Wednesday, September 27, 2023

लगे रहो और हिम्मत ना हार

 *घास और बाँस*


प्रस्तुति - उषा रानी / राजेंद्र प्रसाद सिन्हा 


ये कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो एक व्यापारी था लेकिन उसका व्यापार डूब गया और वो पूरी तरह निराश हो गया। अपनी जिंदगी से बुरी तरह थक चुका था। अपनी जिंदगी से तंग आ चुका था।


एक दिन परेशान होकर वो जंगल में गया और जंगल में काफी देर अकेले बैठा रहा। कुछ सोचकर भगवान से बोला – *मैं हार चुका हूँ, मुझे कोई एक वजह बताइये कि मैं क्यों ना हताश होऊं, मेरा सब कुछ खत्म हो चुका है।*


*मैं क्यों ना व्यथित होऊं?"*


*भगवान मेरी सहायता किजिए"*


भगवान का जवाब


*तुम जंगल में इस घास और बांस के पेड़ को देखो- जब मैंने घास और इस बांस के बीज को लगाया। मैंने इन दोनों की ही बहुत अच्छे से देखभाल की। इनको बराबर पानी दिया, बराबर रोशनी दी।*


*घास बहुत जल्दी बड़ी होने लगी और इसने धरती को हरा भरा कर दिया लेकिन बांस का बीज बड़ा नहीं हुआ। लेकिन मैंने बांस के लिए अपनी हिम्मत नहीं हारी।*


*दूसरी साल, घास और घनी हो गयी उसपर झाड़ियाँ भी आने लगी लेकिन बांस के बीज में कोई वृद्धि नहीं हुई। लेकिन मैंने फिर भी बांस के बीज के लिए हिम्मत नहीं हारी।*


*तीसरी साल भी बांस के बीज में कोई वृद्धि नहीं हुई, लेकिन मित्र मैंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी।*


*चौथे साल भी बांस के बीज में कोई वृद्धि नहीं हुई लेकिन मैं फिर भी लगा रहा।*


*पांच साल बाद, उस बांस के बीज से एक छोटा सा पौधा अंकुरित हुआ……….. घास की तुलना में ये बहुत छोटा था और कमजोर था लेकिन केवल 6 महीने बाद ये छोटा सा पौधा 100 फ़ीट लम्बा हो गया। मैंने इस बांस की जड़ को वृद्धि करने के लिए पांच साल का समय लगाया। इन पांच सालों में इसकी जड़ इतनी मजबूत हो गयी कि 100 फिट से ऊँचे बांस को संभाल सके।*


*जब भी तुम्हें जिंदगी में संघर्ष करना पड़े तो समझिए कि आपकी जड़ मजबूत हो रही है। आपका संघर्ष आपको मजबूत बना रहा है जिससे कि आप आने वाले  कल को सबसे बेहतरीन बना सको।*


*मैंने बांस पर हार नहीं मानी, मैं तुम पर भी हार नहीं मानूंगा, किसी दूसरे से अपनी तुलना(comparison) मत करो घास और बांस दोनों के बड़े होने का time अलग अलग है दोनों का उद्देश्य अलग अलग है।*


*तुम्हारा भी समय आएगा। तुम भी एक दिन बांस के पेड़ की तरह आसमान छुओगे। मैंने हिम्मत नहीं हारी, तुम भी मत हारो !अपनी जिंदगी में संघर्ष से मत घबराओ, यही संघर्ष हमारी सफलता की जड़ों को मजबूत करेगा।*


*लगे रहिये, आज नहीं तो कल आपका भी दिन आएगा।*


*शुभ प्रभात। आज का दिन आपके लिए शुभ एवं मंगलकारी हो।*



No comments:

Post a Comment

पूज्य हुज़ूर का निर्देश

  कल 8-1-22 की शाम को खेतों के बाद जब Gracious Huzur, गाड़ी में बैठ कर performance statistics देख रहे थे, तो फरमाया कि maximum attendance सा...