Thursday, August 24, 2023
Wednesday, August 23, 2023
बैकुंठ धाम दे दयालबाग़
*वैकुंठ धाम*
********************************
*सुबह और शाम*
*चलो सबही बैकुंठ धाम*
*ना सर्दी,ना बरसात ना लगे तपता घाम*
*हर्षित, उमंगित बैकुंठ धाम*
*प्रातः सेवा सुफलम शीतलाम*
*भक्ति भाव भरी बिहंगम शाम*
*नौ द्वारे फिर दसवां धाम*
*मध्य राह में बैकुंठ धाम*
*पाटा,फड़वा,का अति उत्तम काम*
*बच्चे,भाई, बहन ना करें आराम*
*यमुना तीरे गूंजे निज नाम*
*संत बिराजें बैकुंठ धाम*
*नाव चले तोड़े सब झाम*
*दया मेहर से काज बने तमाम*
*मार्च पास्ट में दृष्टि थाम*
*लेकर रा धा/ध: स्वा आ मी नाम*
*****************************
*🌹रा धा/धा: स्व आमी🌹*
सबके सपने को साकार बनायें / अरविंद अकेला
सबके सपने को साकार बनायें
मेरे प्यारे औरंगाबाद वासियों
देव को नया जिला बनायें
औरंगाबाद के मानचित्र को
विश्व पटल पर आगे लायें।
मेरे प्यारे औरंगाबाद...I
त्रेतायुगीन है यह देव नगरी
इसकी कीर्ति चहुँओर है पसरी
आओ कभी हमारे देव में
सूर्य नगरी के दर्शन कर जायें
मेरे प्यारे औरंगाबाद...।
महाकवि मयूरभटट की तपोभूमि यह
एकबार सभी अवश्य यहाँ आयें
करें सूर्य कुंड में स्नान दान कभी
अपने शरीर का चर्म रोग मिटायें ।
मेरे प्यारे औरंगाबाद...l
देवों की प्यारे देवभूमि को
विश्व में इसका नाम बढ़ायें
महिमा इसकी बड़ी निराली
संपूर्ण विश्व को यह बतलायें।
मेरे प्यारे औरंगाबाद...I
यहीं है प्राचीन सूर्य नगरी
इसकी महिमा सभीजन गायें
देव को अब जिला बनाकर
इसकी कीर्ति पताका लहरायें।
मेरे प्यारे औरंगाबाद...I
यही है प्राचीन सूर्य मंदिर
विश्व को यह आभास करायें
जन-जन की आस्था है इसपर
अपने बच्चों को भी यह समझायें।
मेरे प्यारे औरंगाबाद...I
जब-जब छठ पर्व है आता
यहाँ जन सैलाब उमड़ जाता
आओ कभी छठ पर्व में यहाँ पर
छठी मैया का आशीर्वाद सभी पायें।
मेरे प्यारे औरंगाबाद...I
शुभफल दायिनी है यह नगरी
आकर यहाँ अपनी शीश नवायें
शुभ दर्शन कर इस नगर को
मनोवांछित फल पायें।
मेरे प्यारे औरंगाबाद...l
सभी जन का सपना है यारों
सोचो,समझो और विचारों
करो संघर्ष औरंगाबाद वासियों
सबके सपने को साकार बनायें।
मेरे प्यारे औरंगाबाद...I
-------0-----
अरविन्द अकेला,पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना-27
Friday, August 18, 2023
*💊सत्संगी के लिए औषधि💊*
💊सत्संगी के लिए औषधि💊
*Rx..*
*हक हलाल की कमाई=* _ये टॉनिक आपको अभी से लेना होगा चाहे आप नौकरी करते हों या व्यवसाय हर जगह इसका उपयोग करें।आप खुद ही खुश दिखने लगेंगे।_
*दयाभाव =* _ये टेबलेट आपको तब तब लेनी है जब किसी दुखी व्यक्ति को आपकी जरूरत हो_
*मेहनत=* _ये पाउडर आपको अपने शरीर पर हमेशा लगा कर रखना चाहिए। खुशी इसकी महक से ही आपके पास खींची चली आएगी।_
*सतगुरु पर भरोसा=* _सभी रोगों का रामबाण उपचार है,यकीन मानिये , सतगुरु सबको खुश ही देखना चाहते हैं।_
*धैर्य=* _ये इंजेक्शन तो आपको लेना ही पड़ेगा , थोड़ा दर्द तो होगा लेकिन असर जादुई होगा।_
*भजन सुमिरन=* _ये वो अमृत रूपी सीरप है जिसको जितना पिओगे उतने ही सुखी होते जाओगे और एक दिन मुक्त हो कर प्रभु में समा जाओगे।_
