Sunday, August 28, 2022

राग से नहीं अनुराग से गायन


प्रस्तुति -  रेणु दत्ता / आशा सिन्हा


*मीराबाई कृष्णप्रेम में डूबी, पद गा रही थी , एक संगीतज्ञ को लगा कि वह सही राग में नहीं गा रही है!*


*वह टोकते हुये बोले: "मीरा, तुम राग में नहीं गा रही हो।*


*मीरा ने बहुत सुन्दर उत्तर दिया: "मैं राग में नहीं, अनुराग में गा रही हूँ।*

*राग में गाउंगी तो दुनियां मुझे सुनेगी*


*अनुराग में गाउंगी तो मेरा कान्हा मुझे सुनेगा।*

*मैं दुनियां को नही, अपने श्याम को रिझाने के लिये गाती हूँ।*

*रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,*

*रिश्ता निभाने से रिश्ता बनता है।*

*"दिमाग" से बनाये हुए "रिश्ते"*

*बाजार तक चलते है,,,!*

*"और "दिल" से बनाये "रिश्ते"*

*आखरी सांस तक चलते है,*.

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