Wednesday, August 23, 2023

बैकुंठ धाम दे दयालबाग़

 *वैकुंठ धाम*

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*सुबह और शाम*

*चलो सबही बैकुंठ धाम*

*ना सर्दी,ना बरसात ना लगे तपता घाम*

*हर्षित, उमंगित बैकुंठ धाम*

*प्रातः सेवा सुफलम शीतलाम*

*भक्ति भाव भरी बिहंगम शाम*

*नौ द्वारे फिर दसवां धाम*

*मध्य राह में बैकुंठ धाम*

*पाटा,फड़वा,का अति उत्तम काम*

*बच्चे,भाई, बहन ना करें आराम*

*यमुना तीरे गूंजे निज नाम*

*संत बिराजें बैकुंठ धाम*

*नाव चले तोड़े सब झाम*

*दया मेहर से काज बने तमाम*

*मार्च पास्ट में दृष्टि थाम*

*लेकर रा धा/ध: स्वा आ मी नाम*

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*🌹रा धा/धा: स्व आमी🌹*


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