Thursday, April 27, 2023

नृत्य नाटिकाएं और कार्यक्रम*




पवित्र यमुना नदी के पोहिया घाट स्थित बैकुंठधाम पर देररात सत्संगियों ने किए हर राज्य की संस्कृति पर आधारित नृत्य नाटिकाएं और कार्यक्रम*

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*प्रस्तुति सुरेखा  यादव 


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*आगरा,26 अप्रैल 2023। प्रकृति ने हमको जीवन यापन करने और अपने रहन सहन के साथ-साथ आध्यात्मिक स्तर पर अपने अगले जन्मो  को सुधारने के लिए भारी तादाद में प्राकृतिक संपदाए दी है। इनमे  पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि के साथ फल फूल और अन्न के भंडार भी सोपे हैं, लेकिन कुछ लोग समझते हैं की इन पर उन्हीं का अधिकार है बाकी इसमें से कुछ भी नहीं ले सकते, यह उनकी गलत सोच है।*

 *आज स्थानीय प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट, भारत सरकार और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल जैसी अदालतों के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए राधास्वामी सत्संग सभा द्वारा यमुना नदी के पोहया घाट स्थित सफाई अभियान में पलीता लगाने की पूरी कोशिश की। प्रशासन के कुछ लोग आए और* *धींगामुस्ती करते हुए उन्होंने वहां पर बैकुंठधाम के नाम पर लगे बोर्ड उखाड़ कर फेंक दिए। कुछ कनातो से बनी हुई एक झोपड़ी को हटाकर नेस्तनाबूद कर दिया।* *यह उनकी अपनी सोच और बहादुरी हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं कि वे हमेशा ऐसा ही करते रहेंगे। क्योंकि उनसे ऊपर भी कोई है और वह है देश की अदालतें।*

*हम आपको यहां बताना चाहते हैं कि अदालत खुद कहती हैं कि सफाई रखो।* *सफाई आसपास की नहीं, नदियों के लिए भी आदेश निर्गत हुए हैं। इसके तमाम उदाहरण हमारे पास है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तो यमुना नदी के संरक्षण के लिए बाकायदा आदेश जारी किया है कि सरकारें जहां घाटों पर भारी मात्रा में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं उन्हें साफ कराए और वह खुद साफ नहीं कर सकती तो किसी को दायित्व सौंपा जाए और घाटों को बनाकर ऐसे लोगों और सस्थाओं को सौंप दें जो घाटों का रखरखाव कर सके। जिससे आम जनमानस इन घाटों का सही से उपयोग अपने जीवन के लिए कर सके लेकिन स्थानीय प्रशासन कुछ लोगों की शिकायत पर ऐसा नहीं कर सका और उसने यमुना नदी के पोहिया घाट स्थित बैकुंठधाम पर हुई सफाई को अवैध कब्जा बताते हुए वहां लगे बोर्ड को उखाड़ कर फेंक दिया।* 

*इस बात से क्या फर्क पड़ता है कि बोर्ड उखाड़ फेंक दिए गए।  राधास्वामी सत्संग सभा इस तरह की घुड़कियों से डरने वाली नही है उसने अपना कार्यक्रम जारी रखा और रात को 8:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक वहां पर सत्संग सभा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम जो बच्चों के द्वारा किए जाते हैं उनका आयोजन किया। परम पूज्य रानी साहिबा के साथ पी एस सत्संगी साहब की देखरेख में वहां पर आज फिर भारत के हर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर माने जाने वाले लोकगीत, नृत्य नाटिकाएं प्रस्तुत की गई। सभी बच्चों ने इन कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और वे बच्चे  कार्यक्रम को करते हुए फूले नहीं समा रहे थे। क्या प्रशासन किसी को अपनी जिंदगी में ऐसे कार्यक्रम करने से रोक सकता है ? क्या धरती मां केवल प्रशासन की है ? सत्संगीयों की नहीं है या सफाई अभियान केवल प्रशासन ही चला सकता है क्या राधास्वामी सत्संग सभा सफाई नहीं करा सकती। इसलिए यहां पर प्रशासन को यह बताने में हमें बड़ी भारी प्रसन्नता हो रही है कि उनके अधिकारियों के द्वारा दिन में किए गए अभद्रता पूर्ण व्यवहार के बाद भी यहां पर बच्चों ने अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सभा ने कानून और लोक मर्यादा के साथ सभी कार्यक्रम पूरे किए।*

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