Tuesday, June 21, 2011

दिल्ली: भड़काऊ कपड़े पहन रेप का विरोध

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दिल्ली: भड़काऊ कपड़े पहन रेप का विरोध

Source: Agencies   |   Last Updated 15:04(19/06/11)
नई दिल्‍ली. भारत में पहली बार स्‍लट वॉक (कम कपड़ों में प्रदर्शन) आयोजित कर विरोध जताने की योजना पर हंगामा मच गया है। आयोजकों को भी लग रहा है कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन में ज्‍यादा से ज्‍यादा महिलाओं को शामिल करना मुश्किल होगा। शायद इसीलिए आयोजन का नाम 'स्लट वॉक' से बदलकर बेशर्मी मोर्चा कर दिया गया है।
अपनी तरह के इस अनूठे विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने वाले लोगों को मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सभी लोग स्लट (वेश्या के लिए अंग्रेजी शब्द) का मतलब नहीं समझ पाएंगे और ऐसा भी हो सकता है कि वो इस शब्द के इस्तेमाल का मतलब ही गलत समझ लें। इसलिए अब इस प्रदर्शन का नाम बेशर्मी मोर्चा कर दिया गया है।
इस प्रदर्शन के आयोजन की तैयारी कर रही मिशिका सिंह का कहना है कि आयोजन का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके साथ जोड़ना हैं। लोग हिंदी ज्यादा समझते हैं इसलिए स्लटवॉक का आयोजन अब बेशर्मी मोर्चा के नाम से होगा। आयोजन की तारीख्‍ा भी 25 जून से टाल कर जुलाई के आखिरी सप्‍ताह में कर दी गई है।
गौरतलब है कि दुनियाभर के शहरों में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का विरोध करने के लिए स्लटवॉक का आयोजन किया जाता रहा है। पहली बार इस तरह का आयोजन टोरंटो में हुआ। हाल ही में कनाडा में एक पुलिसकर्मी की इस टिप्पणी के बाद कि महिलाओं का पहनावा ही रेप के लिए जिम्मेदार होता है, दुनियाभर के महिला संगठन सामने आ गए हैं। टोरंटो से लेकर सिडनी तक महिलाएं बेहद भड़काऊ कपड़े पहन कर सड़कों पर उतर आईं।
यूं तो विदेशों में आयोजित किए गए स्लटवॉक्स में महिलाएं बेहद उत्तेजक कपड़े पहन कर सड़कों पर आईं लेकिन भारतीय समाज को देखते हुए बेशर्मी मोर्चा का कोई फिक्स ड्रेस कोड नहीं रखा गया है।
वहीं हमेशा चर्चा में रहने वाली आइटम गर्ल राखी सावंत ने भी बेशर्मी मोर्चा पर सवाल दाग दिया है। राखी का कहना है कि यह मोर्चा सिर्फ एक तमाशा बन कर रह जाएगा क्योंकि इससे पुरुषों की सोच नहीं बदलने वाली बल्कि इससे बलात्कार के मामले बढ़ेंगे ही।
राखी का यह भी कहना है कि इस तरह के मोर्चे लड़कियों को शार्ट कपड़े पहनने के लिए प्रेरित करेंगे। पुरुषों पर सवाल करते हुए राखी ने कहा कि चाहे सच जो भी हो लेकिन पुरुष महिलाओं का बलात्कार करते रहेंगे। जहां ७० साल की भिखारिन से भी रेप हो सकता हैं वहां पुरुषों से क्या उम्मीद की जा सकती है।
  बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के विरोध में दिल्ली में आयोजित होने वाला बेशर्मी मोर्चा एक बेहद संवेदनशील मुद्दे पर रोशनी डाल रहा है। राजधानी दिल्ली में हर दिन एक बलात्कार का मामला दर्ज होता है। भारत के तमाम शहरों में दर्ज होने वाले रेप के मामलों में से हर चौथा मामला दिल्ली में ही दर्ज होता है।

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