*ये दवाएं किसी मेडिकल स्टोर पर नहीं बल्के आपके अपने पास ही मिल जाएंगी और इनके सकारात्मक असर की गारंटी है। आप लगातार इन का सेवन करते रहें। फीस की आप चिंता न करें वो परमपिता परमात्मा आपको खुश देखकर स्वत वसूल कर लेंगे।।*
*🧘♀️राधा स्वामी जी🧘♀️*
Tuesday, August 15, 2023
रोजाना वाकिआत
*रा-धा-स्व-आ-मी*
* रोजाना वाकिआत -परम गुरु हुज़ूर साहबजी महाराज!*
*15-08-23- आज शाम सतसंग में पढ़ा गया बचन-कल से आगे:-*
*(21-9-31-सोम का शेष भाग)*
*एक मद्रासी भाई ने ख़त लिखा है कि उसकी स्त्री गर्भवती है उसे दूसरा उपदेश बतला दिया जावे। अभ्यास वह बच्चा पैदा होने के बाद करेगी। नीज (और भी) बच्चे का अभी से नाम रख दिया जावे और बतला दिया जावे कि अगर लड़का हो तो क्या नाम रखा जावे और लड़की हो तो किस नाम से पुकारा जाये। बहुत खूब ! लगे हाथ बच्चे की शादी के लिये भी लिख दिया होता तो ज़्यादा अच्छा होता। मद्रास में तो यह आम रवाज है कि गर्भ के बच्चों ही का रिश्ता मंजूर कर लिया जाता है। जवाब भेजा गया है कि उपदेश व नाम के लिये जल्दबाजी न करें। दुनिया के सब काम क़ायदे ही से करने में सुख होता है।*
*🙏🏻 रा-धा-स्व-आ-मी🙏🏻*
Friday, August 11, 2023
दयाल बाग़, आगरा -282005
दयाल बाग़ (अंग्रेज़ी: Dayal Bagh) उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक स्थानों के लिए प्रसिद्ध आगरा में स्थित है। इसकी स्थापना राधास्वामी सत्संग के पांचवें संत गुरु हुजूर साहब जी महाराज (आनन्द स्वरूप साहब) ने की थी। दयाल बाग़ की स्थापना बसन्त पंचमी के दिन 20 जनवरी, सन 1915 को शहतूत का पौधा लगा कर की गई थी।
- दयाल बाग़ राधास्वामी सत्संग का मुख्यालय है और राधास्वामी सत्संग के आठवें संत परम गुरु हुजूर साहब (डॉ. प्रेम सरन सतसंगी साहब) का निवास भी है।
- स्वामी बाग़ समाधि हुजूर स्वामी जी महाराज (शिव दयाल सिंह सेठ) का स्मारक है। यह आगरा के बाहरी क्षेत्र में है, जिसे स्वामी बाग़ कहते हैं।
- शिव दयाल सिंह राधा स्वामी मत के संस्थापक थे। उनकी समाधि उनके अनुयाइयों के लिये पवित्र है। सन 1908 में इसका निर्माण आरम्भ हुआ था और कहते हैं कि यह कभी समाप्त नहीं होगा। इसमें भी श्वेत संगमरमर का प्रयोग हुआ है। साथ ही नक्काशी व बेलबूटों के लिये रंगीन संगमरमर व कुछ अन्य रंगीन पत्थरों का प्रयोग किया गया है। यह नक्काशी व बेलबूटे एकदम जीवंत लगते हैं। यह भारत भर में कहीं नहीं दिखते हैं। पूर्ण होने पर इस समाधि पर एक नक्काशीकृत गुम्बद शिखर के साथ एक महाद्वार होगा। इसे कभी-कभार दूसरा ताज भी कहा जाता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
पूज्य हुज़ूर का निर्देश
कल 8-1-22 की शाम को खेतों के बाद जब Gracious Huzur, गाड़ी में बैठ कर performance statistics देख रहे थे, तो फरमाया कि maximum attendance सा...
-
संत काव्य : परंपरा एवं प्रवृत्तियां / विशेषताएं ( Sant Kavya : Parampara Evam Pravrittiyan / Visheshtayen ) हिंदी साहित्य का इतिहास मुख्...
-
प्रस्तुति- अमरीश सिंह, रजनीश कुमार वर्धा आम हो रहा है चुनाव में कानून तोड़ना भारतीय चुनाव पूरे विश्व में होने वाला सबसे बड़ा चुनाव ह...
-
दुनिया भर में महिलाएं इस वक्त खुद को बेहद तनाव और दबाव में महसूस करती हैं. यह समस्या आर्थिक तौर पर उभरते हुए देशों में ज्यादा दिख र...