, छह रूपए में भण्डार घर का भोजन उपलब्ध है। उन सभी गुणीजनों से यह प्रश्न है की जो संस्था सादा जीवन शैली, कम लागत में उच्च कोटि के कार्य करने में दिन रात अपनी लगन लगाती है , आज अचानक उसे ज़मीन हथियाने की क्या आवश्यकता आ पड़ी?

 जो उन्ही ग्रामीण वासियों को मुफ्त मेडिकल कैंप की सुविधा, ग्रामीण बच्चों को कंप्यूटर व जनरल शिक्षा और डी इ आई द्वारा सोलर एनर्जी की बिजली उन तक मुफ्त पहुँचता है।  क्या यह नीयत "भू माफियों" की होती होगी? जैसा कि दयालबाग़ को कहकर  समाचार पत्र, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व विद्यार्थी प्रचार कर रहे है।

जिस तरह प्रशासन ने २३ व २४ को अपनी ज़मीन पर सेवा कर रहे बच्चों, महिलाओं और वृद्धों पर लाठी चार्ज और पथराव किया, बार बार सत्संग समुदाय के वाईस प्रेजिडेंट जो की स्वयं एक रिटायर्ड रेलवे पुलिस आई जी हैं, की मिन्नतों के बावजूद , प्रशासन लगातार न्याय जो शर्मसार करता रहा।

 अंत में संपूर्ण सत्संग सभा व सत्संग जगत को माननीय न्यायालय पे भरोसा है, सम्मान है की वह उचित समाधान के साथ अपना निर्णय देंगे। राधास्वामी सत्संग किसी विशेष  धर्म का नहीं अपितु "मानव धर्म" है। Please share the true information 🙏

